राजनीति
चिंतन शिविर में कृषि, सामाजिक, आर्थिक, संगठनात्मक चर्चा के लिए कांग्रेस ने बनाई कई समितियां

कांग्रेस पार्टी इन दिनों एक बार फिर चुनावी रणभूमि में मजबूती से उतरने की तैयारी में है। यहीं वजह से की पार्टी ने अपने चिंतन शिविर में कृषि, राजनीतिक, आर्थिक, सामाजिक सशक्तिकरण, संगठनात्मक, युवा सशक्तिकरण के मुद्दे पर चर्चा के लिए विस्तृत रिपोर्ट बनाने को लेकर कई समितियां बनाई हैं।
9 साल बाद कांग्रेस राजस्थान के उदयपुर में तीन दिवसीय चिंतन शिविर करने जा रही है जोकि 13,14,और 15 मई को आयोजन किया जाएगा। शिविर में किसानों के मुद्दे पर कृषि के मुद्दे पर चर्चा करने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष ने एक कमेटी बनाने का निर्णय लिया है इस कमेटी में हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा, छत्तीसगढ़ के वरिष्ठ नेता सीएस देव सिंह, दिल्ली प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल, नाना पटोले, प्रताप सिंह बाजवा, अखिलेश प्रताप सिंह, अजय सिंह लल्लू, अरुण यादव और गीता कोर को शामिल किया गया है।
इसी तरह से राजनीतिक प्रस्ताव पर विशेष रिपोर्ट के लिए राज्यसभा में कांग्रेस के नेता मलिकार्जुन खड्गे के सहयोजन में कमेटी बनाई गई है। गुलाम नबी आजाद, शशि थरूर, उत्तम कुमार रेड्डी, गौरव गोगोई रागिनी नायक, पवन खेड़ा सप्तगिरि शंकर को इसमें सदस्य नियुक्त किया गया है। वहीं आर्थिक प्रस्तावों के लिए एक अन्य कमेटी बनाई गई है, जिसमें पी चिदंबरम को संयोजक नियुक्त किया गया है और सचिन पायलट सिद्धारमैया, आंनद शर्मा, मनीष तिवारी, परिणीति शिंदे, राजीव घोड़ा गौरव वल्लभ, सुप्रिया श्रीनेत सदस्य हैं। वहीं सामाजिक सशक्तिकरण को लेकर बनी कमेटी में सलमान खुर्शीद, मीरा कुमार, दिग्विजय सिंह, कुमारी शैलजा, सुखविंदर सिंह बाजवा, नबाम टुकी, के राजू को शामिल किया गया है। संगठनात्मक संबंधी प्रस्ताव के लिए बनी कमेटी में मुकुल वासनिक संयोजक है और अजय माकन, अधीर रंजन चौधरी, रणदीप सुरजेवाला, नेट्टा डिसूजा, मीनाक्षी नटराजन को सदस्य नियुक्त किया गया है।
लगभग 9 साल बाद राजस्थान में कांग्रेस का ये राष्ट्रीय चिंतन शिविर होगा। 13 से 15 मई तक प्रस्तावित चिंतन शिविर में कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और प्रशांत किशोर सहित पार्टी के तमाम दिग्गज नेता मौजूद रहेंगे। इस चिंतन शिविर में कांग्रेस के सभी सांसदों और विधायकों को बुलाया गया है। साथ ही पार्टी के पदाधिकारियों और सभी राज्यों से 400 सक्रिय कार्यकर्ताओं को भी आमंत्रण भेजा गया है।
मिशन 2024 के तहत कांग्रेस के एक्शन प्लान के बारे में सभी को जानकारी दी जाएगी। जिस पर चर्चा के लिये प्रशांत किशोर भी मौजूद रहेंगे। वहीं पांच राज्यों की हार के बाद तीन दिन तक चलने वाले इस शिविर में नेताओं व कार्यकर्ताओं से हार के कारण जानने की कोशिश की जाएगी। साथ ही कांग्रेस गुजरात, हिमाचल प्रदेश के साथ ही अगले वर्ष होने वाले कर्नाटक, राजस्थान, छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश जैसे राज्यों के विधानसभा चुनावों को लेकर रणनीति बनाएगी।
