राजनीति
बिहार चुनाव : भाजपा के लिए अभेद दुर्ग बने गया में सेंध लगाने की तैयारी में कांग्रेस

देश-दुनिया में ‘मोक्ष नगरी’ के रूप में प्रसिद्ध बिहार के गया में प्रतिवर्ष पितृपक्ष के मौके पर लाखों लोग अपने पुरखों की आत्मा की शांति के लिए पिंडदान के लिए यहां पहुंचते हैं। आज बिहार विधानसभा चुनाव में गया विधानसभा क्षेत्र काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इस क्षेत्र को अभेद दुर्ग बना चुकी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को हराने के लिए महागठबंधन पुरजोर लगाए हुए है। राजग ने एकबार फिर यहां से सात बार चुनाव जीत चुके भाजपा के नेता प्रेम कुमार को चुनावी मैदान में उतार दिया है, वहीं महागठबंधन ने यहां से कांग्रेस के नेता अखौरी ओंकार नाथ उर्फ मोहन श्रीवास्तव को चुनाव मैदान में उतारा है।
इस चुनाव में कांग्रेस के प्रत्याशी मोहन श्रीवास्तव भाजपा के विजय रथ को रोकने की पूरी कोशिश में है। पिछले चुनाव में प्रेम कुमार ने कांग्रेस के प्रियरंजन डिंपल को हराया था। उस चुनाव में प्रेम कुमार को 66,891 मत मिले थे, जबकि डिंपल को 44,102 मत से संतोष करना पड़ा था।
वर्ष 2010 में सीपीआई के जलालुद्दीन अंसारी मैदान में थे और उन्हें भी हार का सामना करना पड़ा था। 30 साल से लगातार यानी 1990 से प्रेम कुमार गया से जीतते रहे हैं। ं
गया शहर विधानसभा सीट से 1990 से लगातार 7 बार जीत दर्ज करने वाले प्रेम कुमार इस समय राज्य में कृषि मंत्री हैं। गया में कुल मतदाताओं की संख्या करीब 2.65 लाख है।
नालंदा कॉलेज के सेवानिवृत्त प्रोफेसर और गया के रहने वाले डॉ. चंद्रगुप्त कहते हैं कि यहां गांवों में रहने वाली बड़ी जनसंख्या शहर में आकर बसी है। उन्होंने कहा कि यहां व्यवसायियों की संख्या अच्छी खासी है।
उन्होंने कहा कि यहां खास बात है कि जातिगत आधार पर मतदान नहीं के बराबर होता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान विधायक प्रेम कुमार का कुछ क्षेत्रों में विरोध जरूर है, लेकिन महागठबंधन के प्रत्याशी को उन्हें पराजित कर पाना एक चुनौती है।
इधर, गया के वरिष्ठ पत्रकार विमलेंद्र प्रियदर्शी कहते हैं कि गया में नए लोग बसते गए, नए मुहल्लों का उदय हुआ, लेकिन सुविधाएं नहीं बढ़ीं।
प्रियदर्शी कहते हैं, “गया शहर में विधायक के प्रति लोगों में थोड़ी नाराजगी है। लोगों की शिकायत है कि चुनाव जीत जाने के बाद विधायक क्षेत्र में कभी भी लोगों की खोजखबर लेने नहीं आते हैं। लेकिन उनके पक्ष में यह भी है कि वे सरल व्यक्तित्व के हैं और 30 साल क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने के बाद भी उनपर किसी तरह का आरोप नहीं लगा है।”
गया से राष्ट्रीय लोकसमता पार्टी (रालोसपा) ने श्रीधर प्रसाद को जबकि जन अधिकार पार्टी ने राजीव कुमर को टिकट दिया है। गया क्षेत्र इस चुनाव में कांग्रेस और भाजपा के लिए कितना महत्वपूर्ण माना जा रहा है, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि भाजपा के प्रमुख जे पी नड्डा ने अपनी बिहार में चुनावी रैली की शुरूआत गया से की थी।
बहरहाल, गया में मुकाबला रोचक है और मुख्य मुकाबला दोनों प्रमुख गठबंधनों के बीच माना जा रहा है।
