बॉलीवुड
‘भुज: द प्राइड ऑफ इंडिया’ के निर्देशक अभिषेक धुधैया ने फिल्म के शोध के बारे में जानकारी दी

निर्देशक अभिषेक धुधैया, जिनकी अगली फिल्म ‘भुज: द प्राइड ऑफ इंडिया’ 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध पर आधारित है, वह इस परियोजना के सह-लेखक भी हैं। फिल्म की कहानी बताती है कि कैसे एक गांव की 300 महिलाओं ने भुज रनवे के निर्माण के लिए कड़ी मेहनत की, जिसने भारत की जीत में प्रमुख योगदान दिया।
अभिषेक, जिन्होंने पहले कई टेलीविजन शो का निर्देशन किया था, आईएएफ स्क्वाड्रन लीडर विजय कार्निक (अजय देवगन द्वारा अभिनीत) और माधापर गांव की महिलाओं की कहानी सामने लाते हैं।
अभिषेक कहते हैं, “मेरी दादी ने भी इस रनवे को बनाने में योगदान दिया था। इसलिए, मेरा यह मन था कि जब मैं पहली बार फिल्म बनाऊंगा, तो वह इस विषय पर हो जैसा कि उन्हें याद है कि कहानी की अवधारणा कैसे हुई।”
वह अपनी आवाज में पुरानी यादों के संकेत के साथ और विस्तार से बताते है।
“2017 में जब मैंने टेलीविजन से ब्रेक लिया, तो मैंने सबसे पहले विजय कार्णिक से मुलाकात की। इसलिए, मेरी नानी (मातृ दादी) के दोस्त जो अभी भी जीवित हैं, उस 300 महिलाओं के समूह का हिस्सा थे। इसलिए मैंने उनके पास जाकर इन घटनाओं को समझा।”
देशभक्ति की भावना फिल्म के लिए महत्वपूर्ण है। इसलिए, जब अभिषेक ने इस प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाया, तो उन्हें पता था कि उनका दिल सही जगह पर होना चाहिए।
वे कहते हैं , “शुरू करने के लिए, मैं एक भारतीय हूं और मुझे उस पर गर्व है। मेरे लिए, मेरा देश पहले है और यहां तक कि मेरी नानी के लिए भी देश किसी और चीज से पहले है। इसलिए, जब मैंने संवाद लिखा, तो मैंने बताया कि मैं क्या सोचता हूं और क्या मैं चाहता था कि दूसरे अभिनय करें। वह ऊर्जा आपके आस-पास के लोगों में दिखाई देती है।”
“उदाहरण के लिए जब विजय कार्निक कहानी पढ़ रहे थे, मेरे दिमाग में एकमात्र चेहरा अजय देवगन का था। जब मैंने अपनी कहानी समाप्त की और मैंने उनसे पूछा, इस भूमिका के लिए उन्हें सबसे अच्छा कौन लगता है, तो उन्होंने भी कहा, अजय देवगन। इसलिए, जब आप उस जुड़ाव को लाना चाहते हैं, तो आपको ²ढ़ता से महसूस करना होगा।”
फिल्म के निर्माण में अगला बड़ा कदम 300 महिलाओं की कास्टिंग थी। जूनियर कलाकारों को काम पर रखने का नियमित तरीका अपनाने के बजाय, अभिषेक को पता था कि यह फिल्म की ताकत को स्थापित करने में एक महत्वपूर्ण कारक होगा।
वह कहते हैं, “हमें 300 महिलाओं को कास्ट करना था। अब, अगर आप जूनियर कलाकारों को काम पर रखते हैं, तो वे दो-तीन दिनों में किसी अन्य प्रोजेक्ट के लिए जाने के लिए स्वतंत्र हैं, लेकिन इससे प्रवाह टूट जाता है। इसलिए, हमने 300 महिलाओं को कास्ट किया और पहले 15 दिनों के लिए उन्हें सिखाया। ढोल कैसे बजाएं। हमने उनकी पोशाकें बनाईं क्योंकि उस समय ड्रेसिंग शैली में अंतर था और कपड़े शरीर की भाषा को बहुत प्रभावित करते थे। इसलिए, हमने इन महिलाओं के लिए वेशभूषा को अनुकूलित किया और उन्हें पहनाया, जिससे वे इसमें सहज हो सकें।”
