अंतरराष्ट्रीय
अमेरिकी प्रोत्साहन पैकेज से चमकी पीली धातु, 1 फीसदी चढ़ा एमसीएक्स पर सोना
अमेरिका में कोरोना महामारी से मिल रही चुनौतियों से निपटने के लिए 900 अरब डॉलर के प्रोत्साहन पैकेज पर रिपब्लिकन और डेमोक्रेट के बीच सहमति बनने से अंतर्राष्ट्रीय बाजार में पीली धातु की चमक बढ़ गई। वैश्विक बाजार से मिले मजबूत संकेतों से भारतीय वायदा बाजार एमसीएक्स पर आरंभिक कारोबार के दौरान सोने में एक फीसदी से ज्यादा की तेजी आई और चांदी तीन फीसदी से ज्यादा उछली।
सोमवार सुबह 9.14 बजे मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) पर सोने के फरवरी एक्सपायरी अनुबंध में बीत सत्र से 531 रुपये यानी 1.06 फीसदी की तेजी के साथ 50,835 रुपये प्रति 10 ग्राम पर कारोबार चल रहा था जबकि इससे पहले सोने का भाव 50,837 रुपये तक चढ़ा जोकि 17 नवंबर के बाद का सबसे ऊंचा स्तर है जबकि सोने का भाव 51,000 रुपये प्रति 10 ग्राम तक चढ़ा था। एमसीएक्स पर सोने के भाव का सर्वाधिक ऊंचा स्तर 56,191 रुपये प्रति 10 ग्राम है जो इसी साल सात अगस्त को था।
एमसीएक्स पर चांदी के मार्च अनुबंध में बीते सत्र से 2,320 रुपये यानी 3.42 फीसदी की तेजी के साथ 70,227 रुपये प्रति किलो पर कारोबार चल रहा था जबकि इससे पहले चांदी का भाव कारोबार के दौरान 70,299 रुपये प्रति किलो तक उछला। चांदी का भाव एमसीक्स पर चार महीने के ऊंचे स्तर पर है।
एमसीएक्स पर सात अगस्त को चांदी का भाव सर्वाधिक ऊंचा स्तर 77,949 रुपये प्रति किलो तक चढ़ा था।
अहमदाबाद के कारोबारी और जेम्स एंड ज्वेलरी ट्रेड काउंसिल ऑफ इंडिया के प्रेसीडेंट शांतिभाई पटेल की मानें तो सोने और चांदी में आई मौजूदा तेजी से देश के सर्राफा बाजार में हाजिर मांग में थोड़ी कमजोरी आ सकती है। उन्होंने कहा कि हालांकि यह तेजी अभी बनी रहेगी लेकिन आभूषणों के खरीदार भाव टूटने का इंतजार कर सकते हैं।
अंतर्राष्ट्रीय बाजार कॉमेक्स पर सोने के फरवरी अनुबंध में बीते सत्र से 18.75 डॉलर यानी 0.99 फीसदी की तेजी के साथ 1,907.65 डॉलर प्रति औंस पर कारोबार चल रहा था।
बाजार के जानकार बताते हैं कि प्रोत्साहन पैकेज और कोरोना के बढ़ते प्रकोप से सोने में तेजी बनी रहेगी। बता दें कि कोराना काल में सात अगस्त को कॉमेक्स पर सोने का भाव 2,089.20 डॉलर प्रति औंस तक चढ़ा था जोकि ऐतिहासिक ऊंचा स्तर है।
कॉमेक्स पर सोमवार को चांदी के मार्च अनुबंध में बीते सत्र से 4.45 फीसदी की तेजी के साथ 27.19 डॉलर प्रति औंस पर कारोबार चल रहा था।
एंजेल ब्रोकिंग के डिप्टी वाइस प्रेसीडेंट अनुज गुप्ता भी कहते हैं कि सोने में अभी तेजी बनी रहेगी, लेकिन घरेलू बाजार में 56,000 का जो ऊंचा स्तर है वहां तक फिलहाल जाने की उम्मीद नहीं दिखती है। लेकिन, कोरोना के कहर और अमेरिका में प्रोत्साहन पैकेज से सोने और चांदी में सपोर्ट बना रहेगा।
