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Monday,06-October-2025
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जौहरी ने बीसीसआई का किया नुकसान, सीओए को उन्हें बचाना नहीं चाहिए था : डायना इडुल्जी

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Diana-Edulji

बीसीसीआई का कामकाज संभालते वक्त प्रशासकों की समिति (सीओए) के अध्यक्ष विनोद राय ने कहा था कि सभी मामलों में समिति की सदस्य और पूर्व महिला क्रिकेटर डायना इडुल्जी से राय ली जाएगी, लेकिन जैसे ही इडुल्जी ने पूर्व सीईओ राहुल जौहरी को मनमानी करने से रोकने की कोशिश की चीजें बदलने लगीं।

जौहरी के इस्तीफे को बीसीसीआई ने मंजूर कर लिया है और गुरुवार को उन्हें जाने को कह दिया है। इडुल्जी ने कहा है कि सीओए को इस मामले को बेहतर तरीके से निपटाना चाहिए था। उन्होंने साथ ही कहा है कि जौहरी की हरकतों ने भारतीय क्रिकेट और बोर्ड की छवि को नुकसान पहुंचाया है।

आईएएनएस से बात करते हुए इडुल्जी ने जौहरी के ऊपर लगे यौन शोषण के आरोपों के बाद भी उन्हें पद पर बने रहने पर हैरानी जताई। साथ ही कहा कि हाल ही में वित्तीय जानकारी जो लीक की गई है वो नई नहीं हैं।

इडुल्जी ने कहा है कि जौहरी पर लगे यौन शोषण के आरोपों के बाद उन्हें पद पर बने नहीं रहना चाहिए था।

उन्होंने कहा, “जब यह मामला अक्टूबर 2018 में सामने आया, मेरे लिए यह हैरानी वाली बात नहीं थी क्योंकि पहले का इतिहास भी था जिसके बारे में हम जानते थे। अगर यह मेरे लिए नहीं है, तो शिकायतकर्ता को जौहरी की तरफ से माफीनामा नहीं मिलना चाहिए था। शिकायतकर्ता पर मामले को खत्म करने का दबाव डाला गया। जिस तरह से चीजें चलीं, मुझे लगा कि चीजों को छुपाने की कोशिश की जा रही है। चेयरमैन और मेरे मतभेद थे और मैंने साफ कर दिया था कि सीओए में महिला सदस्य होने के तौर पर मैं ऐसी इंसान नहीं हूं जो अपने कमरे में बैठी रहे।”

उन्होंने कहा, “जब स्वतंत्र समिति बनी थी वो भी सही तरीके से नहीं बनी थी और मैंने इस पर आपत्ति जताई थी, लेकिन हर कदम पर मेरी अवेहलना कर दी गई। मुझे वो चर्चा याद है जिसमें कहा गया था कि जौहरी से इस्तीफा मांगा जाएगा। मैंने राय से जौहरी के अनुबंध के क्लॉज की बात की जो बीसीसीआई के लिए सही नहीं था। हालांकि राय ने एक दिन बाद आम सहमति से लिए गए फैसले को बदल दिया। मैंने स्वतंत्र समिति के गठन पर आपत्ति जताई क्योंकि एक शख्स के साथ हितों के टकराव का मुद्दा था।”

इडुल्जी से जब पूछा गया कि क्या वे जौहरी के क्लीनचिट दिए जाने से हैरान थीं? उन्होंने कहा- नहीं।

उन्होंने कहा, “जिस तरह से स्वतंत्र समिति काम कर रही थी, उससे साफ पता चल गया था कि वह बच निकलेंगे। जिस महिला को निकाला गया था वो जांच करना चाहती थी लेकिन ऐसा नहीं हुआ। रिपोर्ट उन्हें दी नहीं गईं। बिना बयान के क्या वो लोग शिकायत के लिए कोर्ट जा सकते थे?”

