मनोरंजन
2020 रैप : छुपे रूस्तमों का रहा यह साल
बॉलीवुड हमेशा से बड़े नामों और सरनेम से चलता आ रहा है, लेकिन इस साल चीजें कुछ अलग रही हैं। जैसा कि 2020 समाप्त होने वाला है, आप नोटिस करेंगे कि यह वर्ष उनलोगों के लिए शानदार रहा, जो एक बड़े पृष्ठभूमि से नहीं आते हैं। चकाचौंध से दूर, यह एक ऐसा साल रहा है, जब कई छुपे रूस्तमों ने शोबीज में अपना नाम कमाया। इसका का एक बड़ा कारण ओटीटी का आगमन है, एक ऐसा डोमेन जो सभी के लिए समान अवसर मुहैया कराता है।
आईएएनएस ने उन नामों को सूचीबद्ध किया है।
प्रतीक गांधी :
हंसल मेहता की जीवनी पर आधारित ड्रामा , ‘स्कैम 1992: द हर्षद मेहता स्टोरी’ में उन्होंने शानदार काम किया और शो ने उनके करियर ग्राफ को ऊंचा कर दिया है।
जब हर्षद मेहता की बायो-सीरीज रिलीज हुई तब गुजराती स्क्रीन और स्टेज पर प्रतीक अपनी पहचान बना रहे थे। उन्होंने आईएएनएस को बताया कि 2020 निश्चित रूप से उनके लिए एक गेमचेंजर रहा है।
उन्होंने कहा, “इस (श्रृंखला) ने मुझे बहुत सारी चीजें दीं और मैं इस तथ्य को पचाने की कोशिश कर रहा हूं कि शो के बाद जो हो रहा है वह वास्तविक है। इस पूरे साल 2020 ने मुझे व्यक्तिगत स्तर पर बहुत सारी चीजें सिखाई हैं।”
जितेन्द्र कुमार:
2020 उनके लिए गेमचेंजर साबित हुआ। उन्होंने फरवरी में रिलीज ‘शुभ मंगल ज्यादा सावधान’ में आयुष्मान खुराना की ऑन-स्क्रीन समलैंगिक प्रेमी के रूप में प्रसिद्धि पाई। लेकिन जिस शो ने उन्हें घर-घर में लोकप्रिय बना दिया वह , ‘पंचायत है। उन्हें डिजिटली रिलीज हुई फिल्म ‘चमन बहार’ में भी देखा गया था।
जितेंद्र ने आईएएनएस को बताया कि वह फिल्मी दुनिया में बदलाव का हिस्सा रहे हैं। उन्होंने कहा, “इस साल ने मुझे बहुत कुछ दिया है। मैं इस तरह की विविध स्क्रिप्ट के साथ प्रयोग करने में सक्षम रहा हूं। मैंने दर्शकों को कंटेंट देने का आनंद लिया।
मानवी गगरू:
उन्हें ‘शुभ मंगल ज्यादा सावधान’ में बेहतरीन रोल में देखा गया था, लेकिन ‘फॉर मोर शॉट्स प्लीज!’ ने उन्हें बड़े पैमाने पर प्रसिद्धी दिलाने में मदद दी और उनके अभिनय कौशल में निखार आया।
उन्होंने आईएएनए से कहा, “‘शुभ मंगल ज्यादा सावधान’ से मेरे किरदार के साथ वर्ष की शुरुआत पहले ही एक अच्छे नोट पर शुरू हो चुकी थी। इससे बहुत प्यार मिला है। लॉकडाउन की शुरुआत में ‘सीजन टू फॉर मोर शॉट्स प्लीज’ आया, जब लोग न्यू नार्मल की समझ विकसित करने की कोशिश कर रहे थे।
सिद्धांत चतुर्वेर्दी:
पिछले साल ‘गली बॉय’ में एमसी शेर का किरदार निभाकर उन्हें प्रसिद्धी हासिल की। इस साल वह दीपिका पादुकोण और अनन्या पांडे के साथ एक एक अनटाइटल्ड फिल्म में काम कर रहे हैं। साथ ही कैटरीना कैफ के साथ हॉरर कॉमेडी ‘फोन भूत’, रानी मुखर्जी और सैफ अली खान के साथ ‘बंटी और बबली 2’ में भूमिका निभा रहे हैं।
विद्युत जामवाल :
किसी ने यह नहीं सोचा था कि वह बाइसेप दिखाने और खतरनाक स्टंट करने के अलावा बेहतरीन एक्ट कर सकते हैं। डिजिटली रिलीज हुई फिल्म ‘खुदा हाफिज’ में उन्होंने शानदार काम किया। एक्शन से प्रेरित इस फिल्म में अभिनय के लिए पर्याप्त गुंजाइश थी, और विद्युत ने अपने अभिनय से प्रभावित किया। फिल्म का एक और सीक्वल रिलीज के लिए तैयार है।
