राजनीति
लखनऊ में सपा मुखिया अखिलेश यादव ने दी गिरफ्तारी
कन्नौज में किसान यात्रा रवाना करने से रोके गए सपा मुखिया अखिलेश यादव ने सोमवार को भाजपा पर जमकर निशाना साधा और अपनी गिरफ्तारी दी। अखिलेश यादव ने कहा कि विपक्ष अगर कहीं पर भी कुछ करता है तो सरकार कोरोना का बहाना बना लेती है। इससे पहले लखनऊ में नजरबंद रहे अखिलेश यादव ने अपने आवास के पास विक्रमादित्य मार्ग पर धरना दिया और मीडिया को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि भाजपा ने कोरोना वायरस को एक बहाना बनाया है। भाजपा के लिए किसी भी कार्यक्रम को आयोजित करने के लिए कोरोना वायरस कहीं पर भी नहीं है, लेकिन विपक्ष अगर कहीं पर भी कुछ करता है तो सरकार कोरोना का बहाना बना लेती है। अब तो यह सरकार भरपूर तानाशाही कर रही है। हर जगह पर पुलिस के दम पर हमें रोका जा रहा है। इसके बाद अखिलेश यादव ने गिरफ्तारी दी।
अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा ने 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने की बात कही थी लेकिन अब कृषि कानून लाकर उन्हें कमजोर कर रही है। अखिलेश ने कहा कि हम कन्नौज जा रहे हैं। अगर हमें जेल भेजा जाएगा तो हम उसके लिए भी तैयार हैं। उन्होंने कहा कि अगर किसानों के लिए बने कानून से किसान ही खुश नहीं हैं, तो फिर सरकार इन्हें वापस ले। किसानों की आवाज को सरकार सुन नहीं रही है।
अखिलेश यादव ने कहा कि उनके कार्यकर्ता प्रदेश के कई जिलों में गिरफ्तारियां दे रहे हैं, लेकिन हमें अब कन्नौज नहीं जाने दिया जा रहा है। अगर इन्हें जेल में डालना है, तो ये हमें भी जेल में डाल सकते हैं। यादव ने कहा कि मैं कन्नौज जा रहा हूं, गाड़ी रोक दी गई है लेकिन जहां तक हो सकेगा मैं पैदल ही चल दूंगा। अखिलेश ने कहा कि सरकार ने किसानों की दोगुनी आय करने का वादा किया था, लेकिन आज किसानों को बर्बाद करने वाला कानून लाया गया है।
इससे पहले समाजवादी पार्टी के राष्टÑीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को लखनऊ में विक्रमादित्य मार्ग पर उनके आवास में ही नजरबंद किया गया। अखिलेश यादव के आवास के साथ ही विक्रमादित्य मार्ग पर सपा कार्यालय को भी बैरिकेडिंग लगाकर सील कर दिया गया है। कन्नौज में सपाइयों को रोकने के लिए प्रशासन तैयार है।
सपा कार्यकर्ता पार्टी कार्यालय के सामने प्रदर्शन के लिए पहुंचे तो पुलिस ने उन पर हल्का बल प्रयोग कर दिया। लखनऊ में सोमवार सुबह सपा कार्यालय से लेकर अखिलेश यादव के घर तक पूरे इलाके को छावनी में तब्दील कर दिया गया। विक्रमादित्य मार्ग पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया है और किसी भी प्रदर्शन से निपटने की पूरी तैयारी की गई। हालांकि, सपा कार्यालय के सामने पहुंचे कार्यकर्ताओं से पुलिस की भिड़त हो गई जिसके बाद पुलिस ने पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ तीन विधान परिषद सदस्यों — उदयवीर सिंह, राजपाल कश्यप और आशु मलिक को हिरासत में ले लिया है।
वहीं, कन्नौज में जिलाधिकारी ने अखिलेश यादव के किसान मार्च को मंजूरी नहीं दी। दरअसल, किसान आंदोलन की आग पूरे देश में फैल चुकी है। देश के 12 से ज्यादा सियासी दलों ने किसानों का समर्थन किया है जो कि दिल्ली में केंद्र द्वारा लाए गए तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर कई दिनों से प्रदर्शन कर रहे हैं। किसानों के साथ सरकार की पांच दौर की वार्ता बेनतीजा रही है जिस पर किसानों ने आठ दिसंबर को भारत बंद का ऐलान किया है।
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव कन्नौज में किसान मार्च करने वाले हैं लेकिन प्रशासन ने अनुमति नहीं दी। जिलाधिकारी राकेश कुमार मिश्र ने कहा कि अभी कोरोना वायरस खत्म नहीं हुआ है लिहाजा भीड़ जुटाने की अनुमति किसी भी स्थिति में नहीं दी जा सकती। सपा मुखिया को पत्र भेजकर इस पर अवगत करा दिया गया है।
राजनीति
पूर्व मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई के बयानों के बाद भाजपा ने कांग्रेस को घेरा