उन्होंने कहा, “यह हैरान करने वाला था क्योंकि मैंने साफ कर दिया था कि उन्हें जान लेना चाहिए कि क्या गलत है। मैंने जो कुछ भी किया वह अनदेखा कर दिया गया और उन्हें क्लीन चिट दे दी गई। हैरानी वाली बात यह थी कि जब क्लीन चिट दी गई तब जौहरी और उनकी पत्नी बीसीसीआई मुख्यालय में थे। उन्हें ऑफिस में तब तक नहीं होना चाहिए था जब तक उन्हें पता चले कि उन्हें क्लीन चिट मिल गई है। सीएफओ ने गुलदस्ता देकर उनका स्वागत किया और केक भी काटा गया। सीईओ को एक ईमेल भेजा गया कि उन्हें अपना काम शुरू करना चाहिए, लेकिन मैंने इसका विरोध किया।”

उन्होंने कहा, “इसके बाद उन्हें जेंडर सैनीटाइजेशन के लिए भेजा गया और वहां से भी कुछ नहीं निकला। हमें किसी तरह की रिपोर्ट नहीं भेजी गई। कोई जवाब नहीं दिए गए।”

इडुल्जी को जो सबसे ज्यादा दुख पहुंचा वो इस बात से कि जौहरी ने अधिकारियों के बीच में मतभेद पैदा करने की कोशिश की।

उन्होंने कहा, “वह हमेशा अधिकारियों को सीओए से दूर रखते थे और उनकी रणनीति शुरू में ही खराब हो गई क्योंकि मैं उनके कामकाज करने का तरीका देख रही थी। उनका मानना था कि अगर वह मतभेद पैदा कर सकते हैं तो वह आगे बढ़ेंगे। वह एक दूसरे को एक दूसरे के खिलाफ लड़वा रहे थे। जब लिमए और गुहा थे तो वे आसानी से कुछ नहीं कर पा रहे थे। लेकिन जैसे ही यह लोग चले गए तो उन्हें समर्थन मिल गया। यौन शोषण के आरोपों के बाद उन्हें काम करने देना सीओए की गलती रही। एक सदस्य की जांच काफी खतरनाक थी और अगर बाकी के दो लोगों ने उन्हें क्लीन चिट दे दी थी तो भी उन्हें जाने के लिए कह देना चाहिए था।”

उन्होंने कहा, “अगर उन्हें क्लीनचिट मिल गई थी तो क्यों उन्हें जेंडर सैनीटाइजेशन के लिए क्यों कहा गया। यह साफ इशारा करता है कि उन्हें क्लीन चिट देने के लिए चीजें दबा दी गईं।”

चयन प्रक्रिया में जौहरी की संलिप्तता को लेकर इडुल्जी ने कहा कि उन्होंने मुख्य कोच के चयन में भी टांग अड़ाई और महिला टीम के कोच के चयन में भी।

उन्होंने कहा, “एक महिला होते हुए मैं उन्हें कह रही थी कि यह सही है और यह नहीं, इससे उनके पुरुष अहम को चोट पहुंची। उनकी अकड़ ने भारतीय क्रिकेट को नुकसान पहुंचाया। मैं हमेशा से कहती आ रही हूं कि बीसीसीआई की छवि उनके कारण खराब हुई। गुलाबी गेंद टेस्ट मैच के मुद्दे को ही ले लीजिए। जौहरी ने राय को बरगला दिया क्योंकि वो लोग ही इस पर चर्चा कर रहे थे। एक बार चुनाव हुए, अधिकारियों ने गुलाबी गेंद से मैच कराया। अनिल कुंबले का मुद्दा भी सही तरीके से नहीं संभाला गया। जौहरी कुबंले के खिलाफ मैसेज दिखा रहे थे। आपको ऐसा करने की क्या जरूत है।”

