राजनीति
किसानों की माली हालत सुधारने के लिए सरकार कर रही चौतरफा प्रयास : तोमर

केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण, ग्रामीण विकास, पंचायत राज और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने शनिवार को कहा कि सरकार का मकसद किसानों की माली हालत में सुधार लाना है और इसके लिए चौतरफा प्रयास किए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि किसानों और कृषि क्षेत्र को समृद्ध बनाने के लिए केंद्र सरकार चौतरफा प्रयास कर रही है और इस दिशा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में अहम कदम उठाए गए हैं, जिनका लाभ किसानों को मिलना शुरू भी हो गया है।
ईलेट्स टेक्नो मीडिया द्वारा आयोजित तीन दिवसीय नॉलेज एक्सचेंज समिट के दसवें संस्करण का शुभारंभ करते हुए केंद्रीय कृषि मंत्री तोमर ने कहा कि सरकार आधुनिक प्रौद्योगिकी के माध्यम से भी किसानों को फायदा पहुंचा रही है। उन्होंने कहा कि सरकार के पास किसानों का बड़ा डाटा बैंक होगा, जिससे मिट्टी की जांच, बाढ़ की चेतावनी, सैटेलाइट की तस्वीरों से लेकर जमीन के राजस्व रिकॉर्ड जैसी सूचनाएं उन्हें घर बैठे ही मिलेंगी।
उन्होंने कहा, “सरकार का उद्देश्य है कि किसानों की माली हालत सुधरे, कृषि क्षेत्र फायदे में आए व नई पीढ़ी खेती की ओर आकर्षित हो।”
देश में कृषि सुधारों के विषय पर आयोजित इस समिट में बतौर मुख्य अतिथि तोमर ने कहा कि कृषि और सम्बद्ध क्षेत्रों में बीते कुछ समय में कई नए आयाम जुड़े हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने इस क्षेत्र को प्राथमिकता पर रखा है और राज्यों के साथ मिलकर गांवों का विकास करना और गरीबों व किसानों के जीवन में खुशहाली लाना उनका प्रमुख लक्ष्य है जिसे हासिल करने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं।
तोमर ने कहा, “हमारे गांव और कृषि क्षेत्र बरसों से इस देश की ताकत रहे हैं, जिन्हें और मजबूत करने पर सरकार का पूरा ध्यान है। इसी कड़ी में आत्मनिर्भर भारत अभियान के अंतर्गत एक लाख करोड़ रुपये के कृषि इंफ्रास्ट्रक्च र फंड की ऐतिहासिक शुरूआत हो चुकी है। इसका उपयोग गांवों में कृषि इंफ्रास्ट्रक्च र तैयार करने में किया जाएगा। इस फंड से कोल्ड स्टोरेज, वेयरहाउस, साइलो, ग्रेडिंग और पैकेजिंग यूनिट्स लगाने के लिए लोन दिया जाएगा।”
कृषि मंत्री ने कहा कि खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों के विकास के लिए 10 हजार करोड़ रुपये के निवेश का प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि जब गांव-गांव में बुनियादी ढांचे तैयार होंगे तो किसान अपनी उपज को कुछ समय रोक कर रख पाएंगे जिससे उनको बाद में उचित मूल्य पर बेचने में सक्षम होंगे।
तोमर ने कहा कि छोटी-छोटी फूड प्रोसेसिंग यूनिट्स गांव-गांव में खुलने से किसानों को लाभ मिलेगा और रोजगार के अवसर खुलेंगे। इससे किसानों को अपनी फसल का वाजिब दाम मिलने लगेगा।
उन्होंने कहा कि एक और महत्वपूर्ण स्कीम 10 हजार एफपीओ यानी किसान उत्पादक संगठन बनाने की प्रारंभ की गई है, जिस पर केंद्र सरकार 6,850 करोड़ रुपये खर्च करेगी।
उन्होंने कहा कि इनके माध्यम से, छोटे-मझौले किसानों, जिनकी निवेश की शक्ति कम होती है, जोत का रकबा छोटा होता है और वे महंगी फसलों के लिए निवेश करने में सक्षम नहीं होते है, उन्हें संगठित किया जाएगा ताकि उनके खेती के खचरें में कमी आएं, उन्हें आधुनिक तकनीकों का लाभ मिले, उनके लिए मार्केटिंग की सुविधा विकसित हो व इन सबसे उनकी आय बढ़े।
उन्होंने कहा कि नए एफपीओ को क्रांतिकारी कदम के रूप में माना जा रहा है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कृषि से सम्बद्ध सेक्टरों के लिए भी सरकार ने करीब 50 हजार करोड़ रुपये के पैकेजों सहित अन्य उपा किए हैं जिसका फायदा किसानों को मिलेगा।
