राजनीति
सबसे कठिन चुनौती : जब सोनिया को 2020 में ‘बगावत’ का सामना करना पड़ा
कांग्रेस पार्टी की 1998 में कमान संभालने वाली सोनिया गांधी को 2020 में अपने सबसे कठिन राजनीतिक दौर का सामना करना पड़ा, जब 23 पार्टी नेताओं के एक समूह ने उन्हें संगठनात्मक चुनाव सहित आंतरिक सुधारों की मांग करते हुए पत्र लिखा। इस पत्र में पार्टी नेताओं ने कहा कि कांग्रेस का नेतृत्व प्रभावी और धरातल पर दिखाई देना चाहिए।
पार्टी सूत्रों ने कहा कि पत्र में कांग्रेस नेताओं ने शीर्ष नेतृत्व पर निशाना साधते हुए कहा कि पार्टी को ऐसे पूर्णकालिक और प्रभावी नेतृत्व की जरूरत है, जो दिखे भी और सक्रिय भी हो।
उन्होंने कहा कि पार्टी नेतृत्व को सबको साथ लेकर चलना चाहिए और भाजपा को एक गंभीर चुनौती देनी चाहिए। इस पत्र पर पार्टी के दिग्गज नेताओं गुलाम नबी आजाद, आनंद शर्मा, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा, वीरप्पा मोइली, राजिंदर कौर भट्टल और पृथ्वीराज चव्हाण के हस्ताक्षर थे।
पार्टी के भीतर बड़े स्तर पर सुधार करने की वकालत करते हुए यह पत्र लिखा गया था, जिसमें कहा गया कि पार्टी का स्तर नीचे जा रहा है और यह देश में भाजपा के उदय का सामना करने में असमर्थ दिखाई दे रही है।
अगस्त में कांग्रेस कार्यसमिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक में सोनिया के वफादारों ने स्थिति को नियंत्रित कर लिया पार्टी के सर्वोच्च निर्णय लेने वाले निकाय ने फैसला किया कि नए अध्यक्ष चुने जाने तक सोनिया गांधी अंतरिम पार्टी प्रमुख के रूप में बनी रहेंगी। इस दौरान फैसला हुआ कि अगले छह महीने में सीडब्ल्यूसी की बैठक बुलाई जाएगी।
बैठक के बाद, सोनिया गांधी ने संगठन में बदलाव किए और कई असंतुष्टों को शांत भी किया गया। संगठनात्मक चुनाव प्रक्रिया शुरू करने के लिए एक केंद्रीय चुनाव समिति का गठन किया गया।
19 दिसंबर को सोनिया गांधी को असंतुष्टों सहित पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की एक बैठक बुलाने और उनकी शिकायतें सुनने पर मजबूर होना पड़ा।
असंतुष्टों के शिविर के सूत्रों ने कहा कि यह केवल एक आइस-ब्रेकर था, क्योंकि पार्टी को उनके पत्र में उठाए गए मुद्दों को निपटाना है। हालांकि उन्होंने बताया कि बैठक सौहार्दपूर्ण रही।
बैठक के दौरान सोनिया ने इस पर जोर दिया कि पार्टी परिवार है। हालांकि पार्टी अध्यक्ष के रूप में राहुल गांधी के नाम पर असंतुष्ट समूह की ओर से ठंडी प्रतिक्रिया रही। महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने पार्टी में ऊपर से नीचे तक आंतरिक चुनाव कराने का सुझाव दिया। यह पत्र में रखी गईं प्राथमिक मांगों में से एक है।
राहुल गांधी ने कहा कि “हम यहां इस पर यह चर्चा करने के लिए नहीं हैं कि कांग्रेस का अध्यक्ष कौन होगा, बल्कि पार्टी की मजबूती पर ध्यान केंद्रित करने के लिए हैं।
उन्होंने कहा कि हर कोई उन्हें प्रिय है, क्योंकि सभी उनके दिवंगत पिता राजीव गांधी के दोस्त हैं। आजाद ने राहुल के विचारों का समर्थन किया, लेकिन पार्टी में ‘चिंतन शिविर’ सत्र आयोजित करने का सुझाव भी दिया।
नेताओं ने बिहार और गुजरात चुनाव में हार की ओर भी इशारा किया। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा कि एक एजेंडे के साथ सड़कों पर उतरने का यह समय है।
