अपराध
जांच में सहयोग नहीं कर रहे थे दीपक कोचर, तब ईडी ने किया गिरफ्तार

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व सीईओ चंदा कोचर के पति दीपक कोचर को गिरफ्तार किया है। उन पर आरोप है कि उन्होंने वीडियोकॉन इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (वीआईईएल) से अपनी कंपनी के लिए 64 करोड़ रुपये प्राप्त किए थे। इस बीच ईडी का कहना है कि वीडियोकॉन समूह और वेणुगोपाल धूत को 1,730 करोड़ रुपये के ऋण से जुड़े धनशोधन (मनी लॉन्ड्रिंग) मामले में ‘मनी ट्रेल’ के सवालों से दीपक कोचर बचते रहे।
प्रवर्तन निदेशालय ने दीपक को सोमवार को मुंबई कार्यालय में पूछताछ के कई घंटों के बाद धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की धाराओं के तहत गिरफ्तार किया था।
उन्हें मंगलवार को एक विशेष पीएमएलए अदालत में पेश किया गया, जिसने उन्हें 19 सितंबर तक 11 दिनों की ईडी हिरासत में भेज दिया।
जांच से जुड़े ईडी के वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार, सात सितंबर, 2009 को आईसीआईसीआई बैंक ने वीआईईएल को 300 करोड़ रुपये का ऋण दिया था, जिसमें चंदा स्वीकृति समिति की अध्यक्ष थीं।
अधिकारी ने कहा, “कर्ज को मंजूरी मिलने के सिर्फ एक दिन बाद आठ सितंबर 2009 को वीआईईएल ने 64 करोड़ रुपये नू पावर रिन्यूएबल्स प्राइवेट लिमिटिड (एनआरपीएल) को स्थानांतरित कर दिए, जो कि दीपक की कंपनी है।”
इसके अलावा, एनआरएल द्वारा इस भ्रष्ट फंड में से 10.65 करोड़ रुपये का शुद्ध राजस्व अर्जित किया गया। इस तरह से 74.65 करोड़ की राशि को एनआरपीएल में स्थानांतरित किया गया।
एनआरपीएल को पहले नू पॉवर रिन्यूएबल्स लिमिटिड (एनआरएल) के तौर पर जाना जाता था और यह दीपक कोचर की कंपनी है।
नू पॉवर रिन्यूएबल्स लिमिटिड (एनआरएल) को अब नू पावर रिन्यूएबल्स प्राइवेट लिमिटिड (एनआरपीएल) के नाम से जाना जाता है, जो कि दीपक की कंपनी है।
दीपक नू पॉवर रिन्यूएबल्स के सह-संस्थापक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं, जिसे दिसंबर 2008 में स्थापित किया गया था।
नू पॉवर रिन्यूएबल्स को वीडियोकॉन ग्रुप के वेणुगोपाल धूत परिवार, कोचर और आडवाणी परिवारों के बीच एक संयुक्त उद्यम (ज्वाइंट वेंचर) के रूप में शुरू किया गया था।
महेश आडवाणी चंदा कोचर के भाई हैं। जब कंपनी की स्थापना की गई थी, तब चंदा कोचर आईसीआईसीआई बैंक में सीएफओ और संयुक्त प्रबंध निदेशक थीं। नू पावर की स्थापना से पहले दीपक एक वित्तीय सेवा उद्यमी थे। वह 24 दिसंबर 2008 से नू पावर रिन्यूएबल्स प्राइवेट लिमिटिड के निदेशक रहे हैं।
ईडी के अधिकारी ने कहा कि दीपक से पहले 12 से अधिक बार पूछताछ करने वाली वित्तीय जांच एजेंसी के अधिकारियों के साथ वह सहयोग नहीं कर रहे थे। इसके बाद उन्हें गिरफ्तार किया गया।
अधिकारी ने कहा, “वीआईईएल और धूत के साथ मनी ट्रेल और वित्तीय लेन-देन से जुड़े कई सवालों से दीपक बचते रहे और इस तरह हमें उन्हें गिरफ्तार करना पड़ा।”