वर्तमान में, माधापार गांव में 60 लोग हैं, जो प्रतिष्ठित आंदोलन का हिस्सा थे। सभी की उम्र 70-80 के बीच है।
भारत सरकार ने भी गांव के प्रवेश द्वार पर उनकी प्रतिमाएं बनाकर उन्हें श्रद्धांजलि दी है।
एक ऐतिहासिक आंदोलन, रनवे बनाते समय महिलाओं ने सामग्री से बाहर निकलने के बाद ईंटों और पत्थरों के लिए अपने घरों को तोड़ने का फैसला किया।
अभिषेक याद करते हैं कि “जब उन्हें रनवे बनाने के लिए ईंटों और पत्थरों की जरूरत थी और सामग्री उन तक नहीं पहुंच सकी, तो इन लोगों ने फैसला किया कि वे उस सामग्री का उपयोग करने के लिए अपने घर तोड़ देंगे। मेरी नानी ने मुझे यह बताया था लेकिन जब इन लोगों ने भी मुझे बताया, तो मेरी आंखों से आंसू छलक पड़े।”
वो कहते हैं, “एक महिला के लिए, उसका घर एक सपना होता है और वहां क्या होता है कि पुरुष दूसरे राज्यों और देशों में काम करने के लिए निकल जाते हैं। इसलिए, ज्यादातर महिलाएं, बच्चे और बूढ़े लोग वहां रहते हैं। इसलिए, महिलाओं के लिए उनका सब कुछ घर और खेती है। उन्होंने देश के लिए अपने घरों का बलिदान दिया। यह घटना और विजय कार्निक की काउंटी के लिए रनवे बनाने की चुनौती मेरे लिए सबसे महत्वपूर्ण प्रेरक शक्ति थी।”
निर्देशक, जिनकी फिल्म डिज्नी प्लस हॉटस्टार पर 13 अगस्त को रिलीज होगी, उनका मानना है कि इस तरह की प्रेरणा दुर्लभ है।
उन्होंने संकेत दिया कि, “यह एक प्रकार की प्रेरणा है जो आपको आसानी से नहीं मिलती है। वो व्यक्ति जो हमारी रक्षा कर रहे हैं वे प्रशिक्षित हैं लेकिन ये ग्रामीण प्रशिक्षित लोग नहीं थे। ऐसी स्थिति में त्वरित होना उनके लिए स्वाभाविक रूप से नहीं आया था। उन्होंने फिर भी ऐसा किया और यह उनकी सबसे बड़ी उपलब्धि है।”
बॉलीवुड
एनटीआर के लिए ‘वॉर 2’ में खलनायक की भूमिका बेहद खास, बताई वजह

मुंबई, 22 मई। सुपरस्टार एनटीआर अपनी आने वाली फिल्म ‘वॉर 2’ के टीजर को मिल रही शानदार प्रतिक्रिया से बहुत खुश हैं। उन्होंने बताया कि इस फिल्म में जो किरदार वह निभा रहे हैं, वह उनके लिए बेहद खास है।
‘वॉर 2’ के लिए मिल रहे प्यार से खुश एनटीआर ने कहा, ”एक्टर होना वाकई एक आशीर्वाद है, क्योंकि इससे लोगों का बिना शर्त प्यार मिलता है। ये बहुत कीमती और दुर्लभ एहसास है, और मैं बहुत भाग्यशाली हूं कि मुझे ‘वॉर 2’ के लिए ऐसा प्यार मिल रहा है।”
उन्होंने कहा कि इस फिल्म में वह बिलकुल नए अवतार में नजर आएंगे।
अभिनेता ने कहा, ”इस वाईआरएफ स्पाई यूनिवर्स फिल्म में मैं बिलकुल नए अवतार में दिख रहा हूं, जिसे निभाने में मुझे बहुत मजा आया। पूरे देश से जो प्यार और सकारात्मकता मिल रही है, उससे मैं बहुत खुश और भावुक हूं।”