उन्होंने कहा, “महिला टीम कोच की नियुक्ति में भी, वह जिस तरह से खेल रही हैं मैं उससे बेहद खुश हूं, लेकिन नियुक्ति को लेकर नियमों का पालन नहीं किया गया। यह प्रक्रिया की बात है न की अपनी मरजी की। इसलिए रिफॉर्म लाए गए थे। जहां तक कि रमेश पवार के मामले में भी दोनों कप्तानों ने मेरी गैरमौजूदगी में बात कर ली। ऐसा क्यों हुआ? हरमनप्रीत ने बैठक से बाहर निकल कर बयान दे दिया और वह बैठक में जो चर्चा हुई थी उससे अलग था।”

जौहरी की वेतन बढ़ोत्तरी पर उन्होंने कहा, “जौहरी के वेतन में की गई बढ़ोत्तरी के बारे में नहीं भूलना चाहिए। यह मामला लंबे समय से लटका था और इस मामले में पूर्व एमिकस के साथ कई बैठकें हुईं। मैंने भी सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज से बात की थी। उनसे और एमिकस से बात करने के बाद यह मुद्दा ठंडे बस्ते में चला गया लेकिन जब सीओए में तीसरे सदस्य ने कदम रखा चीजें बदल गईं।”

उन्होंने कहा, “जौहरी ने ईमेल लिखा और मुद्दे को दोबारा खेल दिया। मैंने अपना रुख बरकरार रखा, लेकिन बात को नकार दिया और सीएफओ को उन्हें पूरी रकम तुरंत देने के आदेश दिए गए। बीसीसीआई के मौजूदा अधिकारियों को इस पर ध्यान देना चाहिए। मैं अभी भी अपने रुख पर कायम हूं कि उन्हें वेतन में बढ़ोत्तरी नहीं दी जानी चाहिए थी।”

उन्होंने कहा, “जिस तरह से जौहरी सभी चीजों से बच निकले वह हैरानी वाला है। उनका व्यवहार काफी खराब था। वह कुछ लोगों को अपने पांव की जूती समझते थे। उन्हें अपने साथियों से भी बात करने की तमीज नहीं थी। सीओए ने जिस तरह उन्हें बचाया वो शर्मनाक है। आप अधिकारियों को इस तरह से अलग नहीं कर सकते जिस तरह से वे किए गए। वे लोग सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक काम कर रहे हैं। वह काफी इनसिक्योर इंसान थे। जो भी उनसे बेहतर या काबिल होता वह उसे हटाने की कोशिश करते।”

खेल

वर्ल्ड पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप : पीएम मोदी ने भारतीय एथलीट्स को सराहा, बोले- लोगों को प्रेरित करेगी ये सफलता

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नई दिल्ली, 6 अक्टूबर : वर्ल्ड पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप 2025 में भारत कुल 22 मेडल के साथ पदक तालिका में 10वें पायदान पर रहा। भारतीय एथलीट्स ने देश को 6 गोल्ड, 9 सिल्वर और 7 ब्रॉन्ज मेडल जिताए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शानदार प्रदर्शन के लिए भारतीय खिलाड़ियों की सराहना की है।

पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर पोस्ट में लिखा, “हमारे पैरा एथलीट्स का ऐतिहासिक प्रदर्शन! इस वर्ष वर्ल्ड पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप बेहद खास रही। भारतीय दल ने अपना अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए 6 गोल्ड मेडल सहित 22 मेडल जीते। हमारे एथलीट्स को बधाई। उनकी सफलता कई लोगों को प्रेरित करेगी। मुझे अपने दल के प्रत्येक सदस्य पर गर्व है। मैं उनके भविष्य के प्रयासों के लिए शुभकामनाएं देता हूं।”

वर्ल्ड पैरा-एथलेटिक्स चैंपियनशिप 2025 भारत में अब तक का सबसे बड़ा पैरा गेम्स आयोजन रहा। पीएम नरेंद्र मोदी ने लिखा, “दिल्ली में इस टूर्नामेंट की मेजबानी करना भी भारत के लिए सम्मान की बात रही है। इस टूर्नामेंट का हिस्सा रहे लगभग 100 देशों के एथलीट्स और सपोर्ट स्टाफ का आभार।”

जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम के मोंडो ट्रैक पर भारतीय एथलीट्स ने इस चैंपियनशिप में तीन चैंपियनशिप रिकॉर्ड्स और सात एशियन रिकॉर्ड्स बनाए। इस दौरान 30 से ज्यादा खिलाड़ियों ने व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किए।

वर्ल्ड पैरा-एथलेटिक्स चैंपियनशिप 2025 में ब्राजील कुल 44 मेडल के साथ शीर्ष पायदान पर रहा। इस देश के एथलीट्स ने 15 गोल्ड, 20 सिल्वर और 9 ब्रॉन्ज मेडल जीते।

वहीं, चीन 52 मेडल के साथ दूसरे स्थान पर रहा। चीनी खिलाड़ियों ने 13 गोल्ड, 22 सिल्वर और 17 ब्रॉन्ज अपने नाम किए।

कुल 16 मेडल के साथ ईरान तीसरे स्थान पर रहा, जिसके एथलीट्स ने 9 गोल्ड, 2 सिल्वर और 5 ब्रॉन्ज मेडल जीते।

वर्ल्ड पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप 2025 में मेडल जीतने वाले भारतीय :

गोल्ड मेडल : सुमित अंतिल (पुरुष भाला फेंक एफ64)

गोल्ड मेडल : संदीप सिंह सरगर (पुरुष भाला फेंक एफ44)

गोल्ड मेडल : शैलेश कुमार (पुरुष ऊंची कूद एफ63)

गोल्ड मेडल : रिंकू हुड्डा (पुरुष भाला फेंक एफ46)

गोल्ड मेडल : निषाद कुमार (पुरुषों की ऊंची कूद टी47)

गोल्ड मेडल : सिमरन शर्मा (महिलाओं की 100 मीटर टी12 दौड़)

सिल्वर मेडल : एकता भयान (महिला क्लब थ्रो एफ51)

सिल्वर मेडल : दीप्ति जीवनजी (महिला 400 मीटर एफ20)

सिल्वर मेडल : सुंदर सिंह गुर्जर (पुरुष भाला फेंक एफ46)

सिल्वर मेडल : संदीप (पुरुष भाला फेंक एफ44)

सिल्वर मेडल : योगेश कथुनिया (पुरुष चक्का फेंक एफ56)

सिल्वर मेडल : धरमबीर (पुरुष क्लब थ्रो एफ51)

सिल्वर मेडल : सिमरन शर्मा (महिलाओं की 200 मीटर टी12 दौड़)

सिल्वर मेडल : प्रीति पाल (महिलाओं की 100 मीटर टी35 दौड़)

सिल्वर मेडल : नवदीप सिंह (पुरुषों की भाला फेंक एफ41 स्पर्धा)

ब्रॉन्ज मेडल : वरुण सिंह भाटी (पुरुष ऊंची कूद एफ63)

ब्रॉन्ज मेडल : अतुल कौशिक (पुरुष चक्का फेंक एफ57)

ब्रॉन्ज मेडल : सोमन राणा (पुरुष शॉट पुट एफ57)

ब्रॉन्ज मेडल : प्रीति पाल (महिला 200 मीटर टी35)

ब्रॉन्ज मेडल : प्रदीप कुमार (पुरुष डिस्कस थ्रो एफ64)

ब्रॉन्ज मेडल : प्रवीण कुमार (पुरुषों की ऊंची कूद टी64)

ब्रॉन्ज मेडल : संदीप (पुरुषों की 200 मीटर टी44 दौड़)

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खेल

1 दिसंबर से लंका प्रीमियर लीग की शुरुआत, भारतीय खिलाड़ी लेंगे हिस्सा

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नई दिल्ली, 6 अक्टूबर: लंका प्रीमियर लीग (एलपीएल) का छठा संस्करण 1 से 23 दिसंबर के बीच खेला जाएगा, जिसमें भारतीय खिलाड़ी भी हिस्सा लेने जा रहे हैं। ऐसे में फैंस इस टी20 लीग से जबरदस्त रोमांच की उम्मीद कर रहे हैं।