राष्ट्रीय समाचार
मराठा आरक्षण आंदोलन के बाद मुंबई पुलिस का एक्शन, प्रदर्शनकारियों के खिलाफ कई थानों में एफआईआर दर्ज

मुंबई, 3 सितंबर। मराठा आरक्षण की मांग को लेकर मुंबई में हुए प्रदर्शन के दौरान अवैध रूप से इकट्ठा होने और अशांति फैलाने के आरोप में मराठा प्रदर्शनकारियों के खिलाफ मुंबई पुलिस ने कई मामले दर्ज किए हैं। मुंबई पुलिस के मुताबिक, मरीन ड्राइव पुलिस स्टेशन समेत अलग-अलग थानों में मराठा प्रदर्शनकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।
मुंबई पुलिस ने बताया कि बॉम्बे हाई कोर्ट के आदेश के बाद प्रदर्शनकारियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की गई है। अवैध रूप से इकट्ठा होने और हिंसा फैलाने के आरोप में प्रदर्शनकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।
पुलिस के अनुसार, मरीन ड्राइव पुलिस स्टेशन में तीन एफआईआर, एमआरए मार्ग पुलिस स्टेशन में दो एफआईआर और जेजे पुलिस स्टेशन, कोलाबा पुलिस स्टेशन और आजाद मैदान पुलिस स्टेशन में भी मामले दर्ज किए गए हैं।
बता दें कि मराठा आरक्षण आंदोलन के नेता मनोज जरांगे पाटिल ने मंगलवार को अपनी ज्यादातर मांगें मान लिए जाने के बाद आमरण अनशन समाप्त कर दिया था। इसके बाद हजारों मराठा कार्यकर्ता मुंबई से अपने गांवों को लौट गए, जिसके चलते अब शहर में स्थिति सामान्य हो रही है।
बॉम्बे हाईकोर्ट ने मंगलवार को मराठा आरक्षण आंदोलन को लेकर सख्त रुख अपनाते हुए टिप्पणी की थी। चीफ जस्टिस चंद्रशेखर और जस्टिस आरती साठे की बेंच ने सुनवाई के दौरान आंदोलन से उत्पन्न स्थिति पर नाराजगी जताई थी।
चीफ जस्टिस ने कहा था, “सड़कों पर जज के चलने की भी जगह नहीं है। हालात सामान्य करें, वरना सख्त कार्रवाई की जाएगी।”
कोर्ट ने स्पष्ट निर्देश दिया था कि सड़कों से गाड़ियां हटाई जाएं और भीड़ नियंत्रित की जाए।
बता दें कि मनोज जरांगे मराठा समाज आरक्षण की मांग को लेकर मुंबई में धरना प्रदर्शन कर रहे थे। इस विरोध प्रदर्शन के बीच मुंबई में जगह-जगह जाम की स्थिति देखी गई। इस स्थिति में मुंबई पुलिस ने मनोज जरांगे के प्रदर्शन को अनुमति देने से इनकार करते हुए आजाद मैदान खाली करने का नोटिस भेजा था।
हालांकि, मराठा आरक्षण आंदोलन के नेता मनोज जरांगे-पाटिल ने मंगलवार को सरकार से मांगें माने जाने के बाद अपना पांच दिन का अनशन समाप्त कर दिया था। उन्होंने जल संसाधन मंत्री व मंत्रिमंडलीय उपसमिति अध्यक्ष राधाकृष्ण विखे-पाटिल के हाथों नींबू पानी पीकर अनशन तोड़ा था।
राष्ट्रीय समाचार
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बाढ़ प्रभावित राज्यों के लिए तत्काल राहत पैकेज की मांग की

नई दिल्ली, 3 सितंबर। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बाढ़ प्रभावित राज्य पंजाब, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के लिए केंद्र सरकार से विशेष राहत पैकेज देने की मांग की है। उन्होंने इस संबंध में सोशल मीडिया पोस्ट किया और साथ में एक वीडियो भी शेयर किया है।
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील की कि इन राज्यों में राहत और बचाव कार्यों को तेज किया जाए, ताकि प्रभावित लोगों को सहायता मिल सके।
