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Wednesday,14-May-2025
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राष्ट्रीय

फरवरी में जीएसटी संग्रह 18 प्रतिशत बढ़कर 1.33 लाख करोड़ रुपये रहा

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भारत का जीएसटी संग्रह फरवरी 2022 में सालाना आधार पर 18 प्रतिशत बढ़कर 133,026 करोड़ रुपये हो गया। मंगलवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों से यह जानकारी मिली है।

वित्त मंत्रालय ने एक बयान में कहा, कुल 1,33,026 करोड़ रुपये के जीएसटी राजस्व संग्रह में सीजीएसटी 24,435 करोड़ रुपये, एसजीएसटी 30,779 करोड़ रुपये, आईजीएसटी 67,471 करोड़ रुपये (वस्तुओं के आयात पर संग्रह किए गए 33,837 करोड़ रुपये सहित) और उपकर 10,340 करोड़ रुपये (वस्तुओं के आयात पर संग्रह किए गए 638 करोड़ रुपये सहित) शामिल हैं।

सरकार ने आईजीएसटी से 26,347 करोड़ रुपये का सीजीएसटी और 21,909 करोड़ रुपये का एसजीएसटी में निपटान किया है। फरवरी 2022 के महीने में नियमित निपटान के बाद केन्द्र और राज्यों का कुल राजस्व सीजीएसटी के लिए 50,782 करोड़ रुपये और एसजीएसटी के लिए 52,688 करोड़ रुपये रहा।

मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि 28 दिनों का महीना होने के कारण फरवरी में आम तौर पर जनवरी की तुलना में कम राजस्व प्राप्त होता है। फरवरी 2022 के दौरान इस अधिक वृद्धि को आंशिक लॉकडाउन, सप्ताहांत और रात के कर्फ्यू एवं ओमिक्रॉन लहर के कारण विभिन्न राज्यों द्वारा लगाए गए विभिन्न प्रतिबंधों के संदर्भ में भी देखा जाना चाहिए, जो 20 जनवरी के आसपास चरम सीमा पर थे।

ऐसा पांचवीं बार हुआ है जब जीएसटी संग्रह 1.30 लाख करोड़ रुपये का आंकड़ा पार कर गया है। जीएसटी लागू होने के बाद से, पहली बार जीएसटी उपकर संग्रह 10,000 करोड़ रुपये का आंकड़ा पार कर गया है, जो कुछ प्रमुख क्षेत्रों, विशेष रूप से ऑटोमोबाइल बिक्री में रिकवरी होने का सूचक है।

मंत्रालय के अनुसार, फरवरी 2022 के महीने के लिए राजस्व पिछले साल के इसी महीने में संग्रह किए गए जीएसटी राजस्व से 18 प्रतिशत और फरवरी 2020 में जीएसटी राजस्व से 26 प्रतिशत अधिक है। इस महीने के दौरान, वस्तुओं के आयात से प्राप्त राजस्व 38 प्रतिशत अधिक रहा और घरेलू लेन-देन से प्राप्त राजस्व (सेवाओं के आयात सहित) पिछले वर्ष के इसी महीने के दौरान इन स्रोतों से प्राप्त राजस्व की तुलना में 12 प्रतिशत अधिक है।

अंतरराष्ट्रीय

‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बारे में विदेशी रक्षा अताशे को जानकारी देगा भारत

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नई दिल्ली, 13 मई। भारत मंगलवार दोपहर 3:30 बजे नई दिल्ली में विभिन्न देशों के रक्षा अताशे (डीए) को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तकनीकी विवरण से अवगत कराएगा, जो देश का हाल ही में हुआ आतंकवाद विरोधी सैन्य अभियान है।

भारतीय सशस्त्र बल महत्वपूर्ण जानकारी और परिचालन डेटा साझा करेंगे, जिसमें स्वदेशी वायु रक्षा प्रणालियों की परफॉर्मेंस और 7 से 10 मई के बीच किए गए स्ट्राइक मिशन के परिणाम शामिल हैं।

सूत्रों ने पुष्टि की है कि इस सत्र में कई घटनाक्रमों पर चर्चा होगी, जिसमें भारत के वायु रक्षा बलों द्वारा चीनी और तुर्किये निर्मित ड्रोनों और पीएल-15 मिसाइलों को नष्ट करना शामिल है, जिससे भारतीय हवाई क्षेत्र में किसी भी तरह की घुसपैठ को रोका जा सका।

