राजनीति
भाजपा, कांग्रेस की सरकारों में दलितों पर अत्याचार बढ़ा : मायावती

बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की मुखिया मायावती ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के साथ देश में जहां पर भी भाजपा या कांग्रेस की सरकार है, वहां दलितों और पिछड़ों पर अत्याचार हो रहा है। उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री बसपा संस्थापक कांशीराम की पुण्यतिथि पर शुक्रवार को मीडिया को संबोधित कर रही थी। इस दौरान उन्होंने कांग्रेस और भाजपा पर दलित की उपेक्षा को लेकर जमकर निशाना साधा। उन्होंने हाथरस केस के साथ ही उत्तर प्रदेश में अन्य मामलों में दलितों पर बढ़ते अत्याचार का सारा दोष भाजपा सरकार पर मढ़ा है।
मायावती ने कहा कि उत्तर प्रदेश के साथ देश में जहां पर भी भाजपा या कांग्रेस की सरकार है, वहां दलितों तथा पिछड़ों पर अत्याचार हो रहा है। उत्तर प्रदेश का हाथरस इसका ताजा उदाहरण है। हर स्तर पर दलितों का शोषण हो रहा है। इस मामले में भाजपा तथा कांग्रेस के लोग एक जैसे हैं। दोनों ही पार्टी अंदर से एक है। यह दोनों देश तथा कई प्रदेशों में बारी-बारी से अपनी सरकार बनाकर अपना मिशन साधने का काम करती हैं।
बसपा मुखिया ने कहा कि सच्चाई यह है कि कांगेस हो या भाजपा दोनों के राज में दलित समाज का कोई उत्थान या विकास नहीं हुआ। इसके उलट उनके साथ बड़े पैमाने पर जुल्म और ज्यादती हुई है।
उन्होंने कहा कि विकास के उत्थान के मामले में दलित समाज की जमकर उपेक्षा की जाती है। इतना ही नहीं यह सभी पार्टियां राजनीतिक फायदे और स्वार्थ की पूर्ति के लिए इन वगोर्ं की बहन-बेटियों पर कोई भी जुल्म-ज्यादती होने पर राजनीतिक ड्रामा भी खूब करती हैं। इसके हाथरस जैसे कई उदाहरण हमारे सामने हैं।
मायावती ने कहा कि सभी विरोधी पार्टियां अंदर-अंदर आपस में एक होकर हमारे वर्ग के इन लोगों का शोषण करती है। साथ ही ये हम लोगों को गुलाम बनाए रखना चाहती हैं। इतना ही नहीं, उन्होंने अपने विरोधियों पर पार्टी के मूवमेंट को कमजोर करने की साजिश का आरोप भी लगाया।
बहुजन समाज पार्टी देश में किसी की भी पिछलग्गू नहीं है। हमारी पार्टी का अपना एक मिशन है और हम मिशन के तहत काम करते हैं। मायावती ने कहा कि ऐसे संगठनों के पास धन बसपा की तरह अपने लोगों से नहीं आता है। इनके कार्यकर्ता लोगों को गुमराह करते हैं कि बसपा तो आए दिन चंदा ही इकट्ठा करती रहती है। उन्होंने कहा कि बसपा कार्यकर्ताओं और बहुजन समाज को इन लोगों से सावधान रहने की जरूरत है।
महाराष्ट्र
मुंबई पुलिस ने गणपति उत्सव के लिए विशेष सुरक्षा व्यवस्था की है: पुलिस आयुक्त देवेन भारती

मुंबई: मुंबई पुलिस ने गणपति उत्सव के संदर्भ में कड़े सुरक्षा इंतजाम करने का दावा किया है। मुंबई पुलिस आयुक्त देवेन भारती के नेतृत्व में संयुक्त पुलिस आयुक्त सत्यनारायण चौधरी और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को तैनात किया गया है। इसके साथ ही मुंबई पुलिस के अतिरिक्त आयुक्त, 36 डीसीपी, 51 एसीपी, 2336 अधिकारी, 14430 जवानों सहित अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है। इसके अलावा पुलिस बलों में दंगा निरोधक दस्ता, आरपीएफ, एसआरपीएफ, त्वरित प्रतिक्रिया बल, डेल्टा कॉम्बैट, होमगार्ड और अन्य बल भी तैनात किए गए हैं। कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस ने गणपति मंडलों पर विशेष व्यवस्था और सुरक्षा व्यवस्था की है ताकि कोई अप्रिय घटना न घटे। इसलिए पुलिस ने जनता से अपील की है कि वे भीड़ के दौरान धैर्य और संयम दिखाएं, संदिग्ध और संदिग्ध लोगों पर नजर रखें और भीड़ के दौरान पुलिस का सहयोग करें
राजनीति
नया बिल संविधान की रक्षा के लिए, विपक्ष को डरने की जरूरत नहीं : श्रीकांत शिंदे

