अपराध
बुल्ली बाई ऐप का निर्माता बी. टेक छात्र नीरज बिश्नोई असम से गिरफ्तार

बुल्ली बाई ऐप मामले में मुख्य आरोपी माने जा रहे नीरज बिश्नोई को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।
बताया जा रहा है कि गिटहब पर बुल्ली बाई का मुख्य साजिशकर्ता और निर्माता और ऐप का मुख्य ट्विटर अकाउंट चलाने वाला नीरज बिश्नोई ही है, जो कि एक इंजीनियरिंग (द्वितीय वर्ष) का छात्र है। उसे दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल की आईएफएसओ (इंटेलिजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रैटेजिक ऑपरेशंस यूनिट) ने असम से गिरफ्तार किया है।
बिश्नोई को डीसीपी के. पी. एस. मल्होत्रा के नेतृत्व वाली आईएफएसओ टीम ने असम से गिरफ्त में लिया है।
बिश्नोई असम के जोरहाट गांव का रहने वाला है। वह वेल्लोर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, भोपाल से बी.टेक, कंप्यूटर साइंस का दूसरे वर्ष का छात्र है।
बिश्नोई को फ्लाइट से असम से दिल्ली लाया जाएगा, जो गुरुवार शाम को इंदिरा गांधी एयरपोर्ट पर उतरेगी।
मुंबई पुलिस पहले ही तीन लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है, जिनमें एक 18 वर्षीय लड़की श्वेता सिंह, एक 21 वर्षीय मयंक रावत, एक डीयू छात्र और एक इंजीनियरिंग छात्र विशाल कुमार झा शामिल हैं।
मुंबई पुलिस ने गिरफ्तारियां बेंगलुरु और उत्तराखंड से की हैं। विशाल झा और मयंक पुलिस रिमांड पर हैं, जबकि श्वेता की पुलिस हिरासत पांच जनवरी को खत्म हो गई थी।
बुल्ली बाई मामला इन दिनों काफी चर्चा में है, जहां कथित तौर पर मुस्लिम महिलाओं को टारगेट करके अपमानित किया जा रहा था। ऐसा आरोप है कि बुल्ली बाई ऐप पर मुस्लिम महिलाओं के सोशल मीडिया हैंडल से फोटो को डाउनलोड करके नीलामी के लिए पोस्ट किया जाता था और फिर लोगों को मुस्लिम महिलाओं की नीलामी के लिए प्रोत्साहित किया जाता था।
इससे पहले इसी तरह का एक सुल्ली डील मामला भी सामने आया था। बुल्ली बाई घटनाक्रम सुल्ली डील विवाद के छह महीने बाद सामने आया। बुल्ली बाई एक एप्लीकेशन है, जिसे गिटहब पर होस्ट किया गया था। इस ऐप के जरिए कथित तौर पर मुस्लिम महिलाओं की सौदेबाजी की जाती थी।
एक जनवरी को गिटहब के स्पेस में परफॉर्म कर रहे इस ऐप ने एक खास धर्म की कई महिलाओं की तस्वीरें पोस्ट की थीं। इनमें पत्रकार, सामाजिक कार्यकर्ता, छात्र और मशहूर हस्तियां शामिल थीं।
इंजीनियरिंग का छात्र विशाल कुमार झा, बुल्ली बाई के फॉलोअर्स में से एक था।
गिटहब ने विवाद बढ़ने के बाद हालांकि यूजर बुल्ली बाई को अपने होस्टिंग प्लेटफॉर्म से हटा दिया था, लेकिन तब तक बुल्ली बाई मामले ने देशव्यापी विवाद खड़ा कर दिया था।
एक खालिस्तानी समर्थक की डिस्प्ले तस्वीर के साथ एक ट्विटर हैंडल द्वारा भी बुल्ली बाई ऐप का भी प्रचार किया जा रहा था।
यह ट्विटर हैंडल बुल्ली बाई ऐप का समर्थन करते हुए कह रहा था कि महिलाओं को ऐप से बुक किया जा सकता है। यह हैंडल साथ ही साथ खालिस्तानी कंटेंट का प्रचार भी कर रहा था।
शिवसेना नेता और राज्यसभा सांसद प्रियंका चतुवेर्दी ने मुंबई पुलिस को पत्र लिखा, जिसके बाद मामला दर्ज किया गया। इस सिलसिले में दिल्ली पुलिस ने भी एक मामला दर्ज किया है।
सुल्ली डील मामले में अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है। पिछली बार जब सुल्ली डील ऐप सामने आया था, तब अज्ञात लोगों के खिलाफ दो प्राथमिकी दर्ज की गई थी। हालांकि इसके पीछे के दोषियों को कभी गिरफ्तार नहीं किया गया। सुल्ली और बुल्ली बाई जैसे नाम मुस्लिम महिलाओं के लिए एक अपमानित करने वाले नामों के तौर पर हैं।
