राष्ट्रीय समाचार
भारत-अमेरिका के बीच स्पाइस जेट को उड़ान भरने की अनुमति
प्रमुख एयरलाइन कंपनी स्पाइसजेट को भारत और अमेरिका के बीच विमान संचालन की अनुमति मिल गई है। केंद्र सरकार ने इस एयरलाइन को भारतीय अनुसूचित विमानन सेवा के रूप में अधिमान्यता देते हुए इसे भारत और अमेरिका के बीच उड़ानों के संचालन की अनुमति दे दी है। हालांकि अभी संचालन शुरू किए जाने की तारीख का खुलासा नहीं किया गया है।
स्पाइसजेट के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक अजय सिंह ने गुरुवार को कहा, “मुझे यह जानकारी साझा करते हुए बहुत खुशी हो रही है कि स्पाइसजेट को भारत और अमेरिका के बीच विमान संचालन की अनुमति मिल गई है।”
उन्होंने कहा, “दर्जा मिल जाने से हमें अपनी सेवाओं को अंतर्राष्ट्रीय विस्तार देने में मदद मिलेगी। मेरा मानना है कि हर विपत्ति में एक अवसर निकल आता है और मौजूदा संकटपूर्ण स्थिति में स्पाइसजेट को बेहत मौका और आधारभूत भूमिका मिली है।”
सिंह के मुताबिक, कोविड-19 महामारी के दौरान स्पाइस जेट ने 4,300 कार्गो उड़ानों और 400 चार्टर उड़ानों का संचालन कर विदेशों में फंसे हजारों भारतीयों को स्वदेश वापस लाया है।
राजनीति
पूर्व मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई के बयानों के बाद भाजपा ने कांग्रेस को घेरा

नई दिल्ली, 27 नवंबर: सुप्रीम कोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई के ‘संविधान’ और ‘न्यायपालिका’ से जुड़े बयानों के बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेताओं ने लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और कांग्रेस को निशाने पर लिया है।
भाजपा सांसद योगेंद्र चंदोलिया ने आईएएनएस से बातचीत में कहा, “बीआर गवई, अब रिटायर हो चुके हैं। ऑफिस छोड़ने के बाद उनकी बातें भारत के लोकतंत्र की भावना को दिखाती हैं। संविधान को किसी भी कीमत पर नहीं बदला जा सकता, यही हम कहते आ रहे हैं।”
विपक्ष को निशाने पर लेते हुए उन्होंने कहा, “कांग्रेस पार्टी और उसके साथियों को यह समझना चाहिए कि संविधान हमारे देश की आत्मा है, और किसी के पास इसे अपने मकसद के लिए बदलने की ताकत नहीं है।”
भारतीय जनता पार्टी के सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने भी प्रतिक्रिया दी और कहा, “कुछ लोग अपनी राजनीति की वजह से यह आरोप लगाते हैं कि सुप्रीम कोर्ट हर दिन सरकार के दबाव में काम करता है। अब पूर्व मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई के बयान के बाद स्थिति बहुत साफ हो जानी चाहिए। जस्टिस गवई अभी चीफ जस्टिस के पद से रिटायर हुए हैं। इस लिहाज से उनका भाषण बहुत अहम है।”
भाजपा के प्रवक्ता आरपी सिंह ने अपने बयान में कहा, “यह स्पष्ट है कि संविधान को बदला नहीं जा सकता है और यह सभी के लिए मान्य होता है। गवई की दूसरी बात सही है कि ज्यूडिशियरी या उससे जुड़े किसी भी सिस्टम के काम में सरकार का कोई दखल नहीं है। डेमोक्रेसी ऐसे ही काम करती है। सरकार अपने दायरे में काम करती है, ज्यूडिशियरी अपने दायरे में काम करती है और ब्यूरोक्रेसी अपने दायरे में काम करती है।”
भाजपा नेता प्रतुल शाह देव ने कहा, “गवई ने स्पष्ट कहा है कि संविधान खतरे में नहीं है। अब राहुल गांधी को इस पर प्रतिक्रिया देनी चाहिए।”
प्रतुल शाह देव ने आगे कहा, “देश के 200 से ज्यादा जाने-माने लोगों ने राहुल गांधी की आलोचना की है। उन्होंने एसआईआर और ‘वोट चोरी’ के मुद्दों पर राहुल गांधी को गलत ठहराया है। कांग्रेस ने पहले भी 42वें संशोधन के जरिए संविधान में बदलाव करने की कोशिश की थी। उन्होंने संविधान को बदलने की कोशिश की।”
गौरतलब है कि जब विपक्ष लगातार संवैधानिक संस्थानों से सवाल पूछ रहा है और न्यायपालिका पर सरकार के दबाव में काम करने का आरोप लगा रहा है, इसी बीच पूर्व मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई ने कई बातों को स्पष्ट किया है। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि संविधान खतरे में नहीं है। बीआर गवई ने यह भी कहा कि सरकार का ज्यूडिशियरी में कोई हस्तक्षेप नहीं होता है।
राष्ट्रीय समाचार
दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण पर सुप्रीम कोर्ट ने जताई गहरी चिंता, 1 दिसंबर को होगी अगली सुनवाई

