राजनीति
अमरिंदर सिंह ने खनन माफिया से लड़ने में सिद्दू के दावों की खिल्ली उड़ाई

पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने सोमवार को कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू के रेत माफिया से लड़ने के दावों की खिल्ली उड़ाई और कहा कि उन्होंने अवैध खनन में शामिल विधायकों के सितंबर के विद्रोह का नेतृत्व खुद किया था। पंजाब लोक कांग्रेस (पीएलसी) के प्रमुख ने कहा कि यह देखते हुए कि सिद्धू के नेतृत्व में उनके (कैप्टन अमरिंदर) के खिलाफ विद्रोह करने वाले कई कांग्रेस विधायक राज्य के रेत माफिया में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रुचि या हिस्सेदारी रखते थे, इस मामले में पीपीसीसी अध्यक्ष की साख स्पष्ट रूप से संदिग्ध थी।
पीएलसी प्रमुख ने एक बयान में कहा, यह तथ्य है कि पीपीसीसी अध्यक्ष ने पाकिस्तान लीडरशिप में अपने करीबी दोस्तों सहित राष्ट्रविरोधी तत्वों के साथ मिलने का आनंद लिया, जिन्होंने उनके राज्य मंत्रिमंडल में शामिल करने की पैरवी भी की थी। इसने सिद्धू के स्वार्थ और पंजाब के हितों के प्रति उनकी पूरी तरह से उदासीनता को उजागर कर दिया।
सिद्धू के इस आरोप को खारिज करते हुए कि वह मुख्यमंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान रेत माफिया के खिलाफ कार्रवाई करने में विफल रहे, पीएलसी नेता ने कहा कि उन्होंने न केवल अवैध खनन की जांच के लिए सभी संभव प्रशासनिक कदम उठाए, बल्कि उन्होंने पंजाब कांग्रेस के नेताओं और रैकेट में शामिल सदस्यों के खिलाफ कार्रवाई के लिए विशेष रूप से कांग्रेस अध्यक्ष से निर्देश मांगा था।
कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा, “कार्रवाई करने के लिए आवश्यक निर्देश क्यों नहीं दिया गया, इसका राजनीतिक अर्थ और महत्व था। सिद्धू को कांग्रेस नेतृत्व से पूछना चाहिए कि क्या वह वास्तव में इस मुद्दे को लेकर गंभीर हैं।”
पीएलसी प्रमुख ने आगे कहा कि पंजाब कांग्रेस के विधायक, जिनके रेत माफिया के साथ संबंधों के बारे में उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष को बताया था। लेकिन वह मुख्यमंत्री पद से उन्हें हटाने के लिए पार्टी नेतृत्व के सीधे संपर्क में थे।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस बात ने उन्हें चौंका दिया, वह यह था कि सिद्धू के समर्थन वाले इन विधायकों के खिलाफ कार्रवाई करने के बजाय कांग्रेस आलाकमान ने उन्हें बर्खास्त करने का फैसला किया।
अमरिंदर सिंह ने कहा कि कांग्रेस छोड़ने के बाद भी उनके खिलाफ सिद्धू के लगातार और निराधार हमलों से पता चलता है कि पीपीसीसी अध्यक्ष कितने असुरक्षित हैं।
उन्होंने कहा कि पंजाब में अपने (पूर्व सीएम के) राजनीतिक दबदबे और महत्व को कम करने के लिए सिद्धू अपनी खुद की पार्टी इकाई को भी भूल गए थे, जो कि पूरी तरह से अव्यवस्थित और खुली घुसपैठ की स्थिति में थी। उन्होंने कहा, सिद्धू और चरणजीत सिंह चन्नी पंजाब में कांग्रेस का सफाया सुनिश्चित करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं।
महाराष्ट्र
समीर वानखेड़े को बदनाम करने की साजिश… कॉर्डेलिया क्रूज़ को ड्रग मामले में बचाने का गंभीर आरोप, अनुशासन समिति की रिपोर्ट के बाद जज इरफान शेख ने किया खारिज

