व्यापार
भारत में 2024 में 59 अल्ट्रा-लग्जरी घर बिके, 100 करोड़ रुपये से अधिक की 17 डील हुई
मुंबई, 9 जनवरी। भारत में पिछले साल 40 करोड़ रुपये से अधिक के 59 घरों की बिक्री हुई है। इनकी कुल वैल्यू 4,754 करोड़ रुपये थी। यह आंकड़ा 2023 के मुकाबले 17 प्रतिशत अधिक है। यह जानकारी गुरुवार को जारी हुई एक रिपोर्ट में दी गई।
एनारॉक ग्रुप की रिपोर्ट के मुताबिक, 2024 में कुल 59 अल्ट्रा-लग्जरी घर बिके हैं। इसमें से 17 घरों की कीमत 100 करोड़ रुपये से अधिक थी। बेचे गए इन 17 घरों का कुल मूल्य 2,344 करोड़ रुपये था।
2023 में 58 अल्ट्रा-लक्जरी घर बेचे गए, जिनका कुल बिक्री मूल्य लगभग 4,063 करोड़ रुपये था।
2024 में बेचे गए कुल 59 अल्ट्रा-लग्जरी घरों में से 53 अपार्टमेंट थे और सिर्फ छह सौदे बंगलों के थे। 2024 में कम से कम 17 सौदे 100 करोड़ रुपये से ज्यादा के थे, जिसमें से 16 मुंबई में और एक दिल्ली-एनसीआर (गुरुग्राम) में था।
मुंबई में 52 अल्ट्रा-लग्जरी रेजिडेंशियल डील हुई हैं, जो कुल सौदों का 88 प्रतिशत हिस्सा था।
दिल्ली-एनसीआर में तीन अल्ट्रा-लग्जरी डील हुई हैं, जिसमें से दो गुरुग्राम और एक दिल्ली में थी। हैदराबाद और बेंगलुरु प्रत्येक में दो-दो डील हुई है। ये सभी डील 40 करोड़ रुपये से अधिक की थी।
एनारॉक ग्रुप के चेयरमैन अनुज पुरी ने कहा कि इस साल देश के शीर्ष शहरों में अल्ट्रा-लग्जरी घरों की मांग में इजाफा देखने को मिला और इस कारण डील और वैल्यू में इजाफा देखने को मिला।
उन्होंने आगे कहा कि महामारी के बाद देश में लग्जरी और अल्ट्रा-लग्जरी घरों की मांग में बढ़त हुई है। एचएनआई और अल्ट्रा-एचएनआई निवेश और निजी उपयोग दोनों के लिए अल्ट्रा-लग्जरी घरों को खरीद रहे हैँ।
रिपोर्ट में बताया गया कि इनपुट लागत में वृद्धि और मजबूत मांग के कारण घर की कीमतें देश भर में बढ़ रही हैं। 2023 की तुलना में 2024 में लेन-देन की संख्या में केवल एक इकाई की वृद्धि हुई थी, उसी अवधि के दौरान मूल्य में 17 प्रतिशत वार्षिक वृद्धि हुई थी। अपार्टमेंट स्पष्ट रूप से अल्ट्रा-एचएनआई के लिए पसंदीदा संपत्ति का प्रकार बने रहे।
पुरी ने कहा, “कुछ सबसे प्रमुख ग्रेड ए डेवलपर्स बढ़ती मांग को देखते हुए अल्ट्रा-लग्जरी इन्वेंट्री बढ़ा रहे हैं।”
अंतरराष्ट्रीय
2024 में चीन के तीन प्रमुख नागरिक विमानन संकेतकों में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई
बीजिंग, 9 जनवरी। 2024 में, नागरिक उड्डयन उद्योग ने 1 खरब 48 अरब 52 करोड़ टन-किलोमीटर का कुल परिवहन कारोबार, 73 करोड़ यात्राएं और 89 लाख 82 हजार टन कार्गो और मेल परिवहन पूरा किया, जो वर्ष 2023 से क्रमशः 25%, 17.9% और 22.1% की वृद्धि रही है और वर्ष 2019 से क्रमशः 14.8%, 10.6% और 19.3% की वृद्धि रही।
