राजनीति
मनमोहन सिंह, चिदंबरम नहीं लेंगे संसद सत्र में भाग
पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह और पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने स्वास्थ्य कारणों से संसद के मानसून सत्र से अनुपस्थित रहने की अनुमति मांगी है। इसके अलावा, सांसद ऑस्कर फर्नाडीस, नवनीत कृष्णन, नरेंद्र जाधव और सुशील गुप्ता ने भी सदन की कार्यवाही से गैरमौजूद रहने की इजाजत मांगी है।
भाजपा सांसद मीनाक्षी लेखी, अनंत कुमार हेगड़े सहित 17 सांसद कोरोना से संक्रमित पाए गए हैं। भाजपा से कम से कम 12 सांसद कोरोना से संक्रमित हैं।
भाजपा के बेलागवी से सांसद और केंद्रीय रेलवे राज्य मंत्री सुरेश अंगड़ी मानसून सत्र में निश्चित रूप से हिस्सा नहीं ले सकेंगे क्योंकि उन्होंने वो कोविड पॉजिटिव पाए गए हैं, हालांकि उन्होंने कहा कि वह ठीकहैं और सदन में उपस्थित रहना मंत्री के लिए सवाल से बाहर है।
इस बीच, केंद्रीय आयुष मंत्री श्रीपद नाइक को शनिवार को वायरस के संक्रमण के बाद पणजी अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। उनकी स्थिति काफी गंभीर हो गई थी। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान की एक केंद्रीय टीम उनके स्वास्थ्य की निगरानी कर रही थी। उनके संसद सत्र में भाग लेने की कम संभावना है।
राष्ट्रीय समाचार
खतरनाक नहीं है एचएमपीवी, जागरूकता से पाया जा सकता है काबू : विशेषज्ञ
नई दिल्ली, 9 जनवरी। भारत के कई राज्यों में ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (एचएमपीवी) के मामले देखने को मिले हैं। सरकार ने भी इसके लिए कमर कस ली है। हालांकि विशेषज्ञों का मानना है कि इससे घबराने की जरुरत नहीं है।
सरकार ने इस वायरस को लेकर सभी राज्यों से सावधानी और सतर्कता बरतने को कहा है। यह वायरस कितना खतरनाक है, इस पर आईएएनएस ने सीके बिड़ला हॉस्पिटल के निदेशक, पल्मोनोलॉजिस्ट डॉ. विकास मित्तल से बात की।
डॉ. विकास मित्तल ने कहा, ”यह कोई नया वायरस नहीं है। यह मुख्य रूप से हल्के श्वसन रोगों से जुड़ा हुआ है। कर्नाटक में हाल ही में तीन महीने के बच्चे का मामला पाया गया जो इस वायरस से संक्रमित था। बच्चे को अस्पताल से छुट्टी भी दे दी गई। यह मामला बताता है कि इस वायरस से उत्पन्न बीमारी में आमतौर पर हल्के लक्षण पैदा होते हैं। हालांकि, एक साल से छोटे बच्चे, 60 साल से अधिक उम्र के लोग, और कमजोर इम्यून सिस्टम वाले लोग या जो लोग पहले से ही कई समस्याओं का सामना कर रहे हैं, उन्हें ज्यादा ध्यान रखने की जरूरत है। ये लोग हाई रिस्क ग्रुप में आते हैं।”
उन्होंने कहा, ”इसके लक्षणों में खांसी, बुखार, नाक बंद होना और सांस लेने में तकलीफ होना शामिल है। वहीं, इसके गंभीर मामलों में अस्पताल में भर्ती होने के साथ ऑक्सीजन थेरेपी और वेंटिलेशन की भी आवश्यकता हो सकती है। हालांकि, आम लोगों के लिए यह वायरस बहुत खतरनाक नहीं माना जाता। यह कोविड-19 वायरस के मुकाबले ज्यादा खतरनाक नहीं है। पहले के संपर्क से बनी आंशिक रोग प्रतिरोधक क्षमता (इम्युनिटी) इसके असर को कम कर सकती है। इसका जल्दी पता लगाए जाने के साथ जागरूकता से काबू पाया जा सकता है।”
उन्होंने आगे कहा, ”वर्तमान आंकड़ों से पता चलता है कि एचएमपीवी खतरनाक वायरस नहीं है। इसलिए इससे डरने की जरुरत नहीं है। इससे बचने के लिए मास्क पहनना और लक्षण वाले व्यक्तियों से दूरी बनाए रखने से इसे फैलने से रोका जा सकता है।”
वहीं, इस वायरस को लेकर देश के अलग-अलग राज्यों ने अलर्ट जारी किया है। देश में अब तक कर्नाटक (2), गुजरात (1) और तमिलनाडु (2) समेत एचएमपीवी के सात मामले सामने आए हैं। सभी मामले 3 महीने से 13 साल की उम्र के बच्चों में पाए गए।
राजनीति
ठंड से किसी गोवंश की मृत्यु न हो, गौ आश्रय स्थलों में विशेष इंतजाम कर रही योगी सरकार
लखनऊ, 9 जनवरी। उत्तर प्रदेश में पड़ रही कड़ाके की ठंड और शीतलहर को ध्यान में रखते हुए योगी सरकार ने गोवंश संरक्षण पर विशेष ध्यान केंद्रित किया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी संबंधित अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं कि किसी भी गोवंश की ठंड के कारण मृत्यु न हो। इसके लिए प्रदेशभर के गौ आश्रय स्थलों पर आवश्यक सुविधाओं की पर्याप्त व्यवस्था की जा रही है।
