राजनीति
उत्तराखंड के मंत्री यशपाल आर्य और उनका बेटा कांग्रेस में शामिल

उत्तराखंड के कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य सोमवार को अपने बेटे के साथ कांग्रेस में शामिल हो गए। इसे भाजपा के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा, “आर्य ने अपना इस्तीफा मुख्यमंत्री को भेज दिया है।”
आर्य उत्तराखंड में एक प्रमुख दलित नेता हैं। उन्होंने पिछले चुनावों के दौरान भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने के लिए कांग्रेस छोड़ दी थी। आर्य राज्य में आबकारी परिवहन एवं समाज कल्याण मंत्रालय संभाल रहे थे।
पूरे अभियान में अहम भूमिका निभाने वाले कांग्रेस महासचिव और अभियान समिति के अध्यक्ष हरीश रावत ने कहा कि आर्य के पार्टी में वापस आने के बाद राज्य में कांग्रेस को बड़ा बढ़ावा मिला है।
उत्तराखंड में अगले साल चुनाव होने हैं और कांग्रेस राज्य में मुख्य विपक्षी दल है।
कांग्रेस ने हाल ही में रावत को अभियान समिति का प्रमुख नियुक्त किया है, लेकिन उन्हें मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित नहीं किया है। हालांकि रावत के समर्थक उनके नाम को आगे बढ़ा रहे हैं।
राष्ट्रीय समाचार
भारत- पाक बॉर्डर पर बीएसएफ अलर्ट, ग्रामीणों से की गई खास अपील

गुरदासपुर, 28 अप्रैल। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए टेरर अटैक के बाद पाकिस्तान-भारत बॉर्डर से सटे गांवों में बीएसएफ अलर्ट मोड में है। पंजाब के गुरदासपुर जिले के सीमावर्ती गांव में भी सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने गश्त बढ़ा दी है। अधिकारियों ने गांव के लोगों को अलर्ट रहने के लिए कह दिया है। सुरक्षा बल ने किसानों को भी जल्द से जल्द अपनी फसलों की कटाई करने के लिए कह दिया है।
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में पर्यटकों पर हुए हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया है। पहलगाम में 26 पर्यटकों की मौत के बाद केंद्र सरकार पाकिस्तान के खिलाफ सख्त रुख अख्तियार कर चुकी है।
गुरदासपुर जिले के सीमावर्ती गांव के किसान गुरतार सिंह ने मीडिया से बातचीत में बताया कि पहलगाम हमले के बाद दोनों देशों के रिश्ते में तनाव है। बीएसएफ ने भी हम सभी लोगों को अलर्ट रहने के लिए कहा है। बीएसएफ ने हमें स्पष्ट कर दिया है कि अगर हमें किसी भी प्रकार की संदिग्ध गतिविधि देखने को मिलती है, तो फौरन अलर्ट रहें और हर प्रकार की स्थिति का सामना करने के लिए खुद को मानसिक रूप से तैयार रखें।
उन्होंने कहा कि बीएसएफ के अधिकारियों ने हमें कहा है कि हम अपनी फसलों की कटाई कर लें। हम बीएसएफ की बातों से पूरी तरह से सहमत हैं, क्योंकि इससे पहले भी दोनों देशों के बीच युद्ध हो चुके हैं और हम देख चुके हैं कि इस युद्ध ने हमारा किस तरह से नुकसान किया है। हम तो यही चाहते हैं कि दोनों देशों के बीच युद्ध की स्थिति पैदा न हो, क्योंकि अगर ऐसा होता है, तो इससे हमारा बहुत नुकसान होगा।
किसान गुरनाम सिंह ने कहा कि पहलगाम हमले के बाद हमें स्पष्ट कह दिया गया है कि हम सभी लोग चौकस रहें, क्योंकि कुछ भी हो सकता है। भारत और पाकिस्तान के बीच रिश्ते तनावपूर्ण हैं। हालांकि, हमने अपने जीवन में युद्ध देखे हैं, जिसे देखते हुए हमने खुद को मानसिक रूप से तैयार कर लिया है और किसी भी स्थिति का सामना करने के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि अगर दोनों देशों के बीच युद्ध की स्थिति पैदा होगी, तो निश्चित तौर पर इसका हमें बहुत नुकसान होगा।
वहीं, एक अन्य किसान ने भी यही बात कही। उन्होंने कहा कि हमें अलर्ट रहने के लिए कह दिया गया है, क्योंकि कुछ भी हो सकता है। जिस तरह से जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हमला हुआ है, उससे दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया है। हम चाहते हैं कि युद्ध न हो, क्योंकि अगर युद्ध होता है, तो इसका सबसे ज्यादा नुकसान सीमा से सटे गांव के लोगों को होगा। ऐसे में हम यही अपील करते हैं कि दोनों देशों के बीच युद्ध न हो।
राजनीति
पहलगाम आतंकी हमला: उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने बुलाया विधानसभा का एक-दिवसीय विशेष सत्र

