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Friday,25-April-2025
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कांग्रेस ने सभी वर्गो ख्याल रखा है, आगे भी रखेगी : अखिलेश

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Akhilesh-Prasad-Singh

 बिहार कांग्रेस चुनाव अभियान समिति के प्रमुख और राज्यसभा सांसद अखिलेश सिंह ने शनिवार को कहा कि कांग्रेस ने कभी भी जाति आधारित राजनीति न की है और न ही करती है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस एससी, एसटी, पिछड़े और अति पिछड़ों का प्रारंभ से ख्याल रखी है और आगे भी रखेगी। उन्होंने स्पष्ट कहा कि आजादी के बाद ही कांग्रेस ने दारोगा प्रसाद राय को बिहार में मुख्यमंत्री बनाकर पिछड़ों का सम्मान दिया है। उन्होंने कहा कि बिहार में रामशरण प्रसाद सिंह को पार्टी के नेतृत्व करने की जिम्मेदारी दी गई थी। उन्होंने कहा कि जो लोग जातीय राजनीति करते हैं वही लोग आज कांग्रेस पर यह आरोप लगा रहे हैं।

उन्होंने कहा, “रामजयपाल सिंह को कांग्रेस ने बिहार का उपमुख्यमंत्री बनाने का काम किया था जबकि बुद्घदेव सिंह, रामलखन सिंह यादव, डॉ़ रामराज सिंह, लाल सिंह त्यागी को भी पार्टी ने योग्य सम्मान दिया था।”

उन्होंने विरोधियों पर इशारे ही इशारों में निशाना साधते हुए कहा, “जिन्हें इतिहास का ज्ञान नहीं है, उन्हें ऐसे वरिष्ठजनों को अपना आदर्श मानकर राजनीति सीखनी चाहिए।”

उन्होंने कहा कि भोला पासवान शास्त्री जैसे नाम भी कांग्रेस पार्टी में ही थे।

सिंह ने दावा करते हुए कहा कि कांग्रेस की सोच कभी भी जातीय सियासत की नहीं रही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सामाजिक न्याय की प्रारंभ से ही पक्षधर रही है। उन्होंने कहा कि आज जो आरक्षण की बात कर रहे हैं वह भी कांग्रेस की ही देन है।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सिंह ने कहा कि आने वाले चुनाव में भी कांग्रेस पार्टी अपने परंपरा के मुताबिक सवर्ण से लेकर एससी, एसटी, ओबीसी और ईबीसी का सम्मान करेगी।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा, “कांग्रेस का नेतृत्व हर मुद्दों पर गंभीर है और किसी के साथ अन्याय नहीं होने देगा। हम मानते हैं कि हमसे कुछ गलतियां हुई है, लेकिन उसका सुधार हमने किया और जनता के अधिकारों के लिए संघर्ष किया।”

उल्लेखनीय है कि हाल ही में कांग्रेस के पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष कैलाश पाल ने कांग्रेस में पिछड़ों की उपेक्षा करने का आरोप लगाते हुए सभी पदों से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद कांग्रेस विरोधियों के निशाने पर आ गई हैं।

राष्ट्रीय समाचार

जम्मू-कश्मीर: पाकिस्तानी सेना ने एलओसी पर कुछ जगहों पर की फायरिंग, भारतीय सेना ने दिया मुंहतोड़ जवाब

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जम्मू, 25 अप्रैल। जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर कुछ जगहों पर पाकिस्तानी सेना ने फायरिंग की, जिसका भारतीय सेना ने प्रभावी ढंग से जवाब दिया।

भारतीय सेना ने कहा, “पाकिस्तानी सेना ने एलओसी पर कुछ स्थानों पर छोटे हथियारों से फायरिंग की। भारतीय सेना ने इसका प्रभावी ढंग से जवाब दिया। कोई हताहत नहीं हुआ। अधिक जानकारी जुटाई जा रही है।”

बता दें कि आतंकवादियों द्वारा 26 नागरिकों की नृशंस हत्या के बाद दोनों देशों के बीच तनाव नए स्तर पर पहुंच गया है।

पहलगाम आतंकी हमले पर अपनी पहली प्रतिक्रिया में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को कहा था कि आतंकियों, उनके हैंडलर्स और समर्थकों का पीछा किया जाएगा और दुनिया के किसी भी कोने में उनसे बदला लिया जाएगा।

नागरिक हत्याओं के लिए जिम्मेदार आतंकवादियों का पता लगाने और उनकी तलाश के लिए पहलगाम के बैसरन मैदान में चौथे दिन भी बड़े पैमाने पर आतंकवाद विरोधी अभियान जारी रहा।

