राजनीति
तेलंगाना में 93 केंद्रों पर कोविड टीकाकरण जारी

तेलंगाना के स्वास्थ्य मंत्री इताला राजेंदर ने सोमवार को हुजूरबाद में सरकारी अस्पताल में कोरोना वैक्सीन की पहली खुराक प्राप्त करके कोविड टीकाकरण के दूसरे चरण का शुभारंभ किया। राज्यभर में 93 केंद्रों पर 60 वर्ष से अधिक आयु और 45-59 वर्ष के कोमोरबिडिटी से ग्रस्त लोगों का टीकाकरण किया जा रहा है। यह टीका हैदराबाद सहित 33 जिलों में फैले 48 सरकारी और 45 निजी अस्पतालों में लगाया जा रहा है।
कार्यक्रम सुबह 10.30 बजे शुरू हुआ, लेकिन टीकाकरण केंद्रों पर शुरुआत में कुछ ही लाभार्थियों को देखा गया। अधिकारियों ने इसके लिए कोविन एप पर ऑनलाइन पंजीकरण के बारे में जागरूकता की कमी के लिए इसे जिम्मेदार ठहराया।
पहले दिन प्रत्येक केंद्र पर अधिकतम 200 लोगों को टीका लगाया जाएगा। स्वास्थ्य विभाग आने वाले दिनों में संख्या में वृद्धि करने की योजना बना रहा है।
अधिकारियों ने शुरू में खुराक देने के लिए 1,500 केंद्र स्थापित करने की योजना बनाई थी, लेकिन किसी भी भ्रम से बचने के लिए पहले दिन इस संख्या को 93 तक सीमित कर दिया।
सार्वजनिक स्वास्थ्य और परिवार के निदेशक डॉ. जी. श्रीनिवास राव ने कहा कि पहले दिन टीकाकरण केंद्र केवल जिला मुख्यालय, शहरों और प्रमुख शहरों में स्थापित किए गए हैं।
पहले सप्ताह केवल उनलोगों को टीका दिया जाएगा, जिन्होंने को-विन एप के माध्यम से पंजीकरण किया है। अगले सप्ताह से केंद्रों पर वॉक-इन रजिस्ट्रेशन की अनुमति दी जाएगी। अधिकारी ने बताया कि भीड़भाड़ और अराजकता से बचने के लिए ऐसा किया जा रहा है।
मुंबई प्रेस एक्सक्लूसिव न्यूज
वक्फ बिल ऑर्डर ! जाने किन चीजों पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई है रोक

SUPRIM COURT
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को वक़्फ़ (संशोधन) अधिनियम 2025 को लेकर एक अहम फैसला सुनाया। अदालत ने अधिनियम को पूरी तरह से रद्द या स्थगित करने से इनकार कर दिया, लेकिन इसके कई विवादित प्रावधानों पर अस्थायी रोक लगा दी है। यह फैसला देशभर में चर्चा का विषय बन गया है क्योंकि वक़्फ़ कानून लंबे समय से राजनीतिक और सामाजिक बहस के केंद्र में रहा है।
कौन-कौन से प्रावधान निलंबित हुए?
- पांच साल से इस्लाम का पालन करने की शर्त
अधिनियम में कहा गया था कि कोई भी व्यक्ति वक़्फ़ बनाने के लिए कम से कम पाँच वर्ष से “प्रैक्टिसिंग मुस्लिम” होना चाहिए। अदालत ने इस पर रोक लगाते हुए कहा कि जब तक इस शब्द की स्पष्ट परिभाषा तय नहीं होती, इसे लागू नहीं किया जा सकता। - ज़िला कलेक्टर की भूमिका
कानून में ज़िला कलेक्टर को यह अधिकार दिया गया था कि वे यह तय करें कि कोई संपत्ति वक़्फ़ है या नहीं। सुप्रीम कोर्ट ने इस प्रावधान पर रोक लगाई है, यह कहते हुए कि इससे नागरिकों के अधिकारों और न्यायिक प्रक्रिया पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है। - वक़्फ़ बोर्ड और परिषद में गैर-मुस्लिम सदस्यों की संख्या पर सीमा
संशोधन में प्रावधान था कि राज्य वक़्फ़ बोर्ड में अधिकतम 3 और केंद्रीय वक़्फ़ परिषद में अधिकतम 4 गैर-मुस्लिम सदस्य शामिल किए जा सकेंगे। अदालत ने इस प्रावधान को भी निलंबित कर दिया है। - वक़्फ़ बोर्ड के CEO का मुस्लिम होना
अधिनियम में कहा गया था कि यथासंभव वक़्फ़ बोर्ड के CEO मुस्लिम समुदाय से हों। सुप्रीम कोर्ट ने इस प्रावधान पर भी रोक लगा दी।
पीठ ने स्पष्ट किया कि कानून को पूरी तरह से निलंबित करना उचित नहीं होगा, परंतु जिन धाराओं को चुनौती दी गई है, उन पर सुनवाई पूरी होने तक रोक लगाई जाती है। अदालत ने सभी पक्षों को अगली सुनवाई में विस्तृत बहस का अवसर देने की बात कही है।
इस फैसले को लेकर राजनीतिक हलकों में हलचल तेज हो गई है। विरोधी दलों ने सुप्रीम कोर्ट के इस निर्णय को न्याय और संवैधानिक मूल्यों की जीत बताया है, वहीं सरकार का मानना है कि कानून का उद्देश्य वक़्फ़ संपत्तियों के प्रबंधन को अधिक पारदर्शी और जवाबदेह बनाना था।
फिलहाल यह आदेश अंतरिम है और अंतिम फैसला आने तक लागू रहेगा। सुप्रीम कोर्ट की अगली सुनवाई में यह तय होगा कि इन प्रावधानों को स्थायी रूप से रद्द किया जाएगा या इनमें संशोधन की गुंजाइश होगी।
यह फैसला वक़्फ़ प्रबंधन और इससे जुड़े समुदायों पर गहरा असर डालने वाला माना जा रहा है, और आने वाले समय में इस पर देशव्यापी बहस और तेज हो सकती है।
मुंबई प्रेस एक्सक्लूसिव न्यूज
सुप्रीम कोर्ट ने वक्फ (संशोधन) अधिनियम 2025 की प्रमुख धाराओं पर लगाई रोक