कुछ नेताओं की ओर से कार्यक्रम के दौरान नई रणनीति बनाने के साथ ही राहुल गांधी की अध्यक्ष के तौर पर फिर से ताजपोशी की जा सकती है। जैसा कि 9 साल पहले चिंतन शिविर में ही राहुल गांधी को पार्टी अध्यक्ष बनाने की घोषणा की गई थी। इसी तरह का चिंतन शिविर साल 2013 में जयपुर में हुआ था। उस समय शिविर में 2014 के लोकसभा चुनाव में जाने की तैयारियों और रणनीति को लेकर चर्चा की गई थी। तब राहुल गांधी को पार्टी का उपाध्यक्ष भी बनाया गया था। संयोग है कि तब भी राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ही थे।
राजनीति
पूर्व भाजपा सांसदों ने कहा, ‘साजिश के तहत सीएम रेखा गुप्ता पर हुआ हमला

नई दिल्ली, 20 अगस्त। दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता पर बुधवार को जनसुनवाई के दौरान हुए हमले को लेकर भाजपा के पूर्व सांसदों ने इसे साजिश करार दिया है। भाजपा के पूर्व सांसद रमेश बिधूड़ी ने इसे साजिश बताया, जबकि विजय गोयल ने इसे दुर्भाग्यपूर्ण करार देते हुए कहा कि पुलिस जांच कर रही है और मुख्यमंत्री जल्द काम पर लौटेंगी।
रमेश बिधूड़ी ने मीडिया से बातचीत में दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता पर हुए हमले को एक साजिश करार देते हुए कहा कि रेखा गुप्ता जनता से सीधे मिल रही हैं, जिसे विरोधी दल पचा नहीं पा रहे हैं। उन्होंने दावा किया कि जांच में यह सामने आएगा कि हमलावर किसी न किसी राजनीतिक दल का कार्यकर्ता होगा।
उन्होंने कहा कि इसे सुरक्षा में चूक नहीं कह सकते हैं, क्योंकि जनसुनवाई में सीएम अपनी इच्छानुसार लोगों से मिल रही थी।
भाजपा नेता योगिता सिंह ने मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता पर हुए हमले की निंदा करते हुए इसे सोची-समझी साजिश करार दिया। उन्होंने कहा कि सीएम रेखा गुप्ता जनसुनवाई के दौरान जनता से सीधे संवाद कर रही थीं, जिससे उनकी लोकप्रियता बढ़ रही थी, और विरोधी इसे बर्दाश्त नहीं कर पा रहे हैं। स्वाभाविक है कि यह हमला साजिश और राजनीति से प्रेरित है।
भाजपा के वरिष्ठ नेता विजय गोयल ने रेखा गुप्ता पर हुए हमले को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए इसकी निंदा की। उन्होंने कहा कि पुलिस मामले की जांच कर रही है और सीएम रेखा गुप्ता साहसी हैं, जो लगातार दिल्ली की जनता के लिए काम कर रही हैं। गोयल ने विश्वास जताया कि रेखा गुप्ता जल्द ही अपने काम पर लौटेंगी।
बता दें कि मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता पर हमला करने वाले की पहचान गुजरात के राजकोट निवासी राजेश भाई खिमजी भाई सकारिया के रूप में हुई है। वह 41 साल का है। पुलिस आरोपी को पकड़ सिविल लाइंस थाने लाई है। पुलिस हमले के कारणों का पता लगाने के लिए हमलावर से पूछताछ कर रही है। सूत्रों के मुताबिक दिल्ली पुलिस ने इस संबंध में गुजरात पुलिस से संपर्क किया है।
राजनीति
हंगामे से बाधित हुआ प्रश्नकाल, राज्यसभा की कार्यवाही 2 बजे तक स्थगित