अन्य आतंकवाद विरोधी अभियानों में गुरुवार को उधमपुर जिले में सुरक्षा बलों और आतंकवादियों के बीच मुठभेड़ में एक सैनिक शहीद हो गया। सेना ने बताया था कि विशेष खुफिया सूचना के आधार पर गुरुवार को बसंतगढ़ (उधमपुर) में जम्मू-कश्मीर पुलिस के साथ संयुक्त अभियान शुरू किया गया। संपर्क स्थापित किया गया और भीषण गोलीबारी शुरू हो गई। शुरुआती मुठभेड़ में हमारे एक बहादुर जवान को गंभीर चोटें आईं और बाद में बेहतरीन चिकित्सा प्रयासों के बावजूद उनका बलिदान हो गया। ऑपरेशन जारी है।”

गुरुवार को कुलगाम जिले में सुरक्षा बलों और आतंकवादियों के बीच एक और मुठभेड़ शुरू हुई। आतंकवादियों के खिलाफ अभियान गोलीबारी के साथ शुरू हुआ, लेकिन शुक्रवार सुबह से गोलीबारी की कोई खबर नहीं है।

सुरक्षा बलों ने गुरुवार को पुंछ जिले में आतंकवादियों के खिलाफ एक और अभियान शुरू किया। बैसरन मैदान हत्याकांड के लिए जिम्मेदार आतंकवादियों का पता लगाने और उनकी तलाश के लिए पहलगाम क्षेत्र में बड़े पैमाने पर आतंकवाद विरोधी अभियान के अलावा वर्तमान में तीन ऑपरेशन चल रहे हैं।

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राष्ट्रीय समाचार

भारत ने पाकिस्तान सरकार का आधिकारिक एक्स अकाउंट किया ब्लॉक

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नई दिल्ली, 24 अप्रैल 2025। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान सरकार के आधिकारिक एक्स हैंडल को ब्लॉक कर दिया है। इस हमले में 26 लोगों की मौत हुई और कई अन्य घायल हो गए। भारत ने इस हमले को लेकर कड़ा रुख अपनाते हुए पाकिस्तान के खिलाफ कई सख्त कदम उठाए हैं।

इस हमले को पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन द रेसिस्टेंस फ्रंट द्वारा अंजाम दिए जाने की आशंका है, जिसके बाद भारत ने जवाबी कार्रवाइयों की शुरुआत की है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस हमले को “निर्दोष नागरिकों पर कायराना कृत्य” करार देते हुए बुधवार को सुरक्षा मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीएस) की एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। इस दो घंटे से अधिक समय तक चली बैठक में गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, विदेश मंत्री एस. जयशंकर और अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए। बैठक के बाद विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान के साथ राजनयिक, आर्थिक और सैन्य संबंधों को लक्षित करने वाली कई कार्रवाइयों की घोषणा की।

भारत ने नई दिल्ली में पाकिस्तान उच्चायोग में तैनात रक्षा, सैन्य, नौसेना और वायु सलाहकारों को अवांछित व्यक्ति (पर्सोना नॉन ग्राटा) घोषित कर दिया है। इन अधिकारियों को एक सप्ताह के भीतर भारत छोड़ने का आदेश दिया गया है। साथ ही, भारत ने इस्लामाबाद में अपने उच्चायोग से रक्षा, नौसेना और वायु सलाहकारों को वापस बुलाने का फैसला किया है। दोनों पक्षों से इन पदों से जुड़े पांच सहायक कर्मचारियों को भी वापस बुलाया जाएगा। इसके अलावा, भारत ने 1960 के सिंधु जल संधि को निलंबित करने का ऐतिहासिक फैसला लिया है। विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि जब तक पाकिस्तान सीमा पार आतंकवाद को समाप्त करने के लिए ठोस कदम नहीं उठाता, यह निलंबन जारी रहेगा।

भारत ने दोनों देशों के बीच महत्वपूर्ण स्थलीय मार्ग अटारी इंटीग्रेटेड चेक पोस्ट (आईसीपी) को तत्काल प्रभाव से बंद करने की घोषणा की है। भारत में मौजूद पाकिस्तानी नागरिकों, जिनके पास वैध यात्रा दस्तावेज हैं, को 1 मई 2025 तक आईसीपी के माध्यम से स्वदेश लौटने का निर्देश दिया गया है। इस तारीख के बाद दोनों देशों के बीच सभी स्थलीय यात्रा अनिश्चितकाल के लिए निलंबित रहेगी। इसके साथ ही, सार्क वीजा छूट योजना (एसवीईएस) के तहत पाकिस्तानी नागरिकों को भारत में प्रवेश की अनुमति नहीं होगी। इस योजना के तहत जारी सभी वीजा रद्द कर दिए गए हैं, और इस योजना के तहत भारत में मौजूद पाकिस्तानी नागरिकों को 48 घंटे के भीतर देश छोड़ने का निर्देश दिया गया है।

