राजनीति
वेबिनार को लेकर एएमयू पर कार्रवाई हो : भाजपा

अलीगढ़ में भाजपा की यूनिट ने हाल ही में खिलाफत आंदोलन पर चर्चा के लिए एक वेबिनार का आयोजन करने को लेकर अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। भाजपा के नेताओं ने शिक्षा मंत्रालय को पत्र लिखकर विश्वविद्यालय के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। भाजपा ने आरोप लगाया है कि एएमयू देश की ‘आंतरिक सुरक्षा’ के लिए खतरा है।
रिपोटरें के अनुसार, आंदोलन पर यह वेबिनार 13 अगस्त को आयोजित किया गया था और इसमें तुर्की की एक प्रोफेसर ने भी भाग लिया था।
वेबिनार की अध्यक्षता एएमयू के कुलपति (वीसी) ने की और प्रमुख वक्ता एच. हिलाल साहिन नामक एक तुर्की प्रोफेसर थीं।
खिलाफत आंदोलन मुस्लिमों द्वारा ब्रिटिश सरकार को प्रभावित करने और प्रथम विश्व युद्ध में तुर्की की हार के बाद तुर्क खलीफा की रक्षा के लिए शुरू किया गया एक विरोध अभियान था। इस आंदोलन को महात्मा गांधी का भी समर्थन मिला था।
भाजपा के पूर्व मीडिया प्रवक्ता निशित शर्मा ने कहा कि एएमयू वीसी और आयोजन के आयोजकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए।
शर्मा ने कहा, “वेबिनार से जुड़े विवरण की जांच के लिए कमिटी गठित की जानी चाहिए, क्योंकि यह मामला आंतरिक सुरक्षा से संबंधित है। एएमयू ने साहिन को खिलाफत आंदोलन पर अपने विचार व्यक्त करने के लिए आमंत्रित किया, यह जानने के बावजूद कि तुर्की पाकिस्तान का समर्थन करता है और हर फैसले में भारत का विरोध करता है, जिसमें जम्मू एवं कश्मीर का विशेष दर्जा हटाने का निर्णय भी शामिल है।”
भाजपा के जिला उपाध्यक्ष गौरव शर्मा ने यह भी दावा किया कि खिलाफत आंदोलन देश के विभाजन और ‘दुनिया भर में नरसंहार’ के लिए जिम्मेदार था।
उन्होंने कहा, “अब भी कुछ ऐसे नेटवर्क हैं, जो इस आंदोलन को पुनर्जीवित करने का प्रयास कर रहे हैं और एएमयू में आयोजित वेबिनार इस बात का संकेत है कि खिलाफत 2.0 आंदोलन के लिए तैयारी की जा रही है।”
अल्पसंख्यक शिक्षण संस्थानों के लिए नेशनल मॉनिटरिंग कमिटी के सदस्य और ब्रज क्षेत्र के भाजपा के उपाध्यक्ष मानवेंद्र प्रताप सिंह ने कहा, “यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि एएमयू में वेबिनार के लिए एक तुर्की प्रोफेसर को आमंत्रित किया गया था, यह जानने के बावजूद कि तुर्की ने कई बार भारत का विरोध किया है। इस पहल का उद्देश्य खिलाफत आंदोलन को पुन: शुरू करना है, जिसमें देशद्रोह की भावना निहित है।”
हालांकि एएमयू प्रॉक्टर प्रो. वसीम अली ने कहा, “तुर्की की प्रोफेसर को वक्ता इसलिए बनाया गया था, क्योंकि वह खिलाफत आंदोलन की विशेषज्ञ हैं। यह विशुद्ध रूप से एक अकादमिक कार्यक्रम था और इसमें कोई राजनीति शामिल नहीं थी। विश्वविद्यालय हमेशा ऐसे कार्यक्रम आयोजित करती रहती है, जिनमें अंतर्राष्ट्रीय वक्ता भी शामिल होते हैं।”