पहली बार लंका प्रीमियर लीग में भारतीय क्रिकेटर हिस्सा लेंगे, जिनके नाम जल्द ही घोषित किए जाएंगे। माना जा रहा है कि भारतीय खिलाड़ियों के जुड़ने से इस लीग की लोकप्रियता में इजाफा होगा।

लंका प्रीमियर लीग के इस संस्करण में कुल 24 मैच खेले जाएंगे। इस दौरान 20 लीग मैच और 4 नॉकआउट मुकाबले होंगे।

यह सभी मुकाबले कोलंबो के आर प्रेमदासा अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम, कैंडी के पल्लेकेले अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम और दांबुला के रंगिरी दांबुला अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम में खेले जाने हैं।

इस टूर्नामेंट में पांच फ्रेंचाइजी हिस्सा लेने जा रही हैं। लीग चरण के दौरान सभी फ्रेंचाइजी दो बार आमने-सामने होंगी।

राउंड-रॉबिन चरण के बाद, शीर्ष चार टीमें प्लेऑफ में पहुंचेंगी। पहला प्लेऑफ मैच यानी क्वालीफायर 1 शीर्ष दो टीमों के बीच खेला जाएगा। इस मुकाबले को जीतने वाली टीम सीधे फाइनल में प्रवेश करेगी।

तीसरे और चौथे स्थान पर रहने वाली टीमें एलिमिनेटर मुकाबले में भिड़ेंगी। एलिमिनेटर मैच की विजेता टीम क्वालीफायर 1 में हारने वाली टीम से क्वालीफायर 2 में भिड़ेगी।

क्वालीफायर 2 जीतने वाली टीम फाइनल में अपना स्थान बनाएगी, जहां उसका सामना क्वालीफायर 1 की विजेता टीम से होगा।

लंका प्रीमियर लीग (एलपीएल) की टूर्नामेंट निदेशक सामंथा डोडनवेला ने कहा, “इस संस्करण का समय सावधानीपूर्वक चुना गया है, ताकि खिलाड़ियों को वैश्विक क्रिकेट वर्ष की शुरुआत में अधिकतम अनुभव और उच्च-गुणवत्ता वाला मैच अभ्यास मिल सके।”

उन्होंने कहा, “पिछले कुछ सीजन में, एलपीएल नई प्रतिभाओं के लिए एक प्रेरणा स्थल के रूप में उभरा है, जहां कई युवा खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय सितारों के साथ अपनी पहचान बना रहे हैं। हमारा मानना ​​है कि इस वर्ष भी लीग में कई युवा खिलाड़ी उभरेंगे, जो वर्ल्ड कप से पहले विश्व मंच पर उम्दा प्रदर्शन कर सकते हैं।”

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अंतरराष्ट्रीय

7 अक्टूबर: हमास ने इजरायल के ऊपर दागे तीन हजार से ज्यादा रॉकेट, दो साल बाद भी ताजा हैं नरसंहार के जख्म

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नई दिल्ली, 6 अक्टूबर : हमास और और इजरायल के बीच जारी संघर्ष को खत्म करने के लिए राष्ट्रपति ट्रंप के 20 सूत्रीय प्लान पर चर्चा होनी है। बता दें, गाजा में इस संघर्ष के शुरू होने की वजह 7 अक्टूबर 2023 को हमास की ओर से इजरायल पर किया गया हमला है। इजरायल पर हमास के हमले को दो साल होने जा रहे हैं।

7 अक्टूबर 2023 को हमास की ओर से इजरायल पर हुए हमले में करीब 1200 से ज्यादा लोग मारे गए। इसके अलावा 250 के करीब लोगों को हमास आतंकियों ने बंधक बना लिया। मरने वालों में महिला, बच्चे और बूढ़ों समेत कुछ विदेशी लोग भी शामिल थे। वहीं इसमें 300 से ज्यादा इजरायली सैनिक भी शामिल थे।

