राजनीति
पहली कैबिनेट मीटिंग से पहले न्यूजीलैंड में नए मंत्रियों ने ली शपथ
न्यूजीलैंड में पिछले महीने के आम चुनावों के दौरान चयनित देश की प्रधानमंत्री जैसिंडा अर्डर्न के नए मंत्रियों ने शुक्रवार को पहली कैबिनेट बैठक से पहले शपथ ली। न्यूजीलैंड हेराल्ड समाचार पत्र की रिपोर्ट के अनुसार, गवर्नर जनरल डेम पैटसी रेड्डी ने अपने स्वागत भाषण में कहा कि एक नई सरकार का गठन हमेशा देश के लिए एक ‘महत्वपूर्ण’ क्षण होता है।
पैटसी ने आधिकारिक रूप से एक वारंट पर हस्ताक्षर किए, जिससे अर्डर्न प्रधानमंत्री बनीं। गौरतलब है कि सत्तारूढ़ लेबर पार्टी की अर्डर्न ने 17 अक्टूबर के आम चुनावों में भारी बहुमत से जीतने के बाद दूसरी बार प्रधानमंत्री के तौर पर पदभार संभाला है।
मंत्रियों को संबोधित करते हुए अपने भाषण में अर्डर्न ने कहा कि प्रधानमंत्री का पदभार संभालना उनके लिए सम्मान की बात है। साथ ही उन्होंने कहा कि वह न्यूजीलैंड के इतिहास में सबसे कठिन समय के दौरान देश में शासन करेंगी।
अर्डर्न ने कहा, “ये सरकार न्यूजीलैंड के सभी लोगों के लिए है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि उनके मंत्रियों को दिशा और उद्देश्य की समझ है।”
प्रधानमंत्री ने सोमवार को अपने नए मंत्रिमंडल का अनावरण करने के बाद शुक्रवार को शपथ ग्रहण किया। इसमें देश के आर्थिक सुधार और चल रहे कोविड-19 प्रतिक्रिया के लिए नए पोर्टफोलियो भी शामिल हुए हैं।
ग्रांट रॉबर्टसन नए उपप्रधान मंत्री, वित्त मंत्री और इंफ्रास्ट्रक्च र मंत्री हैं। वर्तमान स्वास्थ्य मंत्री क्रिस हिपकिन्स को कोविड-19 प्रतिक्रिया पोर्टफोलियो दिया गया है।
यह नया पोर्टफोलियो प्रतिक्रिया के सभी पहलुओं के लिए मंत्री को जिम्मेदारी देगा, जिसमें प्रबंधित आइसोलेशन सुविधाएं, सीमा सुरक्षा के साथ स्वास्थ्य प्रतिक्रिया भी शामिल है, जिसमें परीक्षण और संपर्क ट्रेसिंग सिस्टम और वायरस के किसी भी पुनरुत्थान का प्रबंधन शामिल है।
एंड्रयू लिटिल ने स्वास्थ्य मंत्री के रूप में शपथ ली, जबकि नेनाइया माहुता विदेश मंत्री बनीं और न्यूजीलैंड की इतिहास की पहली बार किसी महिला को इस पद पर नियुक्त किया गया है।
राजनीति
कांग्रेस नेता राहुल गांधी 18 जनवरी को आएंगे पटना, सड़कों पर लगे पोस्टर
पटना, 15 जनवरी। बिहार में इस साल विधानसभा चुनाव होने वाला है। इसे लेकर सभी दलों ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है। इसी के मद्देनजर कांग्रेस नेतृत्व की नजर भी बिहार पर है। इस बीच, कांग्रेस के नेता और सांसद राहुल गांधी 18 जनवरी को बिहार की राजधानी पटना पहुंचने वाले हैं।
गांधी के पटना आगमन को लेकर कांग्रेस के नेताओं ने तैयारी शुरू कर दी है। पटना की सड़कों पर इसे लेकर पोस्टर भी लगाए जा रहे हैं। कांग्रेस के नेता राहुल गांधी पटना के बापू सभागार में आयोजित संविधान सुरक्षा सम्मेलन में भाग लेंगे। पटना की सड़कों पर लगे एक पोस्टर में जहां महात्मा गांधी और भीमराव अंबेडकर की तस्वीर है, तो वहीं कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, सोनिया गांधी, प्रियंका गांधी सहित अन्य विभिन्न नेताओं की भी तस्वीर बनाई गई हैं।
