राजनीति
महाराष्ट्र की तृप्ति देसाई गरीब लड़कियों के लिए बनीं मसीहा

महाराष्ट्र में जेंडर एक्टिविस्ट के रूप में अपनी पहचान बना चुकीं तृप्ति देसाई अब गरीब लड़कियों की सहायता के लिए आगे आई हैं। इससे पहले मंदिर के गर्भगृह में महिलाओं को जाने से रोकने के खिलाफ भी तृप्ति अपनी आवाज उठा चुकी हैं।
कोरोनावायरस महामारी के चलते पिछले 16 महीनों से लगाए गए लॉकडाउन से निम्न आय वर्ग वाले लोग आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं। इनके परिवार के लड़कियों की पैसे की कमी के चलते शादी नहीं हो पा रही है। अब इन्हीं लड़कियों की तरफ तृप्ति ने मदद का हाथ बढ़ाया है।
पुणे के भूमाता फाउंडेशन की अध्यक्ष 36 वर्षीय तृप्ति ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, “महामारी के समय में जब मेरी टीम पूरे महाराष्ट्र में गरीब परिवारों की मदद करने के लिए काम कर रही थी, तभी हमें पता चला कि कई ऐसे परिवार हैं, जिन्हें अपनी लड़कियों की शादी कराने में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।”
गढ़चिरौली का एक मामला विशेष रूप से परेशान करने वाला था। एक 26 साल की लड़की की शादी नहीं हो पा रही थी। उसकी एक आंख में मामूली सी खराबी थी। आदिवासी तबके का यह परिवार खेत में मजदूरी कर अपना पेट पालता है। इन्हें मुश्किल से रोजाना के 80 रुपये मिलते हैं और सिर पर 10,000 रुपये का कर्जा भी है। इस नक्सली प्रभावित इलाके में इन्हें किसी से भी कोई मदद नहीं मिली।
उनकी समस्याओं का पता लगने के बाद देसाई ने पुणे के एक रिएल्टर व युवराज धमाले कॉर्प के प्रमुख युवराज एस. धमाले और उनकी पत्नी वैष्णवी धमाले से संपर्क किया।
देसाई कहती हैं, “धमाले परिवार उस गरीब आदिवासी परिवार की मदद करने के लिए भूमाता फाउंडेशन के साथ काम करने के लिए तैयार हो गए। यह कंपनी हमारे क्षेत्रीय कार्यकतार्ओं के साथ मिलकर उस गरीब परिवार की मदद करेगी।”
जनवरी के बाद से भूमाता फाउंडेशन और युवराज धमाले कॉर्प ने नांदेड़, परभणी, लातूर, अमरावती, सतारा, कोल्हापुर और गढ़चिरौली से लगभग दस ऐसी लड़कियों को चुना है और इनकी शादी के लिए हर एक को 15,000 रुपये दिए हैं, जिससे शादी से जुड़ी बुनियादी जरुरतें पूरी हो जाए।
धमाले ने इस पर कहा, “हमारा मकसद बस यही है कि महामारी के मानदंडों का पालन करते हुए कुछ आमंत्रितों के साथ विवाह साधारण तरीके से सम्पन्न हो जाए, लेकिन यह यादगार रहे।”
उन्होंने आगे बताया कि अगले दो से तीन हफ्तों में वे और दस शादियां कराने की तैयारी कर रहे हैं।
राजनीति
पीएम श्री योजना पर विजयन सरकार के कदम को लेकर एलडीएफ में मतभेद

तिरुवनंतपुरम, 22 अक्टूबर: सीपीआई के राज्य सचिव बिनॉय विश्वम ने बुधवार को दोहराया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) केरल में लागू नहीं की जाएगी।
केरल में सत्तारूढ़ माकपा के नेतृत्व वाली वाम मोर्चा सरकार में भाकपा दूसरी सबसे बड़ी सहयोगी है।
उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि पीएम श्री योजना के तहत धनराशि स्वीकार करने से राज्य को राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) लागू करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा।
पीएम श्री को राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) लागू करने का एक “पिछला दरवाजा” बताते हुए, विश्वम ने कहा कि धनराशि और नीति “एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं।”
उन्होंने बताया कि माकपा महासचिव एम.ए. बेबी पहले ही पार्टी की स्थिति स्पष्ट कर चुके हैं।
विश्वम का यह बयान माकपा विधायक और राज्य के शिक्षा मंत्री वी. शिवनकुट्टी की उस घोषणा के जवाब में है जिसमें उन्होंने कहा था कि राज्य पीएम श्री योजना को आगे बढ़ाएगा।
विश्वम ने साप्ताहिक कैबिनेट बैठक से पहले राज्य के चार भाकपा कैबिनेट मंत्रियों को अपने घर बुलाकर उनके साथ चर्चा करने के तुरंत बाद मीडिया से बात की।