नई दिल्ली, 20 अगस्त। बुधवार को संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही शुरू होने के कुछ देर बाद ही नारेबाजी के चलते बाधित हुई। राज्यसभा व लोकसभा की कार्यवाही प्रारंभ होने के कुछ ही देर बाद दोनों सदनों में हंगामा शुरू हो गया। सदन में हो रही नारेबाजी के कारण पहले लोकसभा की कार्यवाही स्थगित कर दी गई। इसके कुछ ही मिनटों बाद राज्यसभा में भी यही स्थिति उत्पन्न हुई जिसके कारण राज्यसभा की कार्यवाही भी स्थगित करनी पड़ी।
दोपहर 12 बजे राज्यसभा की कार्यवाही एक बार फिर से शुरू हुई, लेकिन राज्यसभा में हंगामा और नारेबाजी अभी भी जारी रहा, जिसके कारण सदन की कार्रवाई दोबारा स्थगित करनी पड़ी। बुधवार को लोकसभा की कार्यवाही प्रारंभ होते ही विपक्ष ने नारेबाजी शुरू कर दी। विपक्ष के सांसदों ने चुनाव आयोग द्वारा करवाए जा रहे बिहार मतदाता सूची के गहन रिव्यू पर चर्चा की मांग की। चर्चा की मांग को लेकर विपक्ष के सांसद अपनी सीटों से उठकर आगे आ गए और नारेबाजी करने लगे। इस दौरान कई सांसदों के हाथों में नारे लिखी हुई तख्तियां भी थी, जिस पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने अपनी आपत्ति जताई।
उन्होंने सांसदों को ऐसी तख्तियां सदन में नहीं लेकर आने को कहा। इसके साथ ही लोकसभा अध्यक्ष ने नारेबाजी कर रहे सांसदों को अपनी सीट पर जाकर बैठने का आग्रह किया। लेकिन सदन में लगातार हंगामा और नारेबाजी होती रही जिसके कारण लोकसभा की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। 12 बजे सदन की कार्रवाई प्रारंभ होने के बाद भी यहां विपक्ष के सांसद अपनी मांगों को लेकर नारेबाजी करते रहे। उधर राज्यसभा में भी यही स्थिति बनी रही।
राज्य सभा में सदन की कार्रवाई प्रारंभ होने के कुछ देर बाद उपसभापति हरिवंश नारायण ने बताया कि उन्हें नियम 267 के अंतर्गत चर्चा के लिए कुल 18 नोटिस मिले हैं। उन्होंने बताया कि विपक्षी सांसदों ने इन नोटिसों के माध्यम से तीन विभिन्न विषयों पर चर्चा की मांग की है। हालांकि, इसके साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि उन्हें भेजे गए 18 नोटिस में से कोई भी नोटिस नियमानुसार नहीं है। इसके कारण उन्होंने सभी नोटिसों को अस्वीकार कर दिया। इसके उपरांत सांसद ने नारेबाजी प्रारंभ कर दी और उपसभापति को सदन की कार्रवाई दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित करनी पड़ी।
12 बजे जैसे ही राज्यसभा की कार्यवाही दोबारा प्रारंभ हुई, सदन में हंगामा फिर शुरू हो गया। अगले कुछ ही मिनटों में सदन की कार्यवाही को दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित करना पड़ा। मौजूदा सत्र में लोकसभा व राज्यसभा दोनों ही सदनों में लगातार हंगामा हो रहा है। इस हंगामे के कारण राज्यसभा व लोकसभा में प्रश्नकाल एवं शून्यकाल की कार्यवाही सबसे अधिक बाधित हुई हैं।
मंगलवार को भी राज्यसभा व लोकसभा की कार्यवाही सुचारू रूप से नहीं चल सकी थी। राज्यसभा में विपक्ष की मांग रही है कि सदन की अन्य कार्यवाही स्थगित कर बिहार मतदाता सूची संबंधी मामलों पर चर्चा कराई जाए। इसके लिए कई विपक्षी सांसद बार-बार नियम 267 के तहत नोटिस दे रहे हैं। हालांकि नियमों का हवाला देते हुए उप सभापति ने ये सभी नोटिस अस्वीकार कर दिए।