SUPRIM COURT
नई दिल्ली, 15 सितम्बर: सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में लागू किए गए वक्फ (संशोधन) अधिनियम 2025 की कुछ धाराओं पर अंतरिम रोक लगा दी है। अदालत यह आदेश अधिनियम की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान दिया।
अदालत ने उस प्रावधान पर रोक लगाई है जिसमें कहा गया था कि केवल मुस्लिम सदस्य ही वक्फ बोर्ड में नियुक्त किए जा सकते हैं और वह भी न्यूनतम पाँच साल की अवधि के लिए। न्यायालय ने माना कि यह प्रावधान बहिष्करण संबंधी सवाल खड़े करता है और इस पर विस्तृत विचार आवश्यक है।
सुप्रीम कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि फिलहाल किसी भी वक्फ बोर्ड में गैर-मुस्लिम सदस्यों की संख्या अधिकतम तीन तक सीमित रहेगी। यह व्यवस्था अंतिम निर्णय तक लागू रहेगी।
याचिकाकर्ताओं ने तर्क दिया कि यह संशोधन भेदभावपूर्ण है और संविधान द्वारा दिए गए समानता के अधिकार के खिलाफ है। वहीं, केंद्र सरकार ने अधिनियम का बचाव करते हुए कहा कि इसका उद्देश्य देशभर में वक्फ संस्थाओं के कामकाज में पारदर्शिता और सुधार लाना है।
न्यायालय ने यह भी कहा कि इस अंतरिम आदेश से वक्फ बोर्ड के मौजूदा प्रशासनिक कार्य प्रभावित नहीं होंगे, केवल विवादित धाराएं फिलहाल लागू नहीं की जाएंगी।
मामले की विस्तृत सुनवाई आने वाले हफ्तों में होगी।
अपराध
मुंबई क्राइम ब्रांच ने एक आरोपी को किया गिरफ्तार, पिस्तौल और कारतूस बरामद

CRIME
मुंबई, 15 सितंबर। मुंबई क्राइम ब्रांच ने बांद्रा के कुरैशी नगर इलाके से एक 38 वर्षीय व्यक्ति को गिरफ्तार किया है, जिसके पास से एक देसी पिस्तौल और तीन जिंदा कारतूस बरामद किए गए हैं।
मुंबई पुलिस के मुताबिक, गिरफ्तार आरोपी की पहचान अमरावती निवासी प्रफुल्ल विष्णु बावने उर्फ सचिन (38) के रूप में हुई है, जो मुंबई के मोहम्मद अली रोड इलाके में रहता था।
क्राइम ब्रांच यूनिट 9 के अधिकारी सचिन पुराणिक को मिली गुप्त सूचना के आधार पर टीम ने कुरैशी नगर कंपाउंड में छापा मारा। इस कार्रवाई के दौरान क्राइम ब्रांच ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया।
पुलिस ने आरोपी के पास मौजूद एक बैग से स्टील की देसी पिस्तौल और तीन जिंदा कारतूस बरामद किए।
पुलिस ने बताया कि आरोपी के खिलाफ मुंबई के बांद्रा पुलिस स्टेशन में आर्म्स एक्ट की धारा 3 और 25 तथा मुंबई पुलिस एक्ट की धारा 37(1)(ए) और 135 के तहत मामला दर्ज किया गया है।
साथ ही मुंबई क्राइम ब्रांच के अधिकारी जांच में जुटे हैं कि यह पिस्तौल कहां से लाई गई थी और आरोपी मुंबई किसी को हथियार देने के इरादे से आया था या किसी अन्य मकसद से आया था।
इससे पहले, मुंबई क्राइम ब्रांच ने 10 सितंबर को एक नेवी कर्मचारी की राइफल और गोलियां चुराने वाले दो आरोपियों को गिरफ्तार करने में सफलता प्राप्त की थी।
दोनों आरोपियों को तेलंगाना के आसिफाबाद जिले से पकड़ा गया। गिरफ्तार लोगों के नाम राकेश दुबला और उमेश दुबला हैं, जो एक ही गांव से ताल्लुक रखते हैं।
यह घटना 6 सितंबर की रात को हुई, जब एक संवेदनशील रक्षा क्षेत्र नेवी नगर में एक शख्स नेवी की वर्दी पहनकर अंदर घुसा। उसने ड्यूटी पर तैनात कर्मचारी से कहा कि वह उसे शिफ्ट से राहत देने आया है। भरोसा दिलाकर उसने कर्मचारी की राइफल और गोलियां ले लीं। इसके बाद उसने हथियार और गोलियां कंपाउंड के बाहर फेंक दीं। बाहर उसका साथी पहले से मौजूद था, जिसने राइफल और गोलियां उठा लीं।
इसके बाद दोनों मौके से फरार हो गए और तेलंगाना भाग निकले।
क्राइम ब्रांच ने इस वारदात की जानकारी मिलते ही जांच शुरू की। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज और अन्य सुरागों की मदद से आरोपियों का पीछा किया और उन्हें तेलंगाना में दबोच लिया।
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