राजनीति
केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट से कहा, प्रवासी कामगारों से ट्रेन का किराया नहीं लिया जा रहा

सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया है कि ट्रेन यात्रा के लिए प्रवासी मजदूरों से कोई किराया नहीं लिया जा रहा है और इसे मजदूरों को भेजने वाले और प्राप्त करने वाले राज्यों के बीच व्यवस्था के जरिए वहन किया जाता है। केंद्र ने शीर्ष अदालत को बताया कि रेल मंत्रालय ने स्पष्ट कर दिया है कि श्रमिक विशेष ट्रेनों की कोई भी मांग 24 घंटे के भीतर पूरी की जाएगी। मेहता ने कहा, “भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण की मदद से केंद्र सरकार उन प्रवासी श्रमिकों को नजदीकी रेलवे स्टेशन तक पहुंचा रही है, जिन्हें सड़कों पर पैदल चलते पाया जा रहा है।”
केंद्र ने शीर्ष अदालत को सूचित किया कि रेल मंत्रालय ने 29 मई और तीन जून को सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को पत्र लिख कर फंसे हुए श्रमिकों को उनके घर पहुंचाने के लिए श्रमिक ट्रेन की पेशकश की थी। उपरोक्त पत्र के जवाब में, 3 जून से 16 जून तक ट्रेनों के लिए अलग-अलग राज्यों से अनुरोध प्राप्त हुए है।
मेहता ने शीर्ष अदालत को सूचित किया कि कई राज्यों ने किसी भी ट्रेन की कोई मांग नहीं की है।
न्यायमूर्ति अशोक भूषण, न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति एमआर शाह की पीठ ने अपने फैसले में कहा, “सभी राज्य/केंद्र शासित प्रदेश अपने यहां फंसे हुए प्रवासी कामगारों की पहचान करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएंगे। जो लोग अपने मूल स्थानों पर लौटने के इच्छुक हैं, उनके लिए ट्रेन / बस द्वारा उनकी वापसी यात्रा के लिए कदम उठाएं जो आज से 15 दिनों की अवधि के भीतर पूरी हो जाए।”
शीर्ष अदालत ने यह भी कहा कि किसी भी अतिरिक्त मांग की स्थिति में, 171 श्रमिक ट्रेनों की मांग के अलावा, प्रवासी यात्रियों की वापसी यात्रा को सुविधाजनक बनाने के लिए रेलवे 24 घंटे की अवधि के भीतर ट्रेनें प्रदान करेगा। शीर्ष अदालत ने यह फैसला कोरोनावायरस के प्रकोप को रोकने के लिए किए गए लॉकडाउन के कारण फंसे हुए प्रवासी श्रमिकों की दुर्दशा का संज्ञान लेकर लिया था।
राष्ट्रीय समाचार
उत्तराखंड में बादल फटने और भूस्खलन के बाद केरल और महाराष्ट्र के 28 पर्यटकों के लापता होने की आशंका

कोच्चि: उत्तराखंड में बादल फटने से हुए भूस्खलन के बाद केरल के मूल निवासी 28 सदस्यीय पर्यटकों का एक समूह लापता हो गया है। परिवार के सदस्यों ने बुधवार को यह जानकारी दी।
समूह में शामिल एक जोड़े के रिश्तेदार ने मीडिया को बताया कि 28 व्यक्तियों में से 20 केरल के हैं और महाराष्ट्र में बस गए हैं, जबकि शेष आठ केरल के विभिन्न जिलों से हैं।
उन्होंने बताया कि दम्पति के बेटे ने उनसे आखिरी बार एक दिन पहले बात की थी।
उन्होंने कहा, “उन्होंने बताया कि वे उस दिन सुबह लगभग 8.30 बजे उत्तरकाशी से गंगोत्री जा रहे थे। भूस्खलन उसी रास्ते पर हुआ। उनके जाने के बाद से हम उनसे संपर्क नहीं कर पाए हैं।”
उन्होंने बताया कि हरिद्वार स्थित ट्रैवल एजेंसी, जिसने 10 दिवसीय उत्तराखंड दौरे की व्यवस्था की थी, भी समूह के बारे में कोई जानकारी देने में असमर्थ रही।
उन्होंने कहा, “हो सकता है कि अब तक उनके फोन की बैटरी खत्म हो गई हो। उस क्षेत्र में फिलहाल कोई मोबाइल नेटवर्क नहीं है।”
उत्तराखंड के पारिस्थितिकी रूप से संवेदनशील क्षेत्र धराली में मंगलवार दोपहर बादल फटने के बाद आई आपदा में कम से कम चार लोगों की मौत की पुष्टि हो गई है।
अधिकारियों ने बताया कि धराली का लगभग आधा हिस्सा कीचड़, मलबे और पानी के विशाल भूस्खलन में दब गया है। यह गाँव गंगा के उद्गम स्थल गंगोत्री जाने वाले मार्ग का एक प्रमुख पड़ाव है और यहाँ कई होटल और होमस्टे हैं।
महाराष्ट्र
दादर कबूतरखाने पर विरोध प्रदर्शन के बाद मंगल प्रभात लोढ़ा ने की शांति की अपील

