राजनीति
भाजपा के जेपी नड्डा ने सोनिया गांधी से पूछे 10 सवाल

भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने शनिवार को प्रेस कांफ्रेंस कर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की घेराबंदी की। उन्होंने राजीव गांधी फाउंडेशन से लेकर मेहुल चौकसी से दान लेने के मामले पर सवाल खड़े किए। जेपी नड्डा ने सोनिया गांधी से दस सवालों का जवाब देने की मांग की। उन्होंने कहा कि देश इन सवालों का जवाब कांग्रेस से चाहता है। जेपी नड्डा ने कहा कि 130 करोड़ देशवासी जानना चाहते हैं कि कांग्रेस ने सत्ता में रहते हुए क्या-क्या काम किया और किस तरह से आपने देश के साथ विश्वासघात किया है। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि पहला सवाल है कि चीन जैसे देश ने 2005 से लेकर 2009 के बीच हर साल राजीव गांधी फाउंडेशन को दान दिया।
लक्जमबर्ग जैसे टैक्स हैवन ने भी 2006 से 2009 के बीच हर साल दान किया। ऐसे एनजीओ और कंपनियों ने भी फाउंडेशन को दान दिए, जिनके गहरे हित थे। आखिर सोनिया गांधी की अध्यक्षता वाले राजीव गांधी फाउंडेशन ने चीन सरकार, दूतावास से क्यों पैसे लिए? क्या पैसों के लिए राष्ट्रीय हितों को कुर्बान करना शर्मनाक नहीं है?
भाजपा अध्यक्ष ने दूसरे सवाल यूपीए शासन में फ्री ट्रेड एग्रीमेट(एफटीए) को लेकर उठाया। उन्होंने कहा कि आज का आरसेप तब एफटीए के रूप में था। आखिर भारत को तब एफटीए का पार्ट बनने की क्या जरूरत थी। देश जानना चाहता है कि चीन के साथ भारत का व्यापार घाटा 1.1 बिलियन से बढ़कर 2013-14 में 36.2 बिलियन डॉलर कैसे हुआ।
भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि सोनिया गांधी को बताना चाहिए कि कांग्रेस और कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना के बीच कितने करीब के संबंध हैं। दोनों के बीच हस्ताक्षरित और अहस्ताक्षरित एमओयू क्या है? आरजीएफ ने इंटरनेशनल एसोसिएशन फॉर इंटरनेशनल फ्रैंडली कांटैक्ट के साथ काम किया। यह संगठन चीन के सेंट्रल मिल्रिटी कमीशन ऑफ चाइना से जुड़ा है। इसका उद्देश्य दूसरे देशों के नेताओं की आवाजों को दबाना है।
जेपी नड्डा ने चौथा सवाल पूछा कि देश यह जानना चाहेगा कि 2005-2008 के बीच पीएम राहत कोष से आरजीएफ के लिए पैसा क्यों निकाला गया?
उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि राजीव गांधी फाउंडेशन ने कई कारपोरेट से भारी पैसा लिया। बदले में सरकार ने कई ठेके दिए। यूपीए शासन में कई केंद्रीय मंत्रालयों के साथ सेल, गेल, एसबीआई आदि पर राजीव गांधी फाउंडेशन को पैसा देने के लिए दबाव बनाया गया। देश की जनता इसका कारण जानना चाहती है।
भाजपा अध्यक्ष ने प्रधानमंत्री राहत कोष के ऑडिटर के बारे में भी सोनिया गांधी से सवाल पूछा। उन्होंने कहा कि ऑडिटर ठाकुर वैद्यनाथन और अय्यन कंपनी थी। इसकी स्थापना रामेश्वर ठाकुर ने की थी, जो कि वित्त राज्य मंत्री थे। वह दो बार राज्यसभा के सांसद और चार राज्यों के गवर्नर थे। वह दशकों तक ऑडिटर रहे। इससे पता चलता है कि कैसे जनता के पैसे का दुरुपयोग होता है। आखिर इस व्यक्ति को क्यों ऑडिटर बनाया गया।
जेपी नड्डा ने राजीव गांधी फाउंडेशन को जवाहर भवन दिए जाने पर भी सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा, “मैं जानना चाहता हूं कि ऐसी कीमती जमीन, जिस पर जवाहर भवन बना है, आरजीएफ को सदा के लिए पट्टे पर कैसे दे दी गई।”
जेपी नड्डा ने नौवां सवाल पूछते हुए कहा, “राजीव गांधी फाउंडेशन न केवल घोटालों से पैसा लेता है बल्कि अपने संगठनों को भी देता है। राजीव गांधी फाउंडेशन ने परिवार द्वारा संचालित राजीव गांधी चैरिटेबल ट्रस्ट और क्रिश्चियन मिशनरी वल्र्ड विजन को पैसे क्यों दिए?