अमेरिका में 900 अरब डॉलर के प्रोत्साहन पैकेज से जुड़े बिल पर प्रतिनिधि सभा और सीनेट में वोटिंग होगी। हालांकि रिपब्लिकन और डेमोक्रेट के बीच इस पर सहमति बन गई है।
केडिया एडवायजरी के डायरेक्टर अजय केडिया कहते हैं कि यह प्रोत्साहन पैकेज सोने और चांदी के लिए सकारात्मक है क्योंकि नकदी आने से सोने में निवेश मांग बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि कोरोना के नये वायरस के प्रसार से पैदा हुई चिंता और बगदाद में अमेरिकी दूतावास को निशाना बनाते हुए रॉकेट से किए गए हमले से पैदा हुए भूराजनीतिक तनाव से भी सोने और चांदी की तेजी को सपोर्ट मिल रहा है।
हालांकि उनका कहना है कि घरेलू बाजार में 56,000 के उपर सोने का भाव फिलहाल जाता नहीं दिख रहा है, लेकिन मार्च तक सोना नई बुलंदी को छू सकता है।
व्यापार
एफपीआई ने अक्टूबर में भारतीय शेयर बाजारों में की वापसी, फ्रांस रहा सबसे आगे

मुंबई, 7 नवंबर: एनएसडीएल के डेटा के अनुसार, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने अक्टूबर में भारतीय शेयर बाजारों में अपनी जोरदार वापसी दर्ज करवाई है, जो कि उनकी तीन महीनों की लगातार बिकवाली के बाद एक महत्वपूर्ण बदलाव है।
एफपीआई द्वारा भारतीय शेयर बाजारों में निवेश को लेकर फ्रांस सबसे आगे रहा है, जिसने 2.58 अरब डॉलर का निवेश भारतीय शेयरों और 152 मिलियन डॉलर का निवेश डेट इंस्ट्रूमेंट में किया है।
एफपीआई की ओर से संयुक्त रूप से भाारतीय शेयरों में बीते महीने 1.66 अरब डॉलर का निवेश किया गया है। जबकि इससे पहले सितंबर में एफपीआई की ओर से 2.7 अरब डॉलर की बिकवाली दर्ज की गई थी।
फ्रांस के अलावा, अमेरिका और जर्मनी भी भारतीय शेयरों में निवेश करने को लेकर आगे रहे हैं। दोनों ही देशों में प्रत्येक ने भारतीय शेयरों में 520 मिलियन डॉलर का निवेश किया है।
इसके अलावा, अमेरिका की ओर से डेट इंस्ट्रूमेंट में 765 मिलियन डॉलर और जर्मनी की ओर से 309 मिलियन डॉलर का निवेश दर्ज किया गया है।
कुछ और देशों का भारतीय शेयर बाजारों की ओर सकारात्मक रुख दर्ज किया गया। आयरलैंड ने 400 मिलियन डॉलर इक्विटी में और 138 मिलियन डॉलर का निवेश डेट इंस्ट्रूमेंट में किया। मलेशिया की ओर से 342 मिलियन डॉलर इक्विटी में और 68 मिलियन डॉलर का निवेश डेट इंस्ट्रूमेंट में किया।
हांग कांग ने भारतीय इक्विटी में 177 मिलियन डॉलर का निवेश किया और डेनमार्क और नॉर्वे दोनों की ओर से करीब 100 मिलियन डॉलर का निवेश भारतीय इक्विटी में किया गया।
मजबूत कॉर्पोरेट अर्निंग, यूएस फेडरल द्वारा ब्याज दरों में कटौती और भारत-अमेरिका के बीच संभावित व्यापार वार्ता जैसे कारकों के कारण एफपीआई की ओर से खरीदारी दर्ज की गई।
