अंतरराष्ट्रीय
भारत-आस्ट्रेलिया बॉक्सिंग डे टेस्ट में 25,000 दर्शकों के प्रवेश की अनुमति

भारत और आस्ट्रेलिया के बीच मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड (एमसीजी) में होने वाले आगामी बॉक्सिंग डे टेस्ट में 25,000 दर्शकों को स्टेडियम में प्रवेश करने की अनुमति दी जाएगी। कोविड-19 महामारी के बीच दोनों टीमों के बीच मेलबर्न में 26 दिसंबर से दूसरा टेस्ट मैच खेला जाएगा, जोकि बॉक्सिंग डे टेस्ट होगा। एमसीजी ने इस बॉक्सिंग डे टेस्ट के लिए स्टेडियम की क्षमता का एक चौथा हिस्सा दर्शकों के लिए रखा है।
विराट कोहली की कप्तानी वाली भारतीय क्रिकेट टीम 17 दिसंबर से एडिलेड में मेजबान आस्ट्रेलिया के खिलाफ होने वाले डे नाइट टेस्ट मैच से बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी खिताब बचाओ अभियान की शुरुआत करेगा।
एडिलेड में होने वाले पहले डे नाइट टेस्ट मैच के बाद दोनों टीमें 26 दिसंबर से मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड (एमसीजी) में दूसरा टेस्ट, सात जनवरी 2021 से सिडनी क्रिकेट ग्राउंड (एसजीसी) में तीसरा टेस्ट और 15 जनवरी 2021 से गॉबा में चौथा और अंतिम टेस्ट मैच खेलेगी।
एडिलेड टेस्ट भारत और आस्ट्रेलिया के बीच पहला डे नाइट टेस्ट मैच होगा। दोनों टीमें अब तक एक भी डे नाइट टेस्ट मैच नहीं हारी है। भारत ने अब तक का अपना एकमात्र डे नाइट टेस्ट मैच 2019 में ईडन गॉर्डन में बांग्लादेश के खिलाफ जीता था।
आस्ट्रेलिया ने एडिलेड में अब तक न्यूजीलैंड, दक्षिण अफ्रीका, इंग्लैंड और पाकिस्तान के खिलाफ चार डे नाइट टेस्ट मैच खेले हैं और चारों में उसे जीत हासिल हुई है।
विक्टोरिया की सरकार, मेलबर्न क्रिकेट क्लब (एमसीसी) और क्रिकेट आस्ट्रेलिया सदस्यों को और फैन्स को सुरक्षित रूप से टेस्ट में भाग लेने के लिए सक्षम करने के लिए एक ‘कोविड सेफ प्लान’ विकसित करेगी।
एमसीसी के मुख्य कार्यकारी स्टुअर्ट फॉक्स ने कहा, “अपने नए कोविड सेफ प्रोटोकॉल के तहत हम विक्टोरियन सरकार और क्रिकेट आस्ट्रेलिया के साथ मिलकर एमसीजी में इस साल के बॉक्सिंग डे टेस्ट की मेजबानी करेंगे।”
क्रिकेट आस्ट्रेलिया के चेयरमैन अर्ल एडिंग्स ने कहा, “बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी टेस्ट क्रिकेट में प्रतिष्ठित ट्रॉफी में से एक है और आस्ट्रेलिया का प्रतिभाशाली भारतीय टीम के खिलाफ प्रतियोगिता देखना दिलचस्प होगा।”
इस बीच, ऐतिहासिक एमसीजी को और तीन साल के लिए टेस्ट क्रिकेट की मेजबानी करने की पुष्टि की गई है। यह क्रिकेट आस्ट्रेलिया, एमसीसी और विक्टोरियन सरकार द्वारा एमसीजी के लिए किए नए तीन साल के आयोजन स्थल समझौते की घोषणा के बाद शुरू हुआ है। एमसीजी ने 2020 में लगातार 31वें बॉक्सिंग डे टेस्ट की मेजबानी की थी।
आईसीसी के भविष्य दौरा कार्यक्रम के अनुसार, आस्ट्रेलिया 2021 में इंग्लैंड और 2022 में दक्षिण अफ्रीका की मेजबानी करेगा।
एमसीजी में पहला बॉक्सिंग डे टेस्ट 1950 में इंग्लैंड के खिलाफ खेला गया था।
अंतरराष्ट्रीय
अवामी लीग समर्थकों ने संयुक्त राष्ट्र में विरोध प्रदर्शन किया, पार्टी से प्रतिबंध हटाने की मांग