जेपी नड्डा ने दसवां सवाल मेहुल चौकसी को लेकर पूछा। उन्होंने कहा कि कुछ महीने पहले हमने मेहुल चौकसी पर खूब रोना-धोना सुना। कांग्रेस के राजकुमार ने पीएम के लिए सबसे अप्रिय भाषा का इस्तेमाल किया। अब पता चलता है कि मेहुल चौकसी ने भी आरजीएफ को पैसा दिया। सोनिया गांधी को बताना चाहिए मेहुल चौकसी से पैसा लेकर उन्हें लोन दिलाने में मदद करते हुए कैसे आरोप प्रधानमंत्री मोदी पर लगाया गया। आखिर मेहुल चौकसी का फाउंडेशन से क्या संबंध है।
मुंबई प्रेस एक्सक्लूसिव न्यूज
अश्लील कंटेंट पर सरकार की बड़ी कार्रवाई, कई OTT प्लेटफॉर्म्स भारत में किए गए बंद

नई दिल्ली, 25 जुलाई 2025: केंद्र सरकार ने ओटीटी (OTT) प्लेटफॉर्म्स पर प्रसारित हो रहे अश्लील और आपत्तिजनक कंटेंट के खिलाफ सख्त कदम उठाते हुए ALTBalaji, ULLU सहित कई अन्य डिजिटल स्ट्रीमिंग सेवाओं को भारत में ब्लॉक करने का निर्णय लिया है। यह कदम नागरिकों और सामाजिक संगठनों की शिकायतों के बाद उठाया गया है।
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने आंतरिक जांच के बाद पाया कि ये प्लेटफॉर्म्स बार-बार अश्लील, अशोभनीय और समाज की सांस्कृतिक मर्यादाओं के विरुद्ध कंटेंट प्रसारित कर रहे थे, जो विशेष रूप से पारिवारिक माहौल और बच्चों के लिए अनुपयुक्त है।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “यह रचनात्मक स्वतंत्रता पर हमला नहीं है, बल्कि डिजिटल कंटेंट को कानूनी और नैतिक दायरे में रखने का प्रयास है। हर प्लेटफॉर्म को तयशुदा दिशानिर्देशों का पालन करना होता है।”
सरकार ने पहले ही इन प्लेटफॉर्म्स को चेतावनी दी थी और कंटेंट को नियंत्रित करने के लिए आवश्यक कदम उठाने को कहा था। लेकिन कई वेब सीरीज और शोज़ में नग्नता, स्पष्ट यौन दृश्य और अश्लील संवादों को जारी रखा गया, जिसकी वजह से यह कार्रवाई की गई।
OTT प्लेटफॉर्म्स हाल के वर्षों में तेजी से लोकप्रिय हुए हैं, खासकर युवा दर्शकों के बीच, लेकिन पारंपरिक टीवी और फिल्मों की तरह इन पर नियमन पहले से कमजोर रहा है। सरकार ने पहले एक स्व-नियमन फ्रेमवर्क लागू किया था, मगर आलोचकों का मानना है कि उसका पालन सख्ती से नहीं हुआ।
इस फैसले के बाद डिजिटल मनोरंजन जगत में बहस छिड़ गई है — एक ओर रचनात्मक अभिव्यक्ति की आज़ादी की मांग उठ रही है, वहीं दूसरी ओर समाज में नैतिकता बनाए रखने की ज़रूरत पर जोर दिया जा रहा है।
फिलहाल, जिन प्लेटफॉर्म्स पर प्रतिबंध लगाया गया है वे भारत में एक्सेस नहीं किए जा सकते। मंत्रालय ने यह भी संकेत दिया है कि यदि अन्य ओटीटी प्लेटफॉर्म्स ने कंटेंट के नियमन को गंभीरता से नहीं लिया, तो आगे और कड़े कदम उठाए जा सकते हैं।
यह निर्णय भारत में डिजिटल कंटेंट के नियमन की दिशा में एक अहम मोड़ साबित हो सकता है।
अंतरराष्ट्रीय समाचार
थाईलैंड-कंबोडिया सीमा पर हमले जारी, दोनों पक्षों को भारी नुकसान

बैंकॉक, 25 जुलाई। थाईलैंड और कंबोडिया की सीमा पर हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है। सीमा के कई इलाकों में लगातार झड़पें जारी हैं। रिपोर्टों के अनुसार, कंबोडियाई सेना ने भारी हथियारों, फील्ड आर्टिलरी और बीएम-21 रॉकेट सिस्टम का इस्तेमाल करते हुए लगातार बमबारी की।
