राजनीति
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ऑस्कर फर्नांडिस का 80 वर्ष की आयु में निधन
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री ऑस्कर फर्नांडिस का सोमवार को मैंगलोर में निधन हो गया। वह 80 वर्ष के थे। वह राज्यसभा के एक मौजूदा सदस्य थे। फर्नांडिस इस साल 20 जुलाई को अपना नियमित व्यायाम करते समय दुर्घटनावश गिर जाने के बाद गंभीर रूप से घायल हो गए थे। उन्हें मैंगलोर के एक सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में गहन चिकित्सा इकाई (आईसीयू) में भर्ती कराया गया था।
बताया जा रहा है कि जुलाई में अपने आवास पर योग का अभ्यास करने के दौरान सिर में लगी चोट के बाद ऑस्कर फर्नांडिस का इलाज चल रहा था।
उनका जन्म 27 मार्च 1941 को उडुपी में हुआ था।
डॉक्टरों ने उनके सिर में एक क्लोट (खून का थक्का जमना) निकालने के लिए उनका ऑपरेशन किया था। हालांकि, वह बेहोशी की स्थिति से कभी वापस नहीं आ पाए। फर्नांडिस का नियमित अंतराल पर डायलिसिस भी हो रहा था। उनके परिवार में पत्नी, बेटा और एक बेटी है।
फर्नांडिस को ब्रदर ऑस्कर के नाम से जाना जाता था और वे कांग्रेस सुप्रीमो सोनिया गांधी के करीबी थे। उन्होंने यूपीए सरकार में केंद्रीय परिवहन, सड़क और राजमार्ग, श्रम और रोजगार मंत्री के रूप में कार्य किया था।
वह कर्नाटक के उडुपी संसदीय क्षेत्र से पांच बार लोकसभा सांसद रह चुके थे और उन्हें कांग्रेस द्वारा राज्यसभा के लिए नामित किया गया था। एक स्कूल शिक्षक के बेटे होने के नाते, वह गांधी परिवार का विश्वास जीतकर कांग्रेस पार्टी में मान्यता के सर्वोच्च पद तक पहुंचे। उन्होंने दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के संसदीय सचिव के रूप में भी कार्य किया था।
उन्होंने एआईसीसी महासचिव के रूप में भी कार्य किया और उन्हें विभिन्न स्थितियों को संभालने को लेकर पार्टी के लिए एक संकटमोचक के रूप में जाना जाता था।
कांग्रेस के एक स्थानीय नेता ने बताया कि पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और राज्य कांग्रेस अध्यक्ष डी. के. शिवकुमार के अलावा कर्नाटक के कई प्रमुख कांग्रेस नेताओं ने उनके निधन पर दुख जताया और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। लोकसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे और अन्य कांग्रेस के वरिष्ठ नेता फर्नांडिस को श्रद्धांजलि देने पहुंचे।
कांग्रेस नेता के निधन पर दुख व्यक्त करते हुए, पार्टी के पूर्व अध्यक्ष और वरिष्ठ नेता राहुल गांधी ने कहा, “श्री ऑस्कर फर्नांडीस जी के परिवार और दोस्तों के प्रति मेरी हार्दिक संवेदना। यह मेरे लिए एक व्यक्तिगत क्षति है। वह कांग्रेस पार्टी में हम में से कई लोगों के लिए एक मार्गदर्शक और संरक्षक थे। उन्हें याद किया जाएगा और उनके योगदान के लिए प्यार से उनका स्मरण किया जाएगा।”
कांग्रेस मीडिया विभाग के प्रमुख और महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि कांग्रेस पार्टी का एक बरगद का पेड़ गिर गया है। उन्होंने कहा, “ऑस्कर फर्नांडिस जी एक मार्गदर्शक, संरक्षक और संगठन निर्माता थे, जो कांग्रेस कार्यकर्ताओं से जुड़े थे और वे बदले में उनसे प्यार करते थे। शायद उनके जैसा कोई नहीं होगा। शाश्वत कांग्रेसी को हमारी भावभीनी श्रद्धांजलि।”
