राजनीति
कांग्रेस पार्टी देश में लोकतंत्र की विरासत.. : कन्हैया कुमार

हाल ही में कन्हैया कुमार के कांग्रेस में शामिल होने पर राजनीतिक गलियारों में काफी गहमागहमी हुई। इससे पहले वे भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) के छात्र संगठन ऑल इंडिया स्टूडेंट्स फेडरेशन से जुड़े रहे। फिर जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के छात्रसंघ के अध्यक्ष भी रहे। ऐसा माना जा रहा है कि एक लंबी चर्चा के बाद कन्हैया ने कांग्रेस का हाथ थामा है। आईएएनएस ने कन्हैया कुमार से सीधी बातचीत की। यह रिपोर्ट इसी बातचीत पर आधारित है। यह सर्वविदित है कि सीपीआई और कांग्रेस की विचारधारा अलग है। जाहिर है, कांग्रेस में आने का मतलब यह भी है कि अब कन्हैया सीपीआई से कन्नी काटेंगे। इस पृष्ठभूमि में जब उनसे यह सवाल पूछा गया कि उनकी विचारधारा में अब क्या कुछ परिवर्तन देखने को मिलेंगे, तो वे राजनीति से इतर, विचारधारा की साहित्यिक व्याख्या पर केंद्रित रहे।
उन्होंने कहा, विचार गतिशील है। विचारधारा शब्द सुनने से ही एक प्रवाहित होने वाली चीज का अहसास कराती है। परिवर्तन संसार का नियम है, फिर भी बुनियाद नहीं बदलती है। उन्होंने अपनी बुनियाद की पहचान भारतीय संस्कृति को सौंपते हुए सर्वकल्याण और वसुधैव कुटुंबकम से जोड़ा। फिर भी बीजेपी पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि अभी सत्ता पर ऐसी सोच हावी है जो सवाल जवाब पसंद नहीं करती। ऐसी सोच देश के आलोचनात्मक सवाल-जवाब की चिंतन पद्धति को खत्म कर देश को खोखला कर रही है। साथ ही कांग्रेस के ऐतिहासिक विरासत का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि कांग्रेस देश की सांस्कृतिक और वैचारिक विरासत को समेटकर चलने वाली पार्टी है, इसीलिए वे कांग्रेस के साथ जुड़ पाए।
कुछ समय से कई राज्यों में कांग्रेस पार्टी का अंतर्कलह चर्चा का विषय रहा है। जिस दिन कन्हैया कांग्रेस के साथ औपचारिक तौर से जुड़े, ठीक उसी दिन सुबह सिद्धू ने पंजाब कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष से ट्विटर पर इस्तीफा देकर कन्हैया के कांग्रेस से जुड़ने को लेकर कार्यकर्ताओं के उत्साह को लगभग फीका कर दिया।
उन्होंने कहा कि महंगाई, बेरोजगारी, कृषि कानून को लेकर देशभर में किसान के प्रदर्शन आदि तमाम मुद्दों पर प्रश्न होने चाहिए। बीजेपी की तरफ आईना घुमाते हुए कन्हैया ने कहा कि अंतर्कलह की स्वाभाविकता सत्ता पक्ष में है – क्या अमित शाह और योगी के बीच सबकुछ ठीक है? नितिन गडकरी और प्रधानमंत्री मोदी जी साथ में क्यों नहीं दिखाई देते?