नई दिल्ली, 27 नवंबर: सुप्रीम कोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई के ‘संविधान’ और ‘न्यायपालिका’ से जुड़े बयानों के बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेताओं ने लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और कांग्रेस को निशाने पर लिया है।
भाजपा सांसद योगेंद्र चंदोलिया ने आईएएनएस से बातचीत में कहा, “बीआर गवई, अब रिटायर हो चुके हैं। ऑफिस छोड़ने के बाद उनकी बातें भारत के लोकतंत्र की भावना को दिखाती हैं। संविधान को किसी भी कीमत पर नहीं बदला जा सकता, यही हम कहते आ रहे हैं।”
विपक्ष को निशाने पर लेते हुए उन्होंने कहा, “कांग्रेस पार्टी और उसके साथियों को यह समझना चाहिए कि संविधान हमारे देश की आत्मा है, और किसी के पास इसे अपने मकसद के लिए बदलने की ताकत नहीं है।”
भारतीय जनता पार्टी के सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने भी प्रतिक्रिया दी और कहा, “कुछ लोग अपनी राजनीति की वजह से यह आरोप लगाते हैं कि सुप्रीम कोर्ट हर दिन सरकार के दबाव में काम करता है। अब पूर्व मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई के बयान के बाद स्थिति बहुत साफ हो जानी चाहिए। जस्टिस गवई अभी चीफ जस्टिस के पद से रिटायर हुए हैं। इस लिहाज से उनका भाषण बहुत अहम है।”
भाजपा के प्रवक्ता आरपी सिंह ने अपने बयान में कहा, “यह स्पष्ट है कि संविधान को बदला नहीं जा सकता है और यह सभी के लिए मान्य होता है। गवई की दूसरी बात सही है कि ज्यूडिशियरी या उससे जुड़े किसी भी सिस्टम के काम में सरकार का कोई दखल नहीं है। डेमोक्रेसी ऐसे ही काम करती है। सरकार अपने दायरे में काम करती है, ज्यूडिशियरी अपने दायरे में काम करती है और ब्यूरोक्रेसी अपने दायरे में काम करती है।”
भाजपा नेता प्रतुल शाह देव ने कहा, “गवई ने स्पष्ट कहा है कि संविधान खतरे में नहीं है। अब राहुल गांधी को इस पर प्रतिक्रिया देनी चाहिए।”
प्रतुल शाह देव ने आगे कहा, “देश के 200 से ज्यादा जाने-माने लोगों ने राहुल गांधी की आलोचना की है। उन्होंने एसआईआर और ‘वोट चोरी’ के मुद्दों पर राहुल गांधी को गलत ठहराया है। कांग्रेस ने पहले भी 42वें संशोधन के जरिए संविधान में बदलाव करने की कोशिश की थी। उन्होंने संविधान को बदलने की कोशिश की।”
गौरतलब है कि जब विपक्ष लगातार संवैधानिक संस्थानों से सवाल पूछ रहा है और न्यायपालिका पर सरकार के दबाव में काम करने का आरोप लगा रहा है, इसी बीच पूर्व मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई ने कई बातों को स्पष्ट किया है। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि संविधान खतरे में नहीं है। बीआर गवई ने यह भी कहा कि सरकार का ज्यूडिशियरी में कोई हस्तक्षेप नहीं होता है।
राष्ट्रीय समाचार
दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण पर सुप्रीम कोर्ट ने जताई गहरी चिंता, 1 दिसंबर को होगी अगली सुनवाई

suprim court
नई दिल्ली, 27 नवंबर: दिल्ली-एनसीआर में बढ़ रहे प्रदूषण को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने गंभीर चिंता व्यक्त की है। इस मामले पर 1 दिसंबर यानी सोमवार को सुनवाई का निर्णय लिया गया है। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि हवा की गुणवत्ता की समस्या गंभीर है और इसे तुरंत हल करने की दिशा में ठोस कदम उठाने की जरूरत है।
एमिकस क्यूरी अपराजिता सिंह ने कोर्ट को बताया कि दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण का स्तर बहुत गंभीर है और इसे एक स्वास्थ्य आपातकाल (हेल्थ इमरजेंसी) के रूप में देखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि सामान्य नागरिकों की जान और स्वास्थ्य दोनों खतरे में हैं।
मुख्य न्यायाधीश जस्टिस सूर्यकांत ने इस मुद्दे पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए कहा, “क्या किसी भी ज्यूडिशियल फोरम के पास कौन सी जादू की छड़ी है, जिसे घुमा कर यह समस्या खत्म हो सके? मुझे पता है कि यह दिल्ली-एनसीआर के लिए खतरनाक समय है। हमें बताएं कि हम क्या आदेश दे सकते हैं ताकि लोगों को तुरंत साफ हवा मिल सके।”
