राजनीति
हर हर जल मिशन का रोडमैप बनाने के लिए मोदी सरकार ने रिटायर्ड आईएएस को सौंपी कमान

मोदी सरकार ने देश में ‘हर घर जल’ उपलब्ध कराने वाली योजना को फुलप्रूफ बनाने की तैयारी की है। इसके लिए रिटायर्ड आईएएस ए के जैन को मोर्चे पर लगाया है। ए के जैन की अध्यक्षता में बनी नौ सदस्यीय कमेटी देशभर में दौरा कर योजना की जमीनी सच्चाई जानेगी। कमेटी तीन महीने के अंदर रोडमैप तैयार करेगी। जिसके आधार पर सरकार योजना की प्रभावी मॉनीटरिंग के लिए ठोस कदम उठाएगी। साढ़े तीन लाख करोड़ की इस योजना के तहत 2024 तक देश के हर घर को नल कनेक्शन से जोड़कर शुद्ध पीने का पानी उपलब्ध कराने का लक्ष्य है। सरकार हर तरीके से इस योजना को सफल बनाने की कोशिशों के तहत कदम उठा रही है।
जल शक्ति मंत्रालय के एक अधिकारी ने आईएएनएस को बताया कि, ” योजना के तहत गांवों में घर-घर को नल कनेक्शन दिए जा रहे। गांवों में इसके लिए जल समितियां भी गठित हो रही हैं। इन्हीं समितियों के जरिए स्थानीय स्तर पर हर घल जल योजना का संचालन होता है। कोई भी एक रुपये में नल का कनेक्शन ले सकता है। लेकिन घरों में कनेक्शन लगाने से लेकर यूजर चार्जेज वसूलने और जल समितियों की सक्रियता से लेकर पूरी योजना की मॉनीटरिंग सही तरीके से अभी नहीं हो पा रही है। जब तक योजना की सही मानीटरिंग नहीं होगी, तब तक इसका लाभ जनता को नहीं मिलेगा। इसके मद्देनजर कुछ ठोस कदम उठाए जाने की जरूरत है। जिसको लेकर जल शक्ति मंत्रालय ने रिटायर्ड आईएएस ए के जैन की अध्यक्षता में एक टेक्निकल और एक्सपर्ट कमेटी गठित करने का निर्णय लिया। बीते 24 अगस्त को मंत्रालय ने कमेटी गठन का आदेश भी जारी कर दिया। ए के सिन्हा, इस वक्त ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ लोकल सेल्फ गवर्नमेंट, मुंबई के सेंटर फार सस्टनेबल गवर्नेस के डायरेक्टर भी हैं।
इस कमेटी में चेयरमैन ए के जैन के अलावा हरियाणा के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी सिंचाई देवेंद्र सिंह, गुजरात के वाटर सप्लाई सेक्रेटरी धनंजय द्विवेदी, गुजरात के भाष्कराचार्य इंस्टीट्यूट फॉर स्पेशल अप्लीकेशन के डॉ. टी पी सिंह, इंफार्मेशन टेक्नोलॉजी रिसर्च एकेडमी के डायरेक्टर नरेंद्र आहूजा, डीसी मिश्रा, राजेंद्र जी होलानी, अनिमेश भट्टाचार्य, प्रदीप सिंह शामिल हैं।
योजना की प्रगति की बात करें तो योजना शुरू होने पर वर्ष 2019-20 के दौरान 84 लाख से अधिक घरों को नल कनेक्शन से जोड़ा गया। वहीं लॉकडाउन के शुरूआती तीन महीने के दौरान भी जल शक्ति मंत्रालय की कोशिशों से देशभर के गांवों में 19 लाख से अधिक नल कनेक्शन दिए गए। इस प्रकार एक करोड़ से ज्यादा घरों को इस योजना से जोड़ा जा चुका है। गांधीजी के ग्राम स्वराज मॉडल के आधार पर इस योजना में भी गांव-गांव ग्राम जल और स्वच्छता समितियों का गठन होता है। इसी समूह के ऊपर नल, पानी की टंकी आदि की देखरेख की जिम्मेदारी होती है।
मंत्रालय को भरोसा है कि 2024 तक हर घर को चालू घरेलू नल कनेक्शन से जोड़ने का लक्ष्य पूरा कर लिया जाएगा। इस योजना के तहत प्रतिदिन एक घर में 55 लीटर पानी की आपूर्ति होती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले की प्राचीर से 15 अगस्त, 2019 को जल जीवन मिशन के शुभारंभ का ऐलान करते हुए कहा था कि राज्यों के साथ साझेदारी करते हुए हर घर जल योजना के जरिए प्रत्येक घर को नल कनेक्शन प्रदान किया जाएगा। अब योजना को और बेहतर तरीके से लागू करने के लिए व्यापक रोडमैप बनाने में सरकार जुटी है।
