अंतरराष्ट्रीय
कोलंबो वनडे : श्रीलंका ने जीता मैच, भारत ने जीती सीरीज

श्रीलंका क्रिकेट टीम ने अपने हरफनमौला प्रदर्शन के दम पर शुक्रवार को यहां के आर. प्रेमदासा स्टेडियम में खेले गए तीसरे और अंतिम वनडे मैच में भारत को तीन विकेट से हरा दिया। इसी के साथ भारत ने तीन मैचों की सीरीज 2-1 से अपने नाम कर ली। भारत ने पहला वनडे सात विकेट से और दूसरा तीन विकेट से जीता था।
टॉस हारने के बाद पहले गेंदबाजी करते हुए मेजबान टीम ने भारत को बारिश के कारण 47 ओवरों तक सीमित किए गए मैच 43.1 ओवरों में 225 रनों पर सीमित दिया और फिर 227 रनों के संशोधित लक्ष्य को 39 ओवरों में सात विकेट पर हासिल कर लिया।
भारत की ओर से राहुल चाहर को तीन विकेट मिले। चेतन सकारिया ने दो विकेट शिकार किए जबकि कृष्णप्पा गौतम और हार्दिक पांड्या ने एक-एक सफलता हासिल की।
श्रीलंका की जीत में अविष्का फर्नाडो (76 रन, 98 गेंद, 4 चौके, 1 छक्का) तथा भानुका राजपक्षे (65 रन, 56 गेंद, 12 चौके) के अलावा अकीला धनंजय और प्रवीन जयविक्रमा का योगदान है, जिन्होंने तीन-तीन विकेट लिए।
इन दोनों की शानदार गेंदबाजी का ही नतीजा है कि भारत इस सीरीज में पहली बार ऑलआउट हुआ। भारत की ओर से पृथ्वी शॉ ने सबसे अधिक 49 रन बनाए जबकि संजू सैमसन के बल्ले से 46 तथा सूर्यकुमार यादव के बल्ले से 40 रन निकले।
इससे पहले, भारत ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी चुनी लेकिन 23 ओवर में मैच पर बारिश का छाया पड़ा और मैच को कुछ देर के लिए रोकना पड़ा। कुछ देर बाद मैच शुरू होने पर मुकाबले को 47-47 ओवर कराने का फैसला किया गया।
टीम इंडिया ने पृथ्वी शॉ के 49 गेंदों पर आठ चौकों की मदद से 43.1 ओवर में 225 रन बनाए लेकिन बारिश के कारण श्रीलंका को 227 रनों का संशोधित लक्ष्य मिला।
लक्ष्य का पीछा करने उतरी श्रीलंका की शुरूआत की कुछ खास नहीं रही और उसने मिनोद भानुका (7) के रूप में अपना पहला विकेट कुल 35 के योग पर गंवाया।
इसके बाद अविष्का फर्नाडो और भानुका राजपक्षा ने पारी को संभाला और दोनों बल्लेबाजों के बीच दूसरे विकेट के लिए 109 रनों की साझेदारी हुई।
हालांकि, राजपक्षा के आउट होने के साथ ही इस साझेदारी का अंत हुआ। राजपक्षा ने 56 गेंदों पर 12 चौकों की मदद से 65 रन बनाए। नए बल्लेबाज के रूप में उतरे धनंजय डी सिल्वा (2) के स्कोर पर तीसरे बल्लेबाज के रूप में आउट हुए।
इसके कुछ देर बाद चरीथ असालंका भी 28 गेंदों पर तीन चौकों की मदद से 24 रन बनाकर पवेलियन लौट गए। नए बल्लेबाज के रूप में उतरे कप्तान दासुन शनाका खाता खोले बिना पहली गेंद पर आउट हुए।
अंतिम समय में भारत ने एक के बाद एक कई विकेट निकालते हुए श्रीलंका को दबाव में लाने की कोशिश की लेकिन कम स्कोर उसकी राह में बाधा बन गया। श्रीलंका ने बिना किसी दिक्कत के तीन विकेट शेष रहते 39 ओवरों में ही जीत हासिल कर ली।
इससे पहले, भारत की शुरूआत कुछ खास नहीं रही और उसने कप्तान शिखर धवन (13) का विकेट जल्द गंवाया। इसके बाद पृथ्वी और इस मैच से डेब्यू करने वाले संजू सैमसन ने दूसरे विकेट के लिए 74 रन जोड़े। हालांकि पृथ्वी अपनी विकेट गंवा बैठे और अर्धशतक बनाने से चूक गए।
इसके कुछ देर बाद सैमसन भी ज्यादा देर क्रीज पर नहीं टिक सके और 46 गेंदों पर पांच चौकों और एक छक्के की मदद से 46 रन बनाकर आउट हुए। फिर मनीष पांडे (11) और हार्दिक पांड्या (19) रन के स्कोर पर पवेलियन लौटे।
सूर्यकुमार यादव ने कुछ देर टिक कर भारतीय पारी को संभालने की कोशिश की लेकिन वह भी 37 गेंदों पर सात चौकों की मदद से 40 रन बनाकर छठे बल्लेबाज के रूप में आउट हुए। इसके बाद भारतीय पारी बिखर गई और अन्य कोई बल्लेबाज कुछ कमाल नहीं दिखा सका।