suprim court
नई दिल्ली, 27 नवंबर: दिल्ली-एनसीआर में बढ़ रहे प्रदूषण को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने गंभीर चिंता व्यक्त की है। इस मामले पर 1 दिसंबर यानी सोमवार को सुनवाई का निर्णय लिया गया है। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि हवा की गुणवत्ता की समस्या गंभीर है और इसे तुरंत हल करने की दिशा में ठोस कदम उठाने की जरूरत है।
एमिकस क्यूरी अपराजिता सिंह ने कोर्ट को बताया कि दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण का स्तर बहुत गंभीर है और इसे एक स्वास्थ्य आपातकाल (हेल्थ इमरजेंसी) के रूप में देखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि सामान्य नागरिकों की जान और स्वास्थ्य दोनों खतरे में हैं।
मुख्य न्यायाधीश जस्टिस सूर्यकांत ने इस मुद्दे पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए कहा, “क्या किसी भी ज्यूडिशियल फोरम के पास कौन सी जादू की छड़ी है, जिसे घुमा कर यह समस्या खत्म हो सके? मुझे पता है कि यह दिल्ली-एनसीआर के लिए खतरनाक समय है। हमें बताएं कि हम क्या आदेश दे सकते हैं ताकि लोगों को तुरंत साफ हवा मिल सके।”
सीजेआई ने आगे कहा कि प्रदूषण के पीछे कोई एक कारण नहीं है और इसे केवल विशेषज्ञों और वैज्ञानिकों पर छोड़ देना सही नहीं होगा। उन्होंने कहा कि हमें सभी कारणों की पहचान करनी होगी। हर इलाके के लिए अलग समाधान की जरूरत है। इसके लिए सरकार की बनाई कमेटियों और उनके कामकाज की भी समीक्षा करनी होगी। साथ ही रेगुलर मॉनिटरिंग की प्रक्रिया को मजबूत करना जरूरी है।
सीजेआई सूर्यकांत ने यह भी कहा कि प्रदूषण के मामले पर नियमित सुनवाई होनी चाहिए। उन्होंने नोट किया कि अक्सर दीपावली के समय प्रदूषण से संबंधित मामलों पर सुनवाई होती है, लेकिन उसके बाद यह मामले की लिस्ट से गायब हो जाता है। ऐसे मामलों में निरंतर निगरानी और नियमित सुनवाई आवश्यक है ताकि ठोस और प्रभावी निर्णय लिए जा सकें।
अब सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में 1 दिसंबर को अगली सुनवाई की तारीख तय की है और इस दौरान यह देखा जाएगा कि तत्काल और दीर्घकालिक उपाय क्या किए जा सकते हैं। कोर्ट की यह पहल नागरिकों की सेहत और दिल्ली-एनसीआर की हवा की गुणवत्ता सुधारने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।
विशेषज्ञों के अनुसार, दिल्ली-एनसीआर में बढ़ता प्रदूषण न सिर्फ श्वसन रोगों को बढ़ाता है, बल्कि बच्चों, बुजुर्गों और अस्वस्थ लोगों के लिए गंभीर खतरा उत्पन्न करता है। सुप्रीम कोर्ट की इस सक्रिय भूमिका से उम्मीद जताई जा रही है कि प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए ठोस रणनीति तैयार की जाएगी।
अपराध
हैदराबाद : चोरी के मामले में बरामद सोना गिरवी रखने पर सब-इंस्पेक्टर निलंबित

SUSPENDED
हैदराबाद, 27 नवंबर: हैदराबाद में एक पुलिस उपनिरीक्षक को चोरी के मामले में बरामद सोने को कथित तौर पर गिरवी रखने के आरोप में निलंबित कर दिया गया है।
अंबरपेट पुलिस स्टेशन के एसआई भानु प्रकाश अपनी गुम हुई रिवॉल्वर के मामले में जांच का सामना कर रहे हैं। आरोप है कि उन्होंने पैसों के लिए रिवॉल्वर बेच दी है। पुलिस उनसे हथियार का पता लगाने के लिए पूछताछ कर रही है।
एसआई कथित तौर पर ऑनलाइन सट्टेबाजी का आदी था, और भारी नुकसान के बाद, उसने कर्ज चुकाने के लिए चोरी के एक मामले में बरामद सोना गिरवी रख दिया था।
वरिष्ठ अधिकारी पिछले कुछ दिनों से एसआई के खिलाफ जांच कर रहे थे, लेकिन यह बात बुधवार को सामने आई।
आंध्र प्रदेश के रायचोटी के रहने वाले भानु प्रकाश 2020 बैच के एसआई हैं। हैदराबाद के हिमायतनगर निवासी एसआई पिछले कुछ वर्षों से अंबरपेट पुलिस स्टेशन में तैनात हैं। शुरुआत में उन्होंने सेक्टर एसआई के रूप में काम किया और बाद में उन्हें अपराध शाखा में स्थानांतरित कर दिया गया।
एसआई की अवैध गतिविधि तब सामने आई जब वरिष्ठ अधिकारियों को चोरी के एक मामले से संबंधित 43 ग्राम सोना गायब मिला। यह सोना चोरी में शामिल एक घरेलू नौकर से जब्त किया गया था।
लोक अदालत में मामला सुलझने के बाद सोना मालिक को सौंप दिया जाना था। सोने का पता न चलने पर थाना प्रभारी ने आंतरिक जांच शुरू की। पूछताछ के दौरान उप निरीक्षक ने कथित तौर पर एक साहूकार के पास गिरवी रखने की बात कबूल की।
पुलिस ने साहूकार से सोना जब्त कर लिया। जांच के दौरान वरिष्ठ अधिकारियों ने यह भी पाया कि उप निरीक्षक की सर्विस रिवॉल्वर भी गायब थी। आरोप है कि उसने अपने खर्चों के लिए हथियार बेच दिया।
उप निरीक्षक के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है। जांच अधिकारी हथियार का पता लगाने के लिए उससे पूछताछ कर रहे हैं।
वरिष्ठ अधिकारियों ने उप निरीक्षक की हरकत को गंभीरता से लिया है। उसे निलंबित करने के बाद, उसके खिलाफ विभागीय जांच भी शुरू कर दी गई है।
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