कन्हैया ने कहा कि वे तमाम मुद्दे जो विपक्ष को उठाने चाहिए, कांग्रेस उठा रही है। इसमें विचारात्मक सवाल से लेकर आम जीवन से संबंधित सवाल शामिल हैं। इसीलिए वे कांग्रेस में आए हैं। मैं भी उन्हें (मुद्दों को) उठाऊंगा। किसान का सवाल हो, नौजवान का सवाल हो, बेरोजगारी का सवाल हो, गरीबी का सवाल हो, या महिलाओं के मुद्दे.. हम सभी मुद्दे उठाएंगे।
कांग्रेस से जुड़ने के बाद अपनी पहली ही प्रेस वार्ता में कन्हैया ने कांग्रेस को ‘बड़े’ जहाज की उपमा दी थी। इस जहाज को उबारने और किनारे पर लाने के सवाल पर कन्हैया ने कहा कि कांग्रेस पार्टी का होना, देश में लोकतंत्र की विरासत का होना है.. कांग्रेस परिवार एक बहुत बड़ा परिवार है, लेकिन ये वो संघ परिवार नहीं जो परिवार छोड़ने को कहे।
सीपीआई की बेगूसराय में मजबूत स्तिथि के बावजूद 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में कन्हैया बेगूसराय से करीब साढ़े चार लाख वोटों के भारी अंतर से हार गए थे। आगामी चुनाव मैदान में उतरने के सवाल पर कन्हैया ने कहा कि चुनाव मुख्यधारा की राजनीति का एक पक्ष होता है, मगर एकमात्र पक्ष नहीं होता। चुनाव अभी उनकी प्राथमिकता नहीं है। उन्होंने अपनी प्राथमिकता जनसाधारण के मुद्दों को चर्चा के केंद्र में लाना बताया। पहले आम लोगों के मुद्दों पर संघर्ष करना जरूरी है।
बहरहाल पूरे संवाद के दौरान कन्हैया कांग्रेस की प्रशंसा करते ही दिखे।
राजनीति
बिहार में 200 सीट जीतकर एनडीए बनाएगा मजबूत सरकार: सुशील सिंह

नई दिल्ली, 9 अक्टूबर : बिहार विधानसभा चुनाव का बिगुल बजने के साथ ही राजनीतिक दलों ने सरकार बनाने के दावे शुरू कर दिए हैं। चुनाव की घोषणा के बाद एनडीए और महागठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर कवायद जारी है। इस बीच भाजपा नेता सुशील सिंह ने दावा किया है कि एनडीए इस बार बिहार में 200 सीटें जीतकर मजबूत सरकार बनाएगा।
आईएएनएस से बातचीत में सुशील सिंह ने कहा, “बिहार की जनता का भरोसा एनडीए के साथ है। हम पिछले चुनाव की तुलना में अधिक सीटें जीतेंगे और 200 सीटों के साथ मजबूत सरकार बनाएंगे।”
सीट बंटवारे को लेकर केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी की नाराजगी पर सुशील सिंह ने कहा, “कोई नाराजगी नहीं है, यह सामान्य बात है। हर पार्टी चाहती है कि उसे अधिक सीटें मिलें। इसमें कुछ भी असामान्य नहीं है। राजनीतिक दल चुनाव में अधिक सीट की मांग करते हैं, जिससे वे अपने ज्यादा से ज्यादा कार्यकर्ताओं को चुनाव लड़ा सके। इसमें कुछ भी गलत नहीं है।
उन्होंने कहा कि एक-दो दिन में सीट बंटवारे की तस्वीर साफ हो जाएगी। नामांकन से पहले सभी चीजें समय पर पूरी हो जाएंगी।”
राजद नेता तेजस्वी यादव के बयानों पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा कि वे जो बोलते हैं, उसका कोई मतलब नहीं है। जनता उन्हें गंभीरता से नहीं लेती।
विधानसभा चुनाव को लेकर प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी की पहली लिस्ट पर सुशील सिंह ने कहा कि उनकी सूची जारी होने पर स्पष्ट हो जाएगा कि वे तेजस्वी यादव और महागठबंधन की मदद करना चाहते हैं या नहीं। बिहार की जनता जागरूक है और सब समझ रही है।
उन्होंने एक बार फिर इस बात को दोहराया कि बिहार में एनडीए की टक्कर में महागठबंधन दूर-दूर तक नहीं है। बिहार की जनता का भरोसा पीएम मोदी और सीएम नीतीश कुमार के विकास पर है। 14 नवंबर को एनडीए सरकार बनाएगी और बिहार के लोगों के विकास के लिए निरंतर कार्य जारी रखेगी। हमें कोई भ्रम नहीं है। उन्होंने दोहराया कि एनडीए बिहार में अधिक सीटों के साथ सरकार बनाएगा।