मुंबई, 25 अगस्त। शिवसेना सांसद श्रीकांत शिंदे ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की ओर से संसद में पेश किए गए तीन विधेयकों को लेकर अपनी बातें रखीं। उन्होंने सोमवार को पत्रकारों से बातचीत में कहा कि यह बिल संविधान की रक्षा के लिए लाया जा रहा है, न कि किसी को जेल में डालने के लिए।
उन्होंने कहा, “हमने देखा है कि देश में कई बड़े नेता, यहां तक कि मुख्यमंत्री और मंत्री भी जेल गए। लेकिन, उन्होंने अपने पद से इस्तीफा नहीं दिया। लोकतंत्र में जब किसी पर आरोप लगता है, तो जांच और विचार-विमर्श जरूरी होता है। इसी सोच के साथ सरकार यह नया बिल ला रही है, जो संविधान की रक्षा के लिए है।”
उन्होंने जोर देकर कहा कि यह बिल किसी को निशाना बनाने के लिए नहीं, बल्कि संवैधानिक मूल्यों को मजबूत करने के लिए है।
उन्होंने विपक्ष के सवाल पर कहा, “अगर विपक्ष के नेताओं ने कुछ गलत नहीं किया, तो उन्हें इस बिल से डरने की क्या जरूरत है? यह बिल लोकतंत्र और संविधान के हित में है। सरकार का मकसद किसी को परेशान करना नहीं, बल्कि पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करना है।”
दरअसल, पिछले दिनों केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने संसद के मानसून सत्र में तीन अहम बिल पेश किए थे। उनकी ओर से पेश किए गए बिल में मुख्य रूप से संविधान (130वां संशोधन) विधेयक, 2025, संघ राज्य क्षेत्र सरकार (संशोधन) विधेयक, 2025 और जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक, 2025 शामिल थे।
लोकसभा में पेश किए गए बिल का मुख्य उद्देश्य यह है कि अगर कोई केंद्रीय मंत्री, किसी राज्य का मुख्यमंत्री या किसी केंद्र शासित प्रदेश का मुख्यमंत्री किसी आपराधिक मामले में आरोपी पाया जाता है, तो उसे तत्काल अपने पद से इस्तीफा देना होगा। लेकिन, केंद्रीय मंत्री की ओर से पेश किए गए इस बिल का विपक्ष की ओर से विरोध किया जा रहा है।
राष्ट्रीय समाचार
सीएसडीएस एनालिस्ट संजय कुमार को ‘सुप्रीम’ राहत, महाराष्ट्र वोटर डेटा मामले में एफआईआर पर रोक

SUPRIM COURT
नई दिल्ली, 25 अगस्त। ‘सेंटर फॉर द स्टडी ऑफ डेवलपिंग सोसायटीज’ (सीएसडीएस) के एनालिस्ट संजय कुमार को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। सर्वोच्च न्यायालय ने सोमवार को महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से जुड़े एक मामले में उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर पर स्टे लगा दी है।
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से संबंधित वोटर डेटा पर कथित रूप से भ्रामक जानकारी प्रकाशित करने को लेकर संजय कुमार के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी। इस मामले में संजय कुमार ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और याचिका दायर कर अपने खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द करने की मांग की।
सुप्रीम कोर्ट ने सीएसडीएस के एनालिस्ट संजय कुमार की याचिका पर सुनवाई करते हुए महाराष्ट्र सरकार को नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने साफ किया है कि अगली सुनवाई तक पुलिस उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करेगी। मामले की अगली सुनवाई तक सुप्रीम कोर्ट ने संजय कुमार को राहत दी है।
इससे पहले, संजय कुमार ने इस मामले में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट के जरिए माफी भी मांगी थी। उन्होंने पोस्ट में लिखा था, “महाराष्ट्र चुनावों के संबंध में पोस्ट किए गए ट्वीट के लिए मैं तहे दिल से माफी चाहता हूं। 2024 के लोकसभा और 2024 के विधानसभा चुनावों के आंकड़ों की तुलना करते समय त्रुटि हुई। पंक्ति में दिए गए आंकड़ों को हमारी डेटा टीम ने गलत पढ़ा था। ट्वीट को अब हटा दिया गया है। मेरा किसी भी प्रकार की गलत सूचना फैलाने का कोई इरादा नहीं था।”
आपको बताते चलें, संजय कुमार ने 2024 के लोकसभा चुनाव और महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव की मतदाता सूची का जिक्र करते हुए मतदाताओं की संख्या में भारी बदलाव होने का दावा किया था। उन्होंने कहा था कि रामटेक विधानसभा क्षेत्र में मतदाताओं की संख्या में 38.45 फीसदी की कमी आई। वहीं, देवलाली में भी उन्होंने 36.82 फीसदी मतदाताओं की कमी का दावा किया था।
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