राजनीति
पिनराई विजयन सबसे अच्छे मुख्यमंत्री, एंटनी सबसे निराशाजनक मुख्यमंत्री: आईएएस अधिकारी

केरल में 34 साल की सेवा पूरी करने के बाद सोमवार को आर्थिक और योजना मामलों के अतिरिक्त मुख्य सचिव के पद से सेवानिवृत्त हुए वरिष्ठ नौकरशाह और आईएएस अधिकारी टीका राम मीणा ने पिनराई विजयन को सबसे अच्छा मुख्यमंत्री और एके एंटनी को सबसे निराशाजनक मुख्यमंत्री का दर्जा दिया है। मीणा मुख्य चुनाव अधिकारी के रूप में अपने तीन साल के कार्यकाल के दौरान पिछले जुलाई तक फर्जी मतदान और गलत काम करने वालों के खिलाफ साहसिक कदम उठाने के लिए प्रमुखता से मिले।
राजस्थान के रहने वाले मीणा ने कहा कि वह केरल में काम करने का मौका मिलने से अभिभूत हूं और यहां के लोगों ने उनके आधिकारिक करियर में उन्हें कई यादगार पल दिए हैं।
और विभिन्न मुख्यमंत्रियों के साथ काम करने पर एक स्थानीय टीवी चैनल पर अपने अनुभव को खोलते हुए, मीणा ने पिनराई विजयन को सर्वश्रेष्ठ के रूप में दर्जा दिया।
मीणा ने कहा, “इसमें कोई संदेह नहीं है कि पिनराई विजयन सर्वश्रेष्ठ हैं, क्योंकि उन्होंने स्वतंत्रता दी और खासकर योजना बोर्ड में हम बोलते थे और वह सुनते थे और यही जरूरी है। के. करुणाकरण सख्त थे, लेकिन एंटनी सबसे निराशाजनक थे।”
सोने की तस्करी के कुख्यात मामले में वरिष्ठ नौकरशाह एम. शिवशंकर की संलिप्तता पर, मीणा ने कहा कि यह ्न’काफी दुर्भाग्यपूर्ण’ है और कहा ‘हम सच्चाई नहीं जानते’।
उन्होंने कहा कि वह सिर्फ केरल को नजरअंदाज नहीं कर पाएंगे, क्योंकि वह यहां 34 साल लंबे समय से हैं।
केरल में वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों को सम्मानजनक ‘पद’ देने की प्रथा है, जो राजनीतिक आकाओं द्वारा सेवानिवृत्त हो जाते हैं। सबसे हालिया हाई प्रोफाइल नियुक्ति सेवानिवृत्त मुख्य सचिव विश्वास मेहता की थी, जब उन्हें पिछले साल मुख्य सूचना आयुक्त बनाया गया था।
राष्ट्रीय समाचार
वक्फ कानून पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को दिया सात दिन का समय, डिनोटिफिकेशन और नई नियुक्तियों पर रहेगी रोक

नई दिल्ली, 17 अप्रैल। वक्फ कानून में हाल में किए गए संशोधनों की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को दूसरे दिन सुनवाई जारी रही। भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) न्यायमूर्ति संजीव खन्ना, जस्टिस संजय कुमार और जस्टिस के.वी. विश्वनाथन की बेंच ने केंद्र सरकार को जवाब दाखिल करने के लिए सात दिन की मोहलत दी है। सरकार ने अदालत को भरोसा दिलाया कि इस दौरान डिनोटिफिकेशन या नई नियुक्ति नहीं की जाएगी। अगली सुनवाई 5 मई को होगी।
सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने अदालत से कहा कि यह मुद्दा ऐसा नहीं है कि कोई सेक्शन देखकर उस पर फैसला किया जाए। इसके लिए पूरे कानून और इतिहास को भी देखना होगा। कई लाख सुझावों पर गौर करके यह कानून पारित हुआ था।
उन्होंने कहा कि यदि अदालत कोई आदेश जारी करती है तो उसका बहुत बड़ा प्रभाव पड़ेगा। उन्होंने जवाब दाखिल करने के लिए एक सप्ताह का समय मांगा, जिसे अदालत ने स्वीकार कर लिया।
