राजनीति
राकेश टिकैत ने अपने स्वार्थ के लिए मुद्दों का राजनीतिकरण कर किसानों को बदनाम किया : भाजपा
उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में किसान महापंचायत के एक दिन बाद भाजपा ने कहा कि भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के नेता राकेश टिकैत ने अपने स्वार्थ के लिए इस मुद्दे का राजनीतिकरण कर किसानों को बदनाम किया है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) किसान मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और फतेहपुर सीकरी से लोकसभा सदस्य राजकुमार चाहर ने आईएएनएस को बताया कि वह किसानों के कंधों पर बंदूक रखकर अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षा को पूरा कर रहे हैं।
चाहर ने दावा किया कि इस कार्यक्रम में भाग लेने वालों में अधिकांश समाजवादी पार्टी (सपा), राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) और अन्य राजनीतिक दलों के राजनीतिक कार्यकर्ता थे।
चाहर ने कहा, “कल के कार्यक्रम में भाग लेने वालों में अधिकांश सपा, रालोद और अन्य राजनीतिक दलों के कार्यकर्ता थे, जबकि किसान महापंचायत से दूर रहे।”
उन्होंने आरोप लगाया कि टिकैत ने कुछ राजनीतिक दलों के समर्थन से अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षा को पूरा करने के लिए किसानों का इस्तेमाल किया, जो नए कृषि कानूनों पर सभी को गुमराह कर रहे हैं।
उन्होंने आगे कहा कि यह कोई महापंचायत नहीं है, बल्कि अगले साल होने वाले उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए आयोजित एक राजनीतिक रैली है।
उन्होंने कहा, “टिकैत जानते हैं कि महापंचायत का क्या मतलब है। महापंचायत में हर कोई मुद्दों पर चर्चा करता है लेकिन कल के कार्यक्रम में यह एक रैली थी जिसमें नेताओं ने राजनीतिक भाषण दिए।”
चाहर ने टिकैत और अन्य किसान नेताओं को नए कृषि कानूनों पर चर्चा करने के लिए वास्तविक किसानों और कृषि विशेषज्ञों को बुलाकर एक वास्तविक पंचायत आयोजित करने की चुनौती दी।
उन्होंने कहा, “उन्हें नए कृषि कानूनों पर गंभीर चर्चा के लिए वास्तविक किसानों और विशेषज्ञों को बुलाकर एक पंचायत का आयोजन करना चाहिए। लेकिन वे ऐसा नहीं करेंगे क्योंकि किसानों के लाभ के लिए नए कृषि कानून लागू किए गए हैं और इस तरह की चर्चा उन्हें बेनकाब करेगी। ये तथाकथित किसान नेता राजनीति कर रहे हैं और उन्हें किसानों के कल्याण में कोई दिलचस्पी नहीं है।”
चाहर ने आगे आरोप लगाया कि टिकैत ने एक विशेष समुदाय को खुश करने के लिए सांप्रदायिक नारे लगाकर किसान के विरोध को सांप्रदायिक रंग दिया है।
राजनीति
सूरत एयरपोर्ट पर कपल से 17.658 किलो हाइड्रोपोनिक वीड जब्त, कीमत 17.5 करोड़

सूरत, 24 दिसंबर 2025: गुजरात के सूरत इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर सुरक्षा एजेंसियों ने एक बड़ी सफलता हासिल की है। बैंकॉक से आने वाली एक यात्री के पास से हाइड्रोपोनिक वीड (हाइब्रिड गांजा) जब्त की गई है।
केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ), सूरत सिटी डिटेक्शन क्राइम ब्रांच (डीसीबी), डायरेक्टरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस (डीआरआई) और कस्टम्स की जॉइंट टीम ने बैंकॉक से आने वाली फ्लाइट में यात्रा कर रहे एक कपल को रोका। उनके चेक-इन बैगेज से बड़ी मात्रा में हाइड्रोपोनिक वीड (हाइब्रिड गांजा) जब्त की।
