राजनीति
भाजपा ने 7 घंटे की मैराथन बैठक में उत्तर प्रदेश को लेकर किए अहम फैसले

भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की अध्यक्षता में उत्तर प्रदेश को लेकर सोमवार को हुई बड़ी बैठक आधी रात तक चली, जिसमें उत्तर प्रदेश को लेकर कई बड़े फैसले किए गए। सोमवार को लगभग 7 घंटे तक चली बैठक में चुनावी प्रचार की पूरी रूप रेखा पर चर्चा हुई। भाजपा के एक नेता ने बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार और केंद्र सरकार की उपलब्धियों को लेकर हम जनता के बीच जाएंगे। बैठक में इस बात को लेकर भी चर्चा हुई कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की लोकप्रियता का अधिक से अधिक लाभ कैसे उठाया जाए।
भाजपा के कोर एजेंडे राम मंदिर निर्माण को लेकर भी बैठक में विस्तार से चर्चा हुई। इसे भाजपा की बड़ी उपलब्धि मानते हुए यह तय किया गया कि मतदाताओं को इससे जुड़ी सारी जानकारियां बताई जाएगी।
राज्य में चुनावी प्रचार को लेकर एक विस्तृत प्रजेंटेशन भी दिया गया। इसमें सरकार की उपलब्धियों और चुनावी मुद्दों से जुड़े अलग-अलग एंगल के विज्ञापनों को भी दिखाया गया।
योगी सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि कानून व्यवस्था को भी प्रमुखता से लेकर जनता के बीच जाने का फैसला किया गया और इसके साथ ही बैठक में अगले 100 दिनों तक 100 कार्यक्रम करने की रूपरेखा भी तय की गई।
दिल्ली में राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की अध्यक्षता में सोमवार को हुई इस बैठक में भाजपा के राष्ट्रीय संगठन महासचिव बीएल संतोष, चुनाव प्रभारी केंद्रीय मंत्री धर्मेद्र प्रधान , प्रदेश प्रभारी राधा मोहन सिंह के अलावा यूपी प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह और प्रदेश संगठन महासचिव सुनील बंसल मौजूद रहे।
इससे पहले रविवार को लखनऊ में चुनाव प्रभारी केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने राज्य के नेताओं के साथ बैठक कर चुनावी कार्यक्रमों की रूप रेखा तय की थी, जिस पर सोमवार को 11, अशोक रोड , दिल्ली (भाजपा के वॉर रूम) में हुई इस बड़ी बैठक में मुहर लगाई गई।
पार्टी ने अगले 100 दिनों में समाज के सभी वर्गों, जातियों और समूहों तक अलग-अलग कार्यक्रमों के जरिए पहुंचने की योजना बनाई है। इसके लिए अगले 100 दिनों में लगभग 100 कार्यक्रम करने की योजना बनाई गई हैं
दरअसल, 2017 के विधानसभा चुनाव में 3.59 करोड़ के लगभग वोट पाकर अपने सहयोगी दलों के साथ मिलकर 325 सीटों पर जीत हासिल करने वाली भाजपा ने इस बार 4 करोड़ वोट हासिल कर 350 से ज्यादा सीटें जीतने का लक्ष्य तय किया हुआ है। इसे लेकर पार्टी ने हर बूथ पर 100 नए सदस्य बनाने का फैसला कर रखा है। इस लक्ष्य को कामयाब बनाने के लिए भी पार्टी ने अगले 100 दिनों में पन्ना प्रमुख सम्मेलन, हर बूथ पर कार्यक्रम, अलग-अलग जातियों और वर्गों को लेकर सम्मेलन, मोदी और योगी सरकार की योजनाओं से लाभान्वित होने वाले लोगों का सम्मेलन सहित कई कार्यक्रमों की रूपरेखा तैयार की है, जिसे बैठक में मंजूरी दी गई।
आने वाले दिनों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी , अमित शाह समेत दिग्गज नेताओं के प्रदेश के दौरे को लेकर भी बैठक में चर्चा की गई।
भाजपा के एक नेता ने बताया कि बैठक में लिए गए महत्वपूर्ण फैसलों पर अगले सप्ताह (18 अक्टूबर ) होने वाली राष्ट्रीय पदाधिकारियों की बैठक में भी चर्चा की जाएगी। अगले सप्ताह होने वाली इस बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी मौजूद रहेंगे।
महाराष्ट्र
मुंबई पुलिस ने गणपति उत्सव के लिए विशेष सुरक्षा व्यवस्था की है: पुलिस आयुक्त देवेन भारती

मुंबई: मुंबई पुलिस ने गणपति उत्सव के संदर्भ में कड़े सुरक्षा इंतजाम करने का दावा किया है। मुंबई पुलिस आयुक्त देवेन भारती के नेतृत्व में संयुक्त पुलिस आयुक्त सत्यनारायण चौधरी और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को तैनात किया गया है। इसके साथ ही मुंबई पुलिस के अतिरिक्त आयुक्त, 36 डीसीपी, 51 एसीपी, 2336 अधिकारी, 14430 जवानों सहित अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है। इसके अलावा पुलिस बलों में दंगा निरोधक दस्ता, आरपीएफ, एसआरपीएफ, त्वरित प्रतिक्रिया बल, डेल्टा कॉम्बैट, होमगार्ड और अन्य बल भी तैनात किए गए हैं। कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस ने गणपति मंडलों पर विशेष व्यवस्था और सुरक्षा व्यवस्था की है ताकि कोई अप्रिय घटना न घटे। इसलिए पुलिस ने जनता से अपील की है कि वे भीड़ के दौरान धैर्य और संयम दिखाएं, संदिग्ध और संदिग्ध लोगों पर नजर रखें और भीड़ के दौरान पुलिस का सहयोग करें
राजनीति
नया बिल संविधान की रक्षा के लिए, विपक्ष को डरने की जरूरत नहीं : श्रीकांत शिंदे