यह कदम सैन्य संचालन महानिदेशक (डीजीएमओ) लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई के मीडिया को संबोधन के एक दिन बाद उठाया गया है। उन्होंने कहा कि पिछले एक दशक में मिले बजटीय और नीतिगत समर्थन ने एक मजबूत बहु-स्तरीय वायु रक्षा ग्रिड बनाने में मदद की। यह प्रणाली 9 और 10 मई को पाकिस्तान के जवाबी हवाई हमलों के दौरान एक निर्णायक ढाल साबित हुई।

लेफ्टिनेंट जनरल घई ने कहा, “हमारी युद्ध-परीक्षित प्रणालियों ने शानदार प्रदर्शन किया और स्वदेशी आकाश मिसाइल प्रणाली ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।”

रक्षा अताशे को दी जाने वाली ब्रीफिंग में सोमवार शाम करीब 5 बजे भारतीय और पाकिस्तानी डीजीएमओ के बीच हुई हॉटलाइन बातचीत का विवरण भी शामिल होगा।

लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई और उनके पाकिस्तानी समकक्ष मेजर जनरल काशिफ अब्दुल्ला ने नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर शांति बहाल करने के तरीकों पर चर्चा की और 10 मई को पाकिस्तान के अनुरोध पर भारतीय ऑपरेशन रुकने के बाद बनी युद्धविराम सहमति को बनाए रखने की प्रतिबद्धता दोहराई।

आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि पाकिस्तान ने संघर्ष को नहीं बढ़ाने की बात कही और युद्धविराम समझौते का पालन करने की इच्छा जताई। दोनों सैन्य नेताओं के बीच हॉटलाइन पर हुई बातचीत में आगे चलकर संयम बनाए रखने और स्थिति पर नजर रखने पर भी चर्चा हुई।

इस बीच, सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सैन्य तनाव खत्म करने वाली सहमति के बाद पहली बार राष्ट्र को संबोधित किया। उन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ भारत के कड़े रुख को दोहराया और कहा कि नई दिल्ली इस्लामाबाद के साथ केवल आतंकवाद और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) से संबंधित मुद्दों पर ही बात करेगी।

प्रधानमंत्री ने कहा, “कश्मीर मुद्दे को पाकिस्तान द्वारा आतंकवाद के निरंतर निर्यात से अलग करके नहीं देखा जा सकता।”

उन्होंने आतंकवादी संगठनों को संरक्षण देने और बढ़ावा देने के लिए पाकिस्तान की सेना और सरकार की कड़ी आलोचना की। उन्होंने चेतावनी दी कि इस तरह के समर्थन से उनका पतन हो सकता है। प्रधानमंत्री मोदी की यह टिप्पणी उन रिपोर्टों के बीच आई है, जिनमें कहा गया है कि पाकिस्तान ने संघर्ष विराम के लिए कुछ शर्तें रखी हैं, जिसमें सिंधु जल संधि को पुनर्जीवित करने का प्रस्ताव भी शामिल है।

हालांकि, भारत ने कहा है कि अगर कोई बातचीत होगी, तो वह आतंकवाद और पीओके तक ही सीमित रहेगी।

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अंतरराष्ट्रीय

उद्धव ठाकरे ने ‘सीज फायर’ को लेकर उठाए सवाल, ‘सामना’ में ट्रंप की भूमिका पर जताया संदेह

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मुंबई, 12 मई। शिवसेना (यूबीटी) ने भारत-पाक संघर्ष में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के ‘हस्तक्षेप’ और संघर्ष विराम की घोषणा पर संदेह किया है। मुखपत्र सामना में पार्टी के मुखिया उद्धव ठाकरे ने तीखा प्रहार करते हुए पूछा है क्या कोई सौदा हुआ है? उन्होंने सीधा सवाल किया कि आखिर ट्रंप को ये हक किसने दिया?

संपादकीय में लिखा है- भारत एक संप्रभु एवं स्वतंत्र राष्ट्र है। किसी भी बाहरी राष्ट्र को हमारे राष्ट्र के मामलों में हस्तक्षेप करने का अधिकार नहीं है, लेकिन अमेरिका के प्रेसिडेंट ट्रंप ने भारत-पाकिस्तान संघर्ष में हस्तक्षेप किया है और भारत ने ट्रंप के युद्धविराम प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है। ट्रंप ने अपने ‘एक्स’ अकाउंट पर पारस्परिक रूप से घोषणा की कि भारत ने युद्धविराम स्वीकार कर लिया है। तब तक भारतवासियों और भारतीय सेना को इस युद्धविराम के बारे में जानकारी नहीं थी। प्रेसिडेंट ट्रंप को सरपंच का यह अधिकार किसने दिया?