इस पोस्टर में एक तरफ जहां बिहार प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह की बड़ी तस्वीर है, वहीं दूसरी तरफ राहुल गांधी की बड़ी तस्वीर लगाई गई है। पोस्टर में ‘संविधान सुरक्षा सम्मेलन’ तथा जय बापू, जय भीम और जय संविधान के साथ न्याय सत्याग्रह लिखा हुआ है।
बिहार प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह ने कहा कि राहुल गांधी प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में आयोजित सभा को भी संबोधित करेंगे। इसके अलावा प्रदेश कांग्रेस के मुख्य सभागार के नवीनीकरण और उसके नामकरण राजीव सभागार और कांग्रेस कार्यालय के कर्मचारियों के लिए बने नवनिर्मित भवन, जिसका नाम इंदिरा भवन रखा गया है, का उद्घाटन भी करेंगे।
नए साल में राहुल गांधी के बिहार आगमन से भाजपा और नीतीश कुमार को उखाड़ फेंकने का काम भी कांग्रेस पार्टी करेगी। राष्ट्रीय नेता राहुल गांधी के आगमन से बिहार कांग्रेस के कार्यकर्ताओं में नई स्फूर्ति आएगी जिससे एक-एक कार्यकर्ता जुटकर सूबे में नई सरकार के गठन को प्रतिबद्ध हैं। प्रदेश कार्यालय परिसर में आयोजित सभा में राहुल गांधी उपस्थित जनसमूह और कांग्रेसजन को संबोधित करेंगे।
अपराध
बंगाल : ‘एक्सपायरी’ सलाइन से मौत मामला, पोस्टमार्टम रिपोर्ट में कई अंगों के फेल होने की बात आई सामने
कोलकाता, 15 जनवरी। पश्चिम मिदनापुर जिले में एक सरकारी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में 10 जनवरी को कथित तौर पर एक्सपायर रिंगर लैक्टेट दिए जाने के बाद मरने वाली महिला मामोनी रुइदास की पोस्टमार्टम रिपोर्ट सामने आई है, जिसमें उसकी मौत के पीछे मल्टी ऑर्गन फेलियर और सेप्टीसीमिया होने का संकेत दिया गया है।
मामले से जुड़े सूत्रों ने बताया कि शुरुआती पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी महिला के शरीर में जहरीले तरल पदार्थ की मौजूदगी की बात कही गई है। इस बात ने यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या पीड़िता को सलाइन के अलावा ऑक्सीटोसिन भी दिया गया था ताकि जहरीले तरल पदार्थ के असर को नियंत्रित रखा जा सके।
इस मामले में पहले से ही दो जांच की जा रही हैं, पहली राज्य स्वास्थ्य विभाग द्वारा गठित समिति और दूसरी राज्य पुलिस के आपराधिक जांच विभाग (सीआईडी) कर रहा है।
पिछले सप्ताह पश्चिम मिदनापुर जिले के उक्त सरकारी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में पांच महिलाएं कथित तौर पर एक्सपायरी रिंगर लैक्टेट दिए जाने के बाद बीमार पड़ गई थीं। इनमें से एक महिला की अस्पताल में मौत हो गई।
इसके बाद अन्य चार महिलाओं को उसी अस्पताल की क्रिटिकल केयर यूनिट और इंटेंसिव केयर यूनिट में उपचार के लिए रखा गया। उनमें से तीन को उनकी चिकित्सा स्थिति में तेज गिरावट के बाद कोलकाता के सरकारी एस.एस.के.एम मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में स्थानांतरित करना पड़ा।