राजनीति
एमसीडी में 25 अप्रैल को महापौर और उपमहापौर के होंगे चुनाव, भाजपा का पलड़ा दिख रहा है भारी

नई दिल्ली, 16 अप्रैल। दिल्ली में विधानसभा चुनाव के बाद अब दूसरे रण की तैयारी शुरू हो चुकी है। दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) में महापौर और उपमहापौर पदों के लिए चुनाव 25 अप्रैल को होंगे। हर वित्तीय वर्ष की पहली बैठक में महापौर का चुनाव होता है, जो आमतौर पर अप्रैल में आयोजित की जाती है। चुनाव होने तक मौजूदा महापौर पद पर बने रहते हैं। वर्तमान में आम आदमी पार्टी (आप) के महेश खींची इस पद पर काबिज हैं और चुनाव तक वही कार्यरत रहेंगे।
11 अप्रैल को जारी आदेश में एमसीडी सचिव शिव प्रसाद ने कहा, “एमसीडी की अप्रैल की सामान्य बैठक 25 अप्रैल, 2025 को दोपहर 2 बजे अरुणा आसफ अली सभागार, सिविक सेंटर में आयोजित की जाएगी, जिसमें महापौर और उपमहापौर का चुनाव भी कराया जाएगा।”
दिल्ली में निगम चुनाव हर पांच साल में होते हैं जबकि महापौर का चुनाव हर साल होता है। पिछला महापौर चुनाव नवंबर 2024 में हुआ था, क्योंकि अप्रैल 2024 में उस समय के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के कारण समय पर मंजूरी नहीं मिल पाई थी। इस साल महापौर पद सभी पार्षदों के लिए खुला है, क्योंकि पहले कार्यकाल में महिलाओं और तीसरे कार्यकाल में अनुसूचित जातियों के लिए आरक्षण लागू होता है। इस बार कोई आरक्षण लागू नहीं है।
फरवरी में दिल्ली विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की जीत के बाद, आम आदमी पार्टी (आप) के कई पार्षद भाजपा में शामिल हो गए, जिससे भाजपा को आगामी महापौर चुनाव में बढ़त मिल गई है। महापौर चुनाव के लिए निर्वाचन मंडल में 250 पार्षद, सात लोकसभा सांसद, तीन राज्यसभा सांसद और दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष द्वारा नामित 14 विधायक शामिल होते हैं। 10 नामित पार्षद (एल्डरमेन) भी प्रक्रिया में भाग लेते हैं, लेकिन उन्हें मतदान का अधिकार नहीं होता।
दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने 22 मार्च को एमसीडी के लिए 14 विधायकों को नामित किया, जिनमें 11 भाजपा और तीन आप के विधायक हैं। 2022 के निगम चुनाव में आम आदमी पार्टी ने 134 सीटें जीतकर भाजपा (104 सीटें) को हराया था। 14 नवंबर, 2024 को हुए महापौर चुनाव में ‘आप’ उम्मीदवार को केवल तीन वोटों के अंतर से जीत मिली थी, जिसमें क्रॉस वोटिंग की भूमिका रही। वर्तमान में 274 सदस्यीय निर्वाचन मंडल में भाजपा के पास 135 और आप के पास 119 सदस्यों का समर्थन है। 12 सीटें खाली हैं क्योंकि 11 पार्षद विधायक और एक सांसद चुने जा चुके हैं। इस बार के एमसीडी चुनाव में आम आदमी पार्टी का गठबंधन कांग्रेस के साथ नहीं है, जो माना जा रहा है कि नतीजा भाजपा के पक्ष में जाने वाला है।
महाराष्ट्र
यूसुफ अब्राहनी घर लौटे और समाजवादी पार्टी में शामिल हुए