उन्होंने आगे कहा, “वेबिनार में वक्ताओं को आमंत्रित करने पर सरकार की ओर से कोई दिशानिर्देश जारी नहीं की गई है। हम चर्चा के लिए जाने-माने शिक्षाविदों को आमंत्रित करते हैं और तुर्की के प्रोफेसर का निमंत्रण भी इसी के तहत दिया गया।”
उन्होंने कहा, “हम वेबिनार की प्रोसिडिंग यूनिवर्सिटी ग्रांट कमिशन (यूजीसी) और एमओई को भेजेंगे, जो सामान्य प्रक्रिया है।”
महाराष्ट्र
मुंबई समाचार: मांडवा के पास नौका में रिसाव, 130 यात्री सुरक्षित बचाए गए

मुंबई: गुरुवार शाम को मांडवा जेट्टी के पास एक बड़ा हादसा टल गया, जब अजंता कंपनी द्वारा संचालित एक यात्री नौका में तेज लहरों के कारण समुद्र के बीच में एक छेद हो गया, जिससे पानी नाव में घुस गया।
अधिकारियों के अनुसार, यह घटना शाम 5:30 बजे के आसपास हुई, जब यह नौका मुंबई के गेटवे ऑफ इंडिया से 130 यात्रियों के साथ मांडवा के लिए रवाना हुई थी। मांडवा जेट्टी से करीब 1 से 1.5 किलोमीटर दूर फाइबर बोट को समुद्र में खराब मौसम का सामना करना पड़ा। बताया जाता है कि एक बड़ी लहर ने नाव को टक्कर मारी, जिसके परिणामस्वरूप इसके पतवार में दरार आ गई।
जैसे ही नाव में पानी घुसने लगा, यात्रियों और चालक दल ने तुरंत फोन करके मांडवा जेटी के अधिकारियों को सूचित किया। स्पीडबोट तुरंत भेजी गईं और सभी 130 यात्रियों को सुरक्षित बाहर निकाला गया और बिना किसी चोट के किनारे पर लाया गया।
अजंता कंपनी की नौका को भी सुरक्षित रूप से मांडवा जेट्टी तक ले जाया गया। स्थानीय अधिकारियों ने घटना की पुष्टि की है और संभावित त्रासदी को रोकने के लिए त्वरित प्रतिक्रिया की सराहना की है। नौका की स्थिति का आकलन करने और भविष्य में सुरक्षा उपाय सुनिश्चित करने के लिए जांच चल रही है।
महाराष्ट्र
छावा फिल्म को अवैध रूप से अपलोड करने के आरोप में दो आरोपी गिरफ्तार

मुंबई: मुंबई साइबर साउथ पुलिस स्टेशन ने व्हाट्सएप, इंस्टाग्राम, टेलीग्राम, यूट्यूब और गूगल जैसे प्लेटफॉर्म पर फिल्म छावा के पायरेटेड लिंक को अवैध रूप से वितरित करने और मनोरंजन कंपनी को भारी वित्तीय नुकसान पहुंचाने के आरोप में कॉपीराइट अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया है। फिल्म के 1818 फर्जी लिंक बनाकर सोशल मीडिया पर सार्वजनिक कर दिए गए। तकनीकी जांच में पता चला कि इस मामले में रंधावा नाम का व्यक्ति शामिल है। इस 26 वर्षीय युवक को पुणे से गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने अवैध रूप से फिल्म ‘छावा’ अपलोड की थी और इसके साथ ही उन्होंने डोमेन भी खरीद लिया था। उन्होंने इस फिल्म के लिए एक एप्लीकेशन भी विकसित किया था।