इस घटना ने गंभीर चिंताएं पैदा कर दी हैं, क्योंकि एक्सपायरी आरएल सलाइन कथित तौर पर पश्चिम बंगा फार्मास्युटिकल लिमिटेड से आई थी, जो कि पहले कर्नाटक सरकार और बाद में पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा प्रतिबंधित की गई कंपनी थी।
इसके बाद राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने सभी मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों के चिकित्सा अधीक्षकों-सह-उप-प्रधानाचार्यों और जिलों के सभी मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे अपने अधिकार क्षेत्र में पश्चिम बंगा फार्मास्युटिकल्स प्राइवेट लिमिटेड द्वारा आपूर्ति किए गए कंपाउंड सोडियम लैक्टेट इंजेक्शन (आरएल) के मौजूदा स्टॉक को पूरी तरह से बंद कर दें।
बाद में, राज्य सरकार ने राज्य में सभी स्वास्थ्य सेवा संस्थाओं से उक्त कंपनी द्वारा आपूर्ति की गई सभी दवाओं के स्टॉक को हटाने का भी निर्देश दिया।
इस घटना ने राज्य की स्वास्थ्य सेवा प्रणाली में इसी तरह के मामलों को लेकर चिंताएं फिर से पैदा कर दी हैं।
अपराध
ठाणे क्राइम ब्रांच ने तीन बांग्लादेशी महिलाओं को किया गिरफ्तार
मुंबई, 15 जनवरी। देश के अलग-अलग राज्यों में अवैध बांग्लादेशी नागरिकों के खिलाफ लगातार कार्रवाई जारी है। इसी क्रम में ठाणे जिले में अवैध रूप से रह रही तीन बांग्लादेशी महिलाओं को गिरफ्तार किया गया है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, ये महिलाएं ठाणे जिले के डोंबिवली इलाके के मानपाड़ा पुलिस थाने के अंतर्गत कोलेगांव में अनिल पाटिल चॉल में रह रही थीं। इन महिलाओं को ठाणे क्राइम ब्रांच यूनिट-4 ने गिरफ्तार किया है।
ठाणे क्राइम ब्रांच के अनुसार, गिरफ्तार महिलाओं की पहचान रोजीना बेगम (29), तंजिला खातून (22) और शेफाली बेगम (23) के रूप में हुई है। सभी महिलाएं बांग्लादेश के जेसोर जिले के नवापारा इलाके की रहने वाली हैं।
बता दें कि 1 जनवरी से लेकर 11 जनवरी तक मुंबई के विभिन्न इलाकों से 26 से अधिक बांग्लादेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया गया है। इसके बाद अब तीन महिलाओं को गिरफ्तार किया गया है।
मुंबई पुलिस ने मुंबई में रह रहे अवैध बांग्लादेशियों के खिलाफ अभियान चलाकर शहर के मुस्लिम बहुल इलाकों, गोवंडी, शिवाजी नगर, मानखुर्द, देवनार, चूनाभट्टी और घाटकोपर से कई बांग्लादेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया था। इन गिरफ्तारियों में कई ऐसे लोग भी हैं जो 10 से 15 सालों से मुंबई में रह रहे थे।
पुलिस ने इन घुसपैठियों के पास से बर्थ सर्टिफिकेट, आधार कार्ड और अन्य दस्तावेजों को बरामद किए थे। जांच में सभी दस्तावेज फर्जी पाए गए। पुलिस के अनुसार, इन घुसपैठियों के दस्तावेज एजेंटों द्वारा बनाए गए थे, जो 5 से 10 हजार रुपये लेकर इन घुसपैठियों के लिए फर्जी बर्थ सर्टिफिकेट और अन्य जरूरी दस्तावेज तैयार करते थे, जिनकी मदद से उनका आधार कार्ड भी बनवाया गया था।
मुंबई पुलिस के डीसीपी नवनाथ ढवले ने बीते दिनों कहा था कि अवैध तरीके से रह रहे बांग्लादेशियों पर सख्त कार्रवाई की जा रही है।
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