मुंबई: दादर कबूतरखाने पर हुए विरोध प्रदर्शन के बाद महाराष्ट्र के मंत्री मंगल प्रभात लोढ़ा ने जैन समुदाय से शांति और व्यवस्था बनाए रखने की अपील की है। उन्होंने कहा कि सरकार ने कबूतरखाने के संबंध में निर्णय लिया था और कल मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस संबंध में एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया था, लेकिन इसके बावजूद यह विरोध प्रदर्शन खेदजनक है। उन्होंने कहा कि सरकार ने कबूतरखाने के संबंध में एक बैठक में निर्णय लिया था। इससे होने वाली बीमारी पर भी चर्चा हुई थी और मुख्यमंत्री ने इसके समाधान के लिए एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया था। कबूतरों को दाना खिलाने संबंधी सावधानियों और शर्तों पर भी विचार किया गया था और मुख्यमंत्री ने इस संबंध में कोई भी कार्रवाई न करने का आदेश भी दिया था, लेकिन इसके बावजूद आज अचानक हुआ यह विरोध प्रदर्शन उचित नहीं था। मंगल प्रभात लोढ़ा ने जैन समुदाय से इस संबंध में शांति और व्यवस्था बनाए रखने की अपील की है। पुलिस ने बताया कि विरोध प्रदर्शन के बाद स्थिति शांतिपूर्ण है, लेकिन तनाव बना हुआ है। पुलिस ने अब इस मामले में कानूनी कार्रवाई के साथ-साथ प्राथमिकी दर्ज करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
राष्ट्रीय समाचार
इंडिया पोस्ट ने एडवांस्ड पोस्टल टेक को किया शुरू, रियल-टाइम ट्रेकिंग से लेकर लेनदेन हुआ तेज

नई दिल्ली, 6 अगस्त। इंडिया पोस्ट ने राष्ट्रीय स्तर पर एडवांस्ड पोस्टल टेक्नोलॉजी (एपीटी) सिस्टम को लॉन्च कर दिया है। इससे रियल-टाइम ट्रेकिंग से लेकर लेनदेन की रफ्तार में इजाफा हुआ है। यह जानकारी संचार मंत्रालय द्वारा बुधवार को दी गई।
एपीटी को आईटी 2.0 के तहत किए जा रहे इंडिया पोस्ट के डिजिटल बदलाव के हिस्से के रूप में लॉन्च किया गया है।
मंत्रालय ने कहा कि एपीटी सिस्टम से लेनदेन की रफ्तार, डिजिटल पेमेंट एकीकरण, रियल-टाइम ट्रेकिंग और ग्राहक अनुभव में सुधार देखा गया है।
आगे कहा कि पुराने से नए सिस्टम की तरफ यह परिवर्तन, अधिक तीव्र, स्मार्ट और अधिक ग्राहक-केंद्रित डाक सेवाएं प्रदान करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
सरकार ने बताया कि शहरी, ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्र में 1.64 लाख से ज्यादा डाक घरों के विशाल नेटवर्क के कारण इस एपीटी सिस्टम के रोलआउट के पहले दिन 4 अगस्त को कुछ धीमापन महसूस किया गया, लेकिन टेक्निकल टीम ने इसका समाधान निकाल लिया और अगले दिन इसे सुधार लिया गया।
मंत्रालय के अनुसार, 5 अगस्त को पूरे भारत में इस नए एप्लिकेशन के माध्यम से 20 लाख से ज्यादा वस्तुओं की बुकिंग की गई और 25 लाख से ज्यादा वस्तुओं की डिलीवरी की गई।
भारतीय डाक विभाग ने कहा, “भारतीय डाक निर्बाध सार्वजनिक सेवा सुनिश्चित करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। विभाग कार्य-निष्पादन पर कड़ी नजर रख रहा है और सुचारू एवं कुशल बदलाव सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक उपाय कर रहा है।”
इससे पहले, यह घोषणा की गई थी कि डाक विभाग डिजिटल परिवर्तन और बेहतर ग्राहक सेवा की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए पूरी दिल्ली में अपना अगली पीढ़ी का एपीटी एप्लिकेशन शुरू करेगा।
वहीं, मंत्रालय ने पिछले सप्ताह कहा था, “4 अगस्त को, राजधानी भर के 353 डाकघर और 61 शाखा डाकघर इस अपडेटेड डिजिटल प्लेटफॉर्म को लॉन्च करेंगे।”
इसके लिए, विभाग ने सुरक्षित और निर्बाध बदलाव सुनिश्चित करने हेतु शनिवार, 2 अगस्त को सेवा बंद रखने की योजना बनाई थी।
डाकघर सिस्टम आवश्यक डेटा माइग्रेशन, सत्यापन और कॉन्फिगरेशन प्रक्रियाओं से गुजर रहा था, इसलिए उस दिन 414 प्रभावित स्थानों पर कोई सार्वजनिक लेनदेन नहीं हुआ।
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