राजनीति
कमल नाथ के 15 माह पर शिवराज की 5 माह की बैलेंस शीट भारी : सिंधिया

कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए राज्यसभा सदस्य ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ पर बड़ा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि कमल नाथ ऐसे मुख्यमंत्री थे जो 15 माह मुख्यमंत्री रहे और बल्लभ भवन से बाहर नहीं निकले, प्रदेश के विकास की चिंता नहीं की, यही कारण है कि उनके 15 माह के शासनकाल पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के पांच माह की बैलेंस सीट भारी है।
मध्य प्रदेश में 28 विधानसभा क्षेत्रों में उप-चुनाव हो रहे हैं। इस उप-चुनाव में सिंधिया भाजपा के स्टार प्रचारक हैं और हर क्षेत्र में पहुंचकर कमल नाथ सरकार के काल की कमियां गिना रहे हैं और शिवराज सिंह चौहान सरकार की खूबियां।
चुनाव प्रचार के दौरान सिंधिया ने आईएएनएस से खास बातचीत में कहा कि यह उप-चुनाव विनाश बनाम विकास है। राज्य में 15 माह तक भ्रष्टाचारी और विकास नहीं विनाशशील सरकार थी, उसका समापन करके गरीबों के उत्थान, विकासशील सरकार बनी है। कमल नाथ की 15 माह की बैलेंसशीट और शिवराज सिंह चौहान की सात माह की बैलेंस शीट जनता के सामने है। कमल नाथ ऐसे मुख्यमंत्री रहे जिन्होंने 15 माह में एक भी नई योजना नहीं बनाई, नया कार्य नहीं किया, एक भी दौरा नहीं किया, बल्लभ भवन में कैद हेाकर उन्होंने उद्योगपतियों के साथ भ्रष्टाचार का एक केंद्र स्थापित कर दिया था।
अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए सिंधिया ने कहा कि एक तरफ जहां कमल नाथ के 15 माह के शाासनकाल की बैलेंसशीट हमारे सामने है तो दूसरी ओर शिवराज सिंह चौहान, जिन्होंने पांच माह में कोरोना जैसी महामारी से निपटा, साथ में नई योजनाओं की सौगात दी। इसके साथ क्षेत्रीय स्तर पर हर क्षेत्र और संभाग की विकास की योजनाएं शुरु की। इसका उदाहरण है ग्वालियर-चंबल एक्सप्रेस वे। कमल नाथ के कार्यकाल में उनसे कई बार अनुरोध किया, मगर बात उनके एक कान से होती हुई दूसरे से निकल गई। वहीं शिवराज सिंह और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से पांच माह में उस परियोजना को स्वीकृति मिल गई। यह साढ़े आठ हजार करोड़ का एक्सप्रेस वे है। ऐसी हर विधानसभा क्षेत्र में अनेकों और सैकड़ों करोड़ की योजनाएं शुरु की गई है।
कमल नाथ की कार्य शैली पर हमला बोलते हुए सिंधिया ने कहा कि कमल नाथ 15 माह ऐसे मुख्यमंत्री रहे जिन्होंने इस अवधि में एक भी संभाग का दौरा नहीं किया, अब चुनाव हैं तो वोट मांगने आ रहे हैं। प्रदेश में अतिवृष्टि-ओलावृष्टि हुई मगर इस अवधि में भी उनका दौरा नहीं हुआ। तब कांग्रेस में रहते हुए मैंने और भाजपा से शिवराज िंसंह ने दौरा किया था। मुख्यमंत्री वास्तव में मुख्य सेवक होता है, उसे दुख और तकलीफ के समय जनता के साथ हेाना चाहिए मगर कमल नाथ बल्लभ भवन से बाहर ही नहीं निकले।
राज्य में हो रहे उप-चुनाव में भाजपा द्वारा सिंधिया को किनारे किए जाने, उनकी साख से जोड़ते हुए कांग्रेस लगातार हमले बोल रही है। इस पर सिंधिया ने कहा कि, हर चुनाव महत्वपूर्ण होता है और उसे गंभीरता से लड़ा जाता है, वही कर रहा हूं। जहां तक कांग्रेस के आरोपों का सवाल है तो मुझे न कभी पद की अभिलाषा रही और न ही लालबत्ती की। मैंने सदैव जनता की लड़ाई लड़ी है, गरीबों के उत्थान, विकास की लड़ाई लड़ी है, कभी कुर्सी की लड़ाई नहीं लड़ी, कभी लालबत्ती की लड़ाई नहीं लड़ी और न ही इन चीजों से मोह है, जैसा कि मेरे प्रतिद्वंद्वी की आशा और अभिलाषा है।
