राजनीति
मुख्यमंत्री योगी ने नरेन्द्र गिरि को दी श्रद्धांजलि, बोले- पुलिस के हाथ कई सुराग मिले

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि का सोमवार शाम बाघंबरी मठ में संदिग्ध हालत में मौत हो गयी है। मंगलवार को यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि को उनके बाघंबरी मठ स्थित आवास पर श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा कि पुलिस के हाथ कई सुराग मिले हैं। मामले की जांच होगी। दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दी जाएगी। इस दौरान उनके साथ प्रदेश भाजपा अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह और स्थानीय सांसद रीता बहुगुणा जोशी भी मौजूद रहे। मुख्यमंत्री ने कहा, “इस दुखद घटना से हम सभी दुखी हैं। कुंभ के सफल आयोजन में नरेंद्र गिरि का बड़ा योगदान था। पुलिस के चार बड़े अफसर मामले की जांच कर रहे हैं। एक-एक घटना का पदार्फाश होगा। जो भी जिम्मेदार होगा, उसे सजा मिलेगी। दोषियों को कठोर सजा मिलेगी। दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। दोषी बचेगा नहीं, हर हाल में सजा मिलेगी। नरेंद्र गिरि मौत मामले की जांच जारी है इसलिए बेवजह की बयानबाजी से बचना चाहिए।”
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि “उनका जाना संत समाज के लिए अपूरणीय क्षति है। नरेंद्र गिरि के निधन से बेहद दुखी हूं। संत समाज की ओर से श्रद्धांजलि देने आया हूं। इस दुखद घटना से हम सब व्यथित हैं। यह हमारे आध्यात्मिक और धार्मिक समाज की अपूरणीय क्षति है। मान अपमान की चिंता के बगैर उन्होंने प्रयागराज कुंभ को भव्यता के साथ आयोजित करने में योगदान दिया था। समाज और देश के हित में किए जाने वाले हर निर्णय में उनका सहयोग प्राप्त होता था। उनकी इच्छा थी कि प्रधानमंत्री कुंभ में प्रयागराज पधारें, वो आए भी। नरेंद्र गिरि प्रयागराज के विकास को लेकर तत्पर रहते थे। कुंभ में आए श्रद्धालुओं की व्यवस्था और 13 अखाड़ों के बीच समन्वय और आए संतों की व्यवस्था के प्रति लगे रहते थे। साधु समाज, मठ-मंदिर की समस्याओं को लेकर उनका सहयोग प्राप्त होता था। उनके संकल्पों को पूरा करने की शक्ति उनके अनुयायियों को मिले।”
इससे पहले यूपी के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि को उनके बाघंबरी मठ स्थित आवास पर अंतिम श्रद्धांजलि दी।
उधर एडीजी लॉ एंड ऑडर प्रशांत कुमार ने कहा कि नरेंद्र गिरि मौत मामले की निष्पक्ष जांच हो रही है। महंत के शिष्य आनंद गिरि को गिरफ्तार कर लिया गया है। आरोपी को प्रयागराज लाया जा रहा है। हर पहलू की गहनता से जांच की जा रही है। सुसाइड नोट के आधार पर गिरफ्तारी की गई है।
गौरतलब हो कि देश में संतों की सबसे बड़ी संस्था अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेन्द्र गिरि की सोमवार शाम प्रयागराज में संदिग्ध हालात में मौत हो गई। उनका शव अल्लापुर में श्री मठ बाघम्बरी गद्दी के कमरे में मिला। मौत की स्पष्ट वजह सामने नहीं आई है लेकिन कहा जा रहा है कि उन्होंने फंदे से लटककर आत्महत्या की है। मौके से आठ पेज का सुसाइड नोट मिला है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने महंत की मौत को दुखदायी बताया है। उप मुख्यमंत्री का कहना है कि घटना की उच्चस्तरीय जांच कराई जाएगी।