मुंबई: एनसीबी के पूर्व जोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े को बदनाम करने की कोशिश एक बार फिर शुरू हो गई है। अब ताजा मामला जज इरफान शेख की बर्खास्तगी का है, जिसमें समीर वानखेड़े पर यह आरोप लगाया गया है। कॉर्डेलिया क्रूज मामले में जज इरफान शेख को गिरफ्तार करने की बजाय उनकी टीम ने जज को बचा लिया है। अतिरिक्त मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट इरफान शेख उस समय स्प्लेंडिड कोर्ट के जज के रूप में तैनात थे। वह वर्तमान में पालघर और ठाणे जिले के जज के रूप में कार्यरत थे। पद का दुरुपयोग, जब्त ड्रग्स का इस्तेमाल, नशे में धुत होकर रफी अहमद किदवई मार्ग पर अपनी कार से एक टैक्सी को टक्कर मारना, अनुपातहीन संपत्ति के साथ अपनी शक्तियों का दुरुपयोग करना, नायर अस्पताल में अपनी पहचान छिपाकर झूठा और भ्रामक पता दर्ज कराना और बिना जमा कराए कार वापस लेना जैसे गंभीर आरोपों के बाद हाईकोर्ट ने अनुशासनात्मक कार्रवाई के तहत जज को सेवा से बर्खास्त कर दिया है इसमें कहीं भी कॉर्डेलिया क्रूज़ ड्रग केस का ज़िक्र नहीं है, लेकिन समीर वानखेड़े पर जज की मदद करने का आरोप लग रहा है। समीर वानखेड़े ने इससे साफ़ इनकार किया है और कहा है कि पुलिस रिपोर्ट या न्यायिक समिति की रिपोर्ट में कॉर्डेलिया क्रूज़ ड्रग केस का कोई ज़िक्र नहीं है।
जब इस संबंध में दस्तावेज़ और प्रतियां हासिल की गईं, तो कॉर्डेलिया क्रूज़ ड्रग केस का कोई ज़िक्र नहीं था। समीर वानखेड़े लगातार बॉलीवुड के निशाने पर हैं, इसलिए शाहरुख खान की कंपनी रेड चिलीज़ एंटरटेनमेंट ने उनके ख़िलाफ़ बॉलीवुड की बदनामी की एक श्रृंखला तैयार की थी, जिसके ख़िलाफ़ समीर वानखेड़े ने दिल्ली हाईकोर्ट में मानहानि का मुक़दमा दायर किया है और इसकी सुनवाई जल्द ही होने की संभावना है। समीर वानखेड़े और उनके परिवार के ख़िलाफ़ बदनामी का सिलसिला लंबा हो गया है और यही वजह है कि इरफ़ान शेख़ मामले में भी समीर वानखेड़े को बदनाम करने की कोशिश तेज़ हो गई है, लेकिन समीर वानखेड़े या एनसीबी टीम की इस मामले में कोई भूमिका या संलिप्तता नहीं है।
महाराष्ट्र
मुसलमानों को ‘आई लव मुहम्मद’ के स्टिकर चिपकाना बंद करना चाहिए, किरीट सोमैया और नितेश राणे की आलोचना, अबू आसिम आज़मी पर नफ़रत के एजेंडे पर काम करने का आरोप

मुंबई: महाराष्ट्र समाजवादी पार्टी के नेता और विधायक अबू आसिम आज़मी ने मुसलमानों से अपील की है कि वे पैगंबर मोहम्मद (सल्लल्लाहू अलैहि वसल्लम) के पदचिन्हों और शिक्षाओं पर चलें और आई लव मुहम्मद के स्टिकर चिपकाना बंद करें क्योंकि यह सरकार स्टिकर चिपकाने पर कार्रवाई कर रही है और लाठियां भी बरसा रही है। उन्होंने कहा कि आई लव मुहम्मद स्टिकर को लेकर मचाया जा रहा बवाल देश के लिए खतरा है, लेकिन इसके बावजूद सरकार मुसलमानों पर कार्रवाई कर रही है। बरेली हिंसा पर आज़मी ने कहा कि आई लव मुहम्मद अब फिरकापरस्तों के लिए एक मौका है जिसकी आड़ में वे नफरती एजेंडा चला रहे हैं। इसलिए अब मुसलमानों को आई लव मुहम्मद के स्टिकर चिपकाने की बजाय अपनी सच्ची शिक्षाओं और दिल से उनसे मोहब्बत करनी चाहिए और स्टिकर चिपकाने से बचना चाहिए। उन्होंने कहा कि किरीट सोमैया हर दिन ऐ लो मुहम्मद और मुसलमानों को लेकर भड़काऊ बातें दिखाते हैं, इसके साथ ही कुर्ला में जो स्टिकर चिपकाए गए थे वो