इसके बाद सीजेआई ने कहा कि अदालत चाहती है कि कोई भी पक्ष प्रभावित न हो।
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि अगर आप ‘वक्फ बाय यूजर’ को लेकर भी कुछ कहना चाहते हैं, तो उसके लिए हमारा पक्ष सुने। उन्होंने आश्वासन दिया कि एक सप्ताह तक वक्फ बोर्ड में कोई भी नियुक्ति नहीं होगी।
सुप्रीम कोर्ट ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से पूछा कि क्या वह आश्वासन दे सकते हैं कि 1995 के वक्फ कानून के तहत रजिस्टर्ड वक्फ प्रॉपर्टी को डिनोटिफाई नहीं करेंगे? सॉलिसिटर जनरल ने अदालत को इसका भी भरोसा दिलाया।
अंतरिम आदेश में शीर्ष अदालत ने अगली सुनवाई की तारीख 5 मई तय करते हुए कहा कि सॉलिसिटर जनरल ने कहा है कि केंद्र सरकार सात दिन के भीतर जवाब दाखिल करना चाहती है। वह अदालत को आश्वासन देते हैं कि वक्फ कानून की संशोधित धारा 9 और 14 के तहत परिषद और बोर्ड में कोई नियुक्ति नहीं की जाएगी। अगली सुनवाई की तारीख तक, वक्फ, जिसमें पहले से पंजीकृत या अधिसूचना द्वारा घोषित वक्फ शामिल हैं, को न तो डिनोटिफाई किया जाएगा और न ही कलेक्टर द्वारा इसमें कोई बदलाव किया जाएगा। हम इस बयान को रिकॉर्ड पर लेते हैं।
राष्ट्रीय समाचार
दिल्ली में 8 बांग्लादेशी नागरिक पकड़े गए, निर्वासन प्रक्रिया शुरू

नई दिल्ली, 17 अप्रैल। दिल्ली पुलिस ने साउथ कैंपस थाना क्षेत्र में अवैध रूप से रह रहे 8 बांग्लादेशी नागरिकों को पकड़ा।
सभी की पहचान रबीउल इस्लाम (38), उसकी पत्नी सीमा (27), उसका बेटा अब्राहम (5), पापिया खातून (36), सादिया सुल्ताना (21), सुहासिनी (1), आर्यन (7) और रिफत आरा मोयना (28) के रूप में हुई है।
अब विदेशी क्षेत्रीय पंजीकरण कार्यालय (एफआरआरओ) की मदद से सभी के निर्वासन की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
पुलिस के मुताबिक, 15 अप्रैल को साउथ कैंपस पुलिस थाने को गुप्त सूचना मिली थी कि सत्य निकेतन मार्केट में कुछ बांग्लादेशी नागरिक रह रहे हैं। इस जानकारी के आधार पर इंस्पेक्टर रविंदर कुमार वर्मा, एसएचओ, साउथ कैंपस के नेतृत्व में और एसीपी डॉ. गरिमा तिवारी की निगरानी में एक विशेष टीम गठित की गई।
इस टीम में एसआई सुंदर योगी, एचसी मनोहर, सीटी धन्ना राम और अन्य शामिल थे। टीम ने तुरंत कार्रवाई करते हुए सत्य निकेतन मार्केट में छापेमारी की और एक संदिग्ध व्यक्ति, रबीउल इस्लाम, से पूछताछ की।
पुलिस ने बताया कि पूछताछ में रबीउल ने बताया कि वह 2012 में त्रिपुरा सीमा के रास्ते अवैध रूप से भारत आया था और अपनी पत्नी सीमा और बेटे अब्राहम के साथ दिल्ली के किशनगढ़ में रह रहा है। उसने यह भी खुलासा किया कि उसके पास फर्जी आधार कार्ड है और कुछ अन्य बांग्लादेशी नागरिक कटवारिया सराय और मोती बाग में रहते हैं। उसकी निशानदेही पर पुलिस ने सात अन्य बांग्लादेशी नागरिकों को पकड़ा। जांच में पाया गया कि सभी भारत में अवैध रूप से रह रहे थे।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक, रबीउल इस्लाम बांग्लादेश के जेसोर जिले का रहने वाला है और 2016 में उसने सीमा से शादी की। वह भारत में हाउसकीपर का काम करता है और 2022 में बांग्लादेश में मानव तस्करी के एक मामले में शामिल था। उसकी पत्नी सीमा हाउसमेड का काम करती है। पापिया खातून को पति ने बांग्लादेश में छोड़ दिया था और वह अपनी बेटियों सादिया और सुहासिनी के साथ भारत में रह रही थी। अन्य पकड़े गए लोग भी विभिन्न कामों में लगे थे।