यूपी के एडीजी ने बताया कि शिष्य आनंद गिरि को हिरासत में ले लिया गया है। शव का पोस्टमार्टम अखाड़ा परिषद के पदाधिकारियों की सहमति के बाद कराया जाएगा। महंत नरेंद्र गिरि की मृत्यु की सूचना के बाद हर कोई सदमे में है।
महाराष्ट्र
मेडिकल इमरजेंसी के चलते वर्जिन अटलांटिक फ्लाइट तुर्की में डायवर्ट, 200 से अधिक यात्री सैन्य एयरबेस पर 22 घंटे से फंसे

मुंबई, 8 अप्रैल: लंदन से मुंबई जा रही वर्जिन अटलांटिक की फ्लाइट VS358 को विमान में मेडिकल इमरजेंसी के चलते तुर्की के एक सुदूर सैन्य एयरबेस, दियारबाकिर हवाई अड्डे पर आपातकालीन रूप से उतारा गया। इस घटना के चलते फ्लाइट में सवार 200 से अधिक यात्री पिछले 22 घंटे से अधिक समय से वहां फंसे हुए हैं।
यह फ्लाइट बुधवार सुबह 11:40 बजे लंदन के हीथ्रो एयरपोर्ट से मुंबई के छत्रपति शिवाजी महाराज अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के लिए रवाना हुई थी। रास्ते में एक यात्री को घबराहट का दौरा पड़ा, जिसके बाद फ्लाइट को तुर्की के दियारबाकिर एयरपोर्ट की ओर मोड़ना पड़ा।
सूत्रों के अनुसार, विमान को तुर्की एयरबेस पर उतारने के बाद यात्रियों को लगभग पांच घंटे तक विमान में ही इंतजार करना पड़ा, जिसके बाद उन्हें विमान से बाहर आने की अनुमति दी गई। हालांकि, दियारबाकिर एयरपोर्ट मुख्यतः एक सैन्य एयरबेस होने के कारण, न तो यह वाइड-बॉडी विमानों को संभालने में सक्षम है और न ही यात्रियों को बाहर निकलने की अनुमति दी गई।
फंसे हुए यात्रियों ने सोशल मीडिया पर अपनी व्यथा साझा की है। उनका कहना है कि न तो उन्हें कोई आवास दिया गया है और न ही खाने-पीने जैसी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं। एक यात्री सतीश कप्सिकर ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर लिखा, “लंदन से मुंबई जा रही फ्लाइट VS358 की डायवर्जेंसी के चलते मैं और 270 अन्य भारतीय यात्री दियारबाकिर एयरपोर्ट पर फंसे हुए हैं। बुजुर्ग, बच्चे परेशान हैं और हमें वर्जिन अटलांटिक से कोई सहायता नहीं मिल रही। कृपया मदद करें।”
एक अन्य पोस्ट में शेरिलिन फर्नांडिस ने लिखा, “एक गर्भवती महिला सहित 200 से अधिक यात्री बिना पानी और जरूरी सुविधाओं के फंसे हुए हैं। एयरपोर्ट स्टाफ, जो इस अनचाहे लैंडिंग से नाराज है, यात्रियों से पासपोर्ट मांग रहा है।”
एयरलाइन ने यात्रियों को सूचित किया कि वैकल्पिक विमान की व्यवस्था की जा रही है। इस घटनाक्रम के चलते गुरुवार को लंदन से मुंबई रवाना होने वाली उसी फ्लाइट को रद्द कर दिया गया।
घटना के बाद अंकारा स्थित भारतीय दूतावास सक्रिय हुआ है और उसने फंसे यात्रियों की मदद के लिए तुर्की अधिकारियों से संपर्क साधा है। दूतावास ने एक्स पर पोस्ट किया “अंकारा स्थित भारतीय दूतावास दियारबाकिर एयरपोर्ट निदेशालय और संबंधित अधिकारियों के संपर्क में है। फंसे हुए यात्रियों की देखभाल के लिए सभी संभव प्रयास किए जा रहे हैं।
