अंतरराष्ट्रीय
कर्ज में डूबी सैंगयोंग मोटर का अधिग्रहण करेगी अमेरिकी फर्म एचएएएच- रिपोर्ट

अमेरिका स्थित वाहन आयातक एचएएएच ऑटोमोटिव होल्डिंग्स के प्रमुख ने कहा है कि कंपनी कर्ज में डूबी सैंगयोंग मोटर कंपनी का अधिग्रहण करने के लिए अगले सप्ताह अपना आशय पत्र (एलओआई) जमा करने के लिए तैयार है।
सैंगयोंग की भारतीय मूल कंपनी महिंद्रा एंड महिंद्रा लिमिटेड पिछले साल से एचएएएच के साथ कोरियाई इकाई में अपनी बहुमत हिस्सेदारी बेचने के लिए कोविड महामारी के बीच अपनी वैश्विक पुनर्गठन योजना के हिस्से के रूप में बातचीत कर रही थी।
2011 में, महिंद्रा ने 523 बिलियन वोन के लिए सैंगयोंग में 70 प्रतिशत हिस्सेदारी का अधिग्रहण किया और अब एसयूवी केन्द्रित कार निमार्ता में 74.65 प्रतिशत हिस्सेदारी रखता है।
सूत्रो से मिली जानकारी के मुताबिक, एचएएएच ऑटोमोटिव होल्डिंग्स के संस्थापक ड्यूक हेल ने कहा कि एचएएएच आर्थिक रूप से परेशान सैंगयोंग का अधिग्रहण करने के लिए ऑप्टिमम कंपनी है, और शुक्रवार तक एक एलओआई जमा करेगी।
योनहाप समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, एचएएएच को मार्च तक सियोल दिवालियापन न्यायालय में अपना एलओआई जमा करने की उम्मीद थी, लेकिन उसने दस्तावेज नहीं भेजे, जिससे सैंगयोंग में निवेश करने के अपने इरादे पर संदेह पैदा हो गया था।
एलओआई जमा करने में विफलता के संबंध में, एचएएएच प्रमुख ने कहा कि कंपनी को निवेश निर्णय लेने से पहले सैंगयोंग के वित्तीय विवरणों को देखने के लिए और समय चाहिए।
यदि एचएएएच सैंगयोंग का अधिग्रहण करने में सफल हो जाता है, तो उन्होंने कहा कि कैलिफोर्निया स्थित कार आयातक की योजना सैंगयोंग के एसयूवी मॉडल और पिक-अप ट्रकों को अमेरिका और कनाडा में लाने की है।
सैंगयोंग अपने नए मालिक को खोजने के लिए नीलामी में शुक्रवार तक इच्छुक निवेशकों से एलओआई प्राप्त करने की योजना बना रहा है।
चीन स्थित एसएआईसी मोटर ने 2004 में सैंगयोंग में 51 प्रतिशत हिस्सेदारी का अधिग्रहण किया था। लेकिन 2008-09 के वैश्विक वित्तीय संकट के मद्देनजर 2009 में कार निमार्ता का अपना कंट्रोल छोड़ दिया था।
सैंगयोंग के ऑडिटर केपीएमजी समजोंग एकाउंटिंग कॉर्प ने वर्ष 2020 के लिए कार निमार्ता के वार्षिक वित्तीय विवरणों पर अपनी राय देने से इनकार कर दिया।
सैंगयोंग को लिस्टेड किया जा सकता है। यदि इसकी लेखा फर्म एक वर्ष की अवधि के बाद अगले वर्ष के लिए कंपनी के वार्षिक प्रदर्शन पर एक राय देने से इनकार करती है।
व्यापार
सीबीआईसी ने जीएसटी रजिस्ट्रेशन की प्रोसेसिंग के लिए जारी किए संशोधित दिशानिर्देश

नई दिल्ली, 18 अप्रैल। केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) ने शुक्रवार को जीएसटी रजिस्ट्रेशन आवेदनों की प्रोसेसिंग के लिए अधिकारियों को संशोधित निर्देश जारी किए हैं, इससे करदाताओं पर अनुपालन का बोझ कम होगा और नियम-आधारित पारदर्शिता को बढ़ावा मिलेगा।
सरकार के इस कदम को व्यापार में आसानी करने के एक प्रयास के तौर पर देखा जा रहा है।
जीएसटी रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया के दौरान आवेदकों को होने वाली परेशानियों को लेकर राजस्व विभाग (सीबीआईसी) को कई शिकायतें प्राप्त हुई हैं।
ये शिकायतें मुख्य रूप से जीएसटी रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया के दौरान अधिकारियों की ओर से मांगे जाने वाले अतिरिक्त दस्तावेजों को लेकर थीं।
शिकायतों का निवारण करने और जीएसटी रजिस्ट्रेशन प्रोसेस को आसान बनाने के लिए सीबीआईसी ने नये दिशानिर्देश जारी किए हैं।।
वित्त मंत्रालय ने कहा, “अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे रजिस्ट्रेशन आवेदन पत्र में दिए गए दस्तावेजों की निर्धारित सूची का सख्ती से पालन करें। नए निर्देशों में विशिष्ट मामलों की स्थिति में रजिस्ट्रेशन आवेदन पत्र के साथ अपलोड किए जाने वाले आवश्यक दस्तावेजों की भी जानकारी दी गई है।”
मीडिया ने अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे छोटी-मोटी विसंगतियों या ऐसे अतिरिक्त दस्तावेजों के आधार पर नोटिस जारी न करें, जो आवेदनों के प्रोसेसिंग के लिए आवश्यक नहीं हैं।
इसके अतिरिक्त सरकारी एजेंसी ने कहा है कि विशिष्ट मामलों में संबंधित उप/सहायक आयुक्त से अनुमोदन लेने का भी निर्देश दिया गया है, जहां सूचीबद्ध दस्तावेजों के अलावा अन्य दस्तावेज मांगे जाने की आवश्यकता है।
मीडिया की ओर से मुख्य आयुक्तों को सलाह दी गई है कि वे जहां भी आवश्यक हो, बारीकी से निगरानी रखें और जरूरी ट्रेड नोटिस जारी करने के लिए सिस्टम विकसित करें।
साथ ही, यह भी सलाह दी गई है कि इन निर्देशों का उल्लंघन करने वाले अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।
मंत्रालय ने कहा, “इससे जीएसटी रजिस्ट्रेशन प्राप्त करने की प्रक्रिया में और सुविधा होगी, अनुपालन बोझ कम होगा और व्यापार करने में आसानी को बढ़ावा मिलेगा।”
व्यापार
यूएस रेसिप्रोकल पर टैरिफ 90 दिनों की रोक से हरे निशान में खुला शेयर बाजार