इसके बाद भारत ने कृष्णप्पा गौतम (2), नीतीश राणा (7), राहुल चाहर (13) और नवदीप सैनी (15) के विकेट गंवाए। श्रीलंका की ओर से दुशमंता चमीरा ने भी दो विकेट लिए तथा चमीका करूणारत्ने और शनाका ने एक-एक विकेट लिया।
अविष्का को मैन ऑफ द मैच और सूर्यकुमार यादव को मैन ऑफ द सीरीज चुना गया। यादव ने इस सीरीज के साथ वनडे डेब्यू किया था।
अब 25 जुलाई से दोनों टीमों को बीच तीन मैचों की टी20 सीरीज खेली जाएगी। इस सीरीज के भी सभी मैच कोलंबो के प्रेमदासा स्टेडियम में खेले जाएंगे।
अंतरराष्ट्रीय
ओबामा ने ईरान को बहुत कुछ दिया, मैं नहीं देने वाला: ट्रंप

वाशिंगटन, 30 जून। ईरान पर भविष्य में क्या अमेरिका हमला करेगा या नहीं, फिलहाल इसे लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने स्थिति स्पष्ट नहीं की है। ईरान के उप-विदेश मंत्री अमेरिका के साथ भविष्य में किसी भी कूटनीतिक और न्यूक्लियर वार्ता पर शर्त रख चुके हैं। ऐसे में ट्रंप ने कहा है कि अब वह ईरान से बात नहीं कर रहे हैं।
ट्रंप ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘ट्रुथ’ पर लिखा, “मैं ईरान को कुछ भी नहीं दे रहा हूं। ओबामा की तरह, जिन्होंने ‘परमाणु हथियार जेसीपीओए (जो अब समाप्त हो जाएगा) के तहत अरबों डॉलर का भुगतान किया था। इतना ही नहीं, मैं उनसे इस विषय पर बात भी नहीं करने वाला हूं, क्योंकि हमने उनकी न्यूक्लियर फैसिलिटी को पूरी तरह से नष्ट कर दिया है।”
ट्रंप शुक्रवार को उन मीडिया रिपोर्ट्स को खारिज कर चुके थे, जिनमें कहा गया था कि उनके प्रशासन ने सिविलियन एनर्जी प्रोड्यूसिंग न्यूक्लियर प्रोग्राम बनाने के लिए ईरान को 30 बिलियन डॉलर तक की मदद करने की चर्चा की थी।
रविवार को ‘बीबीसी’ से बातचीत में माजिद तख्त-रवांची ने कहा था कि अमेरिका को ईरान के खिलाफ किसी भी हमले से इनकार करना चाहिए। इसके साथ ही उप-विदेश मंत्री ने कहा कि ईरान के खिलाफ भविष्य के हमलों पर ट्रंप प्रशासन की स्थिति स्पष्ट नहीं की गई है।
माजिद ने बताया कि अमेरिका ने मध्यस्थ देशों से कहा है कि वह ईरान के साथ बातचीत करना चाहता है, लेकिन यह स्पष्ट नहीं किया कि वह भविष्य में हमले करेगा या नहीं।
अमेरिका ने ईरान की तीन न्यूक्लियर फैसिलिटी नतांज, फोर्डो और इस्फाहान को नष्ट किया था। इस फैसले के साथ अमेरिका इजरायल-ईरान के बीच संघर्ष में कूद पड़ा था।
इसके जवाब में ईरान ने कतर और इराक में अमेरिकी सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया। इसके बाद ट्रंप ने ईरान-इजरायल के बीच युद्ध विराम की घोषणा की थी।
अंतरराष्ट्रीय
ईरान के शीर्ष शिया धर्मगुरु ने ट्रंप-नेतन्याहू के खिलाफ जारी किया ‘फतवा’

तेहरान, 30 जून। अयातुल्ला मकारिम शिराजी ने एक ‘फतवा’ जारी करते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को ‘ऊपर वाले का दुश्मन’ बताया है। अयातुल्ला मकारिम शिराजी ईरान के शीर्ष शिया धर्मगुरुओं में से एक हैं।
शीर्ष शिया धर्मगुरु ने अपने फतवे में कहा, “कोई भी व्यक्ति या शासन जो नेता या मरजा को धमकाता है, उसे ऊपर वाले का दुश्मन माना जाता है।”
सेमी-ऑफिशियल मेहर समाचार एजेंसी के अनुसार, “रविवार को अपने ऑफिस के एक बयान में शिराजी ने दुनियाभर के मुसलमानों से ऐसी धमकियों के खिलाफ कड़ा रुख अपनाने को कहा है। शिराजी ने कहा है कि अगर कोई मुस्लिम जो अपने मुस्लिम कर्तव्य का पालन करता है, उसे अपने अभियान में कठिनाई या नुकसान उठाना पड़ता है, तो उसे ऊपर वाले की राह में एक योद्धा के रूप में इनाम से नवाजा जाएगा।”
