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सितंबर में भारतीय माल का निर्यात 5 प्रतिशत से अधिक बढ़ा : गोयल
एक आत्मनिर्भर भारत और घरेलू उद्योगों के विकास पर जोर देने के बीच, देश के माल निर्यात ने सितंबर में साल-दर-साल के आधार पर 5.27 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की। केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने यह जानकारी दी। भारत का कुल माल निर्यात सिंतबर 2019 के 26.02 अरब डॉलर के मुकाबले पिछले महीने 27.40 अरब डॉलर रहा।
एक ट्वीट में, मंत्री ने महामारी के बीच भारतीय अर्थव्यवस्था की रिकवरी के रूप में एक और संकेत के तौर पर निर्यात में वृद्धि का हवाला दिया।
उन्होंने कहा, “‘मेक इन इंडिया, मेक फॉर द वल्र्ड’..भारतीय माल का निर्यात पिछले साल की तुलना में 20 सितंबर को 5.27 प्रतिशत बढ़ा है। यह भारतीय अर्थव्यवस्था की तेजी से रिकवरी का एक और संकेत है क्योंकि इसने कोविड पूर्व के स्तर के पैरामीटर को पार किया है।”
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हरे निशान में खुला भारतीय शेयर बाजार, शुरुआती कारोबार में 261 अंक चढ़ा सेंसेक्स

मुंबई, 26 नवंबर: भारतीय शेयर बाजार बुधवार के कारोबारी दिन हरे निशान में खुला। शुरुआती कारोबार में ऑटो, आईटी, मीडिया, पीएसयू बैंक और फार्मा सेक्टर्स में खरीदारी देखी जा रही थी।
सुबह 9 बजकर 24 मिनट पर सेंसेक्स 261.98 अंक या 0.31 प्रतिशत की तेजी के बाद 84,848.99 स्तर पर कारोबार कर रहा था। निफ्टी 84 अंक या 0.32 प्रतिशत की बढ़त के बाद 25,968.80 स्तर पर बना हुआ था।
वहीं, निफ्टी बैंक 205.35 अंक या 0.35 प्रतिशत की बढ़त के साथ 59,025.65 स्तर पर कारोबार कर रहा था। वहीं, निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 261 अंक या 0.43 प्रतिशत की बढ़त के बाद 60,559 स्तर पर कारोबार कर रहा था। निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 107.55 अंक या 0.61 प्रतिशत की तेजी के साथ 17,837.85 स्तर पर था।
एलकेपी सिक्योरिटीज के सीनियर टेक्निकल एनालिस्ट रूपक दे ने निफ्टी को लेकर कहा, “इंडेक्स में बिकवाली देखी गई क्योंकि निफ्टी 26,000 के आसपास का प्रेशर नहीं ले पाया, जिससे यह 25,850 स्तर की ओर गिर गया। घंटे के टाइमफ्रेम पर, इंडेक्स दो बैक-टू-बैक कंसोलिडेशन ब्रेकडाउन के बाद बेयरिश जोन में चला गया है। इसके अलावा, डेली टाइमफ्रेम पर बेयरिश डाइवर्जेंस के साथ-साथ बेयरिश क्रॉसओवर भी दिख रहा है। सेंटीमेंट कमजोर बना रह सकता है, जिससे इंडेक्स के 25,700 की ओर गिरने की संभावना है। ऊपरी लेवल पर, रेजिस्टेंस 26,000 पर बना रहेगा।”
बाजार के जानकारों ने कहा, “कभी-कभी मार्केट बिना किसी क्लियर लॉजिक और वजह के ऊपर-नीचे होता है। बहुत कम समय का मूवमेंट नए फंडामेंटल्स के खिलाफ हो सकता है। इस अनिश्चित मूवमेंट का कारण फ्यूचर्स एक्सपायरी डेट से जुड़ी टेक्निकल और मार्केट पोजिशनिंग में मिल सकता है।”
उन्होंने आगे कहा, “रिटेल इन्वेस्टर्स के लिए सबसे अच्छी स्ट्रेटेजी ट्रेडिंग से बचना होगा। धीरे-धीरे फेयर-वैल्यू वाले हाई क्वालिटी ग्रोथ स्टॉक जमा करें जो ज्यादा वोलैटिलिटी के कारण आकर्षक वैल्यूएशन पर मिलेंगे। ऐसे स्टॉक जल्द ही वापस आ जाएंगे।”
