अपराध
हाथरस कांड: आरोपियों ने जेल से लिखी चिट्ठी, बताया खुद को निर्दोष

उत्तर प्रदेश के हाथरस कांड में हर रोज एक नया मोड़ सामने आ रहा है। चारो आरोपियों ने एसपी हाथरस को पत्र लिखकर अपने को निर्दोष बताया है। यह पत्र तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। एसपी को भेजी गई चिट्ठी में चारों आरोपी संदीप, रामू, रवि और लवकुश के हस्ताक्षर और अंगूठे के निशान भी हैं। जेलर आलोक सिंह ने बताया कि पत्र हाथरस एसपी को भेज दिया गया है।
हाथरस केस में आरोपियों ने पुलिस अधीक्षक को लिखी चिट्ठी में खुद को झूठे मामले में फंसाए जाने की दलील दी है। आरोपी संदीप, रामू, लवकुश और रवि ने अपने ऊपर लगे आरोपों को खारिज किया है। मुख्य आरोपी संदीप ने चिट्ठी में वारदात के पूरे घटनाक्रम को बताया है।
मुख्य आरोपी ने चिट्ठी में यह भी दावा किया कि उसकी मृत युवती के साथ दोस्ती थी, जिस पर उसके परिवार को एतराज था। घटना वाले दिन के बारे में आरोपी का कहना है कि वह उस दिन मिलने खेत पर गया था लेकिन बाद में वह युवती के भाई व मां के कहने पर घर वापस लौट आया था और अपने पिता के साथ पशुओं को पानी पिला रहा था। मुख्य आरोपी संदीप ने चिट्ठी में मृत युवती के भाई और उसकी मां पर युवती के साथ मारपीट करने का आरोप लगाया है। उसने कहा, हम लोगों की फोन पर बात होती थी। इसी वजह से उस दिन मां और भाई ने लड़की की पिटाई की थी। यह लोग भी मौके पर बाद में पहुंचे थे। उन्हें पानी भी पिलाया था, लेकिन उल्टा उन्हें ही फंसा दिया गया। चारों आरोपियों ने इस मामले में पुलिस से निष्पक्ष जांच की मांग की है।
मुख्य आरोपी संदीप ने चिट्ठी में बताया कि इस केस में आरोपी बनाए गए रवि और रामू उसके परिवार से ताल्लुक रखते हैं और रिश्ते में उसके चाचा हैं।
इनका कहना है कि उस दिन मृत युवती की पिटाई मां और भाई ने की थी। आरोपियों ने यह भी बताया है कि उनकी मृत युवती से दोस्ती और काफी देर फोन पर ओर बात करने की वजह से उसको भाई व मां ने पीटा है। इतनी बुरी तरह पीटा है, इसकी जानकारी हम लोगों को नहीं थी। इन लोगों ने कहा कि, घटना वाले दिन भी हमारी मृत युवती से मुलाकात हुई थी। इस दौरान लड़की की मां तथा भाई के कहने पर मैं वहां से चला गया। हमारी फोन पर बात होती थी, लेकिन हमने कभी उसको न तो मारा-पीटा और न ही उसके साथ गलत काम किया।
जेल अधीक्षक आलोक सिंह के अनुसार, जेल मैनुअल के मुताबिक किसी भी बंदी को जेल से बाहर चिट्ठी भेजने का अधिकार है। बुधवार को दोपहर में यह चिट्ठी लिफाफा बंद कराकर उपलब्ध कराई गई जो शाम तक हाथरस के एसपी को दी गई।
अपराध
महाराष्ट्र में शराब तस्करी पर बड़ी कार्रवाई, पनवेल में 13 लाख की विदेशी शराब जब्त

पनवेल, 6 अगस्त। महाराष्ट्र में शराब तस्करी के खिलाफ राज्य उत्पादन शुल्क विभाग ने बड़ी कार्रवाई की है। पनवेल में फ्लाइंग स्क्वाड ने गोवा से लाई जा रही 13 लाख रुपए की विदेशी शराब जब्त की। यह शराब आठ अलग-अलग विदेशी ब्रांड की थी, जिसे स्पेयर पार्ट्स की आड़ में छिपाकर ट्रक में लाया जा रहा था। इस मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है।