उन्हें पुणे से गिरफ्तार कर मुंबई लाया गया। इस संदर्भ में मुंबई क्राइम ब्रांच ने एक और आरोपी को गिरफ्तार किया है। मुंबई पुलिस ने रजत राहुल हक्सर की शिकायत दर्ज की थी और इसी आधार पर पुलिस ने नासिक से एक आरोपी को गिरफ्तार किया है। इससे पहले एक व्यक्ति को पुणे से गिरफ्तार किया गया था। नासिक से गिरफ्तार आरोपी की पहचान 26 वर्षीय सनहिल धूमल के रूप में हुई है। जांच के दौरान पाया गया कि उन्होंने फिल्म छावा को अवैध रूप से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अपलोड किया था। उन्हें भी क्राइम ब्रांच द्वारा मुंबई लाया गया है।
अपराध
नोएडा : 3.90 करोड़ की धोखाधड़ी करने वाला शातिर अभियुक्त गिरफ्तार

नोएडा, 12 अप्रैल। नोएडा क्राइम ब्रांच और सेक्टर-58 पुलिस ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए 3.90 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी के मामले में वांछित अभियुक्त वरुण कुमार त्यागी को गिरफ्तार कर लिया।
अभियुक्त पर 25,000 रुपए का इनाम घोषित था। उसे दिल्ली के मानसरोवर पार्क थाना क्षेत्र के राम नगर एक्सटेंशन से पकड़ा गया।
यह धोखाधड़ी जुलाई 2023 में सामने आई थी, जब नोएडा विकास प्राधिकरण ने बैंक ऑफ इंडिया, सेक्टर-62 में 200 करोड़ रुपए की एफडी (फिक्स्ड डिपॉजिट) कराई थी। एफडी के लिए रकम एचडीएफसी बैंक सेक्टर-18 और इंडियन बैंक सेक्टर-61 से भेजी गई थी। बैंक ऑफ इंडिया ने दो एफडी की मूल प्रतियां भी प्राधिकरण को सौंपी थीं।
हालांकि, जब 3 जुलाई 2023 को प्राधिकरण की ओर से बैंक में जाकर एफडी की पुष्टि की गई, तब पता चला कि वास्तव में कोई एफडी बनाई ही नहीं गई थी। वहीं, 30 जून को खाते से 3.90 करोड़ रुपए ट्रांसफर कर दिए गए थे। बैंक ने तत्काल 9 करोड़ रुपए के एक अन्य ट्रांसफर को रोकते हुए खाते को फ्रीज कर दिया था।
इस पूरे मामले की जांच में सामने आया कि आरोपियों ने जाली दस्तावेजों के जरिए नोएडा प्राधिकरण के नाम पर बैंक ऑफ इंडिया में फर्जी खाता खुलवाया।
इस खाते का संचालन अब्दुल खादर नामक व्यक्ति कर रहा था, जिसे पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है। इस गिरोह ने नोएडा प्राधिकरण के फर्जी हस्ताक्षरों वाले दस्तावेजों के आधार पर बैंक को धोखा देकर धनराशि ट्रांसफर कराई थी।
गिरफ्तार आरोपी वरुण कुमार त्यागी ने पूछताछ में बताया कि उसने अपने साथियों के साथ मिलकर इस पूरे षड्यंत्र को अंजाम दिया था। फर्जी एफडी के माध्यम से 3.90 करोड़ रुपए तीन अलग-अलग खातों में ट्रांसफर किए गए थे।
आरोपी ने बताया कि इस अपराध के बदले उसे करीब 4 लाख रुपए मिले थे। गिरफ्तारी से बचने के लिए वह केवल ‘त्यागी’ नाम का इस्तेमाल करता था। इस केस में पूर्व में गिरफ्तार अभियुक्तों में अब्दुल खादर, राजेश पांडेय, सुधीर, मुरारी, राजेश बाबू, मनु भोला (मास्टरमाइंड), त्रिदिब दास, राहुल मिश्रा उर्फ गौरव शर्मा और अजय कुमार पटेल शामिल हैं।
पुलिस के मुताबिक, मामले की जांच जारी है और अन्य संभावित संलिप्त लोगों की तलाश की जा रही है।
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