सोनिया गांधी के साथ कांग्रेस नेताओं की बैठक लगभग पांच घंटे के बाद समाप्त हुई और सूत्रों ने कहा कि बैठक में किसी ने भी एक बार फिर से पार्टी प्रमुख के पद के लिए राहुल गांधी के नाम पर आपत्ति नहीं जताई।
हालांकि विपक्षी दल के भीतर खींचतान अभी तक कम नहीं हुई है, क्योंकि असंतुष्ट नेता संगठनात्मक सुधार चाहते हैं, जिनमें पार्टी के चुनावों को जमीनी स्तर पर उतारने की मांग शामिल है। इसलिए अभी कांग्रेस के लिए अंतिम शब्द कहे जाने अभी बाकी हैं।
महाराष्ट्र
भिवंडी में उर्दू हाउस बनाने में बड़ी कामयाबी, उर्दू हाउस के लिए ज़मीन अलॉट की गई, जल्द ही डिप्टी चीफ़ मिनिस्टर अजीत दादा पवार से मीटिंग होने की उम्मीद

मुंबई: उर्दू भाषा से प्रेम के लिए मशहूर भिवंडी शहर के लोगों का उर्दू घर होने का सपना अब एक शर्मनाक हकीकत बनने जा रहा है। भिवंडी (पूर्व) से समाजवादी पार्टी के विधायक रईस शेख का पांच साल का अथक संघर्ष रंग लाया है और महाराष्ट्र सरकार ने भिवंडी शहर में उर्दू घर बनाने के प्रस्ताव को हरी झंडी दे दी है। खास बात यह है कि उर्दू घर के निर्माण के लिए सभी तकनीकी और कानूनी अड़चनों को दूर करके रईस शेख ने भिवंडी के उर्दू प्रेमियों के लिए एक बड़ी कामयाबी हासिल की है। गौरतलब है कि भिवंडी शहर में उर्दू प्रेमियों की बहुलता होने के बावजूद सरकार द्वारा बार-बार इसकी अनदेखी की गई और भिवंडी के लोगों ने उर्दू घर का जो सपना देखा था, उसके पूरा होने की कोई उम्मीद नहीं दिख रही थी।
लेकिन 2021 में विधानसभा सदस्य रईस शेख ने भिवंडी के लोगों के लंबे समय से चले आ रहे सपने को हकीकत में बदलने के लिए संघर्ष शुरू किया। हालाँकि इस दौरान उन्हें कई तकनीकी और कानूनी समस्याओं का सामना करना पड़ा, लेकिन रईस शेख ने हार नहीं मानी और उर्दू हाउस के निर्माण के लिए संघर्ष करते रहे और अब पाँच साल की लंबी मेहनत और प्रयासों के बाद, सरकार ने भिवंडी शहर में एक उर्दू हाउस बनाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। रईस शेख ने कहा कि महाराष्ट्र राज्य में मुंबई के पास स्थित मुस्लिम बहुल शहर भिवंडी मेहनतकश मजदूरों का शहर है। यह शहर अपने कपड़ा उद्योग के कारण देश भर में ‘मैनचेस्टर’ कहलाता है। यहाँ के बहुसंख्यक लोग उर्दू पढ़ते और लिखते हैं।
भिवंडी में बड़ी संख्या में सरकारी और निजी उर्दू स्कूल हैं जिनमें हजारों बच्चे पढ़ रहे हैं। इसके साथ ही, यहाँ के बच्चे यशवंत राव चौहान विश्वविद्यालय, मौलाना आज़ाद विश्वविद्यालय और अन्य शैक्षणिक संस्थानों से उच्च शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। इस संबंध में, 2021 में, हमने भिवंडी शहर में एक उर्दू हाउस के निर्माण के लिए अपनी आवाज उठाई और तत्कालीन अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री नवाब मलिक से मुलाकात की और भिवंडी शहर में एक उर्दू हाउस के निर्माण के लिए एक लिखित पत्र दिया।