पुलिस ने बताया कि यह ऑपरेशन अवैध प्रवासियों पर नजर रखने के लिए बनाई गई विशेष रणनीति का हिस्सा था। टीम को दिन-रात गश्त करने और संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखने के निर्देश दिए गए थे।
अधिकारियों ने कहा कि पकड़े गए सभी लोगों को निर्वासन केंद्र भेजा गया है और एफआरआरओ के माध्यम से वापस भेजने की प्रक्रिया चल रही है। यह कार्रवाई दिल्ली में अवैध प्रवास के खिलाफ चल रहे अभियान का हिस्सा है, जिसके तहत पुलिस लगातार सघन जांच कर रही है।
राजनीति
वक्फ कानून पर सुप्रीम कोर्ट में आज दूसरे दिन भी जारी रहेगी सुनवाई, लंबी बहस की संभावना कम

नई दिल्ली, 17 अप्रैल। वक्फ कानून को लेकर गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई है। इस पर केंद्र सरकार भी अपना रुख स्पष्ट करने वाली है। सुनवाई से पहले एडवोकेट प्रदीप कुमार ने मीडिया से बातचीत की। उन्होंने कहा कि आज अंतरिम आदेश जारी होने की संभावना है लेकिन आज का दिन इस मामले में निर्णायक हो सकता है।
यादव ने बताया कि कल कोर्ट ने आदेश लिखना शुरू किया था, लेकिन सॉलिसिटर जनरल और कुछ राज्यों के वकीलों ने अपनी बात रखने के लिए और समय मांगा। इन राज्यों ने वक्फ अधिनियम का समर्थन करते हुए हस्तक्षेप याचिका दायर की है। वकीलों के अनुरोध पर मुख्य न्यायाधीश ने मामले को आज के लिए स्थगित कर दिया।
हालांकि, उन्होंने स्पष्ट किया कि आज केवल 30 से 45 मिनट तक ही सुनवाई होगी। यादव को उम्मीद है कि इसके बाद मामले की सुनवाई आगे नहीं बढ़ेगी और आज ही अंतरिम आदेश जारी हो सकता है।
उन्होंने कहा, “कल मुख्य न्यायाधीश ने कुछ शर्तों के साथ अंतरिम आदेश का मसौदा तैयार किया था, लेकिन विपक्षी पक्ष ने इसका विरोध करते हुए कहा कि उन्हें अपनी बात रखने का पूरा मौका नहीं मिला। इसीलिए आज फिर से अंतरिम आदेश पर बहस होगी। हमें पूरी उम्मीद है कि कोर्ट आज अंतरिम आदेश जारी कर देगी।”
यादव ने यह भी बताया कि कोर्ट ने कल नोटिस जारी करने की प्रक्रिया शुरू की थी, लेकिन विपक्ष के विरोध के कारण यह पूरी नहीं हो सकी। आज की सुनवाई में कोर्ट का ध्यान मुख्य रूप से अंतरिम आदेश पर केंद्रित रहेगा।
उन्होंने कहा, “मुख्य न्यायाधीश और अन्य जज इस मामले में अंतिम निर्णय लेंगे, लेकिन हमें भरोसा है कि आज का फैसला हमारे पक्ष में होगा। यह मामला वक्फ बोर्ड और इससे संबंधित कानूनी प्रावधानों को लेकर है, जिसमें कई राज्य और केंद्रीय पक्ष शामिल हैं। कोर्ट का आज का फैसला इस मामले में अगले कदमों को निर्धारित करेगा।”
प्रदीप यादव ने कहा कि यह सुनवाई न केवल वक्फ बोर्ड के लिए, बल्कि इससे जुड़े सभी पक्षों के लिए महत्वपूर्ण है।
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