फतवे में कहा गया है, “मुसलमानों या इस्लामी देशों के जरिए उस दुश्मन को दिया जाने वाला कोई भी सहयोग या समर्थन हराम या निषिद्ध है। दुनियाभर के सभी मुसलमानों के लिए यह जरूरी है कि वह इन दुश्मनों को उनके शब्दों और गलतियों पर पछतावा करवाएं।”
रिपोर्ट्स के अनुसार यह फतवा राष्ट्रपति ट्रंप और इजरायली अधिकारियों के ईरानी सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई के खिलाफ कथित धमकियों के बाद आया है।
राष्ट्रपति ट्रंप ने हाल ही में कहा था कि उन्होंने खामेनेई को ‘एक बहुत ही भयावह और अपमानजनक मौत’ से बचाया है। इसके साथ ही ट्रंप ने ईरानी सर्वोच्च नेता के ऊपर इजरायल पर जीत के बारे में गलत बयान देने का आरोप लगाया।
हाल ही में इजरायल के रक्षा मंत्री इजरायल कैट्ज ने एक इंटरव्यू में कहा कि ईरान के साथ अपने 12-दिवसीय संघर्ष के दौरान, इजरायल ने खामेनेई को खत्म करने की कोशिश की, लेकिन इस ऑपरेशन को अंजाम देने का मौका कभी नहीं आया।
कैट्ज ने इजराइल के ‘चैनल 13’ को दिए एक इंटरव्यू में कहा, “अगर वह हमारी नजर में होते, तो हम उन्हें मार गिराते। हम खामेनेई को खत्म करना चाहते थे, लेकिन कोई ऑपरेशनल मौका नहीं था।”
इजरायल ने 13 जून को ‘ऑपरेशन राइजिंग लॉयन’ शुरू किया, जिसमें ईरान की प्रमुख सैन्य और न्यूक्लियर एसेट्स को निशाना बनाया गया। इसके बाद दोनों देशों के बीच संघर्ष बढ़ गया।
जवाबी कार्रवाई में, ईरान ने इजरायली शहरों और बाद में कतर और इराक में अमेरिकी सैन्य ठिकानों पर मिसाइल हमले किए। तेहरान के इस कदम से पहले फोर्डो, नतांज और इस्फाहान में उसकी न्यूक्लियर फैसिलिटी पर अमेरिकी हमले हुए थे।
संघर्ष के बारह दिन बाद ट्रंप ने दोनों देशों के बीच युद्धविराम की घोषणा की।
अंतरराष्ट्रीय
सीजफायर की उम्मीदों के बीच गाजा में इजरायली सैनिक की मौत

यरूशलम, 30 जून। उत्तरी गाजा पट्टी में एक इजरायली सैनिक की मौत की सूचना सामने आई है, जिसकी जानकारी इजरायली सेना ने दी है।
‘सिन्हुआ समाचार एजेंसी’ के अनुसार सेना ने बताया है कि 401वीं ब्रिगेड की 601वीं कॉम्बैट इंजीनियरिंग बटालियन के सार्जेंट यिसरायल नतन रोसेनफेल्ड (20) लड़ाई के दौरान मारे गए।
इजरायल के सरकारी स्वामित्व वाले ‘कान टीवी’ ने बताया कि रोसेनफेल्ड की मौत जबालिया में एक विस्फोटक उपकरण की वजह से हुई। यह एक ऐसा क्षेत्र है जहां सेना ने उत्तरी गाजा में एक नियोजित बफर जोन के हिस्से के रूप में चौकियों के निर्माण की तैयारी में इमारतों को ध्वस्त करना शुरू कर दिया था।
जून की शुरुआत से गाजा पट्टी में 21 इजरायली सैनिक मारे गए हैं। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, अक्टूबर 2023 तक सैनिकों की मौत का आंकड़ा 880 तक पहुंच चुका था।
इससे पहले रविवार को, फिलिस्तीनी सूत्रों ने उत्तरी गाजा में भारी बमबारी की सूचना दी। गाजा स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार, इजरायली हमलों में करीब 88 लोग मारे गए और 365 घायल हो गए।
इजरायली डिफेंस फोर्सेज ने गाजा के भीड़भाड़ वाले रिहायशी इलाकों के अलावा स्कूल, स्टेडियम और शरणार्थी टेंट को निशाना बनाया।
यह हमला तब हुआ जब इजरायली सेना ने नई इवैक्युएशन वॉर्निंग जारी की। इस चेतावनी में गाजा शहर और जबालिया के निवासियों से तुरंत अल-मवासी क्षेत्र की ओर जाने को कहा गया।
यह हमले ऐसे समय पर हुए, जब एक दिन पहले ही अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अगले हफ्ते तक सीजफायर का संकेत दिया था, लेकिन इजरायल की इस कार्रवाई ने इन उम्मीदों को धूमिल कर दिया है।
इस बीच, गाजा के स्वास्थ्य अधिकारियों ने रविवार को बताया कि अक्टूबर 2023 से इजरायली सैन्य अभियानों में मरने वाले फिलिस्तीनियों की संख्या कम से कम 56,500 हो गई है।
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