अधिकारी ने कहा कि मामले से जुड़े कुछ वित्तीय लेनदेन और मनी ट्रेल को स्पष्ट किया जाना जरूरी था, जिसके कारण ईडी ने उन्हें हिरासत में लेकर पूछताछ की मांग की।
इससे पहले ईडी ने कई मौकों पर चंदा कोचर का बयान भी दर्ज किया था। अधिकारी ने कहा कि दीपक को उनकी पत्नी और वीडियोकॉन समूह की अन्य कंपनियों को ऋण की मंजूरी में उनकी भूमिका के बारे में पूछताछ की जा रही है।
ईडी दीपक से इस बारे में भी पूछताछ कर रही है कि क्या उन्होंने ऋण की मंजूरी के लिए अपनी पत्नी से भी बात की थी, जो आईसीआईसीआई बैंक में एक वरिष्ठ कार्यकारी थीं।
अपराध
मीरा-भायंदर समाचार: काशीगांव पुलिस ने सीरियल मोबाइल चोर को पकड़ा; ₹1.16 लाख मूल्य के चोरी हुए 20 फोन बरामद

पालघर, महाराष्ट्र: काशीगांव पुलिस की अपराध जांच इकाई ने मीरा रोड और आसपास के इलाकों में मोबाइल चोरी की कई घटनाओं में शामिल एक आदतन अपराधी को सफलतापूर्वक गिरफ्तार किया है। अब्दुल रहमान ताहिर बडू (28) नामक आरोपी को विस्तृत पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया गया और पुलिस ने उसके कब्जे से लगभग ₹1.16 लाख मूल्य के 20 चोरी के मोबाइल फोन बरामद किए हैं।
काशीगांव निवासी किराना दुकानदार हफीजुल रहमान आरिफ शेख (20) की शिकायत के बाद यह सफलता मिली। 9 अक्टूबर, 2025 को एक अज्ञात व्यक्ति रात में खिड़की के रास्ते उनके घर में घुस गया और ₹30,000 मूल्य के मोबाइल फोन और नकदी चुरा ले गया। शिकायत के आधार पर, काशीगांव पुलिस स्टेशन ने भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 305 और 321(4) के तहत मामला दर्ज किया।
काशीगांव पुलिस की अपराध जांच शाखा की एक समर्पित टीम ने गहन जाँच शुरू की। टीम ने नालासोपारा पूर्व निवासी संदिग्ध अब्दुल बदू को हिरासत में लिया। पूछताछ के दौरान, आरोपी ने चोरी की बात कबूल की और बताया कि उसने मीरा रोड, नवघर और आसपास के इलाकों में भी इसी तरह की चोरियाँ की हैं।
उनके बयान के आधार पर पुलिस ने सैमसंग, ओप्पो, वीवो और आईफोन सहित विभिन्न ब्रांडों के 20 मोबाइल फोन जब्त किए, जिनकी कुल कीमत 1.16 लाख रुपये है।
सत्यापन के बाद, पुलिस को पता चला कि बदू के खिलाफ काशीगांव, पेल्हार, मांडवी और मीरा रोड सहित विभिन्न पुलिस थानों में कई आपराधिक मामले दर्ज हैं। उसके पिछले अपराधों में भारतीय दंड संहिता और नई भारतीय न्याय संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत चोरी और डकैती के मामले शामिल हैं।
आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है तथा आगे की जांच की जा रही है।
अपराध
मुंबई : नौकरी के नाम पर करोड़ों की ठगी, फर्जी आईएएस अधिकारी गिरफ्तार

मुंबई, 11 अक्टूबर: मुंबई की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने एक बड़े फर्जीवाड़े का खुलासा किया। पुलिस ने खुद को आईएएस अधिकारी बताने वाले एक ठग को गिरफ्तार किया है, जो अब तक 36 नौकरी के इच्छुक युवाओं से कुल 2.88 करोड़ रुपए की ठगी कर चुका है।