वाहन मालिकों की मर्जी से चिपकाए गए थे, इस पर बवाल और हंगामा मचाने की जरूरत नहीं है, लेकिन किरीट सोमैया का कोई मोल नहीं है, इसीलिए वो हर दिन नफरत का एजेंडा चलाते हैं। भाजपा नेता नितेश राणे की धमकी का जवाब देते हुए विधायक अबू आसिम आजमी ने कहा कि नितेश राणे के पास नफरत फैलाने के अलावा और कोई काम नहीं है, इसीलिए मैं उनकी बातों का जवाब नहीं देना चाहता। हाथी चलता है, कुत्ते भौंकते हैं। उन्होंने कहा कि नितेश राणे हनुमान चालीसा और भागवत गीता पूजा पाठ भी ठीक से नहीं कर सकते, वो सिर्फ राम के नाम पर राजनीति करते हैं।
राष्ट्रीय समाचार
केंद्र 7 से 9 अक्टूबर को होने वाले ग्लोबल फिनटेक फेस्ट में जीडीपी से लेकर सीपीआई तक प्रमुख आंकड़ों को करेगा प्रदर्शित

नई दिल्ली, 6 अक्टूबर : केंद्र सरकार की ओर से सोमवार को कहा गया कि 7 से 9 अक्टूबर को मुंबई में होने वाले ग्लोबल फिनटेक फेस्ट (जीएफएफ) में जीडीपी, सीपीआई और प्रमुख श्रम बाजार आंकड़ों जैसे सांख्यिकीय संकेतकों को प्रदर्शित किया जाएगा।
सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (एमओएसपीआई) विजिटर्स को आकर्षित करने और मंत्रालय की पहलों को प्रभावी रूप से संप्रेषित करने के लिए इंफोग्राफिक्स, वीडियो और इंटरेक्टिव डिस्प्ले जैसे क्रिएटिव विजुअल्स को प्रदर्शित करेगा
मंत्रालय ने एक बयान में कहा, “एक डेडिकेटेड स्टॉल और क्यूरेटेड इवेंट आधिकारिक आंकड़ों के उभरते परिदृश्य और डेटा गैप् को खत्म करने में फिनटेक की भूमिका को प्रदर्शित करेंगे।”
फिनटेक डेटा पर आधारित है और मंत्रालय इंडस्ट्री इंटेलिजेंस और आधिकारिक आंकड़ों के बीच तालमेल की तलाश कर रहा है।
एमओएसपीआई द्वारा उद्योग जगत के प्रमुख नामों के साथ आयोजित एक पैनल डिस्कशन में इस बात पर चर्चा की जाएगी कि राष्ट्रीय सांख्यिकीय प्रणालियों द्वारा किए गए सर्वेक्षणों जैसे बड़े पैमाने के सर्वेक्षणों को बाजार के आंकड़ों से कैसे पूरक बनाया जा सकता है ताकि कंज्यूमर बिहेवियर, उद्यम आवश्यकताओं और फाइनेंशियल इंक्लूजन गैप्स के बारे में गहन जानकारी प्राप्त की जा सके।
यह फिनटेक कंपनियों, नीति निर्माताओं और शोधकर्ताओं के लिए एक खुला आह्वान है कि वे अधिक मजबूत मॉडल बनाएं, इंक्लूसिव प्रोडक्ट डिजाइन करें और एविडेंस-ड्रिवन ग्रोथ का रोडमैप तैयार करें।
एमओएसपीआई सचिव 8 अक्टूबर को एक फायरसाइड चैट का हिस्सा बनेंगे।
मंत्रालय ने कहा, “डेटा को जब सार्वजनिक वस्तु के रूप में देखा जाता है तो इसमें नई आर्थिक संभावनाओं को उजागर करने और समावेशी विकास को गति देने की शक्ति होती है। यह चर्चा सहयोगी डेटा फ्रेमवर्क की भूमिका पर प्रकाश डालेगी ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि जानकारी समय पर, पारदर्शी और डिजिटल अर्थव्यवस्था में सभी हितधारकों के लिए लाभकारी हो।”
सचिव, फिनटेक उद्योग के प्रतिनिधियों और नियामकों के साथ फिनटेक इकोसिस्टम के साथ ‘डिजिटल इंडिया: बिल्डिंग अ स्मार्टर डेटा पार्टनरशिप’ के लिए स्टैटिस्टिकल इंफ्रास्ट्रक्चर पर एक क्लोज्ड रूम सेशन की अध्यक्षता भी करेंगे।
मंत्रालय ने कहा कि डिजिटल इकोनॉमी में स्मार्टर पॉलिसी और इनोवेशन को बढ़ावा देने के लिए मजबूत स्टैटिस्टिकल इंफ्रास्ट्रक्चर बेहद महत्वपूर्ण है।
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