इस बीच सेंसेक्स पैक में टाटा मोटर्स पैसेंजर व्हीकल्स, मारुति सुजुकी, अदाणी पोर्ट्स, एचसीएल टेक, टाटा स्टील, इंफोसिस और एक्सिस बैंक टॉप गेनर्स थे। वहीं, भारती एयरटेल, बीईएल और एचडीएफसी बैंक टॉप लूजर्स थे।
एशियाई बाजारों में जकार्ता, जापान, सोल और चीन सभी हरे निशान में कारोबार कर रहे थे।
अमेरिकी बाजार आखिरी कारोबारी दिन हरे निशान में बंद हुए। डाउ जोंस 1.43 प्रतिशत या 664.18 अंक की तेजी के बाद 47,112.45 पर बंद हुआ। वहीं, एसएंडपी 500 इंडेक्स 0.91 प्रतिशत या 60.76 अंक की बढ़त के बाद 6,765.88 स्तर और नैस्डेक 0.67 प्रतिशत या 153.59 अंक की तेजी के बाद 23,025.59 पर बंद हुआ।
विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) 25 नवंबर को शुद्ध खरीदार रहे और उन्होंने 785.32 करोड़ रुपए के भारतीय शेयर खरीदे। घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) भी इस कारोबारी दिन शुद्ध खरीदार रहे और उन्होंने 3,912.47 करोड़ रुपए के शेयरों की खरीदारी की।
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भारत का इंफ्रास्ट्रक्चर मार्केट 2030 तक 25 लाख -करोड़ रुपए तक पहुंचने का अनुमान : रिपोर्ट

नई दिल्ली, 25 नवंबर: भारत एक मल्टी-ईयर इंफ्रा सुपर साइकल में प्रवेश कर रहा है। मंगलवार को आई एक रिपोर्ट के अनुसार, निफ्टी इंफ्रास्ट्रक्चर इंडेक्स ने बीते तीन वर्षों में निफ्टी 50 की तुलना में 2 गुना रिटर्न दिया है।
स्मॉलकेस की एक रिपोर्ट बताती है कि भारत के इंफ्रास्ट्रक्चर इक्विटी डिफेंसिव से हाई-बीटा और हाई-अल्फा की ओर बढ़ रहा है और 2030 में मार्केट साइज में 25 लाख करोड़ रुपए के साथ डबल होने का अनुमान है।
एनालिस्ट ने कहा कि पीएलआई स्कीम, ग्लोबल सप्लाई चेन शिफ्ट और मैन्युफैक्चरिंग पहलों की मदद से यह वृद्धि सरकारी खर्च और प्राइवेट कैपेक्स रिवाइवल की वजह से देखी जा रही है।
स्मॉलकेस का अनुमान है कि इंफ्रास्ट्रक्चर कैपेक्स का एक रुपए 2-3 रुपए का जीडीपी प्रभाव लाता है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि इंफ्रास्ट्रक्चर एग्जीक्यूशन के लिए मार्केट में हाई बीटा बना रह सकता है; इंजीनियरिंग, कंस्ट्रक्शन, इंडस्ट्रियल्स, सीमेंट, पावर इक्विपमेंट और लॉजिस्टिक्स में अर्निंग्स विजिबिलिटी मजबूत बनी रहेगी।
इनविट्स की वृद्धि को अनुमानित कॉन्ट्रैक्ट-बेस्ड रेवेन्यू स्ट्रीम से समर्थन मिलेगा, जो 10-12 प्रतिशत की प्री-टैक्स यील्ड और 7–9 प्रतिशत की पोस्ट टैक्स रिटर्न देगा, यह पारंपरिक फिक्स्ड-इनकम इंस्ट्रूमेंट्स से अधिक है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि निफ्टी इंफ्रास्ट्रक्चर इंडेक्स ने पिछले एक वर्ष में 14.5 प्रतिशत , 3 वर्ष में 82.8 प्रतिशत और 5 वर्षों में 181.2 प्रतिशत का रिटर्न दिया है, जो कि समान अवधि के लिए निफ्टी 50 के क्रमश: 10.5 प्रतिशत, 41.5 प्रतिशत और 100.3 प्रतिशत से अधिक है।
