राजनीति
यूपी में एक बार फिर शुरू होंगे मुख्यमंत्री जन आरोग्य मेले

कमजोर आय वर्ग के लोगों को बेहतर चिकित्सा सुविधा मुहैया कराने के लिए मुख्यमंत्री आरोग्य मेले की एक बार फिर शुरूआत होने जा रही है। विभागीय अधिकारियों को इस संबंध में कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिए जा चुके हैं। मुख्यमंत्री योगी ने इस बावत अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि आरोग्य मेले ने कम समय में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इससे सभी पात्र लोगों को लाभ मिला।
उल्लेखनीय है कि वर्ष 2020 में योगी सरकार ने यह सुनिश्चित किया था कि प्रदेश में प्रत्येक रविवार को सभी प्राथमिक और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर मुख्यमंत्री आरोग्य योजना के तहत आरोग्य मेलों का आयोजन हो। उस समय मात्र छह-सात आरोग्य मेले ही सम्पन्न हो पाये थे, जिसके माध्यम से 30 लाख से अधिक लोगों ने बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं प्राप्त कीं। उसी दौरान वैश्विक महामारी कोरोना ने दस्तक दे दी। ऐसे में सरकार को यह कार्यक्रम स्थगित करना पड़ा।
अब जब मुख्यमंत्री के ट्रेस, टेस्ट, ट्रीट की प्रभावी नीति के नाते प्रदेश में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर लगभग नियंत्रण में है, सरकार लोगों को सस्ते और बेहतर इलाज की सुविधा देने के लिए फिर से मुख्यमंत्री आरोग्य मेले शुरू करने जा रही है। विभागीय अधिकारियों को इस बावत कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए जा चुके हैं। उम्मीद है कि कोरोना प्रोटोकॉल के पालन के साथ व्यापक जनहित में एक बार फिर यह आयोजन शीघ्र ही शुरू होगा।
कोरोना को न्यूनतम स्तर पर लाने के बाद अन्य तमाम रोगों के नियंत्रण में यह आयोजन मददगार बनेगा। स्वास्थ्य विभाग इस विशेष अभियान की नोडल एजेंसी होगी। बाकी विभाग पहले की तरह ही इसमें सहयोग करेंगे। यह आयोजन न केवल लोगों के आरोग्य लाभ का जरिया बनेगा बल्कि उनको विभिन्न विषाणु जनित बीमारियों, खुले में शौच, गंदगी और प्रदूषित पानी से होने वाले रोगों के प्रति जागरूक करने का मंच भी बनेगा। मुख्यमंत्री आरोग्य मेले में स्वास्थ्य के साथ-साथ परिवार कल्याण, पोषण और स्वास्थ्य जागरूकता, आयुष्मान कार्ड, मिशन इंद्रधनुष, खुशहाल परिवार दिवस और मातृत्व वंदना दिवस जैसे कार्यक्रमों के बारे में भी सविस्तार जानकारी दी जाएगी।
आम आदमी को भी पास में ही सस्ता और आधुनिक इलाज मिले, यह योगी आदित्यनाथ की बतौर सांसद भी प्रथमिकता रही है। गोरखपुर स्थित बाबा राघव दास (बीआरडी) मेडिकल कॉलेज की बेहतरी, पूर्वांचल के मासूमों के लिए करीब चार दशकों से काल बनी इंसेफेलाइटिस के टीककरण, इलाज एवं इसकी जांच के लिए इंडियन वायरोलॉजिकल सेंटर पुणे से संबद्ध रीजनल सेंटर की स्थापना तथा गोरखपुर में एम्स के लिए सड़क से संसद तक संघर्ष, उनकी स्वास्थ्य के क्षेत्र में रुचि का प्रमाण है। इतना ही नहीं, अपने स्तर से उन्होंने गुरु श्रीगोरक्षनाथ अस्पताल की स्थापना कराकर पूर्वांचल की जनता को आधुनिक और सस्ती इलाज की सुविधा मुहैया कराई। इस अस्पताल के विशेषज्ञ चिकित्सकों की सुविधा दूरदराज के गांवों में भी मिले, इसके लिए ब्लॉक स्तर पर जांच, इलाज और दवा वितरण के लिए नि:शुल्क कैंप आयोजित किए गए। मुख्यमंत्री बनने के बाद भी यह सिलसिला जारी है।