उप सभापति का यह भी कहना है कि जो विषय न्यायालय के समक्ष विचाराधीन हैं उन पर सदन में चर्चा नहीं कराई जा सकती। हालांकि विपक्षी सांसद अपनी इस मांग पर लगातार नारेबाजी करते आ रहे हैं। विपक्षी सांसदों का कहना है कि सदन की अन्य सभी कार्यवाही स्थगित करके सबसे पहले बिहार मतदाता सूची के रिव्यू के मुद्दे पर चर्चा आयोजित की जानी चाहिए।
वहीं उपसभापति ने पूर्व में लिए गए निर्णयों की जानकारी भी विपक्ष को दी। विपक्ष को बताया गया कि नियम 267 को लेकर पूर्व में जो निर्णय दिए गए हैं, वे निर्णय अभी भी लागू हैं। सांसदों को अन्य नियमों की जानकारी भी दी गई है। उपसभापति ने बताया कि अदालत में विचाराधीन होने विषय सदन में चर्चा के लिए नहीं रखे जा सकते हैं। इसी गतिरोध के कारण अब तक सदन में कई बार हंगामा व नारेबाजी देखी गई। विपक्ष अपनी बात न माने जाने से बुधवार को भी नाराज दिखा। वहीं मंगलवार को विपक्षी सदस्यों ने राज्यसभा से वॉकआउट किया था।
राष्ट्रीय समाचार
अहमदाबाद में छात्र की हत्या पर फूटा अभिभावकों का गुस्सा, स्कूल के बाहर भारी हंगामा

अहमदाबाद, 20 अगस्त। अहमदाबाद के स्कूल में हमले के दौरान घायल छात्र की मौत पर लोगों का गुस्सा फूटा है। सिंधी समाज के लोगों और छात्र के परिजनों में भारी आक्रोश है। बुधवार को बड़ी संख्या में लोग स्कूल पहुंचे और जमकर विरोध प्रदर्शन किया। अभिभावकों ने विरोध में कथित तौर पर स्कूल में तोड़फोड़ की।
अहमदाबाद के खोखरा इलाके में सेवेंथ डे एडवेंटिस्ट स्कूल में 19 अगस्त को घटना हुई। शुरुआत में दो बच्चों के बीच मामूली झगड़ा हुआ था। इसी दौरान, आठवीं के छात्र ने बहस के बाद दसवीं के छात्र को चाकू मार दिया। इससे वह गंभीर रूप से घायल हुआ था। अस्पताल में इलाज के दौरान छात्र की मौत हो गई।
इससे, स्कूल में तनावपूर्ण माहौल पैदा हो गया, क्योंकि पीड़ित के रिश्तेदार और अन्य लोग परिसर में इकट्ठा हो गए। वे स्कूल के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर हंगामा करने लगे। प्रदर्शनकारियों ने स्कूल पर लापरवाही का आरोप लगाया और ‘न्याय’ मिलने तक छात्र का शव लेने से इनकार कर दिया।
अभिभावकों ने बुधवार को विरोध प्रदर्शन तेज करते हुए सड़क को जाम कर दिया। गुस्साई भीड़ स्कूल के बाहर आकर सड़क पर बैठ गई। स्थिति बिगड़ने पर पुलिस भी स्कूल पहुंच गई। हालांकि, इस दौरान प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच काफी देर धक्कामुक्की हुई। गुस्साई भीड़ स्कूल में भी घुसी और स्कूल स्टाफ के साथ हाथापाई की गई।
अभिभावकों ने मांग उठाई कि स्कूल प्रशासन और प्रिंसिपल के खिलाफ एफआईआर होनी चाहिए। उन्होंने छात्र की हत्या के बाद स्कूल की मान्यता रद्द करने और बुलडोजर कार्रवाई करके संपत्ति को भी जब्त करने की मांग की।
फिलहाल, आरोपी छात्र पुलिस की हिरासत में है। खोखरा पुलिस ने आरोपी के खिलाफ किशोर न्याय अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है और अपनी जांच के तहत सीसीटीवी फुटेज खंगाल रही है।
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