मुंबई प्रेस ने वर्जिन अटलांटिक से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन एयरलाइन की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली।
वहीं, यात्री और उनके परिजन लगातार मदद की गुहार लगा रहे हैं, क्योंकि 22 घंटे बाद भी स्थिति का कोई स्पष्ट समाधान नहीं निकल पाया है।
राजनीति
जम्मू-कश्मीर विधानसभा में वक्फ अधिनियम को लेकर हंगामा, कार्यवाही स्थगित

श्रीनगर, 8 अप्रैल। जम्मू-कश्मीर विधानसभा में मंगलवार को वक्फ अधिनियम के मुद्दे पर सत्तारूढ़ नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) और विपक्षी पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) तथा पीपुल्स कॉन्फ्रेंस (पीसी) के विधायकों के बीच तीखी नोकझोंक और हंगामे के कारण स्पीकर अब्दुल रहीम राथर को सदन की कार्यवाही 30 मिनट के लिए स्थगित करनी पड़ी।
सदन की कार्यवाही शुरू होते ही पीडीपी विधायक वहीद पारा और पीसी विधायक सज्जाद गनी लोन अपनी सीटों से खड़े हो गए और वक्फ संशोधन अधिनियम पर चर्चा की मांग करने लगे। इस दौरान एनसी विधायक सलमान सागर और सज्जाद गनी लोन के बीच मौखिक झड़प हुई। दोनों ने एक-दूसरे पर ‘भाजपा के हाथों में खेलने’ का आरोप लगाया।
स्पीकर ने बार-बार हंगामा कर रहे विधायकों से अपनी सीटों पर लौटने की अपील की, लेकिन स्थिति नियंत्रण में नहीं आई। अवामी इत्तेहाद पार्टी (एआईपी) के विधायक खुर्शीद अहमद भी एनसी विधायकों के साथ सज्जाद लोन और वहीद पारा के साथ बहस में शामिल हो गए।
इसके बाद अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही 30 मिनट के लिए स्थगित कर दी और वक्फ संशोधन अधिनियम पर चर्चा की अनुमति देने से इनकार कर दिया तथा कहा कि मामला न्यायालय में विचाराधीन है, इसलिए इस पर सदन में बहस नहीं की जा सकती।
विधानसभा के बाहर वहीद पारा ने संवाददाताओं से कहा कि देश के एकमात्र मुस्लिम बहुल राज्य के मुख्यमंत्री के तौर पर उमर अब्दुल्ला को वक्फ संशोधन अधिनियम पर चर्चा कराने के लिए सदन में उपस्थित रहना चाहिए था।
पारा ने कहा, “मुख्यमंत्री ने अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री के साथ ट्यूलिप गार्डन में टहलने का विकल्प चुना। जिन्होंने लोकसभा में वक्फ संशोधन विधेयक पेश किया था।”
इससे पहले, एनसी प्रवक्ता और विधायक तनवीर सादिक ने वहीद पारा पर ‘भाजपा का खेल’ खेलने का आरोप लगाया था। तनवीर सादिक ने कहा, ‘‘वह उनकी गोद में बैठे हैं।’’
सज्जाद लोन ने कहा, “अगर एनसी को लगता है कि स्पीकर वास्तविक मुद्दे पर अविश्वास प्रस्ताव की अनुमति नहीं दे रहे हैं तो उन्हें उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाना चाहिए, अन्यथा यह एक ड्रामा लगेगा।”
जम्मू-कश्मीर विधानसभा का 40 दिवसीय बजट सत्र 11 अप्रैल को समाप्त होगा।
महाराष्ट्र
मैलोनी रामनवमी: जामा मस्जिद पर हिंसा,पुलिस से कार्रवाई की मांग, माहौल खराब करने का प्रयास

