राजनीति
स्कूलों की स्थति पर नोटिस का जवाब न मिलने पर दिल्ली महिला आयोग ने निगम आयुक्त को किया समन

दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष ने निगम आयुक्त को मामले में की गई कार्रवाई रिपोर्ट के साथ संबंधित फाइलों और दस्तावेजों के साथ 9 जून को आयोग के समक्ष उपस्थित होने के लिए समन किया है।
आयोग ने 23 मई को नगर निगम आयुक्त को नोटिस जारी कर मामले में की गई कार्रवाई की रिपोर्ट मांगी थी। हालांकि, इस गंभीर और संवेदनशील मुद्दे में नगर निगम द्वारा उठाए गए तत्काल कदमों की विस्तृत जानकारी देने के बजाय, निगम ने आयोग से अपना जवाब प्रस्तुत करने के लिए दो महीने का समय मांगा है और देरी के लिए हाल ही में हुए तीनों नगर निगमों के एकीकरण का हवाला दिया है।
दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने कहा, यह बहुत ही चकित करने वाला है कि हमारी रिपोर्ट पर त्वरित कार्रवाई के बजाय, दिल्ली नगर निगम ने प्राथमिक छात्रों की सुरक्षा की तरफ से आंखें मूंद ली हैं।
नगर निगम के अधिकारियों की उदासीनता ने लाखों बच्चों की जान दांव पर लगा दी है और अब आयोग को जवाब देने के लिए दो महीने का समय मांगा है।गलत प्रबंधन और लापरवाही के लिए कोई बहाना नहीं हो सकता है और हम नगर निगम को ऐसे नहीं जाने देंगे। मैंने नगर निगम आयुक्त को एक सप्ताह के भीतर आयोग के समक्ष पेश होने और की गई कार्रवाई की रिपोर्ट देने के लिए समन जारी किया है।
आयोग ने अब नगर निगम आयुक्त को समन जारी कर विस्तृत जवाब देने के साथ-साथ उस फाइल की कॉपी मांगी है जिस पर आयोग द्वारा उठाए गए मुद्दों पर कार्रवाई का निर्देश दिया गया था। आयोग ने अपने समन में कहा है कि, नगर निगम स्कूलों में खतरनाक परिस्थितियों में पढ़ने वाली छात्राओं सहित लाखों छात्रों को गंभीर खतरे का सामना करने के बावजूद नगर निगम इतनी महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करने में विफल रहा है।
आयोग ने इस बात पर नाराजगी व्यक्त की है कि, विभाग ने अभी तक आयोग द्वारा दौरा किए गए स्कूलों की दयनीय स्थिति में सुधार के लिए गंभीर कदम नहीं उठाए हैं। आयोग ने कहा है कि ऐसा प्रतीत होता है कि नगर निगम इन स्कूलों की निराशाजनक और असुरक्षित स्थितियों को सुधारने के लिए गंभीर नहीं है और मांगी गई जानकारी देने में नगर निगम की विफलता निगम में गंभीर प्रशासनिक कुप्रबंधन और दुखद स्थिति को दर्शाता है।
आयोग ने आगे कहा है कि नगर निगम से अपेक्षा की जाती है कि स्कूलों में बच्चों और शिक्षकों की सुरक्षा के मुद्दे पर तेजी से कार्रवाई करे और तुरंत सुधारात्मक उपाय करने किये जाएं। आयोग ने अपने समन में कहा है कि नगर निगम स्कूलों में व्याप्त कमियों को सुधारने में किसी भी तरह की देरी के लिए निगम आयुक्त का कार्यालय घोर आपराधिक लापरवाही के लिए जिम्मेदार होगा।
दरअसल आयोग की टीम ने स्कूल भवनों का निरीक्षण के दौरान छात्रों, शिक्षकों और स्कूल के अन्य कर्मचारियों के साथ बातचीत भी की। निरीक्षण के दौरान आयोग द्वारा कई स्पष्ट अनियमितताएं और महत्वपूर्ण कमियां देखी गईं। यह देखा गया कि स्कूल भवनों में से 800 बच्चों वाले एक स्कूल का छज्जा क्षतिग्रस्त होने के कारण स्कूल को नगर निगम द्वारा उपयोग के लिए अयोग्य घोषित कर दिया गया था।
एक स्कूल के मैदान से इस्तेमाल की गई नशीली दवाएं और शराब की बोतलें बरामद की गईं। एक स्कूल में शौचालय बंद पाए गए और लड़कियां खुले में शौच करने के लिए मजबूर थीं। स्कूलों में सीसीटीवी और सुरक्षा गार्ड नहीं थे।
महाराष्ट्र
पुणे नमाज विवाद: नितेश राणे की जहरीली टिप्पणी, क्या हाजी अली में हनुमान चालीसा पढ़ने पर आपत्ति नहीं होनी चाहिए?