कैबिनेट बैठक में, भाकपा के मंत्रियों ने पीएम श्री योजना का मुद्दा उठाया, और विश्वसनीय जानकारी के अनुसार, न तो मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन और न ही शिवनकुट्टी ने इस बारे में कुछ कहा।
भाकपा ने इस बात पर भी अपनी नाराजगी जताई है कि माकपा ने वाम लोकतांत्रिक मोर्चे के साथ उचित परामर्श किए बिना पीएम श्री योजना को आगे बढ़ाने की घोषणा करके एकतरफा फैसला लिया है।
इस बहस को एक नया आयाम देते हुए, विपक्ष के नेता वी.डी. सतीशन ने कहा कि “केंद्रीय धन स्वीकार करने में कुछ भी गलत नहीं है,” लेकिन उन्होंने ऐसी योजनाओं के जरिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के “सांप्रदायिक एजेंडे” को पनपने न देने की चेतावनी दी।
उन्होंने कहा, “यह पैसा प्रधानमंत्री आवास से नहीं आता। पीएम श्री योजना भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस शासित राज्यों में पहले ही लागू हो चुकी है, लेकिन यह कांग्रेस के सत्ता में आने से पहले लागू की गई थी। हम सभी ने माकपा के राज्य सचिव एम.वी. गोविंदन का रूखा जवाब सुना, जब उन्होंने पूछा, यह भाकपा कौन है?” सतीशन ने कहा, “यह शर्म की बात है कि सीपीआई जैसी पार्टी को सीपीआई(एम) द्वारा अपमानित किया जा रहा है और अब समय आ गया है कि वे एलडीएफ को छोड़ दें।”
अपराध
दुर्गापुर सामूहिक बलात्कार मामला: सभी 6 आरोपियों को बुधवार को अदालत में किया जाएगा पेश

कोलकाता, 22 अक्टूबर: पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर सामूहिक बलात्कार मामले के सभी छह आरोपियों को बुधवार को कोर्ट में पेश किया जाएगा। पुलिस मामले में आगे की जांच के लिए उनकी रिमांड बढ़ाने की मांग कर सकती है।
पुलिस के अनुसार, पीड़िता के गिरफ्तार पुरुष मित्र वासिफ अली को मामले के अन्य आरोपियों के साथ अदालत में पेश किया जाएगा।
पीड़िता के पुरुष मित्र सहित सभी आरोपियों के बयानों में असामान्यता है, जिससे जांचकर्ताओं के सामने जांच करने में परेशानी आ रही है। इसके चलते जांच प्रक्रिया में कमियों को दूर करने के लिए आरोपियों की रिमांड अवधि बढ़ाने की आवश्यकता है।
मंगलवार को, द्वितीय वर्ष की मेडिकल छात्रा के बलात्कार मामले में छह आरोपियों में से दो के बयान एक अदालत में न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष दर्ज किए गए थे।
आसनसोल-दुर्गापुर पुलिस कमिश्नरेट के सूत्रों ने बताया कि दोनों आरोपियों के बयान भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) 2023 की धारा 183 के तहत दर्ज किए गए थे।
मंगलवार को न्यायिक मजिस्ट्रेट के सामने बयान दर्ज होने के बाद, दोनों आरोपियों को वापस हिरासत में भेज दिया गया। अब, छह आरोपियों में से दो के न्यायिक मजिस्ट्रेट के सामने बयान दर्ज होने के बाद, संभावना है कि दोनों इस मामले में सरकारी गवाह बन सकते हैं।
छह दिनों की पूछताछ के दौरान, पुलिस को दुर्गापुर सामूहिक बलात्कार पीड़िता के पुरुष मित्र और स्थानीय गांव के पांच गिरफ्तार युवकों के बयानों में असामान्यता मिली है।
अधिकारियों ने बताया कि पुलिस इस सामूहिक बलात्कार मामले में कुछ और कड़ियों को खोजने की कोशिश कर रही है।
10 अक्टूबर को, पश्चिम बर्दवान जिले के दुर्गापुर में एक निजी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के बाहर एक इलाके में ओडिशा की द्वितीय वर्ष की मेडिकल छात्रा के साथ पांच लोगों ने कथित तौर पर सामूहिक बलात्कार किया था।
पीड़िता की शिकायत के आधार पर, पुलिस ने पहले ही मामले के सभी पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया था। पुलिस ने बताया कि मेडिकल छात्रा के शारीरिक यौन उत्पीड़न में केवल एक व्यक्ति शामिल था। बाद में, पुलिस ने पीड़िता के पुरुष मित्र को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ के दौरान उसके जवाबों में असामान्यता पाए जाने के बाद, पुरुष मित्र को गिरफ्तार कर लिया गया। वह भी फिलहाल पुलिस हिरासत में है।