राजनीति
‘बसपा को कमजोर करने के लिए रची गई साजिश’, मायावती ने लगाए बड़े आरोप

लखनऊ, 9 अक्टूबर : बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख मायावती ने गुरुवार को पार्टी के संस्थापक कांशीराम के ‘परिनिर्वाण दिवस’ पर लखनऊ स्थित कांशीराम स्मारक स्थल पर आयोजित महारैली को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने विरोधी दलों पर तीखा हमला बोला।
रैली को संबोधित करते हुए बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि उनकी पार्टी को केंद्र की सत्ता तक पहुंचने से रोकने के लिए कांग्रेस, भाजपा और सपा जैसे जातिवादी दलों ने मिलकर षड्यंत्र रचा। इन दलों ने न सिर्फ राजनीतिक रूप से बसपा को कमजोर करने की कोशिश की, बल्कि दलित वोटों को बांटने के लिए बिकाऊ लोगों को खरीदकर साजिश की।
मायावती ने कहा कि साल 2007 में जब उत्तर प्रदेश में बसपा की पूर्ण बहुमत की सरकार बनी, तब इन जातिवादी पार्टियों के चेहरे बेनकाब हो गए। उन्होंने कहा, “कांग्रेस, भाजपा और सपा ने मिलकर षड्यंत्र किया कि बसपा को केंद्र की सत्ता तक न पहुंचने दिया जाए। रही-सही कसर ईवीएम ने पूरी कर दी।”
बसपा सुप्रीमो मायावती ने आरोप लगाया कि इन दलों ने बैलेट पेपर की जगह ईवीएम का इस्तेमाल कर लोकतंत्र के साथ खिलवाड़ किया, जबकि चुनाव बैलेट पेपर से भी शांति और पारदर्शिता के साथ कराए जा सकते हैं।
बसपा प्रमुख ने अपने संबोधन में कांग्रेस पर सबसे पहले निशाना साधा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने आपातकाल लगाकर देश के संविधान और बाबा साहेब डॉ. भीमराव आंबेडकर के सिद्धांतों का अपमान किया था। मायावती ने तंज कसते हुए कहा, “कांग्रेस ने कभी भी डॉ. आंबेडकर और दलित समाज का सच्चा सम्मान नहीं किया। आज वही कांग्रेस नेता संविधान की कॉपी लेकर नाटकबाजी कर रहे हैं।”
उन्होंने सपा पर भी तीखा हमला बोला और कहा कि सपा के शासन में दलितों और पिछड़ों का उत्पीड़न हुआ। मायावती बोलीं, “सपा सरकार में कानून व्यवस्था चरमरा गई थी। गुंडों और अराजक तत्वों को संरक्षण दिया गया। प्रदेश में भय और अराजकता का माहौल था।”
उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने सवाल उठाते हुए कहा, “अभी मैंने सुना कि अखिलेश यादव कह रहे थे कि अगर उनकी सरकार बनी तो कांशीराम जी के नाम पर स्मारक बनाएंगे, लेकिन जब वे सत्ता में थे तो ऐसा क्यों नहीं किया? जब सत्ता से बाहर होते हैं, तभी इन्हें बसपा के नेता और दलित समाज के संतों की याद आती है। सत्ता में आते ही सब भूल जाते हैं।”
मायावती ने कहा कि बसपा की सरकार में जिन स्मारकों और संस्थानों का नाम कांशीराम जी के नाम पर रखा गया था, उन्हें सपा सरकार ने बदलने का काम किया। उन्होंने आगे कहा कि डॉ. आंबेडकर का सपना था कि दलितों और पिछड़ों को एकजुट होकर सत्ता की मास्टर चाबी अपने हाथ में लेनी चाहिए।
बसपा सुप्रीमो ने आगे कहा, “डॉ. आंबेडकर का यह सपना मान्यवर कांशीराम जी के जीवनकाल में तो पूरा नहीं हो सका, लेकिन हमने इसे पूरा किया। हमने तीन बार गठबंधन सरकार और एक बार पूर्ण बहुमत की सरकार बनाकर इतिहास रचा। हमने दलितों, पिछड़ों और समानतावादी विचारधारा रखने वाले लोगों को साथ लेकर ‘सर्वजन हिताय, सर्वजन सुखाय’ की नीति पर काम किया।”
उन्होंने फिर से आरोप लगाया कि जब बसपा सरकार मजबूत होती गई, तब कांग्रेस और भाजपा की केंद्र सरकारों ने सीबीआई और आयकर विभाग जैसी एजेंसियों का इस्तेमाल कर उनकी छवि को धूमिल करने की कोशिश की। हम पर झूठे केस लगाए गए, ताकि बसपा का मनोबल टूट जाए। लेकिन हमने कभी हार नहीं मानी और न्याय पाने के लिए अदालतों का दरवाजा खटखटाया।
