अंतरराष्ट्रीय
भारत बनाम दक्षिण अफ्रीका : दिनेश कार्तिक, पांड्या पर टिकेंगी सबकी नजरें

2022 एक ऐसा साल रहा है जब भारत में गर्मी का सीजन चरम पर है, जहां तापमान ने अपने पिछले कई सालों का रिकॉर्ड तोड़ा है। कुछ दिनों में तापमान 45 डिग्री के पार जाने के साथ दिल्ली में लोग पसीने से लथपथ हो रहे हैं। इस बीच दिल्ली वासियों की निगाहें भारत-दक्षिण अफ्रीका मैच पर टिकी हैं, जो 9 जून को यहां के अरुण जेटली स्टेडियम पर खेला जाएगा। वहीं, दूसरी ओर टीम प्रबंधक और भारतीय टीम प्रशंसकों की निगाहें बल्लेबाज दिनेश कार्तिक और हार्दिक पांड्या पर टिकी हुई हैं।
हीटवेव के बीच, भारत ने आईपीएल 2022 की समाप्ति के बाद अपने अंतरराष्ट्रीय मैचों में वापसी की है। पांच मैचों की सीरीज का पहला मैच दिल्ली में खेला जाएगा।
सीरीज के पहले मैच में भारतीय बल्लेबाज विराट कोहली और रोहित शर्मा नजर नहीं आएंगे। हालांकि, दिनेश कार्तिक को टीम में जगह दी गई है और साथ ही आईपीएल विजेता गुजरात टाइटंस की टीम का नेतृत्व करने वाले हार्दिक पांड्या भी सीरीज में नजर आएंगे और अपने कौशल का दमखम दिखाएंगे।
कार्तिक फरवरी 2019 से टी20 लीग में नजर नहीं आए थे। लेकिन आईपीएल 2022 में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर (आरसीबी) के लिए उन्होंने एक शानदार फिनिशर की भूमिका निभाई। उन्होंने डेथ ओवरों में 220 के स्ट्राइक रेट से 242 रन बनाए और मजबूती के साथ टीम में वापसी की।
मुख्य कोच राहुल द्रविड़ ने संकेत दिया था कि कार्तिक भारतीय टीम के लिए फिनिशर की भूमिका निभाते रहेंगे। उन्होंने क्रिकेट में अहम भूमिका निभाते हुए अपने प्रदर्शन के तौर पर भारतीय टीम में वापसी की है।
दूसरी ओर, पांड्या को 2021 पुरुष टी20 विश्व कप में आखिरी बार देखे जाने के बाद भारतीय जर्सी में देखा जा सकता है। उस समय, पांड्या सुपर 10 के चरण में कुछ ओवर गेंदबाजी भी की और मुख्य रूप से बल्लेबाज के रूप में अपनी भूमिका निभाई।
लेकिन, आईपीएल 2022 में पांड्या ने 15 मैचों में 44.27 की औसत से 487 रन बनाए, जिसमें आठ विकेट लेने के अलावा चार अर्धशतक शामिल थे और गुजरात टाइटंस को आईपीएल 2022 ट्रॉफी तक पहुंचाया। अब, ऑलराउंडर दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टी20 सीरीज में अपना दमखम दिखाएंगे।
लेकिन द्रविड़ ने संकेत दिए कि पांड्या आईपीएल 2022 में टाइटंस के लिए नंबर चार पर बल्लेबाज के रूप में सफलता हासिल करने के बाद भारत के लिए एक अलग भूमिका निभा सकते हैं। बल्ले और गेंद के साथ वे एक शानदार क्रिकेटर हैं।
हालांकि द्रविड़ ने उमरान मलिक और अर्शदीप सिंह द्वारा टीम में लाए गए उत्साह की सराहना की, लेकिन ऐसा लगता है कि भारत शुरूआती मैच के लिए भुवनेश्वर कुमार, हर्षल पटेल और अवेश खान के साथ आगे बढ़ेगा। कप्तान केएल राहुल के साथ ओपनिंग करने वाले गायकवाड़ और ईशान किशन के बीच चुनाव हो सकता है कि कौन केएल राहुल के साथ ओपनिंग के लिए जाएगा। वहीं, स्पिनर युजवेंद्र चहल के साथ अक्षर पटेल और कुलदीप यादव के बीच टॉस किया जा सकता है।