हमास के 7 अक्टूबर के हमले की भयावहता आज भी मन को झकझोर देती है। सामने आईं तस्वीरों और रिपोर्टों के अनुसार, यह हमला अत्यंत क्रूर और अमानवीय था। आतंकियों ने आम नागरिकों को बर्बरता से मारा।

हमास ने इजरायल पर 4,300 से अधिक रॉकेट दागे। आतंकियों ने इजरायल में घुसपैठ कर भारी तबाही मचाई। माना जाता है कि महज छह घंटों के अंदर हमास ने इजरायल को ऐसा गहरा आघात पहुंचाया जिसकी टीस लंबे समय तक महसूस की जाएगी। इस हमले की बर्बरता के कारण यह निश्चित तौर पर वैश्विक इतिहास में सबसे क्रूर आतंकी घटनाओं से एक के रूप में याद किया जाता है।

इस हिंसक घटना के बाद इजरायल ने गाजा में अपना ऑपरेशन शुरू किया। इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने हमास को जड़ से मिटाने की कसम खाई। उन्होंने यह भी कहा कि अगर हमास के लड़ाके गाजा छोड़कर नहीं जाते हैं, तो वह इस शहर को नक्शे से मिटा देंगे।

7 अक्टूबर को हमास के हमले का जवाब इजरायल ने देना शुरू किया और गाजा में भारी तबाही मची। इजरायली डिफेंस फोर्स के सैनिकों ने ग्राउंड से लेकर हवाई ऑपरेशन चलाकर हमास के ठिकानों को एक-एक कर तबाह करना शुरू किया।

धीरे-धीरे इजरायल के सैनिक गाजा के अंदर घुस गए और हमास के कई शीर्ष नेतृत्व को मौत के घाट उतार दिया। इजरायल और हमास की लड़ाई में फिलिस्तीनी नागरिकों का भयंकर नुकसान हुआ।

इस हमले के दो साल पूरे होने पर इजरायल वॉर रूम की ओर से लिखा गया, “7 अक्टूबर, 2023 को, हमास और अन्य आतंकवादियों ने दक्षिणी और मध्य इजरायल में नागरिकों पर 3,000 से ज्यादा रॉकेट दागे। उसी समय, आतंकवादियों ने गाजा से दक्षिणी इजरायल पर हमला किया और 0-91 वर्ष की आयु के 40 से ज्यादा देशों के लगभग 1,200 लोगों का नरसंहार किया। 251 लोगों को बंधक बना लिया गया; उनमें से 47 अभी भी गाजा में बंदी हैं, साथ ही 2014 में मारे गए और अपहृत एक इजरायली का शव भी मौजूद है।”

इजरायली मीडिया ने रक्षा मंत्रालय के हवाले से बताया कि युद्ध शुरू होने से अब तक 1,152 सुरक्षाकर्मी मारे गए, जिनमें आईडीएफ सैनिक, इजरायली पुलिस अधिकारी, शिन बेट और जेल सेवा कर्मी, और इजरायल, गाजा, लेबनान और पश्चिमी तट में तैनात स्थानीय सुरक्षा दस्तों के सदस्य शामिल हैं। लगभग 42 प्रतिशत शहीद 21 वर्ष से कम आयु के थे, जिनमें से अधिकांश अनिवार्य सैन्य सेवा में कार्यरत युवा थे, और 141 शहीद 40 वर्ष से अधिक आयु के थे, जो शहीदों की विस्तृत आयु सीमा को दर्शाता है।

भारी संख्या में फिलिस्तीनी लोग मारे गए, बूढ़े हों या बच्चे, किसी को खाने के लिए रोटी तक नहीं मिल पा रही। हाल ही में गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक रिपोर्ट साझा की, इस रिपोर्ट के अनुसार अब तक 66,005 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 168,162 लोग घायल हुए।

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