हालांकि, सिंगापुर की ओर से इस महीने इक्विटी से 98 मिलियन डॉलर की बिकवाली दर्ज की गई है, जबकि 260 मिलियन डॉलर का निवेश डेट मार्केट में किया गया है। जिससे सिंगापुर की नेट पॉजिशन सकारात्क दर्ज की गई। इसके अलावा, अन्य देशों की ओर से 3 अरब डॉलर की बिकवाली रही।
विदेशी निवेशकों की वापसी के साथ बीते महीने अक्टूबर में भारतीय बेंचमार्क सूचकांकों सेंसेक्स और निफ्टी में प्रत्येक ने 4.5 प्रतिशत की बढ़त दर्ज करवाई।
व्यापार
भारत में करीब 50 प्रतिशत मिलेनियल्स को एआई से नौकरी खोने का डर : रिपोर्ट

मुंबई, 3 नवंबर: आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के बढ़ते चलन के कारण भारत में 50 प्रतिशत मिलेनियल्स को अगले तीन से पांच वर्षों में नौकरी खोने का डर है। यह जानकारी सोमवार को एक रिपोर्ट में दी गई।
ग्रेट प्लेस टू वर्क इंडिया की ओर से जारी रिपोर्ट में बताया गया कि भारतीय कर्मचारी काम पर एआई के बढ़ते असर के साथ कैसे तालमेल बिठा रहे हैं।
रिपोर्ट में बताया गया कि पूरे भारत में 54 प्रतिशत कर्मचारियों का मानना है कि उनकी ऑर्गनाइजेशन अभी एआई इम्प्लीमेंटेशन के पायलट या इंटरमीडिएट स्टेज पर हैं। यह ज्यादा टेक-पावर्ड और कुशल काम के माहौल की ओर लगातार हो रही तरक्की को दिखाता है।
रिपोर्ट के मुताबिक, 10 में से चार कर्मचारियों को लगता है कि एआई अगले तीन से पांच सालों में उनकी जगह ले सकता है। यह डर किसी एक खास ग्रुप तक सीमित नहीं है, बल्कि हर स्तर के कर्मचारियों में है।
रिपोर्ट के अनुसार, एआई की वजह से अपनी नौकरी जाने को लेकर चिंतित कम से कम 40 परसेंट कर्मचारी अपनी मौजूदा कंपनी को छोड़ने की योजना बना रहे हैं। यह एचआर डिपार्टमेंट और सीनियर लीडरशिप के लिए एक जरूरी और गंभीर मुद्दा है।
ग्रेट प्लेस टू वर्क, इंडिया के सीईओ, बलबीर सिंह ने कहा, “जैसे-जैसे अलग-अलग इंडस्ट्रीज में ऑर्गनाइजेशन एआई को लागू करने में आगे बढ़ रहे हैं, लीडर्स ऐसे हाई-इम्पैक्ट एआई स्ट्रेटेजी बना रहे हैं जो इंसानी क्षमताओं को बढ़ाते हैं। अभी जिन रुकावटों पर ध्यान देने की जरूरत है, वह ऑर्गनाइजेशनल रेसिस्टेंस, साथ ही कर्मचारियों की तैयारी है।”
रिपोर्ट में आगे बताया गया कि इसके अलावा, जिन कंपनियों ने अभी तक एआई को नहीं अपनाया है, उनमें लगभग 57 प्रतिशत कर्मचारियों ने इनसिक्योर महसूस किया, जबकि एआई अपनाने के एडवांस्ड स्टेज वाली कंपनियों में यह आंकड़ा 8 प्रतिशत है।
व्यापार
भारतीय शेयर बाजार हल्की गिरावट के साथ खुला, सरकारी बैंकिंग शेयरों में तेजी

मुंबई, 3 नवंबर: भारतीय शेयर बाजार सोमवार के कारोबारी सत्र में हल्की गिरावट के साथ खुला। सुबह 9:19 पर सेंसेक्स 126 अंक या 0.15 प्रतिशत की गिरावट के साथ 83,811 और निफ्टी 20 अंक या 0.08 प्रतिशत की मामूली गिरावट के साथ 25,688 पर था।