‘खुदा हाफिज’ के निर्देशक फारुख कबीर ने आईएएनएस को बताया, “खुदा हाफिज में इस साल विद्युत के सफल प्रदर्शन ने उन्हें एक एक्शन स्टार के अलावा अभिनेता के रूप में स्थापित किया, जोकि सराहनीय है। उन्होंने काफी प्रयास किए हैं। उन्होंने दर्शकों को वास्तव में आश्चर्यचकित किया है।”
इश्वाक सिंह:
उन्होंने ‘वीरे दी वेडिंग’ और ‘तुम बिन 2’ जैसी फिल्मों में अभिनय किया है, लेकिन यह 2020 में वह हिंदी दर्शकों के बीच एक परिचित नाम बन गए। वेब श्रृंखला ‘पाताल लोक’ में उन्होंने सिपाही इमरान अंसारी की भूमिका निभाई, जिससे वह लोकप्रिय हो गए।
कुणाल केमू:
कुणाल केमू बाल कलाकार और उसके बाद वैश्विक स्तर पर सराहे जाने के बावजूद एक छुपे रूस्तम बने रहे। इस साल कुणाल ने ‘मलंग’ में एक साइको कॉप की भूमिका निभाई। उनके किरदार को काफी सराहा गया।
उन्हें कॉमेडी फिल्म ‘लुटकेस’ में भी लोगों से काफी प्यार हासिल हुआ। मेगास्टारअमिताभ बच्चन ने इस फिल्म में उनके अभिनय की तारीफ की थी।
कुणाल ने आईएएनएस को बताया कि जब काम की बात आती है, तो 2020 उसके लिए रोमांचक और विनम्र रहा है।
उन्होंने कहा, “मुझे कुछ दिलचस्प भूमिकाओं को निभाने का मौका मिला और प्रत्येक परियोजना के लिए मुझे बहुत प्यार मिला। चाहे वह मलंग, लुटकेस हो या अभय हो। कहना बहुत जल्दबाजी होगी यदि वर्ष एक गेमचेंजर रहा है, लेकिन इसने गेम को बहुत दिलचस्प जरूर बना दिया है।
दिव्येंदु शर्मा:
उन्होंने निस्संदेह ‘मिजार्पुर 2’ में मुन्ना भैया और ‘बिच्छू का खिलाड़ी’ में अखिल के रूप में अपने अभिनय से खूब चर्चा बटोरी।
दिव्येंदु ने आईएएनएस को बताया कि वह शुक्रगुजार हैं कि उन्हें अपने किरदारों के लिए शानदार प्रतिक्रिया मिली।
उन्होंने कहा, “मुझे पता है कि यह वर्ष महामारी के कारण चुनौतीपूर्ण रहा है, बावजूद इसके मैं आभारी महसूस करता हूं कि मैं इस तरह की अविश्वसनीय कहानियों का एक हिस्सा था। यह एक अद्भुत एहसास है कि इस साल मैंने जिन तीन पात्रों को निभाया, उनमें से तीनों पात्रों को दर्शकों ने अच्छी तरह से स्वीकार किया।
मनोरंजन
मैथिली ठाकुर की बहुमत से जीत के लिए मैं ईश्वर से प्रार्थना करता हूं : पद्मश्री गायक अनूप जलोटा

मुंबई, 30 अक्टूबर: बिहार विधानसभा चुनाव में अलिनगर सीट पर सभी की नजरें हैं। यहां पर एक तरफ आरजेडी के नेता विनोद मिश्रा हैं और दूसरी तरफ अपना पहला चुनाव लड़ रहीं गायिका मैथिली ठाकुर। एक तरफ विनोद मिश्रा का अनुभव है, तो दूसरी तरफ मैथिली की लोकप्रियता।
पद्मश्री से सम्मानित गायक अनूप जलोटा ने मैथिली ठाकुर को बहुमत से जीतने की कामना की है और उन्हें अपनी शुभकामनाएं एक वीडियो के जरिए दी हैं।