विधानसभा के उप-चुनाव के दौरान भाषा के गिरते स्तर को लेकर सिंधिया दुखी हैं। उनका कहना है कि बीते दो दशक से वे जनसेवा के क्षेत्र में है, उन्होंने इस बात की कभी कल्पना नहीं की थी कि भाषा का यह स्तर होगा। सिंधिया ने कहा कि चुनाव की तारीख करीब आने के साथ भाषा में जो गिरावट आ रही है वह हमारी संस्कृति के विपरीत है। जो कांग्रेस पार्टी महिलाओं की बात करती थी उसी के नेता कमल नाथ ने डबरा से भाजपा की उम्मीदवार और सरकार की मंत्री इमरती देवी जो दलित वर्ग से है उन पर जो टिप्पणी की, जिन शब्दों का इस्तेमाल किया, वह उनके चरित्र और नीयत को दर्शाता है।
अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए सिंधिया ने कहा कि महिलाओं पर कांग्रेस नेताओं का यह ²ष्टिकोण पहली बार सामने नहीं आया है। उसी मंच से पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने कहा कि इमरती देवी को जलेबी बना देंगे। दो साल पहले पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने पूर्व सांसद मीनाक्षी नटराजन को लेकर जो कहा था उसे तो दोहरा भी नहीं सकते। इतना ही नहीं कमल नाथ अपने बयान पर माफी मांगना तो दूर वे तो उसे सही ठहराने में लगे हैं। कह रहे हैं कि राज्यसभा और लोकसभा की आइटम संख्या से जोड़ रहे हैं। यह कमल नाथ का अजब तर्क है।
राजनीति
मुंबई मेट्रो, मोनोरेल की दैनिक यात्री संख्या 10 लाख के करीब

मुंबई का विस्तारित मेट्रो और मोनोरेल नेटवर्क 22 अगस्त को एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल करने के करीब पहुंच गया, जिसमें 9.9 लाख यात्रियों की संयुक्त सवारियां दर्ज की गईं, जो पहली बार 10 लाख दैनिक यात्रियों के आंकड़े से केवल 9,668 यात्रियों की कमी थी, जैसा कि मिडिया ने रिपोर्ट किया है।
मेट्रो लाइन 1 (वर्सोवा-अंधेरी-घाटकोपर) शहर का सबसे व्यस्त मार्ग रहा, जिसने अपने 12 किलोमीटर लंबे कॉरिडोर पर 5,66,851 यात्रियों को यात्रा कराई। प्रति किलोमीटर 47,237 यात्रियों के साथ, यह जून 2014 में ₹4,321 करोड़ की लागत से शुरू होने के बाद से मुंबई मेट्रो प्रणाली का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा बना हुआ है।
लाइन 2A और 7 (दहिसर-अंधेरी-गुंडावली), जो 35 किलोमीटर लंबी और 30 स्टेशनों वाली है, ने 3,35,069 यात्रियों को पंजीकृत किया, यानी प्रति किलोमीटर औसतन 9,573 यात्री। जनवरी 2023 से पूरी तरह से चालू, ₹12,618 करोड़ की यह परियोजना तेज़ी से शहर के दूसरे सबसे व्यस्त मेट्रो नेटवर्क के रूप में विकसित हुई है।
हाल ही में शुरू हुई लाइन 3 (आरे-आचार्य आत्रे चौक), 16 स्टेशनों वाला 22 किलोमीटर लंबा भूमिगत कॉरिडोर, अभी भी अपने शुरुआती चरण में है, जिसमें 76,177 यात्री यात्रा करते हैं। ₹37,000 करोड़ की भारी लागत से निर्मित, इसका उद्घाटन चरणों में किया गया है: अक्टूबर 2024 (आरे से बीकेसी) और मई 2025 (आचार्य आत्रे चौक तक विस्तार)।
इस बीच, 20 किलोमीटर लंबी और 17 स्टेशनों वाली मोनोरेल (चेंबूर-संत गाडगे महाराज चौक) ने 12,235 यात्रियों को जोड़ा। 2,460 करोड़ रुपये की लागत के बावजूद, इसकी सवारियों की संख्या प्रति किलोमीटर केवल 612 यात्रियों के साथ मामूली बनी हुई है।
अधिकारियों का अनुमान है कि दैनिक यात्रियों की संख्या जल्द ही 10 लाख के आंकड़े को पार कर जाएगी, क्योंकि साल के अंत से पहले कई नए कॉरिडोर खुलने वाले हैं। इनमें शामिल हैं:
मेट्रो लाइन 3 का अंतिम चरण (आचार्य अत्रे चौक से कफ परेड)
मेट्रो लाइन 2बी का प्रथम चरण (मांडले से डायमंड गार्डन)
मेट्रो लाइन 9 का प्रथम चरण (दहिसर से काशीगांव)
मेट्रो लाइन 4 का प्रथम चरण (गाईमुख से कैडबरी जंक्शन)
इन अतिरिक्त सुविधाओं के साथ, मुंबई की शहरी परिवहन प्रणाली में ऐतिहासिक उछाल आने की उम्मीद है, जिससे शहर के दैनिक आवागमन की रीढ़ के रूप में मेट्रो की भूमिका और मजबूत होगी।
अपराध
‘बाबा सिद्दीकी की तरह जान से मार देंगे’, मुंबई के व्यवसायी को मिली धमकी

