अपराध
बाघिन अवनी हत्या मामला : एससी ने ईनाम से जुड़े मामले पर मांगा जवाब
उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को महाराष्ट्र सरकार से उस दलील पर जवाब मांगा है, जिसमें कहा गया है कि बाघिन अवनी आदमखोर नहीं थी। नवंबर 2018 में रालेगांव में एक स्थानीय शिकारी ने इस बाघिन को गोली मार दी थी। शीर्ष अदालत ने पशु की हत्या के लिए दिए गए इनाम के पहलू पर भी जवाब मांगा।
प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे और न्यायमूर्ति ए.एस. बोपन्ना और वी. रामसुब्रमण्यम की पीठ ने कार्यकर्ता संगीता डोगरा की याचिका की जांच करने का फैसला किया और उनसे इस दावे को साबित करने को कहा कि पशु के शव परीक्षण में मानव अवशेष नहीं मिले थे।
माना जाता है कि बाघिन अवनी ने 13 ग्रामीणों की हत्या कर दी थी और नवंबर 2018 में वन विभाग के अधिकारियों और एक स्थानीय शिकारी की टीम ने यवतमाल में बोरती गांव के पास उसे गोली मार दी थी।
अवनी को आधिकारिक तौर पर टी1 के रूप में भी जाना जाता था। उसे खोजने के लिए 200 पैराग्लाइडर, इंफ्रारेड कैमरे का इस्तेमाल किया गया था, तब जाकर उसे गोली मारी गई।
सुप्रीम कोर्ट ने अधिकारियों को ट्रैंक्विलाइजर के काम नहीं करने की स्थिति में बाघिन को गोली मारने की अनुमति दी थी, जिसके बाद उसे मारा गया।
डोगरा ने पशु की हत्या में शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए शीर्ष अदालत का रूख किया है।
याचिकाकर्ता ने पीठ के समक्ष प्रस्तुत किया कि पशु के शव परीक्षण में मानव अवशेष नहीं पाए गए थे। जिसके बाद पीठ ने याचिकाकर्ता से यह भी पूछा कि पोस्ट रिपोर्ट कैसे स्थापित कर सकती है कि जानवर एक आदमखोर था या नहीं? डोगरा ने जवाब दिया कि एक आदमखोर की आंत में छह महीने तक नाखून और बाल होंगे, लेकिन उसका पेट खाली था।
डोगरा ने तर्क दिया कि उसकी हत्या करने के लिए शिकारी को अवैध रूप से पुरस्कृत भी किया गया था। पीठ ने कहा कि अधिकारियों ने आदेशों की धज्जियां उड़ाईं कि वे (बाघिन) को मारने वाले को पुरस्कृत नहीं करेंगे। पीठ ने इसपर कहा कि वह इस मामले में नोटिस जारी करेगी, क्योंकि इनाम कोर्ट के आदेश का स्पष्ट उल्लंघन था।
डोगरा ने आरोप लगाया कि राज्य के अधिकारियों ने शिकार के बाद एक समारोह आयोजित किया, जिसके दौरान बाघिन की एक चांदी की मूर्ति को असैनिक शिकारी को सौंप दिया गया।
मामले में सुनवाई के बाद शीर्ष अदालत ने डोगरा की याचिका पर महाराष्ट्र सरकार और वन अधिकारियों से जवाब मांगा है।
अपराध
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के ऊपर हमला करने वाले पर पहले से दर्ज हैं 9 मामले: कपिल मिश्रा

नई दिल्ली, 21 अगस्त। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता पर हुए हमले को दिल्ली सरकार में मंत्री कपिल मिश्रा ने इसे सुनियोजित साजिश का हिस्सा बताया है। उन्होंने गुरुवार को बताया कि आरोपी साधारण व्यक्ति नहीं है। उसका एक आपराधिक इतिहास रहा है।
कपिल मिश्रा ने मीडिया से बातचीत के दौरान बताया कि आरोपी का आपराधिक इतिहास सामने आया है। उस पर कुल नौ आपराधिक मामले दर्ज हैं, जिनमें तस्करी और अवैध शराब के व्यापार से लेकर हत्या के प्रयास तक शामिल हैं। ये बहुत गंभीर आरोप हैं जिनके खिलाफ पहले से ही मामले दर्ज हैं।
उन्होंने कहा कि इस पूरे घटनाक्रम को हम देखें तो पता चलता है कि आरोपी ने जिस तरह से काम किया वह एक पेशेवर अपराधी जैसा था। पहले अपने मोबाइल पर रिकॉर्डिंग की, फिर घर में घुसा, अंदर लोगों से बात की, और अंत में हमला किया। ये सभी तथ्य बताते हैं कि यह एक गंभीर पेशेवर हमला था, लेकिन हम सभी लोग दिल्ली पुलिस की जांच का इंतजार कर रहे हैं।
उन्होंने सुरक्षा के मुद्दे पर कहा कि अगर कोई बदलाव करना होगा तो इसका फैसला मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ही करेंगी।
आरोपी को लेकर मीडिया में चल रही खबरों पर उन्होंने कहा कि हमें तथ्यों पर बात करनी चाहिए। वह साधारण व्यक्ति नहीं है। उसने जिस तरह से हमला किया है वह पेशेवर हमलावर है। उन्होंने कहा कि सामने से दिखाई दे रहा है कि आरोपी ने सुनियोजित साजिश के तहत सीएम रेखा गुप्ता पर हमला किया है।
आम आदमी पार्टी के नेता गोपाल इटालिया के साथ आरोपी की फोटो पर कपिल मिश्रा ने कहा कि इस मामले में राजनीति की कोई आवश्यकता नहीं है।
सीएम रेखा गुप्ता के स्वास्थ्य को लेकर कपिल मिश्रा ने कहा कि वह ठीक हैं; उन्होंने बुधवार रात भी कुछ काम किया था और आज भी वह अपना आधिकारिक काम कर रही हैं। लेकिन अभी उन्हें आराम और स्वास्थ्य लाभ की जरूरत है, क्योंकि शारीरिक चोटें गंभीर हैं और उन्हें मानसिक तनाव भी है। यह कोई साधारण घटना नहीं, बल्कि एक बहुत ही असामान्य घटना थी। फिर भी मुख्यमंत्री अपना कार्यालय का काम जारी रखे हुए हैं।
अपराध
फर्जी प्रोफाइल से महिला को फंसाया, अश्लील वीडियो बनाकर करने लगा ब्लैकमेल, मुंबई में मामला दर्ज