महाराष्ट्र
मुंबई की 1,000 मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटाए गए: मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस

मुंबई: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने आज विधानसभा में दावा किया कि मुंबई की 1,000 मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटा दिए गए हैं और अब किसी भी धार्मिक स्थल पर अवैध लाउडस्पीकर नहीं हैं। उन्होंने कहा कि मुंबई पुलिस ने बिना किसी तनाव और एफआईआर के धार्मिक स्थलों से लाउडस्पीकर हटा दिए हैं, जो सराहनीय है। उन्होंने बताया कि राज्य में 3367 धार्मिक स्थलों से लाउडस्पीकर हटाए गए हैं, जिनमें से 1608 लाउडस्पीकर मुंबई में, 1049 मस्जिदों, 48 मंदिरों, 10 चर्चों और 8 गुरुद्वारों तथा 147 अन्य स्थानों से हटाए गए। मुंबई में किसी भी धार्मिक स्थल पर एक भी लाउडस्पीकर नहीं है।
महाराष्ट्र में सुप्रीम कोर्ट को सौंपी गई रिपोर्ट के अनुसार 1759 लाउडस्पीकर हटाए गए और सुप्रीम कोर्ट ने सरकार द्वारा तैयार की गई एसओपी पर सकारात्मक प्रतिक्रिया दी और मैं विशेष रूप से मुंबई पुलिस का धन्यवाद करता हूँ जिन्होंने सुप्रीम कोर्ट के आदेश को जनता तक पहुँचाकर शांतिपूर्वक मुंबई से 1608 लाउडस्पीकर हटा दिए हैं। अवैध लाउडस्पीकर हटाते समय कोई विवाद नहीं हुआ और न ही कोई एफआईआर दर्ज की गई है। फडणवीस ने कहा कि राज्य भर के धार्मिक स्थलों से अवैध लाउडस्पीकर हटा दिए गए हैं, इसके साथ ही मुंबई लाउडस्पीकर मुक्त है। लाउडस्पीकरों के खिलाफ सबसे अधिक कार्रवाई मुंबई पुलिस कमिश्नरेट में हुई है जो सराहनीय है।
महाराष्ट्र
मुंबई उर्दू अकादमी के अबू आसिम आज़मी ने राज्य हज समिति और मुस्लिम मुद्दों पर अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री से मुलाकात की

मुंबई: समाजवादी पार्टी के महाराष्ट्र अध्यक्ष और विधायक अबू आसिम आज़मी के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने आज मुंबई सहित महाराष्ट्र में अल्पसंख्यकों के विभिन्न मुद्दों को लेकर अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री दत्तात्रेय भराणा से मुलाकात की, मंत्री को एक ज्ञापन सौंपा और अल्पसंख्यक मुद्दों पर सार्थक चर्चा की।
10 सूत्री माँगों वाले इस ज्ञापन में उर्दू अकादमी को सक्रिय करने और उसके अध्यक्ष की जल्द से जल्द नियुक्ति करने, उर्दू के प्रचार-प्रसार के लिए एक बड़ी राशि आवंटित करने और उसके समुचित उपयोग, उर्दू अकादमी कार्यालय के बंद होने की सभी आशंकाओं को दूर करने, साथ ही राज्य में अल्पसंख्यक छात्रों को दी जाने वाली बंद की गई छात्रवृत्ति को फिर से शुरू करने की बात कही गई। साथ ही, अल्पसंख्यक विकास विभाग में अधिकारियों और कर्मचारियों की नियुक्ति में हो रही सुस्ती को दूर करने की भी माँग की गई।
अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री दत्तात्रेय भराणा को महाराष्ट्र हज समिति कार्यालय की माँग करते हुए लिखे गए पत्र में स्पष्ट किया गया कि यद्यपि केंद्रीय हज समिति का कार्यालय मुंबई में है, लेकिन राज्य हज समिति का कार्यालय मुंबई में न होना खेदजनक है।
मंत्री महोदय को बताया गया कि मुंबई स्थित इस्माइल यूसुफ कॉलेज के पास 25 एकड़ ज़मीन है, जिसमें मुंबई में शिक्षा के लिए आने वाली लड़कियों के लिए छात्रावास बनाया जा सकता है। इसी प्रकार, इस्माइल यूसुफ कॉलेज की ज़मीन पर एक निश्चित स्थान पर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए एक प्रशिक्षण केंद्र स्थापित किया जाना चाहिए ताकि अल्पसंख्यक समुदाय के छात्र एमपीएससी, पुलिस भर्ती और अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर सकें।
मंत्री दत्तात्रेय भर्णे ने अबू आसिम आज़मी और प्रतिनिधिमंडल की मांगों को ध्यान से सुना और कहा कि हम जल्द ही उर्दू अकादमी का गठन करेंगे और आवश्यक कर्मचारियों की नियुक्ति करेंगे। महाराष्ट्र हज समिति कार्यालय की स्थापना और इस्माइल यूसुफ कॉलेज की खाली ज़मीन का उपयोग अल्पसंख्यकों के कल्याण और सुविधा के लिए कैसे किया जा सकता है, इस पर हम जल्द ही आपके और संबंधित विभागीय अधिकारियों के साथ एक विशेष बैठक करेंगे ताकि गतिविधियों में और देरी न हो।
दुर्घटना
गोरेगांव में तेज रफ्तार बेस्ट बस के खड़े ट्रक से टकराने से ड्राइवर और कंडक्टर समेत 6 लोग घायल; जांच शुरू

मुंबई: वनराई पुलिस स्टेशन के पास सुबह-सुबह हुए एक हादसे में मातेश्वरी समूह द्वारा संचालित बेस्ट की एक बस एक खड़े ट्रक से टकरा गई, जिससे बस चालक और कंडक्टर समेत छह यात्री घायल हो गए। यह हादसा सुबह करीब साढ़े छह बजे हुआ जब रूट संख्या 40/ पर चलने वाली और पंजीकरण संख्या MH01EM5083 वाली बस डिंडोशी से सेवरी बस स्टेशन जा रही थी।
प्रारंभिक रिपोर्टों के अनुसार, एक निजी कार अचानक सर्विस लेन से मुख्य सड़क पर आ गई और बस के रास्ते में आ गई। कार से टकराने से बचने के प्रयास में, बस चालक ने तेज़ी से गाड़ी मोड़ी, जिससे वाहन पर से नियंत्रण खो गया और सड़क के बाईं ओर खड़े एक ट्रक, जिसका पंजीकरण संख्या RJ 12 GA 4756 था, से टकरा गई। टक्कर के कारण बस का अगला हिस्सा काफी क्षतिग्रस्त हो गया।
घायल यात्रियों की पहचान अशरफ साहिद हुसैन (66), सीताराम गायकवाड़ (60), भारती मंडावकर (56), सुधाकर रेवाले (57), पोचिया नरेश कानपोची (30) और अमित यादव (35) के रूप में हुई है। यात्रियों के अलावा, बस चालक और कंडक्टर दोनों को इस दुर्घटना में चोटें आईं। खुद घायल होने के बावजूद, कंडक्टर ने तुरंत कार्रवाई की और सभी घायलों को तुरंत इलाज के लिए ट्रॉमा केयर अस्पताल पहुँचाने की व्यवस्था की।
बेस्ट के एक प्रवक्ता ने बताया कि अधिकारियों ने घटनाओं का सटीक क्रम जानने और दुर्घटना की जवाबदेही तय करने के लिए जाँच शुरू कर दी है। जाँच जारी रहने तक आगे के विवरण की प्रतीक्षा है।
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