फर्नांडिस ने 1972 में उडुपी नगर परिषद के पार्षद के रूप में अपना राजनीतिक जीवन शुरू किया था।
राष्ट्रीय समाचार
सरकार इन्फ्रास्ट्रक्चर पर कर रही फोकस, निजी सेक्टर को बढ़ानी होगी हिस्सेदारी: आर्थिक सर्वेक्षण
नई दिल्ली, 31 जनवरी। सरकार ने पिछले पांच वर्षों में इन्फ्रास्ट्रक्चर (फिजिकल, डिजिटल और सोशल) पर विशेष ध्यान केंद्रित किया है और अब इन प्रयासों को पूरी ताकत से पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप के जरिए देश में लागू करने की आवश्यकता है। यह जानकारी शुक्रवार को जारी किए गए आर्थिक सर्वेक्षण 2024-25 में दी गई।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा संसद में पेश किए गए सर्वेक्षण में कहा गया, “भारत की विकास की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए अगले दशक में इन्फ्रास्ट्रक्चर में अधिक निवेश की आवश्यकता है। हालांकि, आवश्यक व्यय के अनुमान पैमाने में भिन्न हैं, लेकिन आम सहमति है कि इन उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए मौजूदा इन्फ्रास्ट्रक्चर पर खर्च को बढ़ाने की आवश्यकता है।”
वित्त वर्ष 2024-25 में चुनावों के बाद पूंजीगत खर्च में वृद्धि हुई है। सरकार ने इन्फ्रास्ट्रक्चर के निर्माण की गति को जारी रखने के महत्व और सस्टेनेबल कंस्ट्रक्शन प्रैक्टिस को बढ़ावा देने की बढ़ती आवश्यकता को पहचाना है।
सर्वेक्षण में कहा गया कि विकसित भारत 2047 के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए जरूरी इन्फ्रास्ट्रक्चर अपग्रेड के लिए केवल पब्लिक कैपिटल पर्याप्त नहीं है। यह दिखाता है कि निजी सेक्टर को भी इन्फ्रास्ट्रक्चर में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने की जरूरत है।
सर्वेक्षण के मुताबिक, भारत में विकास की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए अगले दशक में इन्फ्रास्ट्रक्चर में पर्याप्त निवेश की आवश्यकता है।
देश में इन्फ्रास्ट्रक्चर की आवश्यकता को देखते केंद्र सरकार ने पूंजीगत खर्च को वित्त वर्ष 20 से लेकर वित्त वर्ष 24 में 38.8 प्रतिशत की दर से बढ़ाया है।
नेशनल इन्फ्रास्ट्रक्चर पाइपलाइन (एनआईपी) को एक दूरदर्शी दृष्टिकोण के साथ लॉन्च किया गया था, जिसका लक्ष्य वित्त वर्ष 20 से वित्त वर्ष 25 तक लगभग 111 लाख करोड़ रुपये के अनुमानित इन्फ्रास्ट्रक्चर निवेश को टारगेट करना है।
मौजूदा समय में इसमें 37 सब-सेक्टर्स के 9,766 प्रोजेक्ट्स हैं। इन प्रोजेक्ट्स को इंटीग्रेटेड इंडिया इन्वेस्टमेंट ग्रिड (एनआईपी- प्रोजेक्ट मॉनिटरिंग ग्रुप) पोर्टल द्वारा ट्रैक और रिव्यू किया जाता है।
सरकार की ओर से इन्फ्रास्ट्रक्चर में निवेश आकर्षित इनोवेटिव फ्रेमवर्क को अपनाया जा रहा है।
अंतरराष्ट्रीय समाचार
ट्यूनीशिया ने कांगो में तनाव बढ़ने पर जताई चिंता, कहा – पूरे क्षेत्र की सुरक्षा को हो सकता है खतरा
ट्यूनिस, 31 जनवरी। ट्यूनीशिया के विदेश मंत्रालय ने पूर्वी पूर्वी लोकतांत्रिक गणराज्य कांगो (डीआरसी) में बढ़ते तनाव को लेकर चिंता जताई। बयान में कहा गया कि वहां की हालात पर ट्यूनिस ने नजर बनाई हुई है।
पीड़ितों के परिवारों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करते हुए ट्यूनीशिया ने चेतावनी दी कि तनावपूर्ण घटनाक्रम डीआरसी में शांति प्रयासों को खतरे में डाल सकता है। इससे पूरे क्षेत्र की सुरक्षा और स्थिरता को खतरा हो सकता है।