CRIME
मुंबई, 21 अगस्त। मुंबई के मझगांव इलाके में रहने वाली एक 34 वर्षीय महिला को शादी का झांसा देकर ब्लैकमेल करने और उससे फिरौती वसूलने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। आरोप है कि युवक ने एक मैट्रिमोनियल वेबसाइट पर फर्जी प्रोफाइल बनाकर महिला से संपर्क किया, विश्वास जीतकर उसकी आपत्तिजनक तस्वीरें और वीडियो बनाए, और फिर उन्हीं के माध्यम से उसे ब्लैकमेल किया।
मुंबई पुलिस के अनुसार, पीड़िता ने शादी के लिए एक मैट्रिमोनियल साइट पर अपनी प्रोफाइल बनाई थी। 9 अगस्त को उसे एक कॉल आया, जिसमें आरोपी ने शादी की इच्छा जताई। धीरे-धीरे उसने महिला का विश्वास जीत लिया और उससे लगातार बातचीत करने लगा। बातचीत के दौरान आरोपी ने महिला को भरोसे में लेकर उसकी आपत्तिजनक तस्वीरें और वीडियो रिकॉर्ड कर लिए।
इसके बाद आरोपी ने वीडियो भेजकर महिला को धमकाया कि अगर उसने पैसे नहीं दिए, तो वह यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल कर देगा। डर के मारे महिला ने आरोपी को पहले 30 हजार रुपए दे दिए, लेकिन जब ब्लैकमेलिंग लगातार बढ़ती गई और आरोपी बार-बार पैसे मांगने लगा, तब महिला को धोखाधड़ी का एहसास हुआ और उसने भायखला पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई।
भायखला पुलिस ने महिला की शिकायत पर अलग-अलग धाराओं में मुकदमा दर्ज किया। मुंबई पुलिस को शक है कि इस अपराध के पीछे कोई संगठित साइबर ठग गिरोह सक्रिय है, जो महिलाओं को निशाना बनाकर ठगी कर रहा है। फिलहाल पुलिस मामले की गंभीरता से जांच कर रही है और आरोपी की तलाश जारी है।
अपराध
मुंबई के भांडुप में करंट लगने से 17 वर्षीय युवक की मौत, हेडफोन बनी ‘वजह’

मुंबई, 20 अगस्त। मुंबई के भांडुप इलाके में भारी बारिश के दौरान बिजली का करंट लगने से एक 17 वर्षीय युवक की दुखद मौत हो गई। यह हादसा पन्नालाल कंपाउंड में हुआ, जब युवक सड़क पर खुले हाई-टेंशन तार की चपेट में आ गया।
मृतक की पहचान दीपक पिल्ले के रूप में हुई, जो एलबीएस मार्ग पर अपने घर की ओर पैदल जा रहा था। उस समय भारी बारिश हो रही थी और दीपक ने कानों में हेडफोन लगाया हुआ था।
स्थानीय लोगों ने दीपक को सड़क पर खुले तार से बचने के लिए चेतावनी देने की कोशिश की। लेकिन, हेडफोन की वजह से वह उनकी आवाज नहीं सुन सका। जैसे ही वह तार के संपर्क में आया, उसे जोरदार बिजली का झटका लगा, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, बारिश के कारण सड़क पर पानी जमा था, जिसने करंट के प्रभाव को और बढ़ा दिया। स्थानीय लोगों ने तुरंत पुलिस को सूचना दी। भांडुप पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शव को कब्जे में लिया और पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा।
पुलिस ने इस मामले को आकस्मिक मृत्यु (एडीआर) के तहत दर्ज किया है और हादसे की जांच शुरू कर दी है।
पुलिस का कहना है कि प्रारंभिक जांच में खुले हाई-टेंशन तार के रखरखाव में लापरवाही सामने आई है। वे इस बात की भी जांच कर रहे हैं कि तार सड़क पर क्यों और कैसे थी। स्थानीय लोगों ने बिजली विभाग पर लापरवाही का आरोप लगाया है और ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए बेहतर रखरखाव की मांग की है।
वहीं, पुलिस ने लोगों से अनुरोध किया है कि सड़क पर हेडफोन का उपयोग न करें और सावधानी बरतें। पुलिस ने कहा कि हमें इस तरह की अप्रिय स्थिति से बचने के लिए व्यक्तिगत स्तर पर सावधानी बरतनी होगी।
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