दोनों देशों ने अपने-अपने उच्चायोगों में कर्मचारियों की संख्या को 55 से घटाकर 30 करने का भी फैसला किया है, जो 1 मई तक लागू होगा। यह कदम द्विपक्षीय संबंधों को सीमित करने और राजनयिक उपस्थिति को कम करने का हिस्सा है। सीसीएस ने भारतीय सशस्त्र बलों और सुरक्षा एजेंसियों को उच्चतम स्तर की सतर्कता बनाए रखने का निर्देश दिया है। पहलगाम हमले के दोषियों की तलाश तेज कर दी गई है, और राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की एक नई टीम जांच के लिए मैदान में उतरी है।

भारत ने आतंकवाद के प्रति अपनी जीरो टॉलरेंस नीति को दोहराते हुए कहा कि वह न केवल हमले के अपराधियों, बल्कि उनके प्रायोजकों को भी जवाबदेह ठहराएगा। हाल के दिनों में तहव्वुर राणा जैसे आतंकवादियों के प्रत्यर्पण का हवाला देते हुए अधिकारियों ने कहा कि भारत आतंकवादी गतिविधियों में शामिल व्यक्तियों को न्याय के कटघरे में लाने के लिए वैश्विक राजनयिक प्रयास जारी रखेगा।

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महाराष्ट्र

एआई द्वारा फर्जी आधार, पैन कार्ड बनाने की जानकारी महाराष्ट्र साइबर विभाग द्वारा दी गई, नागरिकों से जागरूकता के साथ सावधान रहने की भी अपील की गई है।

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मुंबई: महाराष्ट्र साइबर विभाग ने नागरिकों को एआई का उपयोग करके बनाए गए फर्जी आधार और पैन कार्ड सहित सरकारी दस्तावेजों के बारे में जागरूक किया है। महाराष्ट्र साइबर सेल साइबर सुरक्षा और साइबर से संबंधित खतरों और नुकसान के बारे में जनता के बीच जागरूकता पैदा करता है। एआई के माध्यम से फर्जी दस्तावेज बनाना भी अब आम हो गया है। आधार और पैन कार्ड जैसे फर्जी सरकारी पहचान पत्र बनाने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) उपकरणों का भी दुरुपयोग किया जा रहा है। एआई नवाचार के अवसर प्रदान करता है, लेकिन साथ ही यह जोखिम भरा भी है।

यह एक गंभीर चिंता का विषय है। एआई में फर्जी आईडी और पहचान पत्र बनाने की क्षमता है। इन कार्डों का उपयोग बैंकिंग, व्यक्तिगत लेनदेन और आर्थिक अपराधों में भी किया जा सकता है। दूसरी ओर, फर्जी दस्तावेजों और कार्डों का इस्तेमाल बैंकों, दूरसंचार कंपनियों और सरकारी कंपनियों को धोखा देने के लिए भी किया जा सकता है। इसका उपयोग फर्जी ऋण प्राप्त करने, बैंकों से लेनदेन करने तथा गबन करने के लिए भी किया जा सकता है। यह राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए भी चिंता का विषय है। महाराष्ट्र साइबर ने फर्जी दस्तावेजों और कार्डों की पहचान करने के लिए कुछ महत्वपूर्ण टिप्स और ट्रिक्स बताए हैं। समान फ़ॉन्ट, विशेष रूप से हिंदी और अंग्रेजी पाठ के बीच मुद्रण संबंधी अंतर अंग्रेजी पाठ में मुद्रण संबंधी अंतर, छवि में विसंगतियां, अप्राकृतिक प्रकाश या रंग संबंधी विसंगतियां हैं। एआई-समायोजित छवि को डिजिटल छवि में बदला जा सकता है, जबकि मूल आधार कार्ड में एक क्यूआर कोड होता है जिसे सिस्टम में सत्यापित किया जा सकता है। नकली आधार ऐसा करने में विफल रहता है। गलत प्रक्रिया के कारण नकली आधार कार्ड की पहचान आसानी से की जा सकती है। महाराष्ट्र साइबर ने नागरिकों से सतर्क रहने और ऐसे फर्जी आईडी कार्ड से संबंधित किसी भी संदिग्ध घटना की सूचना राष्ट्रीय साइबर अपराध शिकायत पोर्टल 1945 पर देने की अपील की है।

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