राष्ट्रीय
यूपीसीडा से हासिल भूमि पर 11,500 करोड़ रुपए का निवेश, 1 लाख लोगों को रोजगार का दावा

उत्तर प्रदेश में उद्योगों के जरिए लोगों को स्थायी रोजगार दिलाने को लेकर उप्र राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीसीडा) से फैक्ट्री लगाने के लिए पश्चिमांचल में बड़े निवेशकों ने सबसे अधिक औद्योगिक भूखंड लिए हैं। जिसके चलते अब नोएडा, गाजियाबाद, मेरठ, हापुड़, अलीगढ़, आगरा, मथुरा, फिरोजाबाद, बुलंदशहर और सहारनपुर में उद्योग लगा रहे हैं। इन उद्योगों में करीब एक लाख लोगों को स्थायी रोजगार मिलने का दावा किया जा रहा है। जिन फैक्ट्रियां में उत्पादन शुरू हो गया हैं, उनमें लोगों को रोजगार मिल भी गया हैं। इसी क्रम में सूबे के प्रमुख औद्योगिक विकास प्राधिकरणों (यूपीसीडा, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, यीडा और गीडा) को यह निर्देश दिया गया कि राज्य में निवेश करने के इच्छुक निवेशकों को भूमि उपलब्ध कराने में विलंब ना किया जाए। हर निवेशक को उसकी जरूरत के हिसाब से भूमि उपलब्ध कराई जाए। मुख्यमंत्री की इस मंशा के अनुरूप यूपीसीडा, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, यीडा और गीडा ने छोटे बड़े निवेशकों को भूमि उपलब्ध कराने में रूचि ली। फिर देखते ही देखते यूपीसीडा द्वारा उपलब्ध कराई भूमि पर पश्चिमांचल के उद्योग लगने लगे।
यूपीसीडा के आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2017 से अब तक 3500 से अधिक निवेशकों ने फैक्ट्री लगाने के लिए यूपीसीडा से 2000 एकड़ भूमि ली हैं। इस भूमि पर 11,500 करोड़ रुपए का निवेश होगा और इसके जरिए लगी फैक्ट्री में एक लाख लोगों को रोजगार मिलेगा। आईटीसी लिमिटेड, पेप्सिको, हल्दीराम, बर्जर पेंट्स, ग्रीन प्लाई, कृभको फर्टिलाइजर्स, वोन वेल्ल्स, कोकाकोला, ज्ञान दूध, ब्रिटिश पेंट्स, वेब्ले स्कॉट, एबी मौरी, भारत पेट्रोलियम, यूनीलीवर और आईनोक्स एयर सरीखी तमाम बड़ी कंपनियों ने यूपीसीडा से ली है। इसी प्रकार गाजियाबाद में बीका इंडिया लिमेटेड, अलीगढ़ में लिंकलाक प्राइवेट लिमिटेड, मथुरा में पेप्सिको और रोज इंटरप्राइजेज, रसिक एक्सपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड, एमजी ओर्गानिक्स ने यूपीसीडा से जमीन ली है। इनमें से कई कंपनियों ने अपनी फैक्ट्री लगाकर उत्पादन शुरू कर दिया है, तो कई कंपनियां अपनी फैक्ट्री लगा रही हैं। ऑक्सीजन उत्पादन इकाई लगाने के इच्छुक उद्यमियों को भी यूपीसीडा ने ग्रेटर नोएडा, सहारनपुर, शाहजहांपुर, बरेली, मथुरा में बीते माह जमीन आवंटित की है। अलीगढ़ में डिफेंस कॉरिडोर में निवेश कर रही एक दर्जन से अधिक कंपनियों को भी जमीन आवंटित की गई है।