मुंबई, 25 अगस्त। शिवसेना सांसद श्रीकांत शिंदे ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की ओर से संसद में पेश किए गए तीन विधेयकों को लेकर अपनी बातें रखीं। उन्होंने सोमवार को पत्रकारों से बातचीत में कहा कि यह बिल संविधान की रक्षा के लिए लाया जा रहा है, न कि किसी को जेल में डालने के लिए।
उन्होंने कहा, “हमने देखा है कि देश में कई बड़े नेता, यहां तक कि मुख्यमंत्री और मंत्री भी जेल गए। लेकिन, उन्होंने अपने पद से इस्तीफा नहीं दिया। लोकतंत्र में जब किसी पर आरोप लगता है, तो जांच और विचार-विमर्श जरूरी होता है। इसी सोच के साथ सरकार यह नया बिल ला रही है, जो संविधान की रक्षा के लिए है।”
उन्होंने जोर देकर कहा कि यह बिल किसी को निशाना बनाने के लिए नहीं, बल्कि संवैधानिक मूल्यों को मजबूत करने के लिए है।
उन्होंने विपक्ष के सवाल पर कहा, “अगर विपक्ष के नेताओं ने कुछ गलत नहीं किया, तो उन्हें इस बिल से डरने की क्या जरूरत है? यह बिल लोकतंत्र और संविधान के हित में है। सरकार का मकसद किसी को परेशान करना नहीं, बल्कि पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करना है।”
दरअसल, पिछले दिनों केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने संसद के मानसून सत्र में तीन अहम बिल पेश किए थे। उनकी ओर से पेश किए गए बिल में मुख्य रूप से संविधान (130वां संशोधन) विधेयक, 2025, संघ राज्य क्षेत्र सरकार (संशोधन) विधेयक, 2025 और जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक, 2025 शामिल थे।
लोकसभा में पेश किए गए बिल का मुख्य उद्देश्य यह है कि अगर कोई केंद्रीय मंत्री, किसी राज्य का मुख्यमंत्री या किसी केंद्र शासित प्रदेश का मुख्यमंत्री किसी आपराधिक मामले में आरोपी पाया जाता है, तो उसे तत्काल अपने पद से इस्तीफा देना होगा। लेकिन, केंद्रीय मंत्री की ओर से पेश किए गए इस बिल का विपक्ष की ओर से विरोध किया जा रहा है।
राष्ट्रीय समाचार
सीएसडीएस एनालिस्ट संजय कुमार को ‘सुप्रीम’ राहत, महाराष्ट्र वोटर डेटा मामले में एफआईआर पर रोक

SUPRIM COURT
नई दिल्ली, 25 अगस्त। ‘सेंटर फॉर द स्टडी ऑफ डेवलपिंग सोसायटीज’ (सीएसडीएस) के एनालिस्ट संजय कुमार को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। सर्वोच्च न्यायालय ने सोमवार को महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से जुड़े एक मामले में उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर पर स्टे लगा दी है।
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से संबंधित वोटर डेटा पर कथित रूप से भ्रामक जानकारी प्रकाशित करने को लेकर संजय कुमार के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी। इस मामले में संजय कुमार ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और याचिका दायर कर अपने खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द करने की मांग की।
सुप्रीम कोर्ट ने सीएसडीएस के एनालिस्ट संजय कुमार की याचिका पर सुनवाई करते हुए महाराष्ट्र सरकार को नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने साफ किया है कि अगली सुनवाई तक पुलिस उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करेगी। मामले की अगली सुनवाई तक सुप्रीम कोर्ट ने संजय कुमार को राहत दी है।
इससे पहले, संजय कुमार ने इस मामले में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट के जरिए माफी भी मांगी थी। उन्होंने पोस्ट में लिखा था, “महाराष्ट्र चुनावों के संबंध में पोस्ट किए गए ट्वीट के लिए मैं तहे दिल से माफी चाहता हूं। 2024 के लोकसभा और 2024 के विधानसभा चुनावों के आंकड़ों की तुलना करते समय त्रुटि हुई। पंक्ति में दिए गए आंकड़ों को हमारी डेटा टीम ने गलत पढ़ा था। ट्वीट को अब हटा दिया गया है। मेरा किसी भी प्रकार की गलत सूचना फैलाने का कोई इरादा नहीं था।”
आपको बताते चलें, संजय कुमार ने 2024 के लोकसभा चुनाव और महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव की मतदाता सूची का जिक्र करते हुए मतदाताओं की संख्या में भारी बदलाव होने का दावा किया था। उन्होंने कहा था कि रामटेक विधानसभा क्षेत्र में मतदाताओं की संख्या में 38.45 फीसदी की कमी आई। वहीं, देवलाली में भी उन्होंने 36.82 फीसदी मतदाताओं की कमी का दावा किया था।
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