राष्ट्रीय
प्याज के दाम पर लगी लगाम, आयात भी जोर पकड़ा
प्याज के भंडारण की सीमा निर्धारित होने से आसमान छूते दाम पर तत्काल लगाम लग गई है, लेकिन उपभोक्ता को सस्ता प्याज तभी मिल पाएगा, जब घरेलू उत्पाद की आवक बढ़ेगी, क्योंकि आयातित प्याज भी ऊंचे भाव पर ही आ रहा है। हालांकि, भाव ऊंचा होने से आयात धीरे-धीरे जोर पकड़ता जा रहा है। कारोबारियों से मिली जानकारी के अनुसार, नवंबर के पहले सप्ताह में 8000 टन आयातित प्याज भारत पहुंचेगा। केंद्र सरकार द्वारा उठाए गए कदमों और विदेशी प्याज के घरेलू बाजार में उतरने से प्याज की महंगाई पर लगाम लगी है और अगले महीने कीमतों में कुछ और नरमी की उम्मीद की जा रही है, हालांकि कारोबारी बताते हैं कि विदेशों से जो प्याज आ रहा है उसकी लागत 40 रुपये प्रति किलो से उपर पड़ रही है, ऐसे में उपभोक्ताओं को बहुत राहत मिलने की उम्मीद नहीं है।
मुंबई के कारोबारी और हॉर्टिकल्चर प्रोड्यूस एक्सपोटर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अजित शाह ने आईएएनएस को बताया, “प्याज आयात की लागत इस समय 40 रुपये प्रति रुपये किलो से उपर आ रही है। इस भाव पर आयात अभी बढ़ेगा, क्योंकि देश के किसानों को भी फिलहाल आयात से कोई नुकसान नहीं है। अगर, प्याज का आयात नहीं होता तो दाम और बढ़ जाता क्योंकि घरेलू आपूर्ति का टोटा बना हुआ है।”
अजित शाह ने बताया, “देशभर में इस समय अच्छी क्वालिटी के प्याज का थोक भाव करीब 55 रुपये से 65 रुपये प्रति किलो चल रहा है। अगले महीने के पहले सप्ताह में करीब 8000 टन प्याज विदेशों से आने वाला है। भारत इस समय ईरान, हॉलैंड, मिश्र और टर्की से प्याज मंगा रहा है। इसके अलावा, अफगानिस्तान से पंजाब के रास्ते प्याज आ रहा है।”
उधर, बाजार सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, प्याज का भाव उंचा होने से किसान खेतों से अपनी फसल समय से पहले निकालने लगे हैं जिससे नवंबर में घरेलू आवक भी बढ़ जाएगी।
एशिया में फलों और सब्जियों की सबसे बड़ी मंडी में शुमार दिल्ली की आजादपुर मंडी स्थित कृषि उपज विपणन समिति यानी एपीएमसी की कीमत सूची के अनुसार, “मंगलवार को लगातार तीसरे दिन प्याज का थोक भाव 12.50 रुपये 35 रुपये प्रति किलो पर स्थिर रहा। इससे पहले 22 अक्टूबर को आजादपुर मंडी में प्याज का भाव 40 रुपये प्रति किलो तक चला गया था, लेकिन 23 अक्टूबर को केंद्र सरकार द्वारा प्याज भंडारण की सीमा तय करने के बाद कीमत में थोड़ी नरमी आई है। हालांकि देश की राजधानी दिल्ली और आसपास के इलाके में प्याज का खुदरा भाव अभी भी 70 रुपये से 90 रुपये प्रति किलो है।”
हालांकि, आजादपुर मंडी पोटैटो ऑनियन मर्चेंट एसोसिएशन यानी पोमा के जनरल सेक्रेटरी राजेंद्र शर्मा का कहना है कि प्याज के दाम में नरमी तभी आएगी, जब घरेलू आवक बढ़ेगी। सरकार द्वारा उठाए गए कदमों से कीमतों में हो रही वृद्धि थम गई है, लेकिन अभी भाव घटा नहीं है। इस समय आयातित पीला प्याज 40 रुपये से 45 रुपये प्रति किलो जबकि लाल प्याज 50 रुपये से 55 रुपये प्रति किलो थोक में बिक रहा है।”
महाराष्ट्र, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और मध्य प्रदेश के कई प्याज उत्पादक जिलों में भारी वर्षा के चलते प्याज की खरीफ फसल खराब हो जाने से देश में प्याज की कीमतों में हो रही वृद्धि को देखते हुए केंद्र सरकार ने पहले 14 सितंबर को प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया। उसके बाद 23 अक्टूबर को प्याज भंडारण की सीमा तय कर दी गई। इस सीमा के मुताबिक 31 दिसंबर तक थोक विक्रेता के लिए अधिकतम 25 टन और खुदरा विक्रेता अधिकतम दो टन प्याज का स्टॉक रखने की इजाजत दी गई है।