उन्होंने आगे कहा, ”यह किरदार मेरे लिए बहुत खास है। जब आप अपने किरदार में इतना सारा इमोशन और एनर्जी लगाते हैं, तो अपने फैंस और उन लोगों से इस तरह की प्रतिक्रिया देखना और भी ज्यादा रोमांचक हो जाता है, जो अच्छे सिनेमा को बड़े पर्दे पर देखना पसंद करते हैं।”
एक्टर ने कहा, ”मैं बहुत खुश हूं कि हमारी फिल्म का प्रचार लोगों पर इतना बड़ा असर डाल रहा है। 14 अगस्त से सिनेमाघरों में जो जोश और मस्ती दिखेगी, उसे देखने का इंतजार मैं नहीं कर पा रहा हूं।”
‘वॉर 2’ में एनटीआर खलनायक की भूमिका निभा रहे हैं। वहीं ऋतिक रॉ एजेंट मेजर कबीर धालीवाल के अपने पुराने किरदार में लौट रहे हैं। दोनों आमने-सामने एक-दूसरे को टक्कर देंगे।
फिल्म का निर्देशन अयान मुखर्जी कर रहे हैं, जो ‘ब्रह्मास्त्र’ जैसी फिल्म के लिए जाने जाते हैं। यह 14 अगस्त को हिंदी, तमिल, तेलुगू, मलयालम और कन्नड़ में सिनेमाघरों में रिलीज की जाएगी। फिल्म यशराज स्पाई यूनिवर्स का हिस्सा है, जिसमें पहले ‘एक था टाइगर’, ‘टाइगर जिंदा है’, ‘वॉर’ और ‘पठान’ जैसी दमदार फिल्में आ चुकी हैं।
बॉलीवुड
हेमा मालिनी ने छेड़ी ‘सीवीआई’ के खिलाफ जंग, मथुरा में शुरू होंगे कार्यक्रम, जाने क्या है ये बीमारी?

मुंबई, 17 मई। बॉलीवुड एक्ट्रेस और बीजेपी सांसद हेमा मालिनी इन दिनों अमेरिका यात्रा पर हैं। वह बोस्टन शहर में आयोजित प्रेरणादायक कार्यक्रम में शामिल हुईं। इस कार्यक्रम का उद्देश्य बच्चों के जीवन को बेहतर बनाना था। यह कार्यक्रम ‘कॉर्टिकल विजुअल इम्पेयरमेंट’ (सीवीआई) यानी मस्तिष्क से जुड़ी दृष्टि संबंधी समस्या को लेकर था, जो आज के समय में बचपन में अंधेपन की सबसे बड़ी वजह बन चुकी है।
इस कार्यक्रम की कुछ तस्वीरें हेमा मालिनी ने अपने इंस्टाग्राम पर शेयर कीं और कैप्शन में लिखा, ”मैं इन दिनों अमेरिका की यात्रा पर हूं। यह सुंदर कार्यक्रम बोस्टन में हुआ और यह एक नेक उद्देश्य के लिए था। ‘कॉर्टिकल विजुअल इम्पेयरमेंट’ (सीवीआई) बचपन में अंधेपन का प्रमुख कारण है। हालांकि, सही इलाज से इसमें काफी सुधार किया जा सकता है। इस फंड रेजिंग कार्यक्रम का आयोजन अनुराधा जूजू, जूजूगाना और प्रशांत पलकुर्थी ने किया था, और यह विजन-एड नाम की संस्था के समर्थन में था। मुझे यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि मथुरा में जल्द ही ऐसे खास कार्यक्रम शुरू किए जाएंगे, जिनका मकसद सीवीआई से प्रभावित बच्चों की मदद करना है।”
बता दें कि ‘कॉर्टिकल विजुअल इम्पेयरमेंट’ यानी सीवीआई एक ऐसी समस्या है, जिसमें आंखें देख तो सकती हैं, लेकिन मस्तिष्क को समझने में दिक्कत होती है। इससे लोगों को चीजें धुंधली दिख सकती हैं, चेहरों को पहचानना मुश्किल हो सकता है, या दूरी और आकार समझने में परेशानी हो सकती है। यह मस्तिष्क में चोट, ऑक्सीजन की कमी, स्ट्रोक या जन्मजात कारणों से हो सकता है। इसके लक्षण हर व्यक्ति में अलग हो सकते हैं। यह बच्चों और बड़ों दोनों को हो सकता है, लेकिन यह बच्चों को अपनी चपेट में जल्दी लेता है।