उद्योग विभाग के अधिकारियों के अनुसार, यूपीसीडा से ली गई भूमि पर सबसे अधिक 40 प्रतिशत औद्योगिक निवेश पश्चिमांचल के दस जिलों में हुआ है। मध्यांचल के जिलों में 25 प्रतिशत, पूर्वांचल के जिलों में 20 प्रतिशत और बुंदेलखंड के जिलों में 15 प्रतिशत औद्योगिक निवेश के लिए भूमि ली गई है। कोरोना संक्रमण के दौरान भी निवेशकों ने नोएडा, गाजियाबाद, मथुरा, मुरादाबाद सहित सूबे के 15 जिलों में करीब 922 छोटी -बड़ी औद्योगिक इकाइयों की स्थापना के लिए भूमि ली है। इनमें से कई औद्योगिक इकाइयों के निर्माण का कार्य शुरू हो गया है। बीते साल नोएडा में 134, गाजियाबाद में 160, मथुरा में 95 और मेरठ में 27 तथा मुरादाबाद में पांच निवेशकों ने फैक्ट्री लगाने के लिए यूपीसीडा से भूमि ली। निवेश मित्र पोर्टल के जरिए बीते साल छोटे बड़े सभी निवेशकों को भूमि दिलाई गई थी, जिन पर अब फैक्ट्री के निर्माण की कार्रवाई शुरू हो गई है। यूपीसीडा से भूमि लेकर फैक्ट्री लगाने वालों में सबसे अधिक निवेशक मैन्यूफैक्च रिंग से जुड़े हैं। इसके चलते मैन्यूफैक्च रिंग के सेक्टर में 42 प्रतिशत निवेश हो रहा है, इसके बाद 26 प्रतिशत निवेश फूड प्रोसेसिंग सेक्टर में, 11 प्रतिशत निवेश टैक्सटाइल सेक्टर में, 10 प्रतिशत निवेश मेटल्स सेक्टर में और पांच प्रतिशत निवेश केमिकल्स सेक्टर में हो रहा है। इलेक्ट्रनिक्स सेक्टर में दो प्रतिशत निवेश यूपीसीडा से लिए गए औद्योगिक भूखंडों पर किया जा रहा है।
अपर मुख्य सचिव नवनीत सहगल कहते हैं “यूपी में ज्यादा से ज्यादा रोजगार युवाओं को मिले, इसे लेकर मुख्यमंत्री लगातार प्रयासरत है। उसी क्रम यह भी कार्य तेजी से चल रहा है। आने वाले समय में यहां काफी मात्रा में लोगों को स्थाई रोजगार मिलेगा।”
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ओडिशा : पुरी जगन्नाथ मंदिर में देवस्नान पूर्णिमा का भव्य आयोजन, मुख्यमंत्री हुए शामिल

पुरी, 11 जून। ओडिशा के पुरी स्थित श्री जगन्नाथ मंदिर में बुधवार को देवस्नान पूर्णिमा का पवित्र पर्व भक्ति और भव्यता के साथ मनाया गया। हजारों भक्त भगवान जगन्नाथ, बलभद्र, देवी सुभद्रा और सुदर्शन के पवित्र स्नान अनुष्ठान को देखने के लिए मंदिर पहुंचे।
इस खास मौके पर ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी और कई विधायकों ने भी मंदिर में दर्शन किए और अनुष्ठानों में हिस्सा लिया।
सुबह 5:32 बजे मंगलार्पण के साथ अनुष्ठान शुरू हुआ। इसके बाद भगवान सुदर्शन, बलभद्र, सुभद्रा और जगन्नाथ की पहांडी (जुलूस) स्नान मंडप तक ले जाई गई।
भगवान सुदर्शन की पहांडी (रथ पर चढ़ने की प्रक्रिया) सुबह 5:45 बजे, बलभद्र की 5:53 बजे, सुभद्रा की 6:06 बजे और भगवान जगन्नाथ की 6:22 बजे शुरू हुई।
सुबह 7:46 बजे जलाभिषेक अनुष्ठान शुरू हुआ, जिसमें सुनकुआ (स्वर्ण कुआं) से लाए गए पवित्र जल के 108 घड़ों से देवताओं का स्नान कराया गया।
यह परंपरा जगन्नाथ संस्कृति का अनमोल हिस्सा है। सुबह 8:42 बजे भगवान जगन्नाथ के स्नान मंडप पहुंचने के साथ पहांडी अनुष्ठान पूरा हुआ।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने पिपिली विधायक आश्रित पटनायक, सत्यबाड़ी विधायक उमा शंकर और ब्रह्मपुर विधायक उपासना महापात्रा के साथ मंदिर में पूजा-अर्चना की।