केंद्र सरकार ने कहा कि आवश्यक वस्तु (संशोधन) अधिनियम, 2020 में यह प्रावधान है कि कुछ खास परिस्थितियों में जब कीमतें सामान्य से ज्यादा बढ़ जाएं तो सरकार स्टॉक लिमिट लगा सकती है।
केंद्र सरकार की रिपोर्ट के अनुसार, देश में प्याज की औसत खुदरा कीमतों में 21 अक्टूबर तक विविधता देखी गई है जो कि पिछले साल की तुलना में 22.12 प्रतिशत (45.33 रूपए से 55.60 रूपए प्रति किलो) और पिछले पांच सालों की तुलना में 114.16 प्रतिशत (25.87 से 55.60 रूपए प्रति किलो) रही है। इस तरह पिछले पांच साल की कीमतों से तुलना में प्याज की कीमतों में 100 प्रतिशत तक बढ़ोतरी हुई है और आवश्यक वस्तु अधिनियम के मुताबिक ये कीमतों में वृद्धि को छू गई है। इसलिए प्याज पर आज से स्टॉक लिमिट लगाई गई है।
इसके अलावा, नेफेड के पास पड़े बफर स्टॉक से भी प्याज निकाला जा रहा है। नेफेड ने बीते फसल वर्ष में एक लाख टन प्याज का बफर स्टॉक रखा था, लेकिन बताया जा रहा है कि उसमें से करीब 25 फीसदी प्याज खराब हो गया।
रिपोर्ट के अनुसार, सितंबर के दूसरे हफ्ते से प्याज को देश की बड़ी मंडियों के साथ-साथ खुदरा वितरण केंद्रों जैसे सफल, केंद्रीय भंडार, एनसीसीएफ, टीएएनएचओडीए एवं टीएएनएफईडी (तमिलनाडु सरकार), और बड़े शहरों में और राज्यों में एनएएफईडी केंद्रों तक तेजी से पहुंचाया जा रहा है।
प्याज के आयात के लिए निजी आयातकों को बढ़ावा देने के लिए यह भी तय किया गया कि एमएमटीसी लाल प्याज का आयात करेगा, ताकि आपूर्ति में आ रही कमी को पूरा किया जा सके।
महोत्सव
स्वतंत्रता दिवस 2024: थीम, इतिहास, महत्व और समारोह के बारे में अधिक जानें।
भारत 15 अगस्त, 2024 को अपना 78वाँ स्वतंत्रता दिवस मनाएगा, यह एक महत्वपूर्ण अवसर है जो ब्रिटिश उपनिवेशवाद से मुक्ति के सत्तर से अधिक वर्षों का प्रतीक है। राष्ट्रीय गौरव और गहरी देशभक्ति की भावना के साथ मनाया जाने वाला यह वार्षिक कार्यक्रम स्वतंत्रता सेनानियों के बहादुर कार्यों और स्वायत्तता और विकास की दिशा में राष्ट्र की प्रगति को श्रद्धांजलि देता है। यह लेख 2024 में भारत के स्वतंत्रता दिवस से जुड़े महत्व, ऐतिहासिक पृष्ठभूमि और समारोहों का विस्तृत विवरण प्रस्तुत करता है।
क्या यह स्वतंत्रता दिवस की 77वीं या 78वीं वर्षगांठ है?
2024 में 78वाँ स्वतंत्रता दिवस समारोह 15 अगस्त 1947 को ब्रिटिश शासन से भारत की स्वतंत्रता का प्रतीक होगा। भले ही यह स्वतंत्रता प्राप्त करने के बाद से 77वाँ वर्ष है, लेकिन स्वतंत्रता के बाद से यह दिन 78 बार मनाया जा चुका है। जानकारी का यह दोहरा स्रोत भ्रम पैदा कर सकता है, फिर भी प्रत्येक आंकड़ा अपने संदर्भ में सही है।
4 जुलाई 2024 की थीम
इस वर्ष की थीम, “विकसित भारत” या “विकसित भारत”, 2047 तक भारत को एक विकसित और प्रगतिशील राष्ट्र में बदलने के लक्ष्य को दर्शाती है, जो इसकी स्वतंत्रता की 100वीं वर्षगांठ है।
इतिहास में स्वतंत्रता दिवस का महत्व
इस विशेष दिन पर, भारत ने लगभग दो सौ वर्षों के औपनिवेशिक शासन के बाद ब्रिटिश नियंत्रण से स्वतंत्रता प्राप्त की। ब्रिटिश संसद ने 18 जुलाई, 1947 को भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम पारित किया, जिसने ब्रिटिश वर्चस्व को समाप्त करने में मदद की और परिणामस्वरूप भारत और पाकिस्तान का विभाजन हुआ।
स्वतंत्रता दिवस पर महत्वपूर्ण कार्यक्रम
प्रधानमंत्री का भाषण: 15 अगस्त को प्रधानमंत्री मोदी लाल किले से राष्ट्र के नाम भाषण देंगे।
स्वतंत्रता सेनानियों का सम्मान: स्वतंत्रता दिवस पर, हम उन कई लोगों को याद करते हैं जिन्होंने भारत की स्वतंत्रता के लिए अपने प्राणों की आहुति दी।
