सामान्य
जामिया आरसीए के 23 छात्र यूपीएससी के लिए सेलेक्ट, यूपीएससी टॉपर श्रुति शर्मा भी यहीं की छात्रा

कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती इस कहावत को यूपीएससी टॉपर श्रुति शर्मा ने चरितार्थ करके दिखाया है। कम ही लोगों को मालूम होगा कि इस वर्ष टॉपर बनी श्रुति शर्मा पिछले वर्ष यूपीएससी के अपने प्रयास में सफल नहीं हो सकी थी। बावजूद इसके वह निराश नहीं हुई। श्रुति के मुताबिक इस कामयाबी में जामिया स्थित आवासीय कोचिंग अकादमी (आरसीए) से उन्हें बड़ा सहारा मिला।
वहीं जामिया आरसीए के लिए भी यह गर्व का क्षण है। जहां गौरतलब है कि आरसीए के कुल 23 छात्र इस वर्ष यूपीएससी की परीक्षा उत्तीर्ण करने में कामयाब रहे हैं। इनके अलावा जामिया की एक अन्य छात्रा महक जैन ने यूपीएससी सिविल सेवा मे रैंक 17वां रैंक हासिल किया है। वह जामिया के राजनीति विज्ञान विभाग, जामिया में एमए लोक प्रशासन की छात्रा थीं।
यूपीएससी टॉपर श्रुति ने बताया कि जामिया आरसीए से कुछ ही मिनटों की दूरी पर दक्षिण दिल्ली में ही उनका घर है। बावजूद इसके उन्होंने उन्होंने घर छोड़कर जामिया की कोचिंग सेंटर में 2 वर्ष तक एकाग्रता से पढ़ाई की। श्रुति अपनी इस कामयाबी के लिए आरसीए की भूमिका को बहुत महत्वपूर्ण मानती हैं। यहां उन्हें उन खामियों का पता लग सका जिसके कारण वह अपने पिछले प्रयास में यूपीएससी पास नहीं कर सकी।
गौरतलब है कि यह जामिया आरसीए कि यह कोचिंग पूरी तरह से निशुल्क है और यहां केवल महिलाओं अल्पसंख्यकों व पिछड़े वर्ग के उम्मीदवारों को यूपीएससी परीक्षा पास करने की तैयारी करवाई जाती है। श्रुति का कहना है कि उनको यह तो मालूम था कि आरसीए में रहते हुए उनकी तैयारी काफी अच्छी हो रही है। उन्हें इस बार परीक्षा पास कर लेने की भी उम्मीद थी। हालांकि खुद श्रुति का कहना है कि उन्होंने टॉप करने के बारे में तो कभी सोचा भी नहीं था।
गौरतलब है कि जामिया आरसीए से कोचिंग लेने वाले 245 से अधिक छात्र अभी तक सिविल सर्वेंट्स बन चुके हैं। अपनी स्थापना के बाद से आरसीए से कोचिंग प्राप्त 245 से अधिक सिविल सर्वेंट्स और अन्य केंद्रीय सेवाओ में चुने जा चुके हैं। वहीं राज्य सेवाओं में 376 अधिकारियों का चयन हुआ है। इनमें जुनैद अहमद (अखिल भारतीय रैंक-3) और फैज अकील अहमद (अखिल भारतीय रैंक-17) जैसे कई अखिल भारतीय रैंकर शामिल हैं। सफलता के इस क्रम में अब टॉपर के रूप में श्रुति का नाम भी जुड़ चुका है।
जामिया विश्वविद्यालय प्रशासन ने बताया कि जामिया आरसीए 24 घंटे खुलने वाले पुस्तकालय की सुविधा और एक इकोसिस्टम के साथ वंचित छात्रों को मुफ्त कोचिंग और प्रशिक्षण प्रदान करता है। यह सिविल सेवा और अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं के उम्मीदवारों के लिए देश के सर्वश्रेष्ठ संस्थानों में से एक है। बड़ी बात यह है छात्रों के लिए यह कोचिंग निशुल्क हैं। यहां दाखिला प्रवेश परीक्षा के आधार पर दिया जाता है।
जामिया आरसीए ने सिविल सेवा परीक्षा-2022-2023 की प्रिलिमनरी और मेन परीक्षा की तैयारी के लिए छात्रावास सुविधा के साथ फ्री कोचिंग के लिए आवेदन भी आमंत्रित किए हैं। इसके लिए ऑनलाइन आवेदन पत्र जमा करने की अंतिम तिथि 15 जून, 2022 है।