थाई सेना ने सामरिक स्थिति के अनुसार जवाबी कार्रवाई की और स्थानीय नागरिकों को झड़प वाले क्षेत्रों में न जाने की चेतावनी जारी की। नेशनल ब्रॉडकास्टिंग सर्विसेज ऑफ थाईलैंड ने सुरिन प्रांत के एक स्थानीय अधिकारी के हवाले से बताया कि शुक्रवार सुबह फिर से सीमा के पास तोपों की आवाजें सुनी गईं।
थाई स्वास्थ्य मंत्रालय के उप प्रवक्ता के अनुसार, गुरुवार रात 9 बजे तक थाईलैंड-कंबोडिया सीमा पर हुई सैन्य झड़पों में 14 थाई नागरिकों की मौत हो चुकी है, जबकि 46 अन्य घायल हुए हैं।
वहीं, कंबोडिया के ओडर मीनचे प्रांत के डिप्टी गवर्नर मेट मियास फेकदी ने शिन्हुआ को बताया कि गुरुवार को थाई गोलाबारी में एक कंबोडियाई नागरिक की मौत हो गई और 5 अन्य घायल हुए हैं।
उन्होंने कहा, “सीमा के पास रहने वाले 2,900 से अधिक परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। शुक्रवार सुबह तक भी लड़ाई जारी है।”
कंबोडियाई रक्षा मंत्रालय की अंडरसेक्रेटरी और प्रवक्ता लेफ्टिनेंट जनरल माली सोचेटा ने शुक्रवार सुबह एक प्रेस ब्रीफिंग में बताया कि थाई सेना ने ओडर मीनचे और प्रीआह विहेयर प्रांतों में कई स्थानों पर भारी हथियारों, एफ-16 लड़ाकू विमानों और क्लस्टर बमों का उपयोग किया।
इस संघर्ष ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय को भी चिंता में डाल दिया है। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने दोनों पक्षों से “अधिकतम संयम बरतने और बातचीत के माध्यम से समाधान निकालने” की अपील की है।
कंबोडिया के प्रधानमंत्री हुन मानेट ने संयुक्त राष्ट्र में आपातकालीन सत्र बुलाया, जो शुक्रवार को न्यूयॉर्क में बंद दरवाजों के पीछे आयोजित हुआ।
थाईलैंड ने कंबोडिया से लगती सभी भूमि सीमाओं को सील कर दिया है और अपने नागरिकों को कंबोडिया छोड़ने की सलाह दी है। थाईलैंड की सभी सात एयरलाइनों ने थाई नागरिकों की वापसी में मदद करने की पेशकश की है।
इस संघर्ष का असर थाईलैंड की आंतरिक राजनीति पर भी पड़ रहा है। प्रधानमंत्री पेटोंगटर्न शिनावात्रा को 1 जुलाई को नैतिकता जांच के चलते निलंबित कर दिया गया था। अब कार्यवाहक प्रधानमंत्री फुमथाम वेचायाचाई हालात की कमान संभाल रहे हैं। फुमथाम ने कंबोडिया को आक्रामकता से बाज आने की चेतावनी दी है।
महाराष्ट्र
मुंबई पुलिस ने 1 करोड़ रुपये से ज़्यादा की, चोरी का सामान बरामद किया

मुंबई: मुंबई पुलिस ने चोरी का सामान, मोबाइल फ़ोन और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण लौटाकर नागरिकों के चेहरों पर मुस्कान ला दी है। पुलिस ने मोबाइल फ़ोन जैसे चोरी हुए सामान लौटाए हैं जो नागरिक भूल गए थे। इसमें पुलिस ने 1 करोड़ रुपये से ज़्यादा की चीज़ें लौटाई हैं। मुंबई पुलिस के ज़ोन 8 ने शिकायतकर्ताओं और नागरिकों को 1 करोड़ रुपये से ज़्यादा की चीज़ें लौटाई हैं। इनमें चोरी हुए मोबाइल फ़ोन भी शामिल हैं। खेरवाड़ी, बीकेसी, विले पार्ले, सहार, एयरपोर्ट समेत सात पुलिस थानों के अलावा, चोरी का सामान, सोने के आभूषण, मोबाइल फ़ोन, वाहन, लैपटॉप और इलेक्ट्रॉनिक गैजेट लौटाए गए हैं। इन चीज़ों की कुल कीमत 1.45 करोड़ रुपये बताई जा रही है। ये सभी चीज़ें उनके मालिकों को लौटा दी गईं, जिससे उनके चेहरों पर मुस्कान आ गई।
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