मुंबई: महाराष्ट्र कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और इस्लाम जिमखाना के चेयरमैन एडवोकेट यूसुफ अब्राहनी कांग्रेस छोड़कर घर लौट आए हैं और राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की मौजूदगी में समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए हैं। समाजवादी पार्टी के नेता और विधायक अबू आसिम आज़मी ने यूसुफ अब्राहानी के सपा में शामिल होने की घोषणा की है और कहा है कि यूसुफ अब्राहानी महाराष्ट्र में समाजवादी पार्टी को मजबूत करने के लिए पार्टी में शामिल हुए हैं। समाजवादी पार्टी भाजपा से मुकाबला करने में सबसे आगे है और यह पार्टी सांप्रदायिकता से लड़ने वाली पार्टी है, इसलिए यूसुफ अब्रहानी को पार्टी में शामिल किया गया है। मुझे उम्मीद है कि अब्राहमानी पार्टी के संगठनात्मक मामलों को मजबूत करने के लिए कड़ी मेहनत करते रहेंगे। यूसुफ अब्राहनी को अभी तक पार्टी में कोई पद नहीं दिया गया है। यह निर्णय अबू आसिम आज़मी द्वारा लिया जाएगा। यूसुफ के बेटे शहजाद अब्राहानी, ज़ेबा मलिक भी पार्टी में शामिल हो गए हैं।
अपराध
नासिक : धार्मिक स्थल को लेकर उड़ी अफवाह के बाद बवाल, पथराव में कई घायल

नासिक, 16 अप्रैल। नासिक के काठे गली इलाके में मंगलवार रात पुलिस पर पथराव किया गया। यह घटना तब हुई जब क्षेत्र में बिजली कट गई और इसी अंधेरे का फायदा उठाकर भीड़ ने अचानक पुलिस और आसपास खड़े वाहनों पर पत्थर बरसाने शुरू कर000000 दिए। इस हिंसक घटनाक्रम में तीन से चार पुलिसकर्मी घायल हो गए, जबकि पांच वाहन भी क्षतिग्रस्त हो गए हैं। हंगामे की वजह एक धार्मिक स्थल को लेकर उड़ी अफवाह बताई जा रही है।
स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए पुलिस को तत्काल कार्रवाई करनी पड़ी। रात में करीब 500 पुलिसकर्मियों को मौके पर तैनात किया गया ताकि हालात और न बिगड़ें। बताया जा रहा है कि हंगामे के समय करीब 400 से 500 लोग मौजूद थे। पुलिस ने किसी भी अप्रिय स्थिति से बचने के लिए इलाके में ट्रैफिक मार्गों में बदलाव भी कर दिए हैं। प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों ने मिलकर हालात पर कड़ी नजर रखी और रात भर गश्त जारी रही।
सूत्रों ने बताया कि इस पूरे मामले की जड़ एक विवादास्पद धार्मिक स्थल है, जिस पर पिछले कुछ दिनों से तनाव की स्थिति बनी हुई थी। नगरपालिका ने 1 अप्रैल को अदालत के आदेश के बाद एक अनधिकृत निर्माण पर नोटिस दिया था, जिसमें कहा गया था कि यदि निर्माण को स्वयं नहीं हटाया गया तो प्रशासन उचित कार्रवाई करेगा। इस चेतावनी के बावजूद धार्मिक स्थल को नहीं हटाया गया, जिससे स्थानीय लोगों में असंतोष और तमाम तरह की अफवाह फैल गई।
अधिकारियों ने बताया कि इस क्षेत्र में कुछ धार्मिक स्थलों का निर्माण बिना अनुमति के किया गया था और इन्हें हटाने के लिए नोटिस दिया गया था, जिसके बाद यह घटना हुई है। अगले दो दिनों में ऐसे सभी अनधिकृत धार्मिक स्थलों को हटाया जाएगा। नासिक पुलिस का कहना है पुलिस पूरे इलाके में शांति बनाए रखने के लिए कार्रवाई कर रही है। पुलिस और प्रशासनिक अमले की मौजूदगी अब भी इलाके में बनी हुई है और स्थिति पर नजर रखी जा रही है।
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