इस मौके पर मायावती ने कांशीराम जी को श्रद्धांजलि अर्पित की और बड़ी संख्या में पहुंचे कार्यकर्ताओं का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि बसपा महज एक राजनीतिक दल नहीं बल्कि एक आंदोलन है, जो समाज के दबे-कुचले वर्गों को सम्मान और अधिकार दिलाने के लिए सतत संघर्षरत है।
उन्होंने कहा कि हमारे विरोधी चाहे कितनी भी साजिशें रच लें, बसपा का आंदोलन न कभी झुका है, न झुकेगा।
रैली के लिए रमाबाई अंबेडकर मैदान में बसपा कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों के ठहरने की व्यवस्था की गई। रैली में प्रदेशभर से बड़ी संख्या में कार्यकर्ता पहुंचे। बसपा संगठन ने करीब पांच लाख लोगों के जुटान का दावा किया है।
सुरक्षा के लिए कई हजार से अधिक पुलिसकर्मी तैनात किए गए, जबकि ट्रैफिक पुलिस ने वैकल्पिक मार्ग भी निर्धारित किए। यह रैली सिर्फ श्रद्धांजलि कार्यक्रम नहीं, बल्कि राजनीतिक शक्ति प्रदर्शन के रूप में भी देखी जा रही है।
राजनीति
कांग्रेस सांसद ने ‘जल जीवन मिशन’ के तहत मणिपुर में घोटाले का लगाया आरोप, जांच की मांग

नई दिल्ली/इंफाल, 8 अक्टूबर: कांग्रेस ने बुधवार को आरोप लगाया कि मणिपुर में केंद्र प्रायोजित योजना जल जीवन मिशन के तहत कई सौ करोड़ रुपए का घोटाला हुआ है। कांग्रेस ने अदालत की निगरानी में जांच की मांग की।
आंतरिक मणिपुर संसदीय क्षेत्र से कांग्रेस के लोकसभा सांसद अंगोमचा बिमोल अकोईजाम ने दावा किया कि जल शक्ति मंत्रालय के आंकड़े दावा करते हैं कि मणिपुर के लगभग 80 प्रतिशत ग्रामीण घरों में नल का पानी पहुंचाया जा चुका है, लेकिन जमीनी स्तर पर कुछ भी नहीं है।
अकोईजाम ने कहा कि उन्होंने मणिपुर उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका (पीआईएल) दायर की है, जिसमें राज्य में जल जीवन मिशन के कार्यान्वयन की अदालत की निगरानी में जांच की मांग की गई है। उन्होंने कहा कि जनहित याचिका में जल जीवन मिशन के तहत स्वीकृत और उपयोग की गई धनराशि का जिलावार व्यापक ऑडिट, सरकार द्वारा किए गए घरेलू नल जल कनेक्शन के दावों का सत्यापन और संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत जीवन के मौलिक अधिकार के तहत सुरक्षित पेयजल तक पहुंच को मान्यता देने की मांग की गई है, जिसमें राज्य भर में प्रत्येक घर को प्रतिदिन कम से कम दो घंटे नल के पानी की आपूर्ति की गारंटी हो।
कांग्रेस सांसद ने नई दिल्ली स्थित एआईसीसी मुख्यालय में मीडिया से बात करते हुए खुलासा किया कि उन्होंने कई गांवों का दौरा करके सरकारी रिकॉर्ड में किए गए दावों की व्यक्तिगत रूप से जांच और सत्यापन करने का प्रयास किया था।
उन्होंने आधिकारिक दावों और हकीकत में भारी अंतर होने पर हैरानी जताई और दावा किया कि पाइप भी नहीं बिछाए गए थे, और यह भी कहा कि उनके द्वारा मामला उठाए जाने के बाद ही प्रशासन ने पाइप बिछाने का काम शुरू किया।
अकोईजाम ने बताया कि यह सरकार के अपने ही दावों को झूठा साबित करता है। एक ओर, सरकार दावा करती है कि काम पूरा हो गया है और लोगों को नल का पानी उपलब्ध कराया जा रहा है, जबकि सरकार ने पाइप बिछाने का काम शुरू कर दिया है। जबकि असल में, पाइप बिछाने का काम अभी शुरू ही हुआ है।
कांग्रेस सांसद ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि राज्य को ऐसे समय में लूटा गया जब वह एक दुखद दौर से गुजर रहा था, जहां हर जगह हिंसा हो रही थी।
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