उन्होंने स्नान मंडप से पहांडी अनुष्ठान देखा और भक्तों का अभिवादन किया। मुख्यमंत्री ने हाथ जोड़कर और दर्शक दीर्घा से हाथ हिलाकर भक्तों का स्वागत किया, जिसे भीड़ ने उत्साह से जवाब दिया।
देवस्नान पूर्णिमा का यह पर्व इसलिए खास है, क्योंकि इस दिन भगवान जगन्नाथ, बलभद्र, सुभद्रा और सुदर्शन को गर्भगृह से बाहर लाकर सार्वजनिक दर्शन के लिए स्नान मंडप पर रखा जाता है। यह साल का एकमात्र मौका होता है, जब भक्त इन अनुष्ठानों को इतने करीब से देख पाते हैं। यह आयोजन न केवल आध्यात्मिक रूप से महत्वपूर्ण है, बल्कि दृश्यों के लिहाज से भी मंत्रमुग्ध करने वाला होता है। साथ ही, यह विश्व प्रसिद्ध रथ यात्रा की तैयारियों की शुरुआत का भी प्रतीक है।
मंदिर प्रशासन ने इस आयोजन के लिए कड़े सुरक्षा इंतजाम किए थे, ताकि भक्तों को किसी तरह की परेशानी न हो। भक्तों ने इस पवित्र अवसर पर भगवान के दर्शन और अनुष्ठानों को देखकर खुद को धन्य महसूस किया। यह पर्व पुरी की सांस्कृतिक और धार्मिक विरासत को और समृद्ध करता है।
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एक्सिओम 4 मिशन का प्रक्षेपण फिर टला, स्पेसएक्स और इसरो ने बताई वजह

नई दिल्ली, 11 जून। भारतीय अंतरिक्षयात्री शुभांशु शुक्ला को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन ले जाने वाले एक्सिओम-4 मिशन को एक बार फिर स्थगित कर दिया गया है। स्पेसएक्स और इसरो ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर इसकी जानकारी दी है।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने मंगलवार को सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पोस्ट में बताया, “इसरो पर पहला भारतीय गगनयात्री भेजने के लिए 11 जून 2025 को लॉन्च होने वाले एक्सिओम 04 मिशन को स्थगित कर दिया गया है। फाल्कन 9 लॉन्च वाहन के बूस्टर चरण के प्रदर्शन से पहले लॉन्च पैड पर सात सेकंड का हॉट टेस्ट किया गया। परीक्षण के दौरान प्रोपल्शन बे में एलओएक्स रिसाव का पता चला। इसरो टीम की ओर से एक्सिओम और स्पेसएक्स के विशेषज्ञों के साथ इस विषय पर चर्चा के आधार पर रिसाव को ठीक करने और लॉन्च के लिए मंजूरी देने से पहले आवश्यक सत्यापन परीक्षण करने का निर्णय लिया गया है। इसलिए 1 जून 2025 को होने वाले एक्सिओम 04 के प्रक्षेपण को स्थगित कर दिया गया है।”
यानि रॉकेट फाल्कन 9 में आई खराबी के कारण इसे फिलहाल टाल दिया गया है। स्पेसएक्स ने भी एक्स पोस्ट में इसकी तस्दीक की। बताया कि प्रक्षेपण के लिए इस्तेमाल किए जा रहे फाल्कन 9 रॉकेट में तकनीकी खराबी के कारण अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) के लिए मिशन को स्थगित कर दिया गया है। प्रक्षेपण की नई तारीख फिलहाल तय नहीं हुई है।