नागरिक और सांस्कृतिक जुड़ाव: परेड, सांस्कृतिक कार्यक्रम, पारंपरिक नृत्य प्रदर्शन और देशभक्तिपूर्ण शैक्षिक पहल देशभक्ति गतिविधियों के उदाहरण हैं।
ध्वजारोहण: सरकारी भवनों और स्कूलों जैसे सार्वजनिक स्थानों पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया जाता है।
राष्ट्रीय
शेयर बाजारों में सुबह के कारोबार में उतार-चढ़ाव
भारतीय शेयर बाजारों में बुधवार को सुबह के कारोबार में उतार-चढ़ाव रहा।
हरे निशान में खुलने के बाद सेंसेक्स एक समय 337.63 अंक यानि 0.47 प्रतिशत टूटकर 71.674.42 अंक तक तक लुढ़क गया था। हालाँकि बाद में वापसी करते हुए 124.73 अंक की तेजी के साथ 72,136.78 अंक पर पहुँच गया।
निफ्टी भी 107.25 अंक टूटकर एक समय 21,710.20 अंक तक उतर गया था। लेकिन दोपहर होते-होते यह 39.50 अंक की बढ़त से साथ 21,852.80 अंक तक चढ़ गया।
निफ्टी50 में एशर मोटर के शेयर चार प्रतिशत और मारुति सुजुकी के तीन प्रतिशत की बढ़त में थे। वहीं, टाटा कंज्यूमर और टाटा मोटर्स में करीब ढाई-ढाई फीसदी की गिरावट रही।
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी.के. विजयकुमार ने कहा कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व नीतिगत दरों पर निर्णय बुधवार को जारी करेगी। इससे अमेरिकी बाजार में रुझान तय होगा।
एचडीएफसी सिक्योरिटीज के रिटेल रिसर्च प्रमुख दीपक जसानी ने कहा कि फेडरल रिजर्व इस साल दर में कटौती के धीमे रुख का संकेत दे सकता है। इस चिंता के कारण बुधवार को एशियाई शेयरों में नरमी रही।
राष्ट्रीय
सेंसेक्स 600 अंक टूटा, एफएमसीजी शेयर हुए धड़ाम
फास्ट मूविंग कंज्यूमर गुड्स (एफएमसीजी) स्टॉक मंगलवार को सेक्टोरल इंडेक्स में 1.9 फीसदी की गिरावट के साथ कमजोर कारोबार कर रहे हैं। एफएमसीजी इंडेक्स टॉप सेक्टर लूजर्स में से एक है। नेस्ले में 3 फीसदी से ज्यादा की गिरावट है।
कोलगेट पामोलिव करीब 4 फीसदी नीचे है। होनासा कंज्यूमर 3.7 फीसदी, टाटा कंज्यूमर 3.4 फीसदी, पतंजलि फूड्स 3.2 फीसदी, यूनाइटेड ब्रुअरीज 3 फीसदी, गोदरेज कंज्यूमर 2 फीसदी से ज्यादा और ब्रिटानिया 2 फीसदी से ज्यादा नीचे है।
बिकवाली के कारण बीएसई सेंसेक्स 600 अंक से अधिक नीचे है। ज्यादातर सेक्टोरल इंडेक्स लाल निशान में कारोबार कर रहे हैं।
एमके ग्लोबल फाइनेंशियल सर्विसेज ने एक हालिया रिपोर्ट में कहा था कि वित्त वर्ष 2024 की चौथी तिमाही में एफएमसीजी सेक्टर में मांग सुस्त है।
रिटेल डेटा पर नज़र रखने वाली नील्सन ने इस सेक्टर के लिए 4.5-6.5 प्रतिशत वृद्धि का अनुमान लगाया है।
एमके ग्लोबल फाइनेंशियल सर्विसेज ने कहा, अल-नीनो का प्रभाव मई तक रहने के कारण कृषि क्षेत्र में वृद्धि कम रहेगी जिससे खपत में कोई महत्वपूर्ण बदलाव होने की संभावना नहीं है।
-
व्यापार4 years ago
आईफोन 12 का उत्पादन जुलाई से शुरू होगा : रिपोर्ट
-
अपराध2 years ago
भगौड़े डॉन दाऊद इब्राहिम के गुर्गो की ये हैं नई तस्वीरें
-
अपराध2 years ago
बिल्डर पे लापरवाही का आरोप, सात दिनों के अंदर बिल्डिंग खाली करने का आदेश, दारुल फैज बिल्डिंग के टेंट आ सकते हैं सड़कों पे
-
न्याय3 weeks ago
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के खिलाफ हाईकोर्ट में मामला दायर
-
अपराध2 years ago
पिता की मौत के सदमे से छोटे बेटे को पड़ा दिल का दौरा
-
महाराष्ट्र4 years ago
31 जुलाई तक के लिए बढ़ा लॉकडाउन महाराष्ट्र में, जानिए क्या हैं शर्तें
-
अनन्य2 years ago
उत्तराखंड में फायर सीजन शुरू होने से पहले वन विभाग हुआ सतर्क
-
राजनीति2 years ago
पूर्वी आर्थिक मंच 2022 के पूर्ण सत्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संबोधन