उत्पादन शुल्क विभाग के जॉइंट कमिश्नर प्रसाद सुर्वे ने बताया कि पनवेल में हुई इस कार्रवाई में राजस्थान के उत्तम सेन और भायंदर के रमेश पुरोहित को गिरफ्तार किया गया। उनके पास से तीन मोबाइल भी बरामद हुए, जिनके जरिए तस्करी रैकेट से जुड़े अन्य लोगों की जानकारी जुटाई जा रही है।
दोनों आरोपियों को पनवेल कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें चार दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया। प्रारंभिक जांच में यह एक अंतरराज्यीय तस्करी गिरोह का हिस्सा प्रतीत हो रहा है।
सुर्वे ने बताया कि 24 जून से शराब पर उत्पादन शुल्क बढ़ने के बाद तस्करी के मामलों में तेजी आई है। विभाग ने इस अवधि में कड़ी कार्रवाई करते हुए गोवा से शराब तस्करी के 133 मामले दर्ज किए, जिनमें 121 लोगों को गिरफ्तार किया गया और 3 करोड़ 16 लाख रुपए की शराब जब्त की गई।
इसके अलावा, दमन से अवैध शराब तस्करी के 31 मामले सामने आए, जिनमें 30 लोगों को गिरफ्तार कर 69 लाख रुपए की शराब जब्त की गई। दादरा नगर हवेली से तस्करी के 6 मामलों में 6 आरोपियों को पकड़ा गया और 5 लाख रुपए की शराब बरामद की गई।
उत्पादन शुल्क विभाग ने तस्करी रोकने के लिए अपनी निगरानी और तेज कर दी है। सुर्वे ने कहा कि ऐसे गिरोहों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई जारी रहेगी ताकि अवैध शराब के कारोबार पर लगाम लगाई जा सके।
अपराध
मुंबई क्राइम ब्रांच ने ड्रग तस्कर अपहरण केस में दो अन्य आरोपियों को गिरफ्तार किया

मुंबई, 6 अगस्त। मुंबई क्राइम ब्रांच को कुख्यात ड्रग तस्कर साजिद इलेक्ट्रिकवाला के अपहरण केस में बड़ी कामयाबी हासिल हुई है। क्राइम ब्रांच की टीम ने इस मामले में दो अन्य आरोपियों को भी गिरफ्तार किया है।
मुंबई क्राइम ब्रांच ने ड्रग तस्कर साजिद इलेक्ट्रिकवाला के अपहरण और जबरन वसूली मामले में दो और आरोपियों अरमान मोहम्मद नासिर खान (33) और नीरव सोलंकी (54) को गिरफ्तार किया है। सोलंकी को गुजरात से ढूंढकर गिरफ्तार किया गया, जबकि अरमान खान को क्राइम ब्रांच ने गोरेगांव के ओबेरॉय मॉल से गिरफ्तार किया।
अब इस मामले में गिरफ्तार आरोपियों की कुल संख्या बढ़कर 14 हो गई है। इनमें से 13 को पहले ही न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है, जबकि अरमान खान को आगे की पूछताछ के लिए तीन दिनों की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है।
अरमान खान, सरवर खान का एक जाना-माना सहयोगी है, जो भगोड़े अंडरवर्ल्ड गैंगस्टर छोटा शकील के भाई अनवर बाबू शेख से जुड़ा है। उसका आपराधिक इतिहास रहा है।
आरोपी अरमान खान ने शिकायतकर्ता के अपहरण और जबरन वसूली की मांग करने में सक्रिय भूमिका निभाई थी। अपराध शाखा ने मामले में सभी 14 आरोपियों के खिलाफ मकोका लगाने के लिए एक औपचारिक प्रस्ताव प्रस्तुत किया है। मामले की जांच जारी है।