गुरुवार को उद्घाटित 2025 राष्ट्रीय नागरिक विमानन कार्य सम्मेलन से यह खबर मिली। चीन के नागरिक उड्डयन प्रशासन के निदेशक सोंग ज्यीयोंग ने सम्मेलन में परिचय देते हुए कहा कि 2024 तक, अंतर्राष्ट्रीय यात्री उड़ानें प्रति सप्ताह 6,400 उड़ानों तक बढ़ गईं, जो महामारी-पूर्व स्तर के 84% तक पहुंच गई और अंतर्राष्ट्रीय कार्गो और मेल परिवहन की मात्रा में 29.3% की वृद्धि रही।
सोंग ज्यीयोंग ने कहा कि इस वर्ष कुल परिवहन कारोबार 1 खरब 61 अरब टन किलोमीटर तक पहुंचने की उम्मीद है, यात्री परिवहन मात्रा 78 करोड़ तक पहुंच जाएगी और कार्गो और मेल परिवहन मात्रा 95 लाख टन तक पहुंच जाएगी। नागरिक विमानन विभाग सक्रिय रूप से बाजार का विस्तार करेगा और परिचालन गुणवत्ता में सुधार करेगा।
व्यापार
इक्विटी म्यूचुअल फंड इनफ्लो दिसंबर में 14 प्रतिशत बढ़कर 41,156 करोड़ रुपये रहा
नई दिल्ली, 9 जनवरी। भारत में इक्विटी म्यूचुअल फंड इनफ्लो दिसंबर में 14 प्रतिशत बढ़कर 41,155.9 करोड़ रुपये हो गया है। यह जानकारी एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड ऑफ इंडिया (एम्फी) द्वारा गुरुवार को जारी डेटा से मिली।
इक्विटी म्यूचुअल फंड इनफ्लो में वृद्धि थीमेटिक/सेक्टोरल और स्मॉल-कैप फंडों में अधिक निवेश के कारण हुई है।
दिसंबर में स्मॉल-कैप फंडों में 4,667.7 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश हुआ, जबकि पिछले महीने यह आंकड़ा 4,111.8 करोड़ रुपये था।
एएमएफआई के आंकड़ों के अनुसार, मिड-कैप कैटेगरी में दिसंबर में 5,093.2 करोड़ रुपये का निवेश हुआ, जबकि पिछले महीने यह 4,883.4 करोड़ रुपये था।
दिसंबर में सेक्टोरल और थीमैटिक कैटेगरी में 15,331.5 करोड़ रुपये का निवेश हुआ है।
इस अतिरिक्त फ्लेक्सी-कैप फंडों में 4,730.7 करोड़ रुपये का निवेश हुआ। वहीं, मल्टी-कैप फंडों में 5,084.1 करोड़ रुपये का निवेश हुआ।
पिछले महीने नए फंड ऑफर (एनएफओ) में 13,643 करोड़ रुपये का निवेश आया था। पैसिव फंड कैटेगरी में सबसे ज्यादा नए एनएफओ लॉन्च हुए थे।
इसके अलावा दिसंबर में म्यूचुअल फंड्स फोलियो की संख्या बढ़कर करीब 22.50 करोड़ हो गई है, जो कि नवंबर में 22.02 करोड़ थी।
भारतीय म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री का एसेट्स अंडर मैनेजमेंट (एयूएम) में पिछले दशक में मजबूत वृद्धि देखी गई है। यह नवंबर 2014 के स्तर 10.9 लाख करोड़ रुपये से 524 प्रतिशत बढ़कर नवंबर 2024 में 68.08 लाख करोड़ रुपये हो गया है।
बीते चार वर्षों में म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री का एयूएम 37 लाख करोड़ रुपये बढ़ा है। 2023 में एयूएम 11 लाख करोड़ रुपये, 2022 में 2.65 लाख करोड़ रुपये और 2021 में 7 लाख करोड़ रुपये बढ़ा था।
एम्फी के आंकड़ों के मुताबिक, 2024 (नवंबर तक) में करीब 174 ओपन एंडेड स्कीम