यह कार्रवाई खुफिया सूचना के आधार पर की गई, जिसमें टीम ने कपल के सामान की गहन जांच की। जांच के दौरान 16 वैक्यूम-पैक्ड पॉलीथीन पैकेट बरामद हुए, जिनमें कुल 17.658 किलोग्राम हाइड्रोपोनिक वीड था। फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (एफएसएल) द्वारा इसकी कीमत 6.18 करोड़ रुपए आंकी गई है, जबकि काले बाजार में इसकी अनुमानित कीमत 17.5 करोड़ रुपए तक पहुंचती है।
हाइड्रोपोनिक वीड एक उच्च गुणवत्ता वाला हाइब्रिड कैनबिस है, जो नियंत्रित वातावरण में उगाया जाता है। इसमें टीएचसी (टेट्राहाइड्रोकैनाबिनॉल) की मात्रा सामान्य गांजे से कहीं ज्यादा होती है, जिसके कारण यह ड्रग तस्करों के बीच बहुत लोकप्रिय है। यह पदार्थ एनडीपीएस एक्ट, 1985 के तहत प्रतिबंधित है।
आरोपी कपल को आगे की पूछताछ और जांच के लिए संबंधित एजेंसी को सौंप दिया गया है। जांचकर्ता अब इस अंतरराष्ट्रीय ड्रग तस्करी नेटवर्क की गहराई तक पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं, जिसमें बैंकॉक से आने वाले रूट और सूरत में रिसीवर शामिल हो सकते हैं।
यह ऑपरेशन सूरत एयरपोर्ट पर हाल के महीनों में हुई कई ड्रग्स जब्तियों में से एक है, जहां बैंकॉक से आने वाली फ्लाइट्स पर नजर रखी जा रही है। इसमें शामिल सभी एजेंसियों की सतर्कता, दक्षता और बेहतरीन तालमेल की सराहना की जा रही है। यह कार्रवाई ड्रग्स तस्करी के खिलाफ भारत की जीरो टॉलरेंस नीति को मजबूत करती है।
अंतरराष्ट्रीय समाचार
अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने ट्रंप प्रशासन को इलिनोइस में नेशनल गार्ड तैनात करने से रोका

वॉशिंगटन, 24 दिसंबर: अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नेशनल गार्ड को इलिनोइस राज्य में भेजने से रोक दिया है, जिससे प्रशासन को झटका लगा है।
मीडिया के अनुसार, कोर्ट ने 6-3 वोटों से ट्रंप प्रशासन के अनुरोध को खारिज कर दिया।
कोर्ट ने अपनी वेबसाइट पर पब्लिश एक ऑर्डर में कहा, “इस शुरुआती स्टेज पर, सरकार ऐसा कोई अथॉरिटी सोर्स नहीं बता पाई है जो सेना को इलिनोइस में कानूनों को लागू करने की इजाजत दे।”
यह विवाद 4 अक्टूबर का है, जब ट्रंप ने इलिनोइस नेशनल गार्ड के 300 सदस्यों को इलिनोइस में, खासकर शिकागो और उसके आसपास एक्टिव फेडरल सर्विस में बुलाया था। कोर्ट के अनुसार, अगले दिन टेक्सास नेशनल गार्ड के सदस्यों को भी फेडरल सर्विस में शामिल किया गया और शिकागो भेजा गया।
9 अक्टूबर को, इलिनोइस के नॉर्दर्न डिस्ट्रिक्ट के यूएस डिस्ट्रिक्ट कोर्ट ने एक अस्थाई रोक लगाने वाला ऑर्डर जारी किया, जिसमें इलिनोइस में नेशनल गार्ड को फेडरल सर्विस में शामिल करने और उनकी तैनाती पर रोक लगा दी गई।
यह फैसला 16 अक्टूबर को सेवेंथ सर्किट के यूएस कोर्ट ऑफ अपील्स ने बरकरार रखा, जिसने प्रशासन को नेशनल गार्ड को फेडरल सर्विस में शामिल करने की इजाजत दी, लेकिन उनके सदस्यों को तैनात करने की नहीं। इसके बाद ट्रंप प्रशासन ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की।