सीजेआई ने आगे कहा कि प्रदूषण के पीछे कोई एक कारण नहीं है और इसे केवल विशेषज्ञों और वैज्ञानिकों पर छोड़ देना सही नहीं होगा। उन्होंने कहा कि हमें सभी कारणों की पहचान करनी होगी। हर इलाके के लिए अलग समाधान की जरूरत है। इसके लिए सरकार की बनाई कमेटियों और उनके कामकाज की भी समीक्षा करनी होगी। साथ ही रेगुलर मॉनिटरिंग की प्रक्रिया को मजबूत करना जरूरी है।
सीजेआई सूर्यकांत ने यह भी कहा कि प्रदूषण के मामले पर नियमित सुनवाई होनी चाहिए। उन्होंने नोट किया कि अक्सर दीपावली के समय प्रदूषण से संबंधित मामलों पर सुनवाई होती है, लेकिन उसके बाद यह मामले की लिस्ट से गायब हो जाता है। ऐसे मामलों में निरंतर निगरानी और नियमित सुनवाई आवश्यक है ताकि ठोस और प्रभावी निर्णय लिए जा सकें।
अब सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में 1 दिसंबर को अगली सुनवाई की तारीख तय की है और इस दौरान यह देखा जाएगा कि तत्काल और दीर्घकालिक उपाय क्या किए जा सकते हैं। कोर्ट की यह पहल नागरिकों की सेहत और दिल्ली-एनसीआर की हवा की गुणवत्ता सुधारने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।
विशेषज्ञों के अनुसार, दिल्ली-एनसीआर में बढ़ता प्रदूषण न सिर्फ श्वसन रोगों को बढ़ाता है, बल्कि बच्चों, बुजुर्गों और अस्वस्थ लोगों के लिए गंभीर खतरा उत्पन्न करता है। सुप्रीम कोर्ट की इस सक्रिय भूमिका से उम्मीद जताई जा रही है कि प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए ठोस रणनीति तैयार की जाएगी।
अंतरराष्ट्रीय समाचार
ट्रंप ने नेशनल गार्ड्स पर हमले को बताया ‘आतंकी कृत्य’, वाशिंगटन में 500 और सैनिकों को भेजने का दिया आदेश

TRUMP
वाशिंगटन, 27 नवंबर: अमेरिका के वाशिंगटन में व्हाइट हाउस के पास हुई गोलीबारी में दो नेशनल गार्ड्समैन गंभीर रूप से घायल हो गए। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस हमले को ‘आतंकवादी कृत्य’ बताया। राष्ट्रपति ट्रंप ने वाशिंगटन में 500 और सैनिकों को भेजने का आदेश दिया है।
राष्ट्रपति ट्रंप ने बुधवार शाम (स्थानीय समय) देश को संबोधित करते हुए कहा, “यह घिनौना हमला बुराई, नफरत और आतंक का काम था। यह देश और इंसानियत के खिलाफ एक जुर्म था।”
उन्होंने आगे कहा कि हिरासत में लिया गया संदिग्ध व्यक्ति अफगानिस्तान से हमारे देश में आया है, जो धरती पर एक नरक है।” इसके साथ ही उन्होंने हमलावर को शरणार्थी स्टेटस के तहत देश में आने देने के लिए पिछली बाइडेन सरकार को दोषी ठहराया।
इससे पहले अमेरिकी मीडिया ने कथित शूटर की पहचान रहमानुल्लाह लकनवाल के रूप में की थी। वह एक अफगानिस्तानी नागरिक है, जो 2021 में देश में आया था। राष्ट्रपति ट्रंप ने बाइडेन सरकार के तहत अफगानिस्तान से अमेरिका में आए हर एक नागरिक की फिर से जांच करने का भी वादा किया।
उन्होंने आगे कहा, “हमें अब अफगानिस्तान से हमारे देश में आए हर एक नागरिक की फिर से जांच करनी चाहिए, और हमें किसी भी देश से किसी भी नागरिक को हटाने के लिए सभी जरूरी कदम उठाने चाहिए जो यहां का नहीं है या हमारे देश को फायदा नहीं पहुंचाता है। अगर वे हमारे देश से प्यार नहीं कर सकते तो हम उन्हें नहीं चाहते हैं।”
ट्रंप ने वाशिंगटन शहर की सुरक्षा में मदद के लिए 500 और सैनिकों की तैनाती की भी घोषणा की। गोलीबारी व्हाइट हाउस से 500 मीटर से भी कम दूरी पर हुई। पश्चिमी वर्जीनिया से वाशिंगटन में तैनात दो नेशनल गार्ड की हालत अभी भी गंभीर है।
अभी वाशिंगटन में लगभग 2,400 नेशनल गार्ड तैनात हैं, जिनमें डीसी डीसी नेशनल गार्ड के लगभग 958 और आठ दूसरे राज्यों के लगभग 1,300 सैनिक शामिल हैं।
एक घंटे पहले ट्रंप ने ट्रूथ सोशल पर लिखा, “मैं ठीक रात 9:15 बजे हमारे ग्रेट नेशनल गार्ड योद्धाओं पर हुए भयानक हमले पर बोलूंगा। इस मामले पर ध्यान देने के लिए आपका धन्यवाद। भगवान अमेरिका को आशीर्वाद दें!”
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