इस बीच, दक्षिण अफ्रीका पहली बार एक इकाई के रूप में एक साथ खेल रहा है क्योंकि वे सुपर 10 चरण में चार मैच जीतने के बावजूद पिछले साल संयुक्त अरब अमीरात में टी20 विश्व कप में सेमीफाइनल में जगह बनाने से चूक गए थे। टीम के 10 खिलाड़ी आईपीएल 2022 में विभिन्न फ्रेंचाइजी के सदस्य हैं और भारत में द्विपक्षीय टी20 सीरीज नहीं हारे हैं।
डेविड मिलर ने गुजरात के लिए 68.71 की औसत और 142.72 के स्ट्राइक रेट से 481 रन बनाकर अपना सर्वश्रेष्ठ आईपीएल सीजन बिताया।
कप्तान टेम्बा बावुमा मिलर के लिए समान भूमिका निभाने की उम्मीद कर रहे होंगे, जबकि एडेन मार्करम और रस्सी वैन डेर डूसन मध्य क्रम को में खेलते हुए नजर आ सकते हैं।
दक्षिण अफ्रीका के लिए यह देखना दिलचस्प होगा कि शीर्ष पर क्विंटन डी कॉक के साथ कौन जोड़ी बनाता है। आईपीएल 2022 में पंजाब किंग्स के लिए 23 विकेट लेने के बाद कगिसो रबाडा के साथ गेंदबाजी की शुरुआत करते हुए नजर आएंगे, जबकि एनरिक नॉर्टजे, लुंगी एनगिडी और ड्वाइन प्रिटोरियस भी विकल्प हो सकते हैं। वहीं टीम में तबरेज शम्सी और केशव महाराज स्पिन की भूमिका निभाएंगे।
दोनों टीमें इस प्रकार हैं :
भारत : केएल राहुल (कप्तान), रुतुराज गायकवाड़, ईशान किशन, दीपक हुड्डा, श्रेयस अय्यर, ऋषभ पंत (उपकप्तान और विकेटकीपर), दिनेश कार्तिक (विकेटकीपर), हार्दिक पांड्या, वेंकटेश अय्यर, युजवेंद्र चहल, कुलदीप यादव, अक्षर पटेल , रवि बिश्नोई, भुवनेश्वर कुमार, हर्षल पटेल, अवेश खान, अर्शदीप सिंह और उमरान मलिक।
दक्षिण अफ्रीका : टेम्बा बावुमा (कप्तान), क्विंटन डी कॉक (विकेटकीपर), रीजा हेंड्रिक्स, हेनरिक क्लासेन, केशव महाराज, एडेन मार्करम, डेविड मिलर, लुंगी एनगिडी, एनरिक नॉर्टजे, वेन पार्नेल, ड्वेन प्रिटोरियस, कैगिसो रबाडा, तबरेज शम्सी, रस्सी वैन डेर डूसन, मार्को जेन्सन और ट्रिस्टन स्टब्स।
अंतरराष्ट्रीय
दक्षिण कोरिया के पूर्व राष्ट्रपति यून मुकदमे की छठी सुनवाई में रहे मौजूद

सोल, 9 जून। दक्षिण कोरिया के पूर्व राष्ट्रपति यून सूक येओल सोमवार को अपने खिलाफ चल रहे विद्रोह के मुकदमे की छठी सुनवाई में शामिल हुए। 3 जून को राष्ट्रपति चुनाव के परिणाम के बाद यून पहली बार सार्वजनिक रूप से नजर आए।
समाचार एजेंसी योनहाप के मुताबिक, दक्षिण कोरिया के पूर्व राष्ट्रपति यून सूक येओल सोल सेंट्रल डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में प्रवेश करते समय पत्रकारों के बीच से होकर गुजरे। इस दौरान उनसे चुनाव या नेशनल असेंबली के उन्हें और उनकी पत्नी किम किऑन ही को निशाना बनाकर विशेष वकील विधेयक पारित करने के बारे में सवाल पूछे गए। लेकिन, बिना किसी सवाल का जवाब दिए वे आगे बढ़ गए।
पूर्व राष्ट्रपति यून पर उनके शासनकाल के दौरान विद्रोह का नेतृत्व करने और दिसंबर में मार्शल लॉ लगाकर अपनी शक्तियों का दुरुपयोग करने का आरोप है। इसके बाद महाभियोग चलाकर उन्हें पद से हटा दिया गया था।