व्हाइट हाउस की प्रवक्ता एबिगेल जैक्सन ने इस फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि राष्ट्रपति ने “फेडरल कानून लागू करने वाले अधिकारियों की सुरक्षा के लिए नेशनल गार्ड को एक्टिव किया था ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि दंगाई फेडरल इमारतों और प्रॉपर्टी को नुकसान न पहुंचाएं।”
इलिनोइस के डेमोक्रेटिक गवर्नर जेबी प्रित्जकर ने शिकागो के डेमोक्रेटिक मेयर के साथ मिलकर इस तैनाती का कड़ा विरोध किया था। उन्होंने इस फैसले का स्वागत करते हुए इसे ‘इलिनोइस और अमेरिकी लोकतंत्र के लिए एक बड़ी जीत’ बताया।
पर्यावरण
एनसीआर में प्रदूषण की मार से बेहाल जनता, दिसंबर भर रेड जोन में रही हवा

नई दिल्ली, 24 दिसंबर: राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में वायु प्रदूषण ने इस दिसंबर आम लोगों की सांसें पूरी तरह से जकड़ दी हैं। पूरे महीने के दौरान एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) ऑरेंज जोन में पहुंचा हो।
दिल्ली, नोएडा, ग्रेटर नोएडा और गाजियाबाद के लगभग सभी निगरानी केंद्र लगातार रेड जोन और कई स्थानों पर सीवियर कैटेगरी में दर्ज किए गए। दिल्ली के विभिन्न इलाकों में एक्यूआई बेहद खतरनाक स्तर पर बना हुआ है। नेहरू नगर में एक्यूआई 392, पुसा (डीपीसीसी) में 383, मुंडका में 378, ओखला फेज-2 में 374, विवेक विहार में 373, वजीरपुर में 368, रोहिणी में 367 और पंजाबी बाग में 366 दर्ज किया गया। नरेला में एक्यूआई 346 और नजफगढ़ में 311 रहा, जबकि शादिपुर में 310 और नॉर्थ कैंपस डीयू में 324 रिकॉर्ड किया गया।
इन सभी आंकड़ों के अनुसार दिल्ली की हवा लगातार रेड जोन में बनी हुई है। नोएडा की स्थिति भी इससे अलग नहीं है। सेक्टर-1 नोएडा में एक्यूआई 392, सेक्टर-125 में 349, सेक्टर-116 में 357 दर्ज किया गया, जबकि सेक्टर-62 नोएडा में एक्यूआई 296 रहा, जो बेहद खराब श्रेणी में आता है। ग्रेटर नोएडा के नॉलेज पार्क-5 में एक्यूआई 354 और नॉलेज पार्क-3 में 321 दर्ज किया गया। गाजियाबाद में भी प्रदूषण गंभीर बना हुआ है। वसुंधरा में एक्यूआई 371, संजय नगर में 335, लोनी में 270 और इंदिरापुरम में 240 रिकॉर्ड किया गया।
विशेषज्ञों के मुताबिक यह स्तर बच्चों, बुजुर्गों और सांस के मरीजों के लिए बेहद खतरनाक है। मौसम विभाग के अनुसार, आने वाले दिनों में प्रदूषण से राहत की कोई उम्मीद नहीं है। 24 और 25 दिसंबर को मध्यम कोहरा रहने की संभावना जताई गई है, जबकि 26 दिसंबर को घना कोहरा पड़ने का पूर्वानुमान है। तापमान 19 डिग्री अधिकतम और 7 से 9 डिग्री न्यूनतम रहने की संभावना है, वहीं आर्द्रता 95 से 100 प्रतिशत तक बनी रहेगी, जिससे प्रदूषण और अधिक समय तक वातावरण में फंसा रहेगा।
प्रदूषण के चलते अस्पतालों में सांस, आंखों में जलन, खांसी और अस्थमा के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। कई सरकारी और निजी अस्पतालों की ओपीडी में प्रदूषण से संबंधित मरीजों की संख्या में 40 से 50 प्रतिशत तक की वृद्धि दर्ज की गई है। गंभीर हालात को देखते हुए एनसीआर के कई स्कूलों में हाइब्रिड और ऑनलाइन मोड में ही कक्षाएं संचालित की जा रही हैं। विशेषज्ञों ने लोगों को अनावश्यक रूप से बाहर न निकलने, मास्क पहनने और बच्चों को विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी है।
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