अपराध
मालेगांव ब्लास्ट केस: बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा- बरी करने के फैसले के खिलाफ हर कोई अपील नहीं कर सकता

मुंबई, 16 सितंबर। महाराष्ट्र के मालेगांव में साल 2008 में हुए विस्फोट मामले में बॉम्बे हाईकोर्ट ने मंगलवार को एक अहम टिप्पणी की। अदालत ने कहा कि बरी किए जाने के फैसले के खिलाफ अपील दाखिल करने का अधिकार हर किसी को नहीं है। यह अधिकार उन्हीं को है जो ट्रायल में गवाह रहे हों या सीधे तौर पर पीड़ित पक्ष से जुड़े हों।
दरअसल, मालेगांव ब्लास्ट में मारे गए छह लोगों के परिजनों ने एनआईए की विशेष अदालत द्वारा दिए गए बरी करने के आदेश को चुनौती दी है। परिजन हाईकोर्ट पहुंचे और 31 जुलाई को एनआईए कोर्ट द्वारा सुनाए गए फैसले को कानून के खिलाफ बताते हुए रद्द करने की मांग की।
सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने सवाल उठाया कि क्या मृतकों के परिजनों को ट्रायल में गवाह बनाया गया था। अदालत ने विशेष रूप से अपीलकर्ता निसार अहमद के मामले का जिक्र किया, जिनके बेटे की मौत धमाके में हुई थी। पीड़ित पक्ष के वकील ने बताया कि निसार अहमद गवाह नहीं बने थे। इस पर अदालत ने कहा कि अगर बेटे की मौत हुई थी तो पिता को गवाह होना चाहिए था। कोर्ट ने निर्देश दिया कि बुधवार को अगली सुनवाई में इस बारे में पूरी जानकारी पेश की जाए।
अपीलकर्ताओं ने अपनी याचिका में कहा कि जांच एजेंसियों की खामियां या कमजोरियां किसी आरोपी को बरी करने का आधार नहीं हो सकतीं। उनका दावा है कि धमाके की साजिश गुप्त तरीके से रची गई थी, ऐसे में इसका प्रत्यक्ष सबूत मिलना संभव नहीं था।
परिजनों का आरोप है कि जब मामला एनआईए को सौंपा गया, तो एजेंसी ने आरोपियों के खिलाफ लगे गंभीर आरोपों को कमजोर कर दिया। अपील में कहा गया कि ट्रायल कोर्ट ने अभियोजन की कमियों को दूर करने की बजाय केवल पोस्ट ऑफिस की तरह काम किया और उसका फायदा आरोपियों को मिला।
दरअसल, 31 जुलाई को विशेष एनआईए कोर्ट ने मालेगांव ब्लास्ट मामले के सभी सात आरोपियों को बरी कर दिया था। इनमें पूर्व भाजपा सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर और लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित भी शामिल थे।
अपीलकर्ताओं ने यह भी तर्क दिया कि अदालत को केवल मूक दर्शक नहीं बने रहना चाहिए था। जरूरत पड़ने पर उसे सवाल पूछने और अतिरिक्त गवाह बुलाने के अधिकार का इस्तेमाल करना चाहिए था। इस मामले पर बॉम्बे हाईकोर्ट में बुधवार को फिर से सुनवाई होगी, जिसमें यह तय किया जाएगा कि पीड़ित परिवारों की अपील सुनवाई योग्य है या नहीं और ट्रायल में उनकी भूमिका कितनी महत्वपूर्ण रही थी।
मालेगांव विस्फोट 29 सितंबर, 2008 की शाम को हुआ था, जब महाराष्ट्र के नासिक जिले के सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील शहर मालेगांव में भिक्कू चौक मस्जिद के पास एक मोटरसाइकिल पर बंधे बम में विस्फोट हुआ था। रमजान के दौरान और नवरात्रि से कुछ दिन पहले हुए इस हमले में छह लोग मारे गए थे और 100 से ज्यादा लोग घायल हुए थे।
अपराध
मुंबई क्राइम ब्रांच की टीम ने 2.50 करोड़ रुपए की लूट का किया खुलासा, एक गिरफ्तार

CRIME
मुंबई, 16 सितंबर। मुंबई के गिरगांव में हुई 2.50 करोड़ रुपए की लूट का मुंबई क्राइम ब्रांच यूनिट 2 ने खुलासा कर दिया है। टीम ने लूट के आरोपी इब्राहिम शेख को मध्य प्रदेश के इंदौर से गिरफ्तार किया है।