रईस शेख ने कहा कि उर्दू हाउस के निर्माण में कई बाधाएँ आईं। सरकार की शर्तों के अनुसार, उर्दू सदन के निर्माण के लिए अल्पसंख्यक विभाग के पास अपनी 2500 वर्ग मीटर ज़मीन होनी चाहिए थी, जिसके लिए हमने प्रयास करके भिवंडी शहर में स्कूल क्रमांक 22-62 के सामने स्थित समूह ग्राम पंचायत समिति की ज़मीन हासिल की और अब सरकार ने उर्दू सदन के निर्माण के लिए ज़मीन आवंटित कर दी है और हमें उम्मीद है कि भिवंडी में उर्दू सदन बनाने का सपना बहुत जल्द साकार होगा। रईस शेख ने बताया कि इस संबंध में हमने राज्य के उपमुख्यमंत्री अजीत दादा पवार को पत्र लिखकर उनसे अनुरोध किया है कि वे अपनी अध्यक्षता में संबंधित विभाग के साथ एक बैठक बुलाएँ। हमें उम्मीद है कि उपमुख्यमंत्री द्वारा यह बैठक बहुत जल्द बुलाई जाएगी।
अंतरराष्ट्रीय
बिहार चुनाव : सीएम नीतीश को लेकर क्या बोलीं अमेरिकी सिंगर मैरी मिलबेन?, मैथिली ठाकुर पर दिया बड़ा बयान

नई दिल्ली, 25 अक्टूबर : अमेरिका की मशहूर सिंगर मैरी मिलबेन ने बिहार में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर मिडिया से एक्सक्लूसिव बातचीत की। इस बातचीत के दौरान उन्होंने बिहार में एनडीए की जीत की उम्मीद जताई। इसके साथ ही उन्होंने बिहार की प्रसिद्ध लोक गायिका मैथिली ठाकुर को ना केवल राजनीति में कदम रखने के लिए शुभकामनाएं दी, बल्कि उनकी कला और संगीत की सराहना भी की।
बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर अमेरिकी सिंगर मैरी मिलबेन ने आईएएनएस को बताया, “मैं बिहार के बारे में जानती हूं। मैं उम्मीद करती हूं कि बिहार में भाजपा द्वारा चुनाव मैदान में उतारे गए पार्टी के सभी उम्मीदवार अच्छे होंगे। मैं सभी उम्मीदवारों से परिचित नहीं हूं। मुझे पता है कि वहां के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हैं। साल 2023 में एक वीडियो वायरल हो रहा था, जिसके बारे में मेरी टीम ने मुझे बताया। मुझे नीतीश कुमार के बयान से खुशी नहीं हुई थी। हालांकि, बाद में उन्होंने अपने बयान के लिए माफी मांगी थी। महिलाओं और छोटी लड़कियों को सशक्त बनाने के लिए नीतीश सरकार ने बहुत काम किए हैं। पीएम मोदी ने भारतीय राजनीति में महिलाओं को सशक्त किया है। बिहार के विकास के लिए पीएम मोदी की सोच और इसकी अपार सफलता की मैं उम्मीद करती हूं। मैं वहां आऊंगी तो बिहार जाना जरूर पसंद करूंगी। मैं उस क्षेत्र के कई लोगों से मिली हूं। अब मैं बिहार के बारे में और जानना चाहती हूं।”
बिहार की प्रसिद्ध लोक गायिका मैथिली ठाकुर को लेकर मैरी मिलबेन ने कहा, “मैं वहां की लोक गायिका को जानती हूं। मैं बहुत उत्साहित हूं यह देखकर कि उन्होंने राजनीति में कदम रखा है। मैं उनकी कला और गायकी को बहुत पसंद करती हूं। मुझे यह देखकर बहुत खुशी हुई कि उन्होंने इतनी कम उम्र में शास्त्रीय संगीत में अपने जीवन को समर्पित कर दिया है। उन्हें राजनीति में देखकर बहुत खुशी हो रही है। उन्हें और उनके परिवार को ढेर सारा आशीर्वाद। मैं उम्मीद करती हूं कि उनकी तरह और भी नौजवान राजनीति में आएंगे।”
मैरी मिलबेन ने कहा, ”पीएम मोदी भारत-अमेरिका के बीच संबंध के लिए सबसे अच्छे नेता हैं। वह लोगों को जोड़ते हैं, साथ लाते हैं। पीएम मोदी तनाव को कम करने की कोशिश करते हैं। वह बहुत दयालु और सरल हैं। वह अमेरिका के साथ कूटनीति अच्छे से कर रहे हैं। भारत के हित में जो अच्छा है, वो पीएम मोदी कर रहे हैं।”
राष्ट्रीय समाचार
महाराष्ट्र सरकार ने बांग्लादेशी घुसपैठियों पर कसा शिकंजा, जारी किया नया परिपत्र

मुंबई, 25 अक्टूबर : महाराष्ट्र सरकार ने राज्य में बढ़ते अवैध बांग्लादेशी प्रवास को रोकने के लिए बड़ा कदम उठाया है। खाद्य आपूर्ति और उपभोक्ता संरक्षण विभाग ने इस मुद्दे पर एक नया सरकारी परिपत्र (जीआर) जारी किया है।