मुंबई: मुंबई में रामनवमी का जुलूस शांतिपूर्वक संपन्न हो गया. जुलूस के मद्देनजर पुलिस ने विशेष सुरक्षा व्यवस्था की थी। इसके साथ ही पुलिस ने मलाड मालोनी समेत संवेदनशील इलाकों में हाई अलर्ट भी जारी कर दिया था। देर रात तक जुलूस में कोई अप्रिय घटना या सांप्रदायिक हिंसा की शिकायत नहीं मिली और रामनवमी शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हो गई। रामनवमी मुंबई पुलिस कमिश्नर विवेक पनसलकर के लिए एक चुनौती थी, लेकिन पुलिस कमिश्नर ने अपना कर्तव्य बखूबी निभाया और इसे शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न कराया।
मुंबई में रामनवमी जुलूस के दौरान मालोनी में उपद्रवियों ने अंजुमन जामा मस्जिद के गेट नंबर 7 पर 40 मिनट तक शरारती नारे लगाकर उत्पात मचाया, जिससे इलाके में तनाव फैल गया, लेकिन मुसलमानों ने धैर्य और संयम का परिचय देते हुए शांति और व्यवस्था बनाए रखी। मस्जिद के बाहर हुई इस शरारत के बाद अब मुसलमानों ने अपनी नाराजगी जाहिर की है और पुलिस से भी शिकायत की है। स्थानीय मुसलमानों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने कहा है कि पुलिस की मौजूदगी में रामनवमी शोभा यात्रा के दौरान मुसलमानों के खिलाफ आपत्तिजनक नारे के साथ-साथ जहरीले नारे भी लगाए गए। इतना ही नहीं, जुलूस को जानबूझकर मस्जिद के बाहर रोक दिया गया और डीजे बजाया गया। यह डीजे एक घंटे 40 मिनट तक बजाया गया, लेकिन पुलिस ने इन उपद्रवियों को यहां से नहीं हटाया।
मुसलमानों ने इस मामले में धैर्य और संयम दिखाकर व्यवस्था बनाए रखी। मुसलमानों ने आरोप लगाया कि जब जुलूस को मस्जिद मार्ग पर लाया गया, तो मस्जिद में नमाज चल रही थी और उपद्रवियों ने मस्जिद में जुलूस को रोककर मुसलमानों और नमाजियों को भड़काने और गुमराह करने की कोशिश की। हालाँकि, पुलिस ने पहले ही मस्जिद समिति की बैठक कर ली थी और जुलूस के दौरान किसी को भी मस्जिद से बाहर आने पर रोक लगा दी थी, इसलिए मुसलमानों ने इसका पालन किया। स्थानीय मुसलमानों ने कहा कि कुछ उपद्रवी तत्व इलाके का माहौल खराब करना चाहते हैं, इसीलिए मस्जिदों के बाहर इस तरह की शरारतें की जा रही हैं।
पुलिस ने पहले भी उपद्रवियों को धार्मिक स्थलों और मस्जिदों के बाहर शोरगुल व अन्य चीजें न करने के लिए समझाया था, लेकिन जानबूझकर विश्व हिंदू परिषद बजरंग के इस जुलूस में मस्जिदों के बाहर खुलेआम उपद्रव का प्रदर्शन किया गया। इसलिए अब अंजुमन जामिया मस्जिद ने इस बारे में पुलिस में शिकायत करने का फैसला किया है और पुलिस से इस मामले में जुलूस समिति के खिलाफ मामला दर्ज करने का भी अनुरोध किया है क्योंकि इसने परमिट का उल्लंघन किया है और शांति भंग करने की भी कोशिश की है। मुसलमानों ने कहा है कि मलाड मालोनी में सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने और हिंदुओं और मुसलमानों के बीच विभाजन पैदा करने के लिए सांप्रदायिक संगठनों द्वारा इस तरह की रणनीति अपनाई जा रही है, जबकि इस क्षेत्र में हिंदू और मुसलमान एक साथ रहते हैं।
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