मुंबई : महाराष्ट्र के मंत्री और भाजपा नेता नितेश राणे ने पुणे के प्राचीन किले शनिवारवाड़ा में मुस्लिम महिलाओं द्वारा नमाज अदा करने पर नाराजगी जताते हुए कहीं भी नमाज अदा करने पर आपत्ति दर्ज कराई है और कहा है कि ऐसी जिहादी मानसिकता वाले लोग ही माहौल खराब करते हैं। मुस्लिम महिलाओं के नमाज अदा करने के मुद्दे पर नितेश राणे ने कहा कि कानून सबके लिए बराबर है। अगर मुस्लिम महिलाएं यहां नमाज अदा करेंगी तो कल को कोई हिंदू कार्यकर्ता मुंबई के सूफी हाजी अली दरगाह में जाकर हनुमान चालीसा का पाठ करेगा या जय हनुमान का नारा लगाएगा। इस पर आपत्ति करने की कोई जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि शनिवारवाड़ा एक हिंदू सभ्यता और ऐतिहासिक धरोहर है, इसलिए यहां नमाज अदा करने से माहौल खराब हुआ है। उन्होंने कहा कि ऐसे में कोई भी किसी अन्य धार्मिक स्थल पर नमाज अदा कर सकता है। उन्होंने कहा कि नमाज के लिए जगह की क्या कमी है? हमें उस जगह और मस्जिद में इबादत करनी चाहिए जो निर्धारित की गई है।
वोट जिहाद के नाम पर, नितेश राणे ने उकसावे का परिचय देते हुए कहा, “लोकसभा चुनाव के बाद उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे ने मतदाता सूची पर आपत्ति क्यों नहीं जताई? लोकसभा में मालेगांव, भिवंडी, मुंबई पुलिस स्टेशन और अन्य जिलों में वोट जिहाद किया गया और इतना ही नहीं, बांग्लादेशियों, रोहिंग्याओं और विदेश से आए नागरिकों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। उन्होंने कहा कि अब देवेंद्र फडणवीस सरकार में इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, इसलिए कार्रवाई भी जारी है।” उन्होंने कहा कि हमने लोकसभा चुनाव के बाद चुनाव आयोग से शिकायत की थी। उन्होंने राज ठाकरे की आलोचना की और कहा कि चुनाव आयोग को धमकी देना और “चुनाव कराकर दिखावा करना” कहना शहरी नक्सलियों की भाषा है। उन्होंने कहा कि शिवसेना और राज ठाकरे के कार्यकर्ताओं को नल बाजार जाकर मतदाता सूची की जांच करनी चाहिए। यहां एक कमरे में चालीस बांग्लादेशी और रोहिंग्या रह रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि गोविंद शिवाजी नगर, मानखुर्द, मालोनी और मुंबई के साथ-साथ भिवंडी में भी वोट जिहाद हो रहा है।
अबू आसिम आज़मी की आलोचना करते हुए नितेश राणे ने उन्हें मराठी विरोधी बताया और कहा कि आज़मी भिवंडी में मराठी नहीं चाहते। राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे को उनसे सवाल करना चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्य में हिंदुत्व की सरकार है और अगर किसी हिंदू को निशाना बनाया गया तो इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
महाराष्ट्र
पुणे के शनिवार वाड़ा में हजरत ख्वाजा शाह दरगाह पर नमाज पढ़ने को लेकर विवाद… हिंदू संगठनों का विरोध, तनावपूर्ण स्थिति, शांति बनी रही, पुलिस व्यवस्था बढ़ाई गई

मुंबई: पुणे के प्राचीन ऐतिहासिक किले शनिवार वाड़ा इलाके में हजरत ख्वाजा सैयद शाह (रज़ियल्लाहु अन्हु) की दरगाह परिसर में मुस्लिम महिलाओं ने जुमे की नमाज अदा की, जिसके बाद पुलिस ने तीनों नमाजियों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। इस घटना को धार्मिक रंग देने की साजिश शुरू हो गई है। भाजपा सांसद मेधा कुलकर्णी ने मामले को रफा-दफा करने के लिए यहां मोर्चा निकाला और मामला दर्ज करने की मांग की। पुलिस ने हिंदू संगठनों के दबाव में तीनों अज्ञात महिलाओं के खिलाफ मामला दर्ज किया है, वहीं इस घटना के बाद पुणे में स्थिति बेहद तनावपूर्ण हो गई है। तीनों नमाजियों द्वारा नमाज अदा करने का वीडियो उस समय सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था, इसी आधार पर पुलिस ने मामला दर्ज किया है, वहीं पुणे में मेधा कुलकर्णी