जब कोई बच्चा ठीक से देख नहीं पाता, तो उसकी दुनिया अधूरी सी हो जाती है। लेकिन आशा की किरण तब जगती है, जब हम जान पाते हैं कि सही इलाज और थैरेपी से ऐसे बच्चों की नजर में सुधार लाया जा सकता है। यही संदेश इस कार्यक्रम के ज़रिए लोगों तक पहुंचाया गया। यह कदम मेडिकल क्षेत्र की दिशा में शानदार योगदान है।
बॉलीवुड
एआई और डीपफेक मामले पर आज सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट

suprim court
नई दिल्ली,16 मई। एआई और डीपफेक मामले को लेकर दाखिल याचिका पर सुप्रीम कोर्ट शुक्रवार को सुनवाई करेगा। एआई और डीपफेक के गलत इस्तेमाल को रोकने के लिए सख्त नियम बनाए जाने की मांग के साथ याचिका दाखिल की गई है।
मांग की गई है कि सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर एआई जेनरेटेड या डीपफेक कंटेंट की पहचान करने और उसे हटाने के लिए नियम बनाए जाएं। इसमें केंद्र सरकार और चुनाव आयोग को पक्षकार बनाया गया है।
बता दें, डीपफेक की समस्या वैश्विक और गंभीर बनती जा रही है। तकनीक के जरिए किसी तस्वीर या वीडियो में किसी व्यक्ति की जगह अन्य व्यक्ति की तस्वीर लगा दी जाती है। इससे किसी को भी गुमराह किया जा सकता है और गलत सूचना फैलाई जा सकती है। डीपफेक वीडियो एक बार पोस्ट हो जाए तो शिकायत की जा सकती है। इस पर 72 घंटे में कार्रवाई भी होती है, लेकिन नुकसान यह है कि तब तक वीडियो सोशल मीडिया पर कई बार शेयर हो चुका होता है।
देश की तमाम हस्तियां डीपफेक का शिकार हो चुकी हैं। अभिनेत्री रश्मिका मंदाना का एक डीपफेक वीडियो वायरल हुआ था, जिसे लेकर एक शख्स की गिरफ्तारी भी हुई थी। इसके बाद मंदाना का एक और डीपफेक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिसमें वह लाल रंग की बिकनी पहने किसी झरने के नीचे खड़ी दिखी थीं।
डीपफेक का शिकार होने वाली हस्तियों की लिस्ट में रश्मिका मंदाना अकेले नहीं हैं। अभिनेत्री आलिया भट्ट, प्रियंका चोपड़ा, नोरा फतेही, भारतीय क्रिकेटर विराट कोहली, सचिन तेंदुलकर, टाटा समूह के पूर्व चेयरमैन दिवंगत रतन टाटा, इंफोसिस के संस्थापक नारायण मूर्ति का भी फेक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था।
अभिनेत्री और भाजपा से मथुरा की सांसद हेमा मालिनी ने हाल ही में डीपफेक पर चिंता जाहिर करते हुए इसका मुद्दा लोकसभा में उठाया था। उन्होंने कहा था, “एक्टर्स ने वर्षों की मेहनत से अपनी पहचान बनाई, लेकिन डीपफेक के जरिए फर्जी वीडियो बनाकर उनकी छवि को धूमिल किया जा रहा है। ये वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से फैलते हैं और पीड़ितों के मन पर गहरा असर डालते हैं।
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