शुरुआती कारोबार में सरकारी बैंकिंग शेयरों में तेजी देखी गई। निफ्टी पीएसयू बैंक करीब 2 प्रतिशत की बढ़त के साथ कारोबार कर रहा था। इसके अलावा निफ्टी फार्मा, निफ्टी मेटल, निफ्टी रियल्टी, निफ्टी हेल्थकेयर और निफ्टी ऑयल एंड गैस भी हरे निशान में थे। हालांकि, निफ्टी आईटी, निफ्टी एफएमसीजी और निफ्टी फाइनेंशियल सर्विसेज लाल निशान में थे।
लार्जकैप की अपेक्षा मिडकैप और स्मॉलकैप शेयर हरे निशान में थे। निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 114 अंक या 0.19 प्रतिशत की तेजी के साथ 59,940 और निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 120 अंक या 0.66 प्रतिशत की मजबूती के साथ 18,501 पर था।
सेंसेक्स पैक में एमएंडएम, एसबीआई, टाटा मोटर्स पैसेंजर व्हीकल, भारती एयरटेल, सन फार्मा, टाटा स्टील और पावर ग्रिड हरे निशान में थे। मारुति सुजुकी, बीईएल, टाइटन, इटरनल (जोमैटो), बजाज फाइनेंस, एक्सिस बैंक, बजाज फिनसर्व, एनटीपीसी, ट्रेंट, कोटक महिंद्र बैंक, टीसीएस, टेक महिंद्रा, आईसीआईसीआई बैंक और एचडीएफसी बैंक लूजर्स थे।
चॉइस ब्रोकिंग के मुताबिक, निफ्टी एक सीमित दायरे में कारोबार कर रहा है और गिरावट के बाद भी 25,800 के ऊपर बना हुआ है, जो दिखाता है बाजार में आने समय में एक छोटा कंसोलिडेशन देखने को मिल सकता है। निफ्टी के लिए सपोर्ट 25,600 से लेकर 25,500 पर है, जबकि रुकावट का स्तर 25,800 से लेकर 26,000 के बीच है।
ब्रोकिंग फर्म ने आगे कहा कि अगर निफ्टी 26,000 के पार निकलता है, तो यह 26,100 से लेकर 26,300 तक जा सकता है।
लगातार तीन महीनों तक बिकवाली के बाद, विदेशी निवेशकों ने अक्टूबर में भारतीय शेयर बाजार में मजबूत वापसी की है और करीब 14,610 करोड़ रुपए का निवेश किया।
विदेशी निवेशकों की वापसी की वजह कॉरपोरेट आय में उछाल, अमेरिकी फेड की ओर से ब्याज दरों में कटौती करना और अमेरिका-भारत के बीच ट्रेड डील की संभावना है।
-
व्यापार5 years agoआईफोन 12 का उत्पादन जुलाई से शुरू होगा : रिपोर्ट
-
अपराध3 years agoभगौड़े डॉन दाऊद इब्राहिम के गुर्गो की ये हैं नई तस्वीरें
-
महाराष्ट्र4 months agoहाईकोर्ट ने मुंबई पुलिस और महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को नोटिस जारी किया, मस्जिदों के लाउडस्पीकर विवाद पर
-
अनन्य3 years agoउत्तराखंड में फायर सीजन शुरू होने से पहले वन विभाग हुआ सतर्क
-
न्याय1 year agoमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के खिलाफ हाईकोर्ट में मामला दायर
-
अपराध3 years agoबिल्डर पे लापरवाही का आरोप, सात दिनों के अंदर बिल्डिंग खाली करने का आदेश, दारुल फैज बिल्डिंग के टेंट आ सकते हैं सड़कों पे
-
अपराध3 years agoपिता की मौत के सदमे से छोटे बेटे को पड़ा दिल का दौरा
-
राष्ट्रीय समाचार9 months agoनासिक: पुराना कसारा घाट 24 से 28 फरवरी तक डामरीकरण कार्य के लिए बंद रहेगा