सरकार ने स्पष्ट कहा है कि बांग्लादेश की आर्थिक स्थिति के चलते बड़ी संख्या में लोग रोजगार की तलाश में अवैध रूप से भारत, विशेषकर महाराष्ट्र में प्रवेश कर रहे हैं। इनमें से कई प्रवासी राज्य की योजनाओं का लाभ उठाने के लिए फर्जी दस्तावेजों का उपयोग कर रहे हैं, जिसकी वजह से सरकारी योजनाओं पर अनावश्यक वित्तीय बोझ बढ़ रहा है और राज्य की सुरक्षा पर भी खतरा उत्पन्न हो रहा है।
परिपत्र में कहा गया है कि यह स्थिति राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर चुनौती बन सकती है। इसलिए ऐसे प्रवासियों को राज्य की किसी भी कल्याणकारी योजना का लाभ नहीं दिया जाएगा।
इस मुद्दे पर 9 जून 2025 को आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) की बैठक हुई थी, जिसके बाद यह निर्णय लिया गया। परिपत्र में 29 जून 2013 के पुराने सरकारी संकल्प और 2025 के अन्य संदर्भों को ध्यान में रखते हुए नई दिशानिर्देश तय किए गए हैं।
परिपत्र में जारी मुख्य निर्देश के अनुसार, सभी क्षेत्रीय कार्यालयों को अवैध बांग्लादेशी प्रवास पर नियमित विचार-विमर्श सत्र आयोजित करने और एटीएस को रिपोर्ट भेजने के निर्देश दिए गए हैं।
अवैध प्रवासियों की ब्लैकलिस्ट बनाई जाएगी ताकि वे किसी भी सरकारी योजना का लाभ न उठा सकें।
एटीएस द्वारा पहचाने गए 1,274 अवैध बांग्लादेशी नागरिकों के नाम पर जारी किसी भी सरकारी दस्तावेज की जांच की जाएगी। यदि ऐसे दस्तावेज मिले तो उन्हें तुरंत रद्द, निलंबित या निष्क्रिय करने का आदेश दिया गया है।
नए अवैध प्रवासियों की सूची विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर प्रकाशित की जाएगी, ताकि सभी क्षेत्रीय और मंडल कार्यालय सतर्क रह सकें। यदि किसी स्थानीय प्रतिनिधि की अनुशंसा पर कोई दस्तावेज जारी किया गया है, तो आवेदक के निवास स्थान का सख्त सत्यापन किया जाएगा।
सरकार ने सभी विभागों को यह प्रक्रिया कड़ाई से लागू करने के आदेश दिए हैं। साथ ही, इस परिपत्र की तिमाही प्रगति रिपोर्ट सरकार को सौंपी जाएगी।
यह परिपत्र महाराष्ट्र सरकार की आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध है, जिसे महाराष्ट्र के राज्यपाल के निर्देशानुसार जारी किया गया है।
-
व्यापार5 years agoआईफोन 12 का उत्पादन जुलाई से शुरू होगा : रिपोर्ट
-
अपराध3 years agoभगौड़े डॉन दाऊद इब्राहिम के गुर्गो की ये हैं नई तस्वीरें
-
महाराष्ट्र4 months agoहाईकोर्ट ने मुंबई पुलिस और महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को नोटिस जारी किया, मस्जिदों के लाउडस्पीकर विवाद पर
-
अनन्य3 years agoउत्तराखंड में फायर सीजन शुरू होने से पहले वन विभाग हुआ सतर्क
-
न्याय1 year agoमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के खिलाफ हाईकोर्ट में मामला दायर
-
अपराध3 years agoबिल्डर पे लापरवाही का आरोप, सात दिनों के अंदर बिल्डिंग खाली करने का आदेश, दारुल फैज बिल्डिंग के टेंट आ सकते हैं सड़कों पे
-
अपराध3 years agoपिता की मौत के सदमे से छोटे बेटे को पड़ा दिल का दौरा
-
राष्ट्रीय समाचार8 months agoनासिक: पुराना कसारा घाट 24 से 28 फरवरी तक डामरीकरण कार्य के लिए बंद रहेगा