योगी सरकार ने पशु चिकित्साधिकारियों को निर्देशित किया है कि वे नियमित रूप से गौ आश्रय स्थलों का दौरा करें और वहां गोवंश के उत्तम स्वास्थ्य, चिकित्सा, औषधि एवं देखभाल सुनिश्चित करें। साथ ही यह भी सुनिश्चित किया गया है कि हर गौ आश्रय स्थल पर कार्यरत केयरटेकर रात में वहीं रुकें और गोवंश की देखभाल के लिए आवश्यक कार्य सुचारू रूप से करें।
सीएम योगी ने निर्देश दिया है कि जनपद स्तर पर नोडल अधिकारी गौ आश्रय स्थलों का नियमित निरीक्षण करें और यह सुनिश्चित करें कि चारा, भूसा, पानी, प्रकाश आदि की कोई कमी न हो। इसके अलावा, गौ संरक्षण केंद्रों की स्थापना का कार्य प्राथमिकता के आधार पर शीघ्र पूरा करने पर जोर दिया गया है, ताकि निराश्रित गोवंश को सुरक्षित वातावरण प्रदान किया जा सके। सरकार ने ग्राम्य विकास विभाग और अन्य सहयोगी विभागों को निर्देश दिया है कि वे समन्वय बनाकर गौ संरक्षण के कार्यों को प्रभावी ढंग से पूरा करें। चारागाह भूमि को अवैध कब्जों से मुक्त कराने और मनरेगा के माध्यम से बहुवर्षीय और सीजनल चारे की बुआई सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया गया है।
योगी सरकार ने सभी अवस्थापना संबंधी कार्यों को 25 फरवरी 2025 तक पूरा करने का निर्देश दिया है। यह सुनिश्चित किया गया है कि कार्यदायी संस्थाएं मानक और लेआउट के अनुसार उच्च गुणवत्ता के साथ निर्माण कार्य करें। गोवंश शेड, पानी पीने की सुविधाएं, चारे का स्थान और खड़ंजा जैसी संरचनाओं को मजबूती और व्यवस्थित तरीके से तैयार किया जाए। योगी सरकार ने निर्देश दिया है कि जिन गौ आश्रय स्थलों में किसी प्रकार की अव्यवस्था या गोवंश की देखभाल से संबंधित शिकायतें प्राप्त होती हैं, वहां तत्काल सुधारात्मक कदम उठाए जाएं।
वर्तमान में उत्तर प्रदेश में 7,696 गौ आश्रय स्थलों पर 12,35,700 निराश्रित गोवंश का संरक्षण किया जा रहा है। सरकार की मंशा इन आश्रय स्थलों की गुणवत्ता और व्यवस्थाओं को और अधिक सुदृढ़ करने की है। मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिया है कि ठंड से बचाव के लिए त्रिपाल, अलाव और अन्य आवश्यक उपायों को प्राथमिकता दी जाए। योगी सरकार ने जोर दिया है कि सभी स्तरों पर कार्य को पूरी गंभीरता और संवेदनशीलता के साथ किया जाए ताकि गोवंश संरक्षण के प्रयास प्रभावी और परिणामदायक हों। सरकार के इन कदमों से न केवल ठंड के मौसम में गोवंश को राहत मिलेगी, बल्कि प्रदेश में गौ संरक्षण की परंपरा को और मजबूती भी मिलेगी।
अपराध
बठिंडा: जमीनी विवाद के चलते व्यक्ति ने की भाई और भाभी की हत्या, आरोपी गिरफ्तार
बठिंडा, 9 जनवरी। बठिंडा के कस्बा रामपुरा फुल के नजदीक गांव बदियाला में भाई ने जमीनी विवाद के चलते भाई और भाभी की बेरहमी से हत्या कर दी थी। पुलिस ने आरोपी भाई को गिरफ्तार कर लिया है। बठिंडा की एसएसपी अमनीत कोंडल ने गुरुवार को हत्या का खुलासा किया।
एसएसपी अमनीत कौंडल ने लघु सचिवालय में गुरुवार को प्रेस कांफ्रेंस कर बताया कि बुजुर्ग दंपती की हत्या के मामले सात जनवरी को मामला दर्ज किया गया था। उन्होंने बताया कि बदियाला गांव में पति-पत्नी की हत्या करने की सूचना मिली थी। इसके बाद पुलिस की टीम मौके पर पहुंची और जांच शुरू की।
जांच में सामने आया कि ग्यास सिंह और उनकी पत्नी अमरजीत कौर (62) की हत्या बिक्रम सिंह ने की थी। विक्रम सिंह, ग्यास सिंह का भाई है और उसने जमीनी विवाद के चलते इस वारदात को अंजाम दिया था। जमीनी विवाद को लेकर पहले भी दोनों भाईयों के बीच कई बार तकरार हुई थी।
उन्होंने आगे बताया कि आरोपी बिक्रम सिंह अपने बड़े भाई ग्यास सिंह के घर गया। उसका भाई दूध लेने गया हुआ था। इस दौरान उसने पहले अपनी भाभी अमरजीत कौर की हत्या कर दी।
जब उसका भाई दूध लेकर आया तो उसने उसकी भी हत्या कर दी। पुलिस ने प्राथमिक जांच के दौरान बिक्रम सिंह से पूछताछ की गई तो उसने अपना जुर्म कबूल कर लिया। पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। उन्होंने बताया कि आरोपी को कोर्ट में पेश किया जाएगा और रिमांड हासिल की जाएगी।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, आरोपी बिक्रम सिंह (58) खेती बाड़ी करने साथ-साथ रामपुरा में एक प्राइवेट स्कूल में सिक्योरिटी गार्ड के तौर पर नौकरी करता था।
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