क्राइम ब्रांच के एक अधिकारी ने बताया कि खुफिया जानकारी और तकनीकी विश्लेषण के आधार पर लूटकांड के मास्टरमाइंड शेख को गिरफ्तार किया गया। शेख के पास से लूट के 29.50 लाख रुपए भी बरामद हुए हैं। आरोपी मुंब्रा का रहने वाला है और घटना के बाद से फरार चल रहा था।
जांच में पता चला कि इब्राहिम ने अपने लहसुन के कारोबार में हुए घाटे को पूरा करने के लिए लूट की योजना बनाई थी। यह लूट 10 सितंबर को हुई थी। उसे किसी ने पिंटू के पैसा लाने की जानकारी पहले ही दे दी थी, जिसके बाद उसने लूट की योजना बनाई थी।
इब्राहिम ने अपने तीन साथियों के साथ मिलकर एक फाइनेंस कंपनी के कर्मचारी बैजनाथ उर्फ पिंटू यादव की कार को रोककर उस पर हमला कर उसे बेहोश कर दिया था। आरोपी पिंटू के बेहोश होने के बाद उसके हाथ-पैर बांधकर 2.50 करोड़ रुपए लूटकर फरार हो गए थे।
फाइनेंस कंपनी के मालिक नारायण हरि महावीर प्रसाद हालन ने वीपी रोड पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज कराया था कि उसका कर्मचारी पिंटू पैसा लेकर जा रहा था। इस दौरान कुछ अज्ञात लोगों ने गिरगांव में एक निर्माणाधीन इमारत के नीचे रुपए लूट लिए। अस्पताल में जब पिंटू को होश आया तो उसने पूरे मामले की जानकारी दी।
शिकायत के आधार पर मामला दर्ज करके जांच क्राइम ब्रांच को सौंपी गई। इसके बाद मुंबई क्राइम ब्रांच यूनिट 2 ने मुखबिर की सूचना, सीसीटीवी फुटेज और कॉल डिटेल्स के आधार पर इब्राहिम शेख को मध्य प्रदेश के इंदौर से गिरफ्तार कर लिया।
पुलिस इब्राहिम से पूछताछ कर रही है और उसका आपराधिक रिकॉर्ड भी पता कर रही है। यह भी पता किया जा रहा है कि इससे पहले वह किन-किन घटनाओं में शामिल था और उसके गिरोह में कितने लोग शामिल हैं और वे सब कहां हैं। पुलिस उस व्यक्ति की भी तलाश कर रही है, जिसने पिंटू की जानकारी दी थी।
अपराध
बांद्रा मेला 2025: उद्घाटन के दिन चोरी के आरोप में 12 लोगों पर मामला दर्ज

CRIME
मुंबई: मुंबई और ठाणे क्षेत्र के बारह व्यक्तियों, जिनमें अमरावती के दो 17 वर्षीय लड़के और पुणे की तीन महिलाएं शामिल हैं, के खिलाफ रविवार को बांद्रा पुलिस स्टेशन में नौ एफआईआर के तहत मामला दर्ज किया गया। यह सप्ताह भर चलने वाले बांद्रा मेले का पहला दिन था जो 21 सितंबर तक जारी रहेगा। 17 से 35 वर्ष की आयु के संदिग्ध लोग अमरावती, पुणे, निर्मल नगर (बांद्रा पूर्व), सांताक्रूज और ठाणे जिले के अंबिवली से हैं।
पुलिस के अनुसार, आरोपी मोबाइल फोन, सोने की चेन और जेबकतरे चुराने के लिए श्रद्धालु बनकर मेले में आए थे। अमरावती के किशोर मोबाइल फोन चुराने की कोशिश करते हुए पकड़े गए, जबकि पुणे की तीन महिलाओं, जिन पर दगडूशेठ गणपति उत्सव के दौरान हुई चोरी के मामले पहले से ही दर्ज हैं, को सोने के गहने चुराने की कोशिश करते हुए पकड़ा गया।
सहायक निरीक्षक विक्रम पाटिल और बजरंग जगताप ने बांद्रा और वर्सोवा के बीच के पुलिस थानों से 35 सदस्यीय टीम का नेतृत्व किया, जो डीसीपी-ज़ोन 9, दीक्षित गेदाम की देखरेख में काम कर रही थी। 300 साल पुराने इस मेले के पहले दिन लगभग 50,000 श्रद्धालु आए, और इसी दिन पुनर्निर्मित माउंट मैरी बेसिलिका का भी पुनः उद्घाटन हुआ।
मुंबई पुलिस ने कहा कि वे भक्तों के वेश में अपराधियों द्वारा की जाने वाली संगठित चोरी से निपटने के लिए रणनीति बना रहे हैं। 2018 में, बांद्रा पुलिस ने इसी तरह त्योहार के दौरान चेन्नई से तीन महिला चेन-स्नैचरों को गिरफ्तार किया था, जिनके लिए एक दुभाषिया की व्यवस्था की गई थी क्योंकि वे केवल तमिल बोलती थीं।
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