उन्होंने 1971 की याद दिलाते हुए आगे लिखा है, ” 1971 के भारत-पाक युद्ध के बाद दोनों देशों के बीच हुए शिमला समझौते के अनुसार, तीसरे देशों को दोनों देशों के बीच संघर्ष में हस्तक्षेप करने की अनुमति नहीं थी, लेकिन अब भारत के प्रधानमंत्री ने ही शिमला समझौते का उल्लंघन किया। भारत ने ट्रंप के दबाव के आगे झुककर युद्धविराम को मंजूरी दे दी, लेकिन क्या ‘ऑपरेशन सिंदूर’ या पाकिस्तान का बदला पूरा हो गया है? इसका जवाब देश को नहीं मिला।”

इसमें ऑपरेशन सिंदूर के लिए सेना की सराहना की गई है। कहा है- “भारतीय सेना और वायुसेना ने पाकिस्तान द्वारा भारत के खिलाफ दागे गए ड्रोन और मिसाइलों को नाकाम कर दिया है। उन्होंने पाकिस्तानियों को मुंहतोड़ जवाब दिया है, लेकिन यह सब करते हुए भी पहलगाम हमले को अंजाम देने वाले छह आतंकवादियों का सही ठिकाना नहीं पता चल पाया है। भारत-पाक संघर्ष की शुरुआत छह आतंकवादियों द्वारा 26 निर्दोष लोगों की हत्या से हुई थी। लेकिन राष्ट्रपति ट्रंप ने पानी फेर दिया है। “

इसमें आगे युद्ध के बीच सीज फायर पर प्रहार किया गया है। संपादकीय में कहा गया है कि, “लेकिन अब भारत के प्रधानमंत्री ने शिमला समझौते का उल्लंघन किया है। भारत ने ट्रंप के दबाव में आकर युद्ध विराम की पुष्टि की, लेकिन क्या ‘ऑपरेशन सिंदूर’ या पाकिस्तान का बदला पूरा हुआ? देश को इसका जवाब नहीं मिला है।” “पुंछ-राजौरी में पाकिस्तानी हमले में 12 निर्दोष नागरिक मारे गए। उनकी क्या गलती थी? प्रधानमंत्री मोदी इतने उत्सुक थे कि भारत-पाकिस्तान के बीच संघर्ष के बीच पीछे मुड़ने का कोई रास्ता नहीं था। जिस समय मोदी की उत्सुकता देश और सेना में नई ऊर्जा पैदा कर रही थी, राष्ट्रपति ट्रंप ने समझौता कर लिया। पाकिस्तानी हमले में सात भारतीय सैनिक मारे गए। उनमें से एक मुंबई के मुरली नाइक हैं और यह युवा शहीद केवल 27 वर्ष का है। मुरली नाइक और दिनेश शर्मा उरी सेक्टर में पाकिस्तानी गोलीबारी का जवाब देते हुए शहीद हो गए। दिनेश शर्मा भी एक युवा सैनिक हैं। उन्होंने पुंछ सेक्टर में पाकिस्तान से मुकाबला किया। उन्होंने देश के लिए अद्वितीय वीरता दिखाई और भारत माता की रक्षा के लिए अपने प्राणों का सर्वोच्च बलिदान दिया। ऐसे हजारों दिनेश शर्मा और मुरली नायक भारतीय सीमा पर लड़ रहे हैं और सीने पर गोलियां खा रहे हैं। मुरली नायक के माता-पिता घाटकोपर की झुग्गी बस्ती में रहते हैं। वे मेहनत करके अपना घर चलाते हैं। भारत माता का इकलौता बेटा देश की रक्षा के लिए सीमा पर लड़ते हुए शहीद हो गया। मुरली के पिता ने कहा, “मुझे गर्व है कि मेरा बेटा देश की सेवा करने आया है”, लेकिन उन्हें भी कलेजे के टुकड़े को खोने का दुख तो होगा ही।

संपादकीय में कहा गया है- “युद्ध के राजनीतिक उन्माद में बह जाने वालों ने कभी देश के लिए बलिदान नहीं दिया, न ही उन्होंने कोई बहादुरी दिखाई, लेकिन प्रचार ऐसा चल रहा है जैसे यह युद्ध भारतीय जनता पार्टी और उसके अपने लोग लड़ रहे हों। सरकार ने मिडिया और कुछ चैनलों को बंद कर दिया है। युद्ध विराम का खेल शुरू होने के बाद भी रक्षा मंत्री ऑपरेशन सिंदूर का राग अलाप रहे हैं। हालांकि, मूल प्रश्न अभी भी बने हुए हैं कि वे छह आतंकवादी कैसे आए और कैसे गायब हो गए? उनके ठिकानों का पता क्यों नहीं चला? ये सवाल पूछे जाएंगे। गुरुवार आधी रात को जम्मू के सांबा सेक्टर से भारत में घुसपैठ करने की कोशिश कर रहे आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के सात आतंकवादियों को सीमा सुरक्षा बल के बहादुर जवानों ने मार गिराया।”