उन्होंने कहा कि, किसानों की आय बढ़ाने एवं उनके जीवन स्तर में आमूलचूल बदलाव लाने के उद्देश्य से नए कृषि कानून बनाए हैं, जिनसे सिर्फ और सिर्फ किसानों के हितों का संरक्षण किया गया है।
राजनीति
मानसून सत्र के अंतिम दिन भी लोकसभा-राज्यसभा में ही नहीं चल सका प्रश्नकाल

LOKSABHA
नई दिल्ली, 21 अगस्त। मानसून सत्र के अंतिम दिन भी संसद में हंगामा बरकरार रहा। गुरुवार को मौजूदा संसद सत्र का आखिरी दिन था हालांकि हंगामे के कारण सत्र के आखिरी दिन भी लोकसभा और राज्यसभा दोनों की ही कार्यवाही बाधित हुई।
राज्यसभा और लोकसभा दोनों में ही प्रश्नकाल नहीं चल सका और सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी। गौरतलब है कि प्रश्न काल के दौरान विभिन्न राजनीतिक दलों के सांसद, सरकार के मंत्रियों से उनके विभाग संबंधी प्रश्न पूछते हैं। केंद्र के मंत्रियों द्वारा इन प्रश्नों के उत्तर दिए जाते हैं।
प्रश्नों के लिखित उत्तर भी सदन में प्रस्तुत किए जाते हैं। हालांकि मौजूदा सत्र के अधिकांश कार्य दिवसों में प्रश्नकाल हंगामे की भेंट चढ़ गया और सत्र के अंतिम दिन भी सदन में यही स्थिति रही। दरअसल विपक्ष संसद में मतदाता सूची खासतौर पर बिहार में चुनाव आयोग द्वारा करवाए जा रहे मतदाता सूची के गहन रिव्यू पर चर्चा चाहता है। लेकिन आसन से इसकी मंजूरी नहीं मिली है।
राज्यसभा के उपसभापति का कहना है कि अदालत में विचाराधीन विषयों पर सदन में चर्चा की अनुमति नहीं हैं। गुरुवार को राज्यसभा में ऐसा ही हंगामा देखने को मिला। हंगामे के कारण राज्यसभा में सदन की कार्यवाही प्रारंभ होने के कुछ देर बाद ही दोपहर दो बजे तक स्थगित करनी पड़ी।
राज्यसभा के उप सभापति हरिवंश नारायण ने सदन की कार्यवाही को दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया। दरअसल राज्यसभा की कार्यवाही प्रारंभ होने के कुछ ही देर उपरांत उप सभापति ने बताया कि उन्हें 4 अलग अलग विषयों पर चर्चा के लिए नोटिस दिए गए हैं। ये सभी नोटिस नियम संख्या 267 के अंतर्गत दिए गए थे। उप सभापति ने बताया कि उन्हें दिए गए सभी नोटिसों में से कोई भी नोटिस नियमानुसार नहीं दिया गया है, इसलिए उन्होंने इन सभी नोटिसों को अस्वीकार कर दिया।
वहीं नोटिस अस्वीकार होने पर विपक्षी सांसद अपने स्थानों से उठकर नारेबाजी करने लगे। यह देखकर उप सभापति ने कहा कि आप नहीं चाहते कि शून्यकाल चले। आप शून्यकाल चलाना नहीं चाहते। इसके बाद सदन की कार्यवाही दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। उधर दूसरी ओर लोक सभा में तो सदन की कार्यवाही प्रारंभ होते ही हंगामा शुरू हो गया। विपक्षी सांसद बिहार में चुनाव आयोग द्वारा मतदाता सूची के गहन रिव्यू (एसआईआर) के मुद्दे पर चर्चा की मांग कर रहे थे।
सदन की कार्यवाही प्रारंभ होते ही विपक्षी सांसद अपनी इस मांग को लेकर अपनी सीटों से उठकर आगे आ गए और एसआईआर पर चर्चा को लेकर नारेबाजी करने लगे। इस पर लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि यह इस सत्र का अंतिम दिन है, आप प्रश्नकाल नहीं चलने दे रहे हैं। इसके बाद उन्होंने हंगामे को देखते हुए सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
राष्ट्रीय समाचार
मुंबई: 14 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के मामले में ताड़देव के व्यवसायी को जमानत देने से इनकार

CRIME
मुंबई: सत्र न्यायालय ने 14 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के मामले में ताड़देव के एक व्यापारी को जमानत देने से इनकार कर दिया है।
मामले के बारे में