6 महीने पहले यानी 3 दिसंबर 2024 को जब दक्षिण कोरिया में छह घंटे के लिए मार्शल लॉ लगाया गया था।
यून को हटाए जाने के बाद दक्षिण कोरिया में राष्ट्रपति चुनाव हुए। इसमें ली जे-म्यांग ने जीत हासिल की और पद की शपथ ली।
प्रथम एयरबोर्न स्पेशल फोर्स ब्रिगेड के पूर्व प्रमुख ली सांग-ह्यून को लगातार दूसरी सुनवाई के लिए गवाह के रूप में बुलाया गया है।
पिछले सत्र के दौरान ली सांग-ह्यून ने मार्शल लॉ लागू होने के दिन हुई सुनवाई के दौरान गवाही दी थी।
उन्होंने कहा कि यून ने सेना के विशेष युद्ध कमान के प्रमुख को सांसदों को नेशनल असेंबली भवन से बाहर निकाल देने का आदेश दिया था।
ह्यून ने कहा था कि यून ने अपने आदेश का पालन कराने के लिए असेंबली का दरवाजा तोड़ने तक का आदेश दिया था।
अगर यून सूक येओल को विद्रोह भड़काने का दोषी पाया जाता है तो उन्हें अधिकतम आजीवन कारावास या मृत्युदंड की सजा दी जा सकती है।
अंतरराष्ट्रीय
भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने मलेशियाई नेताओं से आतंकवाद पर भारत का रुख स्पष्ट किया

कुआलालंपुर, 3 जून। जनता दल यूनाइटेड के सांसद संजय कुमार झा के नेतृत्व में एक सर्वदलीय भारतीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल ने आतंकवाद के खिलाफ भारत के रुख को पेश करते हुए कुआलालंपुर में प्रमुख मलेशियाई राजनीतिक नेताओं से बातचीत की।
मलेशिया में भारतीय दूतावास ने सोमवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर एक प्रेस बयान में कहा कि भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने मलेशिया के प्रमुख राजनीतिक दलों और थिंक टैंक के प्रतिनिधियों से उच्च स्तरीय बातचीत की। इस दौरान उन्होंने आतंकवाद के हर रूप और उसके किसी भी तरीके के खिलाफ भारत की ज़ीरो टॉलरेंस की नीति को स्पष्ट रूप से सामने रखा।
प्रेस बयान में कहा गया कि इस यात्रा से यह स्पष्ट हुआ कि आतंकवाद और उसे समर्थन देने वालों के खिलाफ सख्त और उचित कदम उठाने को लेकर भारत में एक मजबूत राष्ट्रीय सहमति है।
मलेशिया में भारतीय दूतावास ने अपने प्रेस बयान में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत सीमा पार आतंकवाद से निपटने के लिए मलेशिया जैसे रणनीतिक साझेदारों के साथ मिलकर काम करने और देश की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है।
संजय कुमार झा के नेतृत्व वाले प्रतिनिधिमंडल में भाजपा सांसद अपराजिता सारंगी, बृज लाल, हेमांग जोशी और प्रदान बरुआ, तृणमूल कांग्रेस के सांसद अभिषेक बनर्जी, सीपीआई (एम) के राज्यसभा सदस्य जॉन बरिटास, वरिष्ठ कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद और फ्रांस में भारत के पूर्व राजदूत मोहन कुमार शामिल हैं।