संयुक्त राष्ट्र, 20 मई। बांग्लादेश में अवामी लीग पर प्रतिबंध लगाए जाने के विरोध में उसके समर्थकों ने सोमवार को संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय के बाहर प्रदर्शन किया। उन्होंने मांग की कि संयुक्त राष्ट्र यह सुनिश्चित करे कि देश में लोकतंत्र फिर से कायम हो।
यूएसए अवामी लीग के अध्यक्ष सिद्दीक रहमान ने कहा, “मोहम्मद यूनुस की गैरकानूनी सरकार ने अवामी लीग पर प्रतिबंध लगा दिया है, जबकि यह एक कानूनी और लोकतांत्रिक तरीके से चुनी गई पार्टी है।”
उन्होंने कहा कि अगर चुनाव संयुक्त राष्ट्र की मंशा के मुताबिक सभी को साथ लेकर कराए जाने हैं, तो अवामी लीग से प्रतिबंध हटाया जाना चाहिए और उसे चुनाव में हिस्सा लेने की अनुमति मिलनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि लोकतंत्र बहाल हो।
रहमान ने कहा कि भले ही यूनुस को नोबेल पुरस्कार मिला हो, लेकिन अब वह एक तानाशाह बन गए हैं। वह बिना चुनाव के सरकार चला रहे हैं और उन्होंने एक चुनी हुई वैध सरकार को हटा दिया है।
विरोध प्रदर्शन में बोलने वालों ने कहा कि अमेरिका को बांग्लादेश में लोकतंत्र फिर से बहाल करने की मांग करनी चाहिए।
यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार ने आतंकवाद विरोधी कानून के तहत अवामी लीग पर प्रतिबंध लगा दिया था।
पिछले सप्ताह बांग्लादेश चुनाव आयोग ने पार्टी का पंजीकरण रद्द कर दिया, जिससे वह चुनाव में भाग लेने के लिए अयोग्य हो गई।
बांग्लादेश ने चुनाव की तारीख तय नहीं की है।
विरोध प्रदर्शन के आयोजक प्रदीप कर ने कहा कि उन्होंने अपनी मांगों के साथ संयुक्त राष्ट्र को एक पत्र सौंपा है।
उन्होंने कहा कि शेख हसीना ‘वैध प्रधानमंत्री हैं’, जबकि यूनुस ने “जमात-ए-इस्लामी और आतंकवादियों” की मदद से सत्ता हासिल की है।
अंतरराष्ट्रीय
पाकिस्तानी ड्रोन के निशाने पर थे निर्दोष नागरिक, भारतीय सेना ने मार गिराया

नई दिल्ली, 10 मई। भारतीय सेना की वायु रक्षा प्रणाली ने पाकिस्तान के हमले को नाकाम कर दिया है। पाकिस्तान ने हमला ड्रोन के जरिए शनिवार की सुबह किया। हालांकि, पहले से सतर्क भारतीय सेना के आगे पाकिस्तान की एक नहीं चली और उसके ड्रोन जमीन पर औंधे मुंह गिरे।
बड़ी बात यह है कि पाकिस्तान की सेना ने विस्फोटकों से भरे ड्रोन भारतीय आबादी क्षेत्र में भेजे थे। इनका मकसद पंजाब में सामान्य नागरिकों के ठिकानों पर हमला करना था। पाकिस्तान के ड्रोन भारत में ज्यादा से ज्यादा सामान्य नागरिकों को नुकसान पहुंचाना चाहते थे। लेकिन, पाकिस्तान के नापाक मंसूबे को भारतीय सेना ने पूरी तरह से विफल कर दिया।
रक्षा अधिकारियों ने बताया कि शनिवार तड़के सुबह लगभग पांच बजे, पाकिस्तानी सेना ने सीमा पार पंजाब के अमृतसर की ओर कई कामिकेज ड्रोन भेजे। कामिकेज ड्रोन एक खतरनाक आत्मघाती मानव रहित हवाई वाहन होते हैं। ये ड्रोन विस्फोटक के साथ उड़ान भरते हैं। पेलोड यानी विस्फोटक समेत ड्रोन अपने लक्ष्य से टकराकर दुर्घटनाग्रस्त हो जाते हैं।