आईएएनएस को दिए एक इस खास वीडियो संदेश में अनूप जलोटा ने कहा, “मुझे बहुत खुशी है कि संगीत जगत से बहुत मशहूर गायिका मैथिली ठाकुर को इस बार भाजपा ने टिकट दिया है। मैथिली के संगीत ने लोगों के जीवन को काफी प्रभावित किया है। उनका लोक संगीत लोगों के हृदय तक पहुंचा है। मैं मैथिली को बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं।”
उन्होंने आगे कहा, “ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि मैथिली भारी वोटों से विजयी हों और देश व बिहार की जनता की सेवा करें। वह संगीत के साथ-साथ जनसेवा करते हुए लोगों के दिलों पर राज करें। मेरी तरफ से मैथिली को एक बार फिर से शुभकामनाएं।”
कुछ समय पहले ही मैथिली ठाकुर को बिहार भाजपा के अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने पार्टी की सदस्यता दिलाई। तभी से यह कहा जाने लगा था कि वह आगामी विधानसभा चुनावों में खड़ी हो सकती हैं और ऐसा हुआ भी।
मैथिली अपने विधानसभा क्षेत्र में जमकर प्रचार कर रही हैं। हाल ही में एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें कुछ लोग ‘मैथिली गो बैक’ के नारे लगा रहे थे, जांच में पाया गया कि यह पुराना वीडियो है। उनके समर्थकों का कहना है कि मैथिली की छवि खराब करने के लिए यह पुराना वीडियो वायरल किया गया था। उनके समर्थक कह रहे हैं कि बिहार की जनता मैथिली को बहुमत से जिताएगी।
मैथिली ठाकुर एक मशहूर लोक गायिका हैं। 25 जुलाई 2000 को बिहार के मधुबनी में जन्मीं मैथिली के पिता रमेश ठाकुर एक म्यूजिक टीचर हैं। उन्होंने कई भाषाओं में लोकगीत गाए हैं। मैथिली ठाकुर के भक्ति गीत बहुत लोकप्रिय हैं। पिछले साल हुए नेशनल क्रिएटर अवॉर्ड में उन्हें भी पीएम मोदी के हाथों सम्मानित किया गया था। इस दौरान मैथिली ठाकुर ने उनके साथ सेल्फी लेते हुए वीडियो भी शेयर किया था।
बॉलीवुड
निर्देशक अनुभव सिन्हा का अगला पड़ाव देहरादून, आम जनता से उनका पसंदीदा सिनेमा की यात्रा

मुंबई, 30 अक्टूबर: निर्देशक अनुभव सिन्हा इन दिनों सिनेमा की दुनिया से दूर आम लोगों के बीच उनसे ये जानने की कोशिश कर रहे हैं कि वे किस तरह की फिल्म चाहते हैं। उन्होंने गुरुवार को सोशल मीडिया के जरिए बताया है कि उनकी यात्रा का आने वाला टूर देहरादून का होगा।
निर्देशक ने इंस्टाग्राम स्टोरीज पर एक पोस्टर शेयर किया, जिसमें लिखा, “मैं आ रहा हूं आपके शहर देहरादून में… आपके देहरादून में आपसे जानने।”
सिन्हा ने फॉलोअर्स को जानकारी के लिए अपना संपर्क नंबर भी साझा किया ताकि फैंस सीधे उनसे जुड़ सकें।
दरअसल, कुछ समय पहले निर्देशक ने एक वीडियो के जरिए प्रशंसकों को जानकारी देते हुए इस बात की घोषणा की थी कि यह टूर वह आम जनता को करीब से जानने और उनको समझने के लिए है कि वे सिनेमा से क्या चाहते हैं और किस तरह की कहानियां वे देखना चाहते हैं।
इस यात्रा की शुरुआत निर्देशक ने लखनऊ से की थी, जिसकी जानकारी उन्होंने सोशल मीडिया के जरिए दी थी। निर्देशक का कहना है कि यह यात्रा महज एक प्रमोशनल टूर नहीं, बल्कि एक सिनेमाई संवाद का पुल है, जो मुंबई की चमक-दमक से दूर, ग्रामीण और अर्ध-शहरी भारत की आवाज को सुनने का प्रयास है।