बयान के मुताबिक ट्यूनीशिया ने डीआरसी की संप्रभुता की सुरक्षा और लुआंडा प्रक्रिया के तहत जुलाई 2024 के अंत में स्थापित युद्धविराम समझौते का पालन करने का समर्थन किया।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, ट्यूनीशिया ने अफ्रीकी और संयुक्त राष्ट्र द्वारा चलाए जा रहे प्रयासों का समर्थन किया। इन कोशिशों का मकसद निर्दोष लोगों की जान बचाना और मानवीय स्थिति को खराब होने से रोकना है। इसके लिए सैन्य अभियानों को समाप्त करना जरूरी है।
30 जनवरी को कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य के राष्ट्रपति फेलिक्स त्सेसीकेदी ने कहा था कि क्षेत्रीय समूहों द्वारा चल रहे शांति प्रयासों के बावजूद, पूर्वी डीआरसी में ’23 मार्च मूवमेंट (एम23)’ के विद्रोहियों की बढ़ती गतिविधियों पर वह ‘कड़ी प्रतिक्रिया’ देंगे।
राष्ट्रीय टेलीविजन पर अपने संबोधन में त्सेसीकेदी ने कहा, ‘डीआरसी के हर हिस्से को वापस हासिल करने के लिए’ एक कार्रवाई चल रही है। एम 23 ने उत्तरी किवु प्रांत की राजधानी गोमा और एक महत्वपूर्ण क्षेत्रीय केंद्र पर अपना नियंत्रण होने का दावा किया है।
त्सेसीकेदी ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन और दक्षिणी अफ्रीकी विकास समुदाय (एसएडीसी) बलों के समर्थन से चल रहे सैन्य प्रयासों के अलावा डीआरसी कूटनीतिक रूप से भी जुड़ा हुआ है। खासकर लुआंडा प्रक्रिया के जरिए जो अंगोला के राष्ट्रपति जोआओ लौरेंको के नेतृत्व में एक शांति पहल है।
रविवार शाम से, लगभग 10 लाख निवासियों वाले शहर गोमा में हिंसक झड़पों की खबरें आ रही हैं, जिनमें 700,000 से अधिक आंतरिक रूप से विस्थापित लोग शामिल हैं।
सूत्रों के अनुसार, एम23 विद्रोहियों ने सोमवार को एयरपोर्ट, बंदरगाह और स्थानीय डीआरसी सेना के अड्डे समेत कई महत्वपूर्ण जगहों पर कब्जा कर लिया।
राष्ट्रीय समाचार
जम्मू-कश्मीर : गुरेज घाटी में ताजा बर्फबारी से जनजीवन प्रभावित, बांदीपोरा-गुरेज मार्ग बंद
बांदीपोरा, 31 जनवरी। उत्तरी कश्मीर के बांदीपोरा जिले की गुरेज घाटी में ताजा बर्फबारी के कारण क्षेत्र में जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। गुरेज क्षेत्र के ऊंचे इलाकों जैसे डावर, कंजालवान, नीरू, बागतोर और तुलैल में लगभग चार इंच बर्फबारी हुई है, जिसके कारण आम जीवन में प्रभावित हुआ है।
राजदान दर्रे पर भारी बर्फबारी के कारण बांदीपोरा-गुरेज सड़क को असुरक्षित मानते हुए एहतियातन बंद कर दिया गया है। इस सड़क की लंबाई 85 किलोमीटर है और यह घाटी के प्रमुख संपर्क मार्गों में से एक है।
स्थानीय प्रशासन ने यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए इस मार्ग को अस्थायी रूप से बंद कर दिया है।
यात्रियों और वाहन चालकों को सलाह दी गई है कि वे अपनी यात्रा शुरू करने से पहले स्थानीय नियंत्रण कक्षों से सड़क की स्थिति की जानकारी प्राप्त करें।
प्रशासन की टीम स्थिति पर कड़ी नजर रख रही है। जैसे ही मौसम में सुधार होगा, कनेक्टिविटी बहाल करने के प्रयास जारी रहेंगे।
इस बीच, गुरेज घाटी में सामान्य गतिविधियां भी प्रभावित हो रही हैं और स्थानीय निवासियों को असुविधाओं का सामना करना पड़ रहा है।
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