आरोपी की पहचान सोलापुर जिले के बार्शी निवासी 35 वर्षीय नीलेश राठौड़ के रूप में हुई है। वह खुद को स्टाफ सिलेक्शन कमीशन (एसएससी) में उप सचिव बताकर लोगों को सरकारी नौकरी का झांसा देता था। मुंबई पुलिस की जांच में सामने आया है कि उसने आयकर विभाग में इंस्पेक्टर और सहायक जैसे पदों के लिए फर्जी भर्तियों का झांसा देकर लाखों रुपए वसूले।
सहार पुलिस स्टेशन में आरोपी के खिलाफ बीएनएस की धारा 318, 319, 336, 338 और 340 के तहत केस दर्ज किया गया है।
यह मामला तब सामने आया जब नवी मुंबई निवासी संतोष खरपुड़े ने शिकायत दर्ज करवाई। उन्होंने बताया कि आरोपी ने उनसे और अन्य कई उम्मीदवारों से बड़ी रकम वसूली। सहायक पद के लिए 4 लाख और निरीक्षक पद के लिए 6 लाख रुपए की मांग की गई थी।
नीलेश राठौड़ ने मई 2023 में अंधेरी ईस्ट के एक होटल में इंटरव्यू का नाटक रचा और हर उम्मीदवार से करीब 10 लाख रुपए वसूल लिए। आरोपी ने फर्जी नियुक्ति पत्र भी दिए, सरकारी अस्पतालों में फर्जी मेडिकल जांच कराई और पुलिस वेरिफिकेशन के जाली दस्तावेज भी उपलब्ध कराए ताकि पूरी प्रक्रिया असली लगे।
कुछ महीनों तक जब पीड़ितों को नियुक्ति पत्र नहीं मिला, तो उन्होंने खुद आयकर विभाग से संपर्क किया और उन्हें पता चला कि ऐसी कोई भर्ती प्रक्रिया चल ही नहीं रही है।
जब पीड़ितों ने राठौड़ से जवाब मांगा, तो उसने शुरुआत में पैसे लौटाने का वादा किया, लेकिन बाद में कॉल और मैसेज का जवाब देना बंद कर दिया। इसके बाद सहार पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज हुआ और ईओडब्ल्यू ने जांच शुरू की।
जांच में यह भी सामने आया है कि राठौड़ ने कई फर्जी दस्तावेज तैयार किए और यह तक दावा किया कि वह दिल्ली में अपने संपर्कों के जरिए भारतीय सेना में भी नौकरी दिलवा सकता है।
मुंबई पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया है और मामले की गहराई से जांच जारी है। पुलिस अब यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि क्या आरोपी के साथ और लोग भी इस ठगी में शामिल थे।
अपराध
मुंबई अपराध: कुर्ला में एचडीआईएल कंपाउंड स्थित एसआरए बिल्डिंग में 32 वर्षीय बीएमसी कर्मचारी मृत मिला; पुलिस ने जांच शुरू की

मुंबई: पुलिस अधिकारियों ने बताया कि बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) का एक 32 वर्षीय कर्मचारी गुरुवार दोपहर कुर्ला (पश्चिम) स्थित एचडीआईएल कंपाउंड स्थित स्लम रिहैबिलिटेशन अथॉरिटी (एसआरए) परियोजना की बिल्डिंग नंबर 9 में मृत पाया गया। घटना की सूचना वीबी नगर पुलिस स्टेशन को शाम करीब 4:30 बजे मिली।
पुलिस के अनुसार, मृतक की पहचान घाटकोपर क्षेत्र निवासी राजेश परमार के रूप में हुई है, जो बीएमसी सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट (एसडब्ल्यूएम) विभाग, एफ नॉर्थ वार्ड में काम करता था।
शव को पोस्टमॉर्टम के लिए राजावाड़ी अस्पताल भेज दिया गया है। मौत का सही कारण अभी अज्ञात है और आगे की जाँच जारी है।
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