इससे पहले 16 जुलाई को मुंबई क्राइम ब्रांच की टीम ने कानपुर से अपहृत ड्रग माफिया साजिद इलेक्ट्रिकवाला को सफलतापूर्वक कैद से मुक्त कराया था। इसका अपहरण मुंबई के पश्चिमी उपनगरों से कथित तौर पर ड्रग्स और पैसों से जुड़े विवाद के चलते किया गया था।
पुलिस के अनुसार, मुंबई से अंतरराष्ट्रीय एमडी (मेफेड्रोन) ड्रग रैकेट चलाने के लिए कुख्यात साजिद इलेक्ट्रिकवाला का एक रियल एस्टेट एजेंट के साथ अपहरण कर लिया गया था, जो कथित तौर पर उसका सहयोगी था। पुलिस का मानना है कि अपहरण एमडी ड्रग के पैसों को लेकर हुए विवाद के चलते किया गया था।
अपराध
‘बाबा’ के वेश में स्नैचिंग करने वाले आरोपियों को दिल्ली पुलिस ने किया गिरफ्तार

CRIME
नई दिल्ली, 5 अगस्त। दिल्ली पुलिस को बड़ी सफलता हाथ लगी है। बाबा के वेश में स्नैचिंग करने वाले तीन आरोपियों को पकड़ा।
1 अगस्त को मिली शिकायत के आधार पर पुलिस ने जांच शुरू की। पुलिस ने तीन आरोपियों को पकड़ लिया है, जबकि एक सहआरोपी अभी भी फरार है, जिसकी तलाश की जा रही है।
शिकायतकर्ता ने बताया कि वह मोती नगर स्थित अपने घर से रैपीडो टैक्सी में कनॉट प्लेस जा रही थी। जब गाड़ी शादीपुर फ्लाईओवर की लाल बत्ती पर पहुंची, तो 20-25 साल के दिखने वाले तीन अज्ञात व्यक्ति टैक्सी के पास पहुंचे। सभी ने ‘बाबाओं’ का वेश धारण किया हुआ था और उनके शरीर पर राख लगी हुई थी। उन्होंने गाड़ी के साइड की खिड़की खटखटाई और पैसे मांगे, जिसपर उन्हें 200 रुपए दिए । इसी बीच, आरोपी ने बीच वाली उंगली से सोने और हीरे की अंगूठी छीन ली और मौके से भाग गया।
पुलिस ने मामला दर्ज कर इसकी जांच शुरू की। मोती नगर के थाना प्रभारी निरीक्षक वरुण दलाल की देखरेख और पंजाबी बाग के एसीपी विजय सिंह के मार्गदर्शन में एक टीम का गठन किया गया।
कई सीसीटीवी खंगालने के बाद आरोपियों को एक ऑटो-रिक्शा में मौके से भागते देखा गया था। ऑटो-रिक्शा के पंजीकृत मालिक की पहचान की गई। पूछताछ करने पर, मालिक ने बताया कि उसने ऑटो, विनोद कामत (50) को किराए पर दिया था।
आरोपी विनोद कामत को अशोका पार्क मेट्रो स्टेशन के पास से पकड़ लिया गया। उसके खुलासे में उसके अन्य साथियों, कबीर (19) और बिरजू (45), को पकड़ लिया गया। तीनों आरोपियों ने घटना में अपनी संलिप्तता कबूल कर ली। आरोपियों ने बताया कि उन्होंने चोरी की अंगूठी 26,000 रुपए में बेच दी थी।
पूछताछ में पता चला कि आरोपी विनोद कामत आरोपियों को परिवहन सेवा प्रदान करता था। आरोपी कबीर, बिरजू का पुत्र है, और उसका एक साथी अमर, जो अभी फरार है, जो बिरजू का सगा भाई है। आगे की जांच की जा रही है और सहआरोपी अमर को पकड़ने का प्रयास किया जा रहा है।
आरोपियों के पास से पिघला हुआ सोना, पत्थरों के 61 छोटे टुकड़े, ऑटो रिक्शा और कपड़े और श्रृंगार के समान बरामद हुए हैं।
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