उन्होंने कहा कि पंजाब में बाढ़ ने भारी नुकसान पहुंचाया है और जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश के साथ ही उत्तराखंड की स्थिति भी गंभीर है।
उन्होंने बताया कि हजारों परिवार अपने घर, संपत्ति और अपनों को बचाने के लिए जूझ रहे हैं। सरकार की जिम्मेदारी है कि वह लोगों की रक्षा करे। उन्होंने केंद्र से इन राज्यों, खासकर किसानों के लिए तत्काल राहत पैकेज की घोषणा करने का आग्रह किया।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने लिखा, “पंजाब में बाढ़ ने भयंकर तबाही मचाई है। जम्मू-कश्मीर, हिमाचल और उत्तराखंड में भी स्थिति बेहद चिंताजनक है। ऐसे मुश्किल समय में आपका ध्यान और केंद्र सरकार की सक्रिय मदद अत्यंत आवश्यक है। हजारों परिवार अपने घर, जीवन और अपनों को बचाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। मैं आग्रह करता हूं कि इन राज्यों के लिए, खासतौर पर किसानों के लिए विशेष राहत पैकेज की तत्काल घोषणा की जाए और राहत एवं बचाव कार्यों को तेज किया जाए।”
देश के कई राज्य मौजूदा समय में बाढ़ से त्राहि-त्राहि कर रहे हैं। पंजाब में भारी बारिश और नदियों के उफान ने कई इलाकों में तबाही मचाई है। खेतों में धान और सब्जियों की फसलों को भारी नुकसान हुआ है। कई गांव पानी में डूब गए हैं, जिससे लोग अपने घर छोड़ने को मजबूर हैं। सड़कें और बुनियादी ढांचा भी क्षतिग्रस्त हुआ है।
जम्मू-कश्मीर में भारी बारिश और भूस्खलन ने स्थिति को और खराब कर दिया है। कई क्षेत्रों में सड़क संपर्क टूट गया है और नदियों के किनारे बसे गांवों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। स्थानीय प्रशासन राहत कार्यों में जुटा है।
वहीं, हिमाचल प्रदेश में बादल फटने और भूस्खलन की घटनाओं ने भारी नुकसान पहुंचाया है। सड़कें और पुल टूट गए हैं, जिससे आवागमन प्रभावित हुआ है।
इसके अलावा, उत्तराखंड में गंगा और अन्य नदियों का जलस्तर बढ़ने से कई इलाके जलमग्न हो गए हैं। तीर्थस्थल और ग्रामीण क्षेत्रों में बाढ़ और भूस्खलन ने जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है।
राष्ट्रीय समाचार
मुंबई: मराठा आरक्षण आंदोलन के पांचवें दिन समाप्त होने के बाद बीएमसी ने आज़ाद मैदान और आसपास के इलाकों में रात भर सफाई अभियान चलाया

मुंबई: मुंबई के आजाद मैदान में मराठा आरक्षण के मुद्दे पर पांच दिनों तक चले उग्र आंदोलन के बाद, बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) ने बुधवार सुबह तक प्रदर्शन प्रभावित क्षेत्र और उसके आसपास के नागरिक क्षेत्रों में सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए रात भर व्यापक सफाई अभियान चलाया।
कार्यकर्ता मनोज जरांगे-पाटिल के नेतृत्व में हुए इस आंदोलन में पूरे महाराष्ट्र से हज़ारों प्रदर्शनकारी दक्षिण मुंबई पहुँचे, जिससे यातायात और नागरिक कामकाज बुरी तरह प्रभावित हुआ। पाँचवें दिन आंदोलन समाप्त होने पर, नगर निगम अधिकारियों ने इस इलाके की सफाई के लिए भारी संख्या में जनशक्ति और संसाधन तैनात किए। अधिकारियों के अनुसार, लगभग 200 सफाई कर्मचारियों ने 2 सितंबर की रात से लेकर 3 सितंबर की सुबह तक मैदान और आस-पास की सड़कों को उनकी मूल स्थिति में लाने के लिए अथक परिश्रम किया।