मुंबई, 26 अगस्त। मुंबई के एक रसायन और पेट्रोकेमिकल आयातक व्यवसायी को अंडरवर्ल्ड से जुड़ी धमकियों और करोड़ों रुपए की फिरौती मांगने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। कारोबारी ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि उसे पाकिस्तान से फोन कर धमकाया गया है और धमकी देने वालों ने खुद को कुख्यात गैंगस्टर छोटा शकील गिरोह से जुड़ा बताया।
पुलिस को दी गई जानकारी के अनुसार, शिकायतकर्ता व्यवसायी का कार्यालय फोर्ट और दुबई दोनों जगह है। उसने वर्ष 2015 में ईरान से तेल आयात किया था। उस समय अमेरिका ने ईरान पर प्रतिबंध लगा रखे थे, जिसके चलते भुगतान कारोबारी ने दुबई के माध्यम से किया। बाद में ईरानी सप्लायर कंपनी ने आरोप लगाया कि कुछ खेपों का भुगतान नहीं हुआ और ईरान में मध्यस्थता की प्रक्रिया शुरू कर दी।
व्यवसायी के अनुसार वह ईरान में हुई मध्यस्थता की कार्यवाही में पेश नहीं हुआ, जिसके कारण वहां की अदालत ने एकतरफा आदेश ईरानी कंपनी के पक्ष में दे दिया। इसके बाद कंपनी ने बॉम्बे हाईकोर्ट में उसकी संपत्तियों को कुर्क करने की मांग की, हालांकि अदालत ने उस याचिका को खारिज कर दिया। फिलहाल यह दीवानी मामला अंतिम सुनवाई के लिए लंबित है।
शिकायत में कहा गया है कि जून से लगातार पाकिस्तान से धमकी भरे कॉल आ रहे हैं। कॉल करने वाले पहले 20 मिलियन की मांग कर रहे थे, लेकिन बाद में यह रकम बढ़ाकर 800 मिलियन तक कर दी गई। कॉलर्स ने धमकाते हुए कहा कि अगर रकम नहीं दी गई तो उसका अंजाम बाबा सिद्दीकी के जैसा होगा।
मुंबई पुलिस ने शिकायत पर संज्ञान लेते हुए एंटी-एक्सटॉर्शन सेल को जांच सौंप दी है। प्रारंभिक जांच में पुलिस को आशंका है कि यह मामला केवल व्यापारिक विवाद तक सीमित नहीं है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सक्रिय संगठित अपराध गिरोह और विदेशी व्यापार विवादों से जुड़ा एक बड़ा जबरन वसूली रैकेट हो सकता है।
राष्ट्रीय समाचार
हरतालिका तीज : पावन पर्व पर संगम में महिलाओं ने लगाई आस्था की डुबकी

नई दिल्ली, 26 अगस्त। हरतालिका तीज के पावन अवसर पर आस्था की नगरी प्रयागराज के गंगा तट पर महिलाओं ने डुबकी लगाई। ब्रह्म मुहूर्त से ही हजारों महिलाएं संगम तट पर पहुंचीं और गंगा स्नान के साथ भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा-अर्चना की।
इस दिन महिलाएं निर्जला व्रत रखती हैं और अपने पति की लंबी आयु, सुखमय वैवाहिक जीवन और परिवार की मंगल कामना करती हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, पवित्र नदियों में स्नान का विशेष महत्व है, और संगम तट पर गंगा स्नान को अत्यंत पुण्यदायी माना जाता है।
स्थानीय निवासी विनिता पांडे ने बताया, “हरतालिका तीज का व्रत बहुत महत्वपूर्ण है। इस दिन गंगा स्नान करने से पति की लंबी आयु और परिवार की सुख-समृद्धि की कामना पूरी होती है।”
वहीं, अर्चना श्रीवास्तव ने कहा, “आज मैंने भोले बाबा और गंगा मईया से अपने पति, परिवार और अखंड सुहाग की प्रार्थना की। इस दिन का विशेष महत्व है, और गंगा स्नान से मन को शांति मिलती है।”
तीर्थ पुरोहित गोपाल गुरु ने गंगा स्नान के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा, “हरतालिका तीज पर गंगा स्नान करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। खासकर महिलाएं इस दिन अपने पति की दीर्घायु के लिए व्रत रखती हैं। पुरुषों को चाहिए कि वे इस दिन महिलाओं का विशेष सम्मान करें।” उन्होंने आगे कहा कि गंगा स्नान से न केवल आत्मिक शांति मिलती है, बल्कि परिवार में सुख-समृद्धि भी आती है।
हरतालिका तीज का यह पर्व भक्ति और आस्था का अनूठा संगम है। प्रयागराज के संगम तट पर सुबह से ही भक्तों की भीड़ उमड़ी, जहां महिलाओं ने गंगा मैया से अपने परिवार की खुशहाली की प्रार्थना की। यह पर्व न केवल धार्मिक, बल्कि सामाजिक एकता को भी दर्शाता है, जहां श्रद्धालु एकजुट होकर अपनी आस्था का प्रदर्शन करते हैं।
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