ने कहा कि शनिवार वाड़ा में नमाज अदा करना बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। शनिवार वाड़ा में नमाज अदा करने के बाद इसे हिंदू-मुस्लिम रंग देकर इस पर राजनीति भी शुरू हो गई है। वीडियो वायरल होने के बाद, पाटिस पवन नामक एक हिंदू संगठन ने लिखित शिकायत दर्ज की और पुलिस ने ईश्वर बब्बन कोडे की शिकायत पर मामला दर्ज कर लिया है। आरोपियों को अभी तक गिरफ्तार नहीं किया गया है। ऐसी आशंका है कि हिंदू संगठन एक बार फिर शनिवार वाड़ा में विरोध प्रदर्शन करेंगे। विरोध को खारिज करने के बाद, मेधा कुलकर्णी के नेतृत्व में संप्रदायवादियों ने जय श्री राम के नारे लगाए और दरगाह की जाली पर भगवा झंडे फहराए। इतना ही नहीं, परिसर के बाहर सिद्धि करण किया गया और गौतम बुद्ध पर स्प्रे किया गया। स्थिति शांतिपूर्ण है, लेकिन तनाव बना हुआ है। यह दरगाह वक्फ बोर्ड के प्रभाव में है और अब हिंदू संगठनों ने भी इस दरगाह को हटाने की मांग शुरू कर दी है। पुलिस ने इस घटना के बाद अलर्ट जारी किया है और व्यवस्था बढ़ा दी है।
राजनीति
फर्जी मतदाताओं के खिलाफ कार्रवाई मांग, चुनाव का विरोध नहीं : संजय राउत

मुंबई, 20 अक्टूबर: शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राउत ने सोमवार को महाराष्ट्र में फर्जी वोटरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की। साथ ही, उन्होंने स्पष्ट किया कि हमने कभी-भी चुनाव का विरोध नहीं किया। हमने हमेशा से यही मांग की कि सबसे पहले घुसपैठियों को बाहर का रास्ता दिखाया जाए। इसके बाद चुनावी प्रक्रिया शुरू हो।
उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि हमने चुनाव आयोग के सामने भी फर्जी मतदाताओं का मुद्दा उठाया और उनसे मांग की कि उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए, तभी चुनावी प्रक्रिया पर विचार-विमर्श शुरू हो, तो बेहतर रहेगा।
उन्होंने कहा कि निश्चित तौर पर इस बात को खारिज नहीं किया जा सकता है कि मौजूदा समय में फर्जी वोटर चिंता का विषय बने हुए हैं। ऐसी स्थिति में हम सभी दलों के नेताओं ने यह फैसला किया है कि 1 नवंबर को हम लोग चुनाव आयोग के पास जाएंगे और उन्हें फर्जी वोटरों के बारे में सूचित करेंगे। हम चुनाव आयोग को यह बताएंगे कि मौजूदा समय में किसी तरह से फर्जी वोटर एकजुट होकर लोकतंत्र के सिद्धांतों को ताक पर रखने पर अमादा हो चुके हैं।
शिवसेना (यूबीटी) के नेता ने स्पष्ट किया कि हमने कभी भी चुनाव का विरोध नहीं किया है। हम तो चाहते हैं कि लोकतांत्रिक व्यवस्था में चुनाव हो, यह जरूरी भी है, लेकिन हमारी मांग है कि मौजूदा समय में जिस तरह से मतदाता सूची में विसंगतियां हैं, उन्हें दूर किया जाए, क्योंकि विसंगतिपूर्ण मतदाता सूची के साथ चुनाव प्रक्रिया को संपन्न करना अनुचित रहेगा।
उन्होंने कहा कि हमारा सीधा सा सवाल है कि फर्जी मतदाताओं की मौजूदगी में आप कैसे चुनाव करा सकते हैं। मैं एक बार फिर से स्पष्ट कर दूं कि हमने कभी-भी चुनाव का विरोध नहीं किया। हमने हमेशा फर्जी मतदाताओं का विरोध किया है, क्योंकि मुझे यह कहने में कोई हिचक नहीं है कि ये लोग फर्जी मतदाताओं का सहारा लेकर चुनाव जीतना चाहते हैं, लेकिन हम लोग ऐसा नहीं होने देंगे।
साथ ही, उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के उस बयान का भी जिक्र किया, जिसमें उन्होंने कहा था कि हमारी सरकार घुसपैठियों के खिलाफ कड़ा रुख अख्तियार करते हुए उन्हें बाहर का रास्ता दिखाएगी। उनके इसी बयान को देखते हुए मेरी उनसे मांग है कि महाराष्ट्र में एक करोड़ से भी अधिक फर्जी मतदाता घुस चुके हैं। मेरी उनसे मांग है कि इन सभी मतदाताओं को बाहर का रास्ता दिखाया जाए। इसके बाद ही यहां पर चुनावी प्रक्रिया शुरू हो।
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