कुल मिलाकर, 1,000 से ज़्यादा नगर निगम कर्मचारियों को दो पालियों में तैनात किया गया था ताकि धरना स्थल पर चौबीसों घंटे सफ़ाई सुनिश्चित की जा सके। आंदोलन के दौरान बड़ी संख्या में लोगों की भीड़ को देखते हुए, बीएमसी ने पहले ही 100 मोबाइल शौचालयों सहित अतिरिक्त जन सुविधाओं का इंतज़ाम कर दिया था, जिससे कुल संख्या लगभग 450 हो गई। निगम ने भीड़ और देर रात तक काम करने वाले सफ़ाई कर्मचारियों के लिए पर्याप्त रोशनी उपलब्ध कराने हेतु 40 फ्लडलाइट वाले टावर भी लगाए।
शौचालयों के आसपास स्वच्छता बनाए रखने के लिए सक्शन मशीनें और जेट स्प्रे सिस्टम लगाए गए थे। कचरा संग्रहण में सहायता के लिए प्रदर्शन क्षेत्र में कम से कम 1,500 प्लास्टिक के कचरे के थैले और दर्जनों कूड़ेदान वितरित किए गए। प्रदर्शन समाप्त होने के बाद, सड़कों को पानी से अच्छी तरह धोया गया, जबकि सड़कों की सफाई के लिए कॉम्पैक्टर और स्किड स्टीयर लोडर सहित 16 विभिन्न प्रकार के कचरा प्रबंधन वाहन तैनात किए गए।
स्वास्थ्य संबंधी खतरों को रोकने के लिए, नगर निगम के कर्मचारियों ने मक्खियों और मच्छरों के प्रसार को रोकने के लिए पूरे स्थल पर 100 किलोग्राम कीटाणुनाशक और कीटनाशक पाउडर भी छिड़का। विरोध प्रदर्शन के दौरान पीने के पानी की व्यवस्था बीएमसी की ज़िम्मेदारी का एक बड़ा हिस्सा थी, जिसके तहत आसपास के क्षेत्र में मिनी टैंकरों सहित 26 पानी के टैंकर तैनात किए गए थे।
पाँच दिनों तक चले इस आंदोलन ने मुंबई के दक्षिणी प्रशासनिक केंद्र के कई हिस्सों को ठप कर दिया था, मंत्रालय के आसपास सुरक्षा कड़ी कर दी गई थी और परिवहन सेवाओं में बदलाव करना पड़ा था। इस विरोध प्रदर्शन ने मराठा आरक्षण की लगातार माँग को उजागर किया, साथ ही शहर के लिए रसद संबंधी चुनौतियाँ भी पैदा कीं। आंदोलनकारियों के चले जाने के बाद, बीएमसी के तेज़ और बड़े पैमाने पर सफाई प्रयासों ने यह सुनिश्चित किया कि आज़ाद मैदान और उसके आसपास के इलाकों में कुछ ही घंटों में सामान्य जनजीवन बहाल हो जाए।
-
व्यापार5 years ago
आईफोन 12 का उत्पादन जुलाई से शुरू होगा : रिपोर्ट
-
अपराध3 years ago
भगौड़े डॉन दाऊद इब्राहिम के गुर्गो की ये हैं नई तस्वीरें
-
महाराष्ट्र2 months ago
हाईकोर्ट ने मुंबई पुलिस और महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को नोटिस जारी किया, मस्जिदों के लाउडस्पीकर विवाद पर
-
अनन्य3 years ago
उत्तराखंड में फायर सीजन शुरू होने से पहले वन विभाग हुआ सतर्क
-
न्याय1 year ago
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के खिलाफ हाईकोर्ट में मामला दायर
-
अपराध3 years ago
बिल्डर पे लापरवाही का आरोप, सात दिनों के अंदर बिल्डिंग खाली करने का आदेश, दारुल फैज बिल्डिंग के टेंट आ सकते हैं सड़कों पे
-
अपराध3 years ago
पिता की मौत के सदमे से छोटे बेटे को पड़ा दिल का दौरा
-
राष्ट्रीय समाचार6 months ago
नासिक: पुराना कसारा घाट 24 से 28 फरवरी तक डामरीकरण कार्य के लिए बंद रहेगा