राजनीति
फीस माफी और परीक्षा निरस्त करने को लेकर छात्रों का प्रदर्शन, हिरासत में

उत्तर प्रदेश की राजधानी में परीक्षा रद्द करने और फीस माफी को लेकर आज लखनऊ विश्वविद्यालय में समाजवादी छात्र सभा के छात्रों ने प्रदर्शन किया। इस दौरान उन्होंने उन्होंने विवि प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। पहले से तैनात पुलिस फोर्स ने प्रदर्शनकारियों को वहां से उठाने का प्रयास किया लेकिन जब प्रदर्शनकारी नहीं माने तो उन्हें हिरासत में ले लिया। छात्र नेता अनिल यादव ने बताया कि परीक्षा को यूजीसी की गाइडलाइन के अनुसार कराया जाए। पिछले सेमेस्टर के नम्बरों के आधार पर छात्रों को प्रमोट कर दिया जाए। इस दौरान उनसे कोई फीस न ली जाए। लेकिन विवि यह मानने को तैयार नहीं है।
अनिल यादव ने बताया कि कोरोना महामारी को देखते हुए हम लगातार विश्वविद्यालय से मांग कर रहे है कि ऐसे में छात्रों को बार-बार बुलाना उनकी जान जोखिम में डालना होगा। लेकिन विश्वविद्यालय अपने आगे छात्रों की सुन नहीं रहा है। वह लगातार नियमों को दरकिनार करके परीक्षा कराने और फीस वसूलने के लिए तैयार है। जबकि इस बारे में अभी कोई शासन से निर्णय भी नहीं आया है। यह बार-बार बैठकें करके केवल छात्रों पर दबाव बना रहे है। हमारी मांग है कि छात्रों को बिना परीक्षा के उनके नम्बरों के आधार पर प्रमोट करना चाहिए। जब इस दौरान एक भी कक्षा चली नहीं तो फीस किस बात की दी जाए। यह सब मांगों लेकर हम आज भूख हड़ताल पर बैठे थे, लेकिन पुलिस ने हमें प्रदर्शन नहीं करने दिया और हिरासत में ले लिया।
इस दौरान आदर्श सिंह आजाद, धीरज, सतीश, रविन्दर यादव, अंकित समेत अन्य छात्रों को हिरासत में लेकर पुलिस लाईन ले जाया गया है।
राजनीति
‘फोन ईडी ले गई, इसलिए एक्स पर कर रहा हूं धन्यवाद’, ईडी छापेमारी के बाद बोले सौरभ भारद्वाज

नई दिल्ली, 28 अगस्त। दिल्ली के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) नेता सौरभ भारद्वाज के आवास पर मंगलवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने छापेमारी की। यह कार्रवाई सौरभ भारद्वाज के दिल्ली में स्वास्थ्य मंत्री रहते हुए अस्पतालों के निर्माण से जुड़े कथित घोटाले के सिलसिले में की गई। आप नेता ने ईडी की इस कार्रवाई को राजनीति से प्रेरित बताते हुए केंद्र सरकार पर निशाना साधा।
सौरभ भारद्वाज ने गुरुवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट के जरिए पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओं का आभार व्यक्त किया।
उन्होंने लिखा, “धन्यवाद। मेरा वॉट्सऐप नहीं चल रहा है और मेरा फोन ईडी वाले ले गए हैं, इसलिए ट्विटर के माध्यम से उन सभी को धन्यवाद कर रहा हूं जो मेरे घर के बाहर रात 2:30 बजे तक डटे रहे। एसोसिएशन ऑफ स्टूडेंट्स फॉर अल्टरनेटिव पॉलिटिक्स (एएसएपी), महिला विंग, मेन विंग, यूथ विंग, विधायक, पूर्व विधायक और प्रत्याशी, पार्षद, हमारे नेता और सभी नौजवान से लेकर बुजुर्ग कार्यकर्ता – सबका दिल से धन्यवाद।”
उन्होंने आगे लिखा, “मेरी पार्टी की बहनें रात तक रुकी रहीं, पूरे दिन बारिश में भीगती रहीं, आपका बहुत आभार। रात 2 बजे तक पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल, संजय सिंह आदि सभी जागे रहे, सभी बार-बार फोन पर पता करते रहे, इससे ज्यादा हमारे परिवार को कुछ नहीं चाहिए। सोशल मीडिया पर हमारे दोस्त केंद्र से लोहा लेते रहे, मन खुश हो गया। आपके आने से मुझे और मेरे परिवार को बहुत ताकत मिली है।”
गौरतलब है कि ईडी की इस कार्रवाई के बाद से आम आदमी पार्टी (आप) के तमाम नेता केंद्र सरकार पर हमलावर हैं। पार्टी के नेताओं का कहना है कि विपक्ष के नेताओं को परेशान करने और उन्हें डराने के लिए केंद्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल किया जा रहा है। दूसरी तरफ, सरकार का कहना है कि ईडी पूरी स्वतंत्रता के साथ काम कर रही है।
राष्ट्रीय समाचार
गणेशोत्सव 2025: ठाणे पुलिस ने शहर भर में शांतिपूर्ण गणपति उत्सव सुनिश्चित करने के लिए 7,000-8,000 कर्मियों को तैनात किया