जामिया विश्वविद्यालय 2 जुलाई, 2022 को देशभर में दस केंद्रों-दिल्ली, श्रीनगर, जम्मू, हैदराबाद, मुंबई, लखनऊ, गुवाहाटी, पटना, बेंगलुरु और मलप्पुरम (केरल) में उम्मीदवारों के चयन के लिए प्रवेश परीक्षा आयोजित करेगा।
सामान्य
आयुर्वेदिक शल्य चिकित्सा पद्धतियों में रुझानों का पता लगाने के लिए AIIA का राष्ट्रीय संगोष्ठी

नई दिल्ली, 12 जुलाई। आयुष मंत्रालय ने शनिवार को बताया कि अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान (AIIA), नई दिल्ली, आयुर्वेदिक शल्य चिकित्सा पद्धतियों में रुझानों का पता लगाने के लिए तीन दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन करेगा।
शल्यकॉन 2025, जो 13-15 जुलाई तक आयोजित होगा, सुश्रुत जयंती के शुभ अवसर पर मनाया जाएगा। 15 जुलाई को प्रतिवर्ष मनाई जाने वाली सुश्रुत जयंती, शल्य चिकित्सा के जनक माने जाने वाले महान आचार्य सुश्रुत की स्मृति में मनाई जाती है।
“अपनी स्थापना के बाद से, AIIA दुनिया भर में आयुर्वेद को बढ़ावा देने के लिए समर्पित रहा है। शल्य तंत्र विभाग द्वारा आयोजित शल्यकॉन, आधुनिक शल्य चिकित्सा प्रगति के साथ आयुर्वेदिक सिद्धांतों के एकीकरण को बढ़ावा देकर इस प्रतिबद्धता को दर्शाता है। इस पहल का उद्देश्य उभरते आयुर्वेदिक शल्य चिकित्सकों को एकीकृत शल्य चिकित्सा देखभाल के अभ्यास में बेहतर दक्षता और आत्मविश्वास प्रदान करना है,” AIIA की निदेशक (प्रभारी) प्रो. (डॉ.) मंजूषा राजगोपाला ने कहा।
नवाचार, एकीकरण और प्रेरणा पर केंद्रित विषय के साथ, शल्यकॉन 2025 का आयोजन राष्ट्रीय सुश्रुत संघ के सहयोग से राष्ट्रीय सुश्रुत संघ के 25वें वार्षिक सम्मेलन के सतत शैक्षणिक कार्यक्रम के एक भाग के रूप में किया जाएगा।
इस सेमिनार में सामान्य एंडोस्कोपिक सर्जरी, गुदा-मलाशय सर्जरी और यूरोसर्जिकल मामलों पर लाइव सर्जिकल प्रदर्शन होंगे।
मंत्रालय ने कहा, “पहले दिन, 10 सामान्य एंडोस्कोपिक लेप्रोस्कोपिक सर्जरी की जाएँगी। दूसरे दिन 16 गुदा-मलाशय सर्जरी की लाइव सर्जिकल प्रक्रियाएँ होंगी, जो प्रतिभागियों को वास्तविक समय की सर्जिकल प्रक्रियाओं को देखने और उनसे सीखने का अवसर प्रदान करेंगी।”
शल्यकॉन 2025 परंपरा और प्रौद्योगिकी का एक गतिशील संगम होगा, जिसमें भारत और विदेश के 500 से अधिक प्रतिष्ठित विद्वान, शल्य चिकित्सक, शोधकर्ता और शिक्षाविद भाग लेंगे। यह कार्यक्रम विचारों के आदान-प्रदान, नैदानिक प्रगति को प्रदर्शित करने और आयुर्वेदिक शल्य चिकित्सा पद्धतियों में उभरते रुझानों का पता लगाने में सहायक होगा।
तीन दिनों के दौरान एक विशेष पूर्ण सत्र भी आयोजित किया जाएगा जिसमें सामान्य और लेप्रोस्कोपिक सर्जरी, घाव प्रबंधन और पैरा-सर्जिकल तकनीक, गुदा-मलाशय सर्जरी, अस्थि-संधि मर्म चिकित्सा और सर्जरी में नवाचार जैसे क्षेत्रों पर चर्चा की जाएगी।
अंतिम दिन 200 से अधिक मौखिक और पोस्टर प्रस्तुतियाँ भी होंगी, जो चल रहे विद्वानों के संवाद और अकादमिक संवर्धन में योगदान देंगी।
मंत्रालय ने कहा कि नैदानिक प्रदर्शनों के अलावा, एक वैज्ञानिक सत्र विद्वानों, चिकित्सकों और शोधकर्ताओं को अपना काम प्रस्तुत करने और अकादमिक संवाद में शामिल होने के लिए एक मंच प्रदान करेगा।
न्याय