इस बीच, पीड़िता के पिता ने दोषियों को जल्द से जल्द सजा दिलाने के लिए घटना की केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से जांच कराने की मांग की है।
राष्ट्रीय समाचार
दिल्ली में इस बार छठ महापर्व की भव्य तैयारी, सीएम रेखा गुप्ता ने कहा- यमुना पर बनेगा मॉडल घाट

नई दिल्ली, 22 अक्टूबर: दिल्ली में इस बार छठ महापर्व पहले से कहीं ज्यादा भव्य और सुव्यवस्थित तरीके से मनाया जाएगा। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने आज छठ की तैयारियों को लेकर बड़ी घोषणाएं कीं। उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि सरकार ने इस बार यमुना नदी पर छठ पूजा के आयोजन से जुड़ा प्रतिबंध हटा लिया है और राजधानी में साफ-सुथरे, सुरक्षित और आधुनिक छठ घाट तैयार किए जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने बताया कि सरकार यमुना नदी के किनारे 17 मॉडल छठ घाट बना रही है। इन घाटों पर छठ व्रतियों के लिए हर सुविधा उपलब्ध होगी। टेंट, बिजली, शौचालय, पेयजल और सफाई की पूरी व्यवस्था की जाएगी। इसके अलावा दिल्ली के सभी जिलों और उपजिलों में कम से कम एक मॉडल छठ घाट तैयार किया जा रहा है ताकि श्रद्धालुओं को किसी तरह की असुविधा न हो।
रेखा गुप्ता ने कहा, “पिछली सरकारों ने यमुना पर छठ पूजा करने पर रोक लगा दी थी, लेकिन हमारी सरकार ने इस परंपरा को सम्मान देते हुए यह प्रतिबंध हटा लिया है। इस बार सरकार खुद आयोजन की ज़िम्मेदारी संभाल रही है और पूरे दिल्ली में छठ को भव्य तरीके से मनाया जाएगा।”
उन्होंने बताया कि इस बार छठ पूजा स्थलों की संख्या में बड़ा इजाफा हुआ है। पिछले साल दिल्ली में 929 जगहों पर छठ मनाया गया था, लेकिन इस बार अब तक 1,000 से ज्यादा समितियों से आवेदन आ चुके हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार जितने भी नए घाटों पर आयोजन होंगे, वहां पूरी व्यवस्थाएं सुनिश्चित करेगी।
सीएम रेखा गुप्ता ने कहा कि इस बार सरकार 200 से अधिक सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित करेगी। इन कार्यक्रमों में भोजपुरी और मैथिली भाषाओं में सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दी जाएंगी ताकि पर्व का धार्मिक और सांस्कृतिक माहौल और भी भव्य बने। उन्होंने कहा, “यह पहली बार है जब सरकार इतनी बड़ी संख्या में छठ से जुड़े सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित करने जा रही है।”
मुख्यमंत्री ने कहा कि छठ पर्व के दौरान श्रद्धालु स्वच्छ जल में अर्घ्य अर्पित कर सकें, इसके लिए आज से विशेष स्वच्छता अभियान शुरू किया गया है। इस अभियान में सांसद, विधायक और पार्षद स्वयं अपने-अपने इलाकों के घाटों का दौरा करेंगे और सफाई कार्य की निगरानी करेंगे। उन्होंने कहा, “सरकार हर संभव प्रयास कर रही है कि श्रद्धालु स्वच्छ और सुरक्षित माहौल में पूजा कर सकें।”
रेखा गुप्ता ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि साल 2021 में यमुना पर छठ मनाने वालों पर आईपीसी की धारा 188 के तहत एफआईआर दर्ज की गई थी, लेकिन अब उनकी सरकार उन सभी मामलों को वापस लेगी। उन्होंने कहा, “पिछली सरकारों द्वारा यमुना घाट पर छठ मनाने वालों के खिलाफ जो भी एफआईआर या केस दर्ज किए गए थे, उन्हें हमारी सरकार वापस लेगी।”
दिल्ली की वायु गुणवत्ता पर बोलते हुए सीएम रेखा गुप्ता ने कहा कि सरकार हर संभव कदम उठा रही है ताकि दिल्ली की हवा साफ हो सके। उन्होंने बताया कि दीपावली के अगले दिन का एयर क्वालिटी इंडेक्स अब पहले की तुलना में बेहतर हुआ है। पहले की सरकारों के मुकाबले इस बार प्रदूषण का स्तर घटा है। पटाखों की अनुमति होने के बावजूद एक्यूआई में सुधार देखा गया है।
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