आरोपी बिरजू सल्ला, 2017 में एक विमान को हाईजैक करने की धमकी देने के लिए कथित तौर पर एक नोट रखने के लिए गुजरात में दर्ज एक मामले के सिलसिले में चर्चा में था। सल्ला को विशेष अदालत ने दोषी ठहराया और आजीवन कारावास की सजा सुनाई, लेकिन बाद में, उसे अगस्त 2023 में गुजरात उच्च न्यायालय ने बरी कर दिया।
बरी होने के बाद, सल्ला अपने पारिवारिक व्यवसाय, चाँदी के आभूषणों के व्यापार में वापस लौट गया। हालाँकि, इस साल की शुरुआत में, आर्थिक अपराध शाखा ने उस पर धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया और 2 जुलाई को उसे गिरफ्तार कर लिया। मामले के विवरण के अनुसार, 18 नवंबर, 2024 को, सल्ला ने शैलेश जैन नामक व्यक्ति से, जिसके साथ उसके पारिवारिक संबंध थे, बिक्री के लिए प्राचीन सोने के आभूषण, चाँदी के बर्तन और रत्न माँगे। जैन ने अनुमोदन वाउचर के आधार पर 14 करोड़ रुपये में ये कीमती सामान उपलब्ध कराए।
एक महीने से ज़्यादा समय में, सल्ला ने जैन को 1.47 करोड़ रुपये मूल्य के कीमती सामान लौटा दिए, लेकिन कथित तौर पर शेष 12.76 करोड़ रुपये न तो लौटाए और न ही उनकी कीमत चुकाई। अग्रिम ज़मानत देने से इनकार करते हुए, अदालत ने कहा, “आवेदक पहले भी उक्त अनुमोदन वाउचर पर उनके जबरन हस्ताक्षर लेने का मामला लेकर आया था, लेकिन चुप रहा और शिकायत दर्ज कराने के लिए कोई कदम नहीं उठाया। प्रथम दृष्टया, रिकॉर्ड में मौजूद सामग्री से पता चलता है कि उसने गहने ले लिए थे… और 12.76 करोड़ रुपये मूल्य के कीमती सामान वापस नहीं किए…”
अपराध
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के ऊपर हमला करने वाले पर पहले से दर्ज हैं 9 मामले: कपिल मिश्रा

नई दिल्ली, 21 अगस्त। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता पर हुए हमले को दिल्ली सरकार में मंत्री कपिल मिश्रा ने इसे सुनियोजित साजिश का हिस्सा बताया है। उन्होंने गुरुवार को बताया कि आरोपी साधारण व्यक्ति नहीं है। उसका एक आपराधिक इतिहास रहा है।
कपिल मिश्रा ने मीडिया से बातचीत के दौरान बताया कि आरोपी का आपराधिक इतिहास सामने आया है। उस पर कुल नौ आपराधिक मामले दर्ज हैं, जिनमें तस्करी और अवैध शराब के व्यापार से लेकर हत्या के प्रयास तक शामिल हैं। ये बहुत गंभीर आरोप हैं जिनके खिलाफ पहले से ही मामले दर्ज हैं।
उन्होंने कहा कि इस पूरे घटनाक्रम को हम देखें तो पता चलता है कि आरोपी ने जिस तरह से काम किया वह एक पेशेवर अपराधी जैसा था। पहले अपने मोबाइल पर रिकॉर्डिंग की, फिर घर में घुसा, अंदर लोगों से बात की, और अंत में हमला किया। ये सभी तथ्य बताते हैं कि यह एक गंभीर पेशेवर हमला था, लेकिन हम सभी लोग दिल्ली पुलिस की जांच का इंतजार कर रहे हैं।
उन्होंने सुरक्षा के मुद्दे पर कहा कि अगर कोई बदलाव करना होगा तो इसका फैसला मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ही करेंगी।
आरोपी को लेकर मीडिया में चल रही खबरों पर उन्होंने कहा कि हमें तथ्यों पर बात करनी चाहिए। वह साधारण व्यक्ति नहीं है। उसने जिस तरह से हमला किया है वह पेशेवर हमलावर है। उन्होंने कहा कि सामने से दिखाई दे रहा है कि आरोपी ने सुनियोजित साजिश के तहत सीएम रेखा गुप्ता पर हमला किया है।
आम आदमी पार्टी के नेता गोपाल इटालिया के साथ आरोपी की फोटो पर कपिल मिश्रा ने कहा कि इस मामले में राजनीति की कोई आवश्यकता नहीं है।
सीएम रेखा गुप्ता के स्वास्थ्य को लेकर कपिल मिश्रा ने कहा कि वह ठीक हैं; उन्होंने बुधवार रात भी कुछ काम किया था और आज भी वह अपना आधिकारिक काम कर रही हैं। लेकिन अभी उन्हें आराम और स्वास्थ्य लाभ की जरूरत है, क्योंकि शारीरिक चोटें गंभीर हैं और उन्हें मानसिक तनाव भी है। यह कोई साधारण घटना नहीं, बल्कि एक बहुत ही असामान्य घटना थी। फिर भी मुख्यमंत्री अपना कार्यालय का काम जारी रखे हुए हैं।
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