जम्मू, 28 अप्रैल। जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले के बाद उत्पन्न स्थिति पर चर्चा के लिए विधानसभा का एक दिवसीय विशेष सत्र बुलाया है।
यह सत्र सोमवार सुबह 10:30 बजे जम्मू में आयोजित होगा। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019 की धारा 18(1) के तहत अपनी शक्तियों का उपयोग करते हुए यह आदेश जारी किया।
उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने एक आदेश में कहा, “मैं मनोज सिन्हा, केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर का उपराज्यपाल, जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019 की धारा 18(1) के तहत मुझे प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए जम्मू में 28 अप्रैल सोमवार सुबह 10:30 बजे जम्मू-कश्मीर विधानसभा की बैठक आहूत करता हूं।”
अधिकारियों के अनुसार, पहलगाम हमले के बाद सुरक्षा, क्षेत्रीय स्थिरता और अन्य संबंधित मुद्दों पर विचार-विमर्श के लिए यह विशेष सत्र बुलाया गया है। जम्मू-कश्मीर मंत्रिमंडल ने बुधवार को मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला की अध्यक्षता में हुई बैठक में उपराज्यपाल को यह सत्र आहूत करने की सलाह दी थी। मंत्रिमंडल ने इस हमले को क्षेत्रीय शांति के लिए गंभीर खतरा करार देते हुए त्वरित कार्रवाई की आवश्यकता पर बल दिया।
पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 लोगों की जान चली गई थी, जिसके बाद देशभर में आक्रोश की लहर दौड़ गई। जनता ने पाकिस्तान के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग की है। इस हमले के जवाब में भारत सरकार ने कई बड़े कदम उठाए हैं। सरकार ने सिंधु जल समझौते को निलंबित कर दिया है, जो दोनों देशों के बीच जल संसाधनों के बंटवारे का महत्वपूर्ण समझौता था। इसके अलावा, भारत ने शॉर्ट टर्म वीजा पर आए पाकिस्तानी नागरिकों को 27 अप्रैल तक देश छोड़ने का आदेश दिया था।
साथ ही, अटारी सीमा के रास्ते होने वाले व्यापार को भी रोक दिया गया है। पाकिस्तान के उच्चायोग में कर्मचारियों की संख्या को भी सीमित करने का फैसला लिया गया। पाकिस्तानी नागरिकों के लिए भारत छोड़ने की समय सीमा रविवार को समाप्त हो गई। इस आदेश के बाद देश के विभिन्न हिस्सों में रह रहे पाकिस्तानी नागरिकों का अपने देश लौटने का सिलसिला जारी है। आंकड़ों के अनुसार, अमृतसर के अटारी बॉर्डर के रास्ते अब तक 537 पाकिस्तानी नागरिक अपने वतन लौट चुके हैं। दूसरी ओर, पाकिस्तान में रह रहे 1387 भारतीय नागरिक भी भारत वापस आ चुके हैं।
पहलगाम हमले ने भारत-पाकिस्तान संबंधों को और तनावपूर्ण बना दिया है। केंद्र सरकार ने इस हमले को आतंकवाद के खिलाफ अपनी जीरो-टॉलरेंस नीति के तहत गंभीरता से लिया है। विशेषज्ञों का मानना है कि विधानसभा का यह विशेष सत्र न केवल हमले के बाद की स्थिति पर चर्चा करेगा, बल्कि क्षेत्र में शांति और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए दीर्घकालिक रणनीतियों पर भी विचार-विमर्श करेगा।
उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने विधानसभा सत्र के दौरान सभी दलों से रचनात्मक सहयोग की अपील की है। उन्होंने कहा कि यह समय एकजुट होकर आतंकवाद के खिलाफ ठोस कदम उठाने का है। सत्र में आतंकी हमले के पीड़ितों को श्रद्धांजलि देने के साथ-साथ क्षेत्रीय सुरक्षा को मजबूत करने के उपायों पर भी चर्चा होने की संभावना है।
महाराष्ट्र
पहलगाम आतंकी हमला: डोंबिवली के चश्मदीदों से पूछताछ

मुंबई: एनआईए और आईबी ने पहलगाम आतंकवादी हमले के गवाह रहे महाराष्ट्र के पर्यटकों से भी पूछताछ शुरू कर दी है। इन पर्यटकों से पूछताछ के लिए एक टीम डोंबिवली पहुंच गई है। डोंबिवली का एक परिवार अतुल माने, हेमंत जोशी और संजय लेले पर्यटन के लिए कश्मीर गए थे। पहलगाम में आतंकियों ने हिंदू कौन है यह पूछकर गोलीबारी की, जिसमें अतुल माने, हेमंत जोशी और संजय लीला की मौत हो गई। इस परिवार ने इन आतंकियों को बेहद करीब से देखा है और इस मामले का चश्मदीद भी है, इसलिए जांच एजेंसियां उनसे पूछताछ करने के लिए मुंबई से सटे डोंबिवली में दाखिल हुई हैं। सभी टीमें पहले डोंबिवली पुलिस स्टेशन पहुंचीं और फिर परिवार के घर के लिए रवाना हो गईं। पुलिस ने भी आतंकवादियों के खिलाफ अपना अभियान तेज कर दिया है और आतंकवादियों पर दो-दो लाख रुपये का इनाम रखा गया है। इसके अलावा, उनकी पहचान कर ली गई है और उनके स्केच भी जारी कर दिए गए हैं। एनआईए सूत्रों ने बताया कि आतंकवादी हमले के मामले में प्रगति के लिए इन चश्मदीदों के बयान भी दर्ज किए जा सकते हैं और जांच एजेंसियों को और सुराग मिलने की भी उम्मीद है। इस दुखद घटना के बाद एनआईए और जांच एजेंसियों ने अब महाराष्ट्र के पर्यटकों से विवरण एकत्र करना और उनका पता लगाना शुरू कर दिया है।
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