स्मॉलकेस के इन्वेस्टमेंट मैनेजर अभिषेक बनर्जी ने कहा, “भारत में इंफ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट में मार्केट की अनिश्चितता के समय में कुछ उतार-चढ़ाव हो सकता है, लेकिन उनका 10.2 प्रतिशत का ऐतिहासिक उतार-चढ़ाव इक्विटी मार्केट के 15.4 प्रतिशत से काफी कम है, जो तुलनात्मक रूप से बेहतर प्रदर्शन दर्ज करवाते हैं।”
उन्होंने आगे कहा कि इक्विटी से केवल 0.42 के कोरिलेशन के साथ इंफ्रास्ट्रक्चर प्लेटफॉर्म यूटिलिटीज की तरह ही काम करते हैं और लगातार महंगाई से लिंक्सड इनकम देते हैं, जिस पर आर्थिक उतार-चढ़ाव का अधिक प्रभाव देखने को नहीं मिलता।
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केंद्र ने सीएसआईसी 1.0 किया लॉन्च, भारत के साइबर सिक्योरिटी इकोसिस्टम को बनाएगा मजबूत

नई दिल्ली, 25 नवंबर: इलेक्ट्रानिक्स एवं आईटी मंत्रालय की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार, भारत के साइबर सिक्योरिटी इकोसिस्टम को मजबूत करने की एक ऐतिहासिक पहल के रूप में इंफोर्मेशन सिक्योरिटी एजुकेशन एंड अवेयरनेस (आईएसईए) प्रोजेक्ट के तहत साइबर सिक्योरिटी इनोवेशन चैलेंज (सीएसआईसी) 1.0 लॉन्च किया गया है।
एमईआईटीवाई के सचिव एस कृष्णन ने कॉन्सेप्ट वीडियो, वेबसाइट और रजिस्ट्रेशन पोर्टल और सीएसआईसी 1.0 की रूल बुक को पेश किया।
एस कृष्णन ने दो-आयामी राष्ट्रीय साइबर सिक्योरिटी रणनीति की आवश्यकता पर बल देते हुए उभरते खतरों के बारे में जागरूकता और टेक्नोलॉजिकल क्षमताओं को मजबूत करने की बात की।
उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि सीएसआईसी 1.0 दोनों अनिवार्यताओं को संबोधित करता है। यह पहल छात्रों को वास्तविक दुनिया की साइबर सिक्योरिटी चुनौतियों से अवगत करवाती है। यह न केवल स्किल्ड प्रोफेशनल्स का निर्माण करती है और साइबर सिक्योरिटी को एक व्यवहार्य करियर पथ के रूप में स्थापित करती है, बल्कि होमग्रोन, प्रोडक्ट-ऑरिएंटेड सॉल्यूशन को भी कैटैलाइज करती है, जो भारत की साइबर सिक्योरिटी को मबूत करते हैं।
डेटा सिक्योरिटी काउंसिल ऑफ इंडिया के सीईओ विनायक गोडसे ने इस बात पर प्रकाश डाला कि अपनी तरह की यह अनूठी पहल छात्रों और शोधकर्ताओं को शुरुआती दौर से ही इनोवेशन करने और उद्यमशीलता की मानसिकता विकसित करने में सक्षम बनाती है।
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) मद्रास के निदेशक प्रो. वी. कामकोटि ने बताया कि आईएसईए परियोजना के अंतर्गत इनोवेशन चुनौती, मुख्य चुनौतियों की हमारी बेहतर समझ को उजागर करती है और हमें परिवर्तनकारी समाधान तैयार करने की स्थिति में लाती है।
सीईआरटी-इन के महानिदेशक डॉ. संजय बहल ने इनोवेशन को बढ़ावा देने में आईएसईए की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला। डॉ. बहल ने कहा कि इनोवेशन चैलेंज आरएंडडी, शिक्षा जगत और उद्योग को एकजुट करने वाला एक महत्वपूर्ण मंच तैयार करता है।
उन्होंने जोर देकर कहा, “साइबर सिक्योरिटी में ‘आत्मनिर्भरता’ का निर्माण पहले से कहीं अधिक आवश्यक हो गया है, क्योंकि देश का डिजिटल परिवर्तन हमारे अपने संस्थानों से इनोवेशन की मांग करता है।”
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