अंत में फिर राष्ट्रपति ट्रंप की नीयत पर प्रश्न उठाए गए हैं। लिखा है- प्रेसिडेंट ट्रंप भारत और पाकिस्तान के बीच शांति चाहते हैं, लेकिन प्रेसिडेंट ट्रंप महात्मा गांधी, मार्टिन लूथर किंग, नेल्सन मंडेला नहीं हैं। वे एक व्यापारी हैं। भारत के सत्ताधारी व्यापारियों ने अमेरिका के व्यापारी प्रेसिडेंट से हाथ मिला लिया है। प्रेसिडेंट ट्रंप ने इजरायल-फिलिस्तीनी युद्ध को नहीं रोका है। वहां वे सीधे इजरायल का समर्थन करते हुए ‘गाजा’ के लोगों को खत्म होते देखते हैं और भारत को शांति का उपदेश देते हैं। क्या प्रेसिडेंट ट्रंप ने भारत की संप्रभुता खरीद ली है? किसके बदले में? सौदा वास्तव में क्या था? देश को पता होना चाहिए!

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अंतरराष्ट्रीय

पीएम मोदी ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की जानकारी ली, सेना प्रमुखों से की मुलाकात

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नई दिल्ली, 10 मई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर नजर बनाए हुए हैं। शनिवार को इसी सिलसिले में उन्होंने एक महत्वपूर्ण बैठक की अगुवाई की।

प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता वाली इस बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान, वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह, थल सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी और नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश कुमार त्रिपाठी शामिल रहे।

यह बैठक ऐसे समय में हुई जब भारत ने पाकिस्तान के ड्रोन हमलों को पूरी तरह से विफल कर दिया है। माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री मोदी को इस दौरान पाकिस्तान द्वारा किए गए हमले, भारतीय सेना की जवाबी कार्रवाई और सैन्य तैयारियों की पूरी जानकारी दी गई।

प्रधानमंत्री लगातार हर घटनाक्रम पर नजर रख रहे हैं। बीते 24 घंटे में प्रधानमंत्री मोदी की सेना प्रमुखों और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ यह दूसरी और महत्वपूर्ण बैठक है। इससे पहले प्रधानमंत्री ने शुक्रवार को भी ऐसी ही एक बैठक की अध्यक्षता की थी।

इससे पहले ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर विदेश मंत्रालय और रक्षा मंत्रालय ने शनिवार को संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस की। पाकिस्तान के साथ जारी तनाव पर सैन्य अधिकारियों ने कहा कि उधमपुर, पठानकोट, आदमपुर और भुज एयरबेस को नुकसान पहुंचा है। इसके अलावा, पाकिस्तान ने मिसाइलें दागीं और अस्पताल तथा स्कूल को निशाना बनाया गया। विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने एयर फोर्स स्टेशन सिरसा और एयर फोर्स स्टेशन सूरतगढ़ के शनिवार सुबह की फोटो दिखाईं और कहा कि ये सुरक्षित हैं।

प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया गया, “पाकिस्तानी सेना पश्चिमी सीमाओं पर लगातार हमले कर रही है, उसने भारत के सैन्य ठिकानों पर हमला करने के लिए ड्रोन, लंबी दूरी के हथियार, युद्धक हथियार और लड़ाकू विमानों का इस्तेमाल किया है। भारत ने कई खतरों को नाकाम कर दिया, लेकिन पाकिस्तान ने 26 से अधिक स्थानों पर हवाई मार्ग से घुसपैठ करने की कोशिश की। पाकिस्तान ने पंजाब के वायुसेना बेस को निशाना बनाने के लिए रात 1:40 बजे हाई-स्पीड मिसाइलों का इस्तेमाल किया। उन्होंने स्वास्थ्य सुविधाओं और स्कूलों पर भी हमला किया।”

यह भी बताया गया, “पाकिस्तान की इन हरकतों के बाद तुरंत जवाबी हमले का एक्शन लिया गया। रफीकी, मुरीद, चकलाला, रहमयार खान पर पाक सैन्य ठिकानों पर सटीक हथियारों और लड़ाकू जेट से हमला किया गया। सियालकोट का एयरबेस भी टारगेट किया गया।”

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