जापान, दक्षिण कोरिया, सिंगापुर और इंडोनेशिया की यात्रा पूरी करने के बाद प्रतिनिधिमंडल अपने दौरे के अंतिम चरण में मलेशिया पहुंचा है। वहां वह ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के महत्व और पाकिस्तान समर्थित सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ भारत की लगातार चल रही लड़ाई पर प्रकाश डालेगा।
मलेशिया में भारतीय दूतावास ने अपने बयान में कहा कि पीपुल्स जस्टिस पार्टी (केदिलन राक्यत) के नेता सिम त्से त्सिन के साथ हुई बैठक में भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारत के मजबूत रुख को उजागर किया और सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ देश की एकजुटता को दोहराया।
पीकेआर प्रतिनिधिमंडल ने भारतीय प्रतिनिधिमंडल द्वारा साझा की गई विस्तृत जानकारी की सराहना की।
प्रतिनिधिमंडल के नेता संजय कुमार झा ने इस दौरान मलेशिया की राष्ट्रीय एकता मामलों की उप मंत्री सरस्वती कंडासामी से भी मुलाकात की।
प्रतिनिधिमंडल ने प्रधानमंत्री कार्यालय (कानून और संस्थागत सुधार) में उप मंत्री एम. कुला सेगरन के नेतृत्व वाली डेमोक्रेटिक एक्शन पार्टी (डीएपी) के साथ सकारात्मक और रचनात्मक बातचीत की।
अंतरराष्ट्रीय
अमेरिका का दावा, इजरायल ने गाजा में अस्थायी युद्धविराम प्रस्ताव स्वीकार किया

वाशिंगटन, 30 मई। व्हाइट हाउस ने कहा कि इजरायल ने 60 दिन के गाजा युद्धविराम प्रस्ताव पर हस्ताक्षर कर दिया है। इस बीच, इजरायली सेना की ओर से युद्ध ग्रस्त क्षेत्र में सैन्य कार्रवाई जारी है।
व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने एक प्रेस ब्रीफिंग में पुष्टि की कि मध्य पूर्व के लिए अमेरिका के विशेष दूत स्टीव विटकॉफ और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने “हमास को युद्ध विराम का प्रस्ताव सौंपा, जिसका इजरायल ने समर्थन किया।”
लेविट ने कहा, “इजरायल ने हमास को भेजे जाने से पहले ही इस प्रस्ताव पर हस्ताक्षर कर दिए थे। मैं यह भी पुष्टि कर सकता हूं कि ये चर्चाएं जारी हैं, और हमें उम्मीद है कि गाजा में युद्ध विराम हो जाएगा ताकि हम सभी बंधकों को वापस उनके घर भेज सकें।”
उन्होंने कहा, “मैं इस पर और कोई टिप्पणी नहीं करूंगी, क्योंकि हम अभी इसी दौर से गुजर रहे हैं।”
मिडिया ने न्यूज के हवाले से बताया कि एक इजरायली अधिकारी और मामले से परिचित एक अमेरिकी सूत्र ने पुष्टि की है कि प्रस्तावित समझौते में न केवल 60 दिन का युद्धविराम शामिल है, बल्कि 10 जीवित बंधकों और 18 मृत बंधकों के अवशेषों को सौंपने की योजना भी शामिल है।
हमास ने गुरुवार को कहा कि उसके नेतृत्व को मध्यस्थों के माध्यम से विटकॉफ से गाजा में नए युद्धविराम का प्रस्ताव प्राप्त हुआ है और वे उसका अध्ययन कर रहे हैं।
हमास ने एक संक्षिप्त बयान में कहा, “हमास नेतृत्व को मध्यस्थों से विटकॉफ का नया प्रस्ताव प्राप्त हुआ है और हम जिम्मेदारी से इसका अध्ययन कर रहे हैं, जिससे हमारे लोगों के हितों की पूर्ति हो, राहत मिले और गाजा पट्टी में स्थायी युद्ध विराम हो सके।”
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