अनुभव अपने फिल्मी करियर में कई शानदार फिल्में बना चुके हैं, जिनमें ‘आर्टिकल 15,’ ‘मुल्क,’ ‘थप्पड़,’ ‘भीड़,’ ‘अनेक,’ और ‘गुलाब गैंग’ शामिल हैं।
उन्होंने डायरेक्टर पंकज पाराशर के लिए असिस्टेंट डायरेक्टर के रूप में काम किया। इसके बाद अनुभव ने साल 2001 में आई फिल्म ‘तुम बिन’ का डायरेक्शन किया, लेकिन उन्हें सबसे पहले बड़ी पहचान शाहरुख खान और करीना कपूर खान की फिल्म ‘रा. वन’ के जरिए मिली थी। इसके अलावा, अनुभव सिन्हा ने नेटफ्लिक्स सीरीज ‘आईसी 814 : कंधार प्लेन हाईजैक’ (2024) का भी निर्देशन किया है, जो एक वास्तविक घटना पर आधारित है।
गौरतलब है कि अनुभव की पत्नी रत्ना सिन्हा भी डायरेक्टर हैं। वे ‘शादी में जरूर आना’ सहित अन्य फिल्मों के लिए बतौर डायरेक्टर-प्रोड्यूसर काम कर चुकी हैं।
मनोरंजन
दिल्ली हाईकोर्ट ने ‘द ताज स्टोरी’ के खिलाफ जनहित याचिका पर तत्काल सुनवाई से किया इनकार

नई दिल्ली, 29 अक्टूबर: दिल्ली हाईकोर्ट ने 31 अक्टूबर को रिलीज होने वाली फिल्म ‘द ताज स्टोरी’ को लेकर दाखिल जनहित याचिका (पीआईएल) पर तत्काल सुनवाई करने से इनकार कर दिया है। याचिका में फिल्म पर आरोप लगाया गया था कि इसमें इतिहास को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया है और इसके रिलीज होने से देश में साम्प्रदायिक माहौल बिगड़ सकता है।
बता दें कि याचिका दिल्ली के वरिष्ठ अधिवक्ता शकील अब्बास ने दायर की थी। इसमें फिल्म के निर्माता, निर्देशक और अभिनेता परेश रावल को पक्षकार बनाया गया है। साथ ही याचिकाकर्ता ने केंद्र सरकार और सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन (सीबीएफसी) को भी पक्षकार बनाया था। याचिकाकर्ता का दावा है कि फिल्म ताजमहल और उससे जुड़ी ऐतिहासिक जानकारी को गलत तरीके से पेश करती है, जिससे जनता के बीच भ्रम फैल सकता है और धार्मिक और सांप्रदायिक तनाव पैदा होने का खतरा है।
याचिका में यह भी कहा गया कि फिल्म बनाने वाली टीम की पिछली फिल्में राजनीतिक दृष्टिकोण को बढ़ावा देती रही हैं। उदाहरण के तौर पर याचिकाकर्ता ने ‘द कश्मीर फाइल्स’ और ‘द बंगाल फाइल्स’ का जिक्र किया, जो पहले भी विवादित और राजनीतिक रूप से संवेदनशील मानी गई थीं।
शकील अब्बास का तर्क था कि ‘द ताज स्टोरी’ भी उन्हीं उद्देश्यों को लेकर बनाई जा रही है और इसमें इतिहास को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया है।
याचिका में फिल्म के ट्रेलर का हवाला देते हुए कहा गया था कि ट्रेलर में कई ऐतिहासिक तथ्यों का गलत चित्रण किया गया है।
याचिकाकर्ता का कहना था कि सीबीएफसी ने ट्रेलर और फिल्म की सामग्री की जिम्मेदारी से जांच नहीं की, जिससे जनता में भ्रम फैल सकता है।
याचिकाकर्ता ने अदालत से फिल्म की सर्टिफिकेशन को दोबारा जांचने की मांग की थी। इसके अलावा यह भी कहा गया कि फिल्म में स्पष्ट डिस्क्लेमर (सावधानी नोटिस) जोड़ा जाए और यदि जरूरी हो तो कुछ आपत्तिजनक दृश्य हटाए जाएं।
हालांकि दिल्ली हाईकोर्ट ने तत्काल सुनवाई करने से इनकार कर दिया है।
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