पाकिस्तानी सेना द्वारा भेजे गए इन ड्रोनों का लक्ष्य भारत में अमृतसर की घनी आबादी वाले रिहायशी इलाकों पर हमला करना था। हालांकि, भारतीय सेना की वायु रक्षा प्रणाली की सतर्कता और तेज प्रतिक्रिया के चलते, ये ड्रोन भारतीय हवाई क्षेत्र में प्रवेश करते ही कुछ ही क्षणों में पहचान लिए गए। सेना की वायु रक्षा प्रणाली ने इन्हें ट्रैक किया और तुरंत ही नष्ट कर दिया।
रक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि सीमा क्षेत्र में तैनात त्वरित प्रतिक्रिया वाली वायु रक्षा तोपों का उपयोग कर गनर्स ने इन ड्रोनों को हवा में ही मार गिराया। इन पाकिस्तानी ड्रोन का मलबा अमृतसर के रिहायशी इलाकों में नहीं गिरा और कोई जनहानि नहीं हुई।
रक्षा जानकार बताते हैं कि प्रारंभिक जांच से संकेत मिलता है कि इन ड्रोनों में उच्च विस्फोटक सामग्री थी। पाकिस्तानी ड्रोन में मौजूद इस विस्फोटक सामग्री का उद्देश्य निर्दोष नागरिकों को अधिकतम क्षति पहुंचाना था। यह पाकिस्तान की ओर से उकसावे की एक नई और गंभीर हरकत मानी जा रही है।
अंतरराष्ट्रीय
जम्मू एयरफोर्स बेस पर विस्फोट की खबर निकली झूठी, पाकिस्तान के फेक दावों की खुली पोल

नई दिल्ली, 9 मई। पाकिस्तान की ओर से भारतीय सीमा पर लगातार हमले की कोशिश जारी है, लेकिन भारतीय सेना की तरफ से भी पाकिस्तानी हमलों का मुंहतोड़ जवाब दिया जा रहा है। इस बीच, सोशल मीडिया पर कुछ भ्रामक दावों के साथ पोस्ट भी शेयर किए जा रहे हैं। ऐसी ही एक पोस्ट में दावा किया गया कि जम्मू एयरफोर्स बेस पर विस्फोट हुआ है, लेकिन इसकी सच्चाई कुछ और ही है।
पीआईबी फैक्ट चेक ने जम्मू एयरफोर्स बेस पर विस्फोट के पाकिस्तान के दावों की पोल खोल दी है। पीआईबी के फैक्ट चेक में पुष्टि हुई है कि जिस तस्वीर को जम्मू एयरफोर्स बेस का बताया जा रहा है, वह तस्वीर साल 2021 में काबुल एयरपोर्ट पर हुए ब्लास्ट की है।
पीआईबी फैक्ट चेक ने एक्स पर एक पोस्ट शेयर कर बताया, “भारत में जम्मू एयरफोर्स बेस पर कई विस्फोटों के झूठे दावों के साथ एक पुरानी तस्वीर प्रसारित की जा रही है। पीआईबी फैक्ट चेक में पता चला है कि यह तस्वीर अगस्त 2021 में काबुल एयरपोर्ट पर हुए विस्फोट की है। उस समय की एक रिपोर्ट का लिंक भी शेयर किया गया है।”
उन्होंने आगे कहा, “गलत सूचना के झांसे में न आएं। शेयर करने से पहले हमेशा पुष्टि करें।”
इससे पहले, पीआईबी फैक्ट चेक ने पाकिस्तान द्वारा गुजरात के हजीरा पोर्ट पर हमले की झूठी खबरों का भी खंडन किया था।
पीआईबी ने जानकारी साझा करते हुए बताया कि वीडियो सोशल मीडिया पर इस दावे के साथ खूब वायरल हो रही है कि गुजरात के हजीरा पोर्ट पर हमला हुआ है। लेकिन, यह इससे जुड़ा हुआ वीडियो नहीं है। यह वीडियो तेल टैंकर विस्फोट को दर्शा रहा है और 7 जुलाई 2021 की है। इस वीडियो को शेयर न करें।
पीआईबी फैक्ट चेक में एक और वीडियो के बारे में जानकारी दी गई, जिसमें दावा किया जा रहा था कि यह जालंधर पर ड्रोन स्ट्राइक का वीडियो है। जबकि यह वीडियो फॉर्म फायर का है। इस वीडियो को शेयर न करने की अपील की गई है।
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