उल्लेखनीय है कि इससे पहले इस मिशन को 29 मई के लिए शेड्यूल किया गया था। लेकिन, कुछ तकनीकी खामियों के चलते इसे स्थगित कर दिया गया। फिर इसके लॉन्चिंग के लिए 10 जून की तारीख तय की गई थी।
एक्सिओम-4 मिशन भारत की अंतरिक्ष यात्रा में एक बड़ी उपलब्धि है क्योंकि शुभांशु शुक्ला चार दशकों में अंतरिक्ष की यात्रा करने वाले पहले भारतीय बनेंगे, जो राकेश शर्मा के नक्शेकदम पर चलने वाले हैं, जिन्होंने 1984 में सोवियत अंतरिक्ष यान में उड़ान भरी थी।
आपको बता दें केंद्र सरकार ने एक्सिओम-4 मिशन में भारत की भागीदारी के लिए 550 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं।
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148वीं रथ यात्रा से पहले अहमदाबाद में निकलेगी भगवान जगन्नाथ की जलयात्रा

अहमदाबाद, 11 जून। भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा को लेकर अहमदाबाद में तैयारियां जोरों पर हैं। 27 जून को आषाढ़ी पूर्णिमा के दिन यहां भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा निकलने वाली है। उससे पहले, बुधवार को ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन भगवान की जल यात्रा निकलेगी।
चली आ रही परंपरा के मुताबिक, जलयात्रा के जरिए भगवान जगन्नाथ अपनी बहन सुभद्रा और भाई बलराम के साथ ननिहाल यानी सरसपुर जाते हैं और यहां 15 दिन तक रुकते हैं।
जलयात्रा में शामिल भक्तगण साबरमती नदी से 108 कलशों में जल लेकर मंदिर तक आएंगे। फिर उस जल से भगवान जगन्नाथ का अभिषेक किया जाएगा। इस जल यात्रा में संत, महंत, स्थानीय लोग और कुछ राजनीतिक नेता भी शामिल होंगे।
इस जलयात्रा को लेकर महाराज दिलीप दास ने कहा, “148वीं रथ यात्रा भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा के पावन अवसर के पूर्व ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन जल यात्रा महोत्सव मनाया जाता है। 108 कलश में साबरमती नदी का जल भरकर भगवान को स्नान कराया जाता है। यह परंपरा बरसों से चली आ रही है। अनेक भक्त, संत, महंत और राजकीय माननीय गणों के बीच इस महोत्सव का आयोजन हो रहा है।”
बता दें कि भगवान के ननिहाल सरसपुर में भी तैयारियां बड़ी धूमधाम से चल रही हैं। भगवान जगन्नाथ का स्वागत करने के लिए भव्य तैयारी की जा रही है। इसके तहत, भगवान पर ड्रोन के जरिए फूलों की वर्षा की जाएगी। बैंडबाजे और ढोल-ताशे से भगवान जगन्नाथ का स्वागत होगा।
भगवान के स्वागत के लिए यहां अंबेडकर हॉल से भगवान रणछोड़ राय मंदिर तक शोभायात्रा निकाली जाएगी। इसमें तकरीबन तीन हजार लोग हिस्सा लेंगे। मंदिर के आसपास सड़कों पर खूबसूरत रंगोली बनाई गई है।
भगवान जगन्नाथ, उनकी बहन सुभद्रा और भाई बलराम की प्रतिमा मंदिर में दर्शन के लिए रखी जाएंगी। भक्त उनके दर्शन करने के लिए दूर-दूर से आएंगे। भगवान सरसपुर में 15 दिनों तक रहेंगे, इस दौरान रणछोड़ राय मंदिर में हर दिन भजन कीर्तन होगा।
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