ठाणे: गणेशोत्सव के दौरान कानून और व्यवस्था बनाए रखने और यह सुनिश्चित करने के लिए कि नागरिक शांतिपूर्वक और बिना किसी समस्या के त्योहार मना सकें, ठाणे पुलिस शहर और आसपास के इलाकों में 7,000 से 8,000 पुलिस अधिकारियों और कर्मियों को तैनात करेगी।
इस बल में राज्य रिजर्व बल, दंगा नियंत्रण दल, त्वरित कार्रवाई दल और होमगार्ड की इकाइयाँ शामिल होंगी। किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए पुलिस संवेदनशील इलाकों पर विशेष ध्यान देगी। लोकसत्ता की रिपोर्ट के अनुसार, ठाणे शहर पुलिस का कार्यक्षेत्र ठाणे से लेकर बदलापुर और भिवंडी तक के शहरों को कवर करता है।
गणेशोत्सव नागरिकों द्वारा बड़े पैमाने पर मनाया जाता है। इस वर्ष, जिले भर में 1,060 सार्वजनिक गणेश मंडलों और निजी घरों में हज़ारों मूर्तियाँ स्थापित की गई हैं। जनता की सुरक्षा और व्यवस्था बनाए रखने के लिए, प्रमुख स्थानों पर पुलिस बल तैनात किया जाएगा।
त्योहार की तैयारी के लिए, ठाणे पुलिस ने भिवंडी और मुंब्रा जैसे शहरों में शांति समिति की बैठकें आयोजित कीं और नागरिकों से सांप्रदायिक सद्भाव बनाए रखने का आग्रह किया। अधिकारी आपराधिक पृष्ठभूमि वाले व्यक्तियों पर कड़ी नज़र रख रहे हैं और संवेदनशील क्षेत्रों में सतर्कता बरत रहे हैं। खबरों के अनुसार, व्हाट्सएप और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर धार्मिक तनाव भड़काने वाली अफवाहों या सामग्री के प्रसार को रोकने के लिए अतिरिक्त सावधानी बरती जा रही है।
सुरक्षा व्यवस्था को मज़बूत करने के लिए अतिरिक्त बल तैनात किए जाएँगे। मौजूदा राज्य रिजर्व बल के अलावा, 800 होमगार्ड, अन्य क्षेत्रों से 10 पुलिस निरीक्षक, 20 सहायक पुलिस निरीक्षक, 55 उप-निरीक्षक और 50 रेलवे पुलिस बल के जवान भी तैनात किए जाएँगे। इसके अलावा, दंगा नियंत्रण दल और रैपिड एक्शन फोर्स द्वारा विभिन्न स्थानों पर मॉक ड्रिल भी की गई है ताकि तैयारी सुनिश्चित की जा सके।
राष्ट्रीय समाचार
विरार इमारत हादसा: मृतकों की संख्या 14 हुई, एनडीआरएफ और आपातकालीन टीमें बचाव अभियान जारी रखे हुए हैं

पालघर: पालघर ज़िले के विरार इलाके में एक इमारत का एक हिस्सा गिरने से मरने वालों की संख्या बढ़कर 14 हो गई है। अधिकारियों ने गुरुवार को इसकी पुष्टि की। राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) द्वारा चलाए गए बचाव अभियान में दो लोगों को बचा लिया गया और एक व्यक्ति घायल हो गया।
राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) ने अपनी 5वीं बटालियन से दो टीमों को घटनास्थल पर तैनात किया है।
अधिकारियों ने बुधवार को बताया कि पालघर जिले के विरार पूर्व में चार मंजिला इमारत रमाबाई अपार्टमेंट का एक हिस्सा मंगलवार देर रात ढह गया, जिसमें दो लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए।
एनडीआरएफ ने एक बयान में कहा, “वसई के नारंगी रोड पर चामुंडा नगर और विजय नगर के बीच स्थित चार मंजिला रमाबाई अपार्टमेंट की इमारत का पिछला हिस्सा कल ढह जाने से 14 लोगों की मौत हो गई। बचाव अभियान जारी है।”
आगे के विवरण की प्रतीक्षा है।
शुरुआती मानवीय और कुत्तों की मदद से की गई खोज में, चार लोगों को बाहर निकाला गया; एक को मौके पर ही मृत घोषित कर दिया गया, और तीन को ज़िंदा बचा लिया गया। दुर्भाग्य से, एक साल के बच्चे ने अस्पताल ले जाते समय दम तोड़ दिया।
एनडीआरएफ के डिप्टी कमांडर प्रमोद सिंह के अनुसार, “एनडीआरएफ की दो टीमें दुर्घटनास्थल पर पहुंचीं – एक मुंबई से और एक पालघर से। जैसे ही रात 12 बजे सूचना मिली, निकटतम टीम ने तुरंत प्रतिक्रिया दी।”
एनडीआरएफ टीमों के साथ-साथ अग्निशमन विभाग और स्थानीय पुलिस सहित आपातकालीन सेवाएँ भी सक्रिय रूप से कार्यरत हैं। अधिकारियों ने भीड़ को नियंत्रित करने के लिए बैरिकेड्स लगा दिए हैं और आस-पास की इमारतों की संरचनात्मक अखंडता का आकलन कर रहे हैं। एहतियात के तौर पर आस-पास की इमारतों में रहने वाले कई निवासियों को अस्थायी रूप से बाहर निकाल दिया गया है।
यह घटना रात करीब 12 बजे घटी, जब इमारत का पिछला हिस्सा बगल की एक चॉल पर गिर गया, जिससे कई निवासी मलबे के नीचे फंस गए।
बचाए गए लोगों का विरार और नालासोपारा के अस्पतालों में इलाज चल रहा है, जिनमें से कुछ की हालत गंभीर है।
अधिकारी यह सुनिश्चित करने के लिए खोज जारी रखे हुए हैं कि कोई फंसा न हो तथा वे ढहने के कारणों की आगे जांच कर रहे हैं।
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