‘आपकी बेटी आपके साथ में है’: विनेश फोगाट शंभू बॉर्डर पर किसानों के विरोध प्रदर्शन में शामिल हुईं।

भारतीय पहलवान विनेश फोगट शंभू सीमा पर किसानों के विरोध प्रदर्शन में शामिल हुईं, क्योंकि उन्होंने अपना रिकॉर्ड 200वां दिन मनाया और बड़ी संख्या में लोगों ने प्रदर्शन किया।
पेरिस 2024 ओलंपिक में पदक न मिलने के विवादास्पद फैसले के बाद संन्यास लेने वाली फोगट ने किसानों के आंदोलन को अपना पूरा समर्थन देने का वादा किया।
“मैं भाग्यशाली हूं कि मेरा जन्म एक किसान परिवार में हुआ। मैं आपको बताना चाहती हूं कि आपकी बेटी आपके साथ है। हमें अपने अधिकारों के लिए खड़ा होना होगा क्योंकि कोई और हमारे लिए नहीं आएगा।
मैं भगवान से प्रार्थना करती हूं कि आपकी मांगें पूरी हों और अपना अधिकार लिए बिना वापस न जाएं। किसान अपने अधिकारों के लिए 200 दिनों से यहां बैठे हैं।
मैं सरकार से उनकी मांगों को पूरा करने की अपील करती हूं। यह बहुत दुखद है कि 200 दिनों से उनकी बात नहीं सुनी गई। उन्हें देखकर हमें बहुत ताकत मिली।”
राजनीति
पीएम मोदी: ’25 करोड़ लोग गरीबी से बाहर आ गए हैं’; बजट 2024 पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की सराहना की।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा लगातार सातवें बजट को पेश करने के तुरंत बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि बजट 2024 से नव-मध्यम वर्ग, गरीब, गांव और किसानों को और अधिक ताकत मिलेगी।
देश के नाम अपने भाषण में पीएम मोदी ने कहा कि बजट युवाओं को असीमित अवसर प्रदान करेगा।
पिछले दस वर्षों में 25 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकाला गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अनुसार, इस बजट से नए मध्यम वर्ग को सशक्त बनाया जाएगा।
उन्होंने घोषणा की, ‘यह बजट युवाओं को असीमित अवसर प्रदान करेगा।’ यह बजट शिक्षा और कौशल के लिए एक नया मानक स्थापित करेगा और उभरते मध्यम वर्ग को सशक्त करेगा। पीएम मोदी ने कहा कि इस बजट से महिलाओं, छोटे उद्यमों और एमएसएमई को फायदा होगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि जो लोग अभी अपना करियर शुरू कर रहे हैं, उन्हें ‘रोजगार-संबंधी प्रोत्साहन योजना’ के माध्यम से सरकार से अपना पहला वेतन मिलेगा।
उन्होंने कहा, ‘सरकार ने इस बजट में जिस ‘रोजगार-संबंधी प्रोत्साहन योजना’ की घोषणा की है, उससे रोजगार के कई अवसर पैदा होंगे।’
प्रधानमंत्री ने घोषणा की, ‘सरकार इस योजना के तहत उन लोगों को पहला वेतन देगी, जो अभी कार्यबल में शामिल होने की शुरुआत कर रहे हैं। प्रशिक्षुता कार्यक्रम के तहत, ग्रामीण क्षेत्रों के युवा देश के प्रमुख व्यवसायों के लिए काम करने में सक्षम होंगे।’
मोदी 3.0 का पहला बजट
यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला बजट है।
लोकसभा में बजट पेश करते हुए उन्होंने कहा कि भारत के लोगों ने मोदी सरकार में अपना भरोसा फिर से जताया है और इसे तीसरे कार्यकाल के लिए चुना है।
सीतारमण ने आगे कहा, “ऐसे समय में जब नीतिगत अनिश्चितता वैश्विक अर्थव्यवस्था को जकड़े हुए है, भारत की आर्थिक वृद्धि अभी भी प्रभावशाली है।”
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