नई दिल्ली, 11 अप्रैल। भारतीय शेयर बाजार की शुरुआत शुक्रवार को हरे निशान में हुई। सुबह 9:38 पर सेंसेक्स 1,349 अंक या 1.83 प्रतिशत की बढ़त के साथ 75,196 और निफ्टी 444 अंक की तेजी के साथ 22,843 पर था।
बाजार में तेजी की वजह अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा रेसिप्रोकल टैरिफ पर 90 दिनों के लिए रोक लगाना है। वहीं, 10 अप्रैल को महावीर जयंती की छुट्टी के कारण बाजार इस खबर पर प्रतिक्रिया नहीं दे पाया था, जिसके कारण आज बाजार में तेजी देखने को मिल रही है।
लार्जकैप के साथ मिडकैप और स्मॉलकैप भी हरे निशान में हैं। निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 899 अंक या 1.81 प्रतिशत की तेजी के साथ 50,481 और निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 311 अंक या 2.04 प्रतिशत की बढ़त के साथ 15,568 पर था।
सेक्टोरल आधार पर ऑटो, फार्मा, एफएमसीजी, मेटल, रियल्टी, मीडिया, प्राइवेट बैंक और इन्फ्रा के साथ करीब सभी इंडेक्स हरे निशान में हैं।
सेंसेक्स में टाटा मोटर्स, सन फार्मा, टाटा स्टील, टेक महिंद्रा, एचसीएल टेक, बजाज फिनसर्व, अदाणी पोर्ट्स, बजाज फाइनेंस, इटरनल, एमएंडएम, पावर ग्रिड टॉप गेनर्स थे। वहीं, टीसीएस और एशियन पेंट्स ही लाल निशान में कारोबार कर रहे थे।
एशिया के ज्यादातर बाजारों में गिरावट के साथ कारोबार हो रहा था। टोक्यो, हांगकांग, बैंकॉक और सोल लाल निशान में थे, जबकि जकार्ता और शंघाई हरे निशान में थे। गुरुवार के कारोबारी सत्र में अमेरिकी शेयर बाजारों में बड़ी गिरावट हुई। डाओ 2.50 प्रतिशत और नैस्डैक 4.31 प्रतिशत फिसलकर बंद हुआ।
भारतीय रुपया बुधवार के 86.69 के पिछले बंद स्तर के मुकाबले शुक्रवार को 51 पैसे बढ़कर 86.18 प्रति डॉलर पर खुला। वहीं, शुक्रवार को सोना पहली बार 3,200 डॉलर प्रति औंस के महत्वपूर्ण स्तर को पार कर एक नए उच्चतम स्तर पर पहुंच गया, जिसका कारण कमजोर डॉलर और बढ़ते व्यापार युद्ध था, जिसके कारण निवेशक सुरक्षित संपत्तियों में निवेश कर रहे हैं।
अंतरराष्ट्रीय
म्यांमार की मदद के लिए चीन की आपात सामग्री की तीसरी खेप यांगून पहुंची

बीजिंग, 5 अप्रैल। म्यांमार की मदद के लिए चीन सरकार की आपात मानवीय भूकंप राहत सामग्री की तीसरी खेप यांगून पहुंची। सामग्री की इस खेप में 1,048 जल शोधन उपकरण, 10,000 मच्छरदानियां, 15,000 प्राथमिक चिकित्सा किट और 400 टेंट आदि विभिन्न तत्काल आवश्यक सामग्री शामिल हैं।
म्यांमार की मदद के लिए चीन सरकार की आपात मानवीय सामग्री की पहली खेप और दूसरी खेप 31 मार्च को और 3 अप्रैल को क्रमशः म्यांमार पहुंची थी और आपदा पीड़ितों में वितरित की गई थी।
स्थानीय समयानुसार 28 मार्च को म्यांमार में 7.9 तीव्रता का भूकंप आया और चीन के युन्नान प्रांत के कई हिस्सों में इसके जोरदार झटके महसूस किए गए। यह भूकंप इस साल की शुरुआत से पूरी दुनिया में 6 या इससे अधिक तीव्रता वाला 17वां भूकंप है। वर्ष 2025 की शुरुआत से अब तक यह सबसे बड़ा भूकंप है और पिछले दशक में महाद्वीप पर आया सबसे शक्तिशाली भूकंप है।
स्थानीय समय पर 4 अप्रैल की रात 8 बजे तक, 28 मार्च को म्यांमार में आए शक्तिशाली भूकंप के कारण पूरे देश में 3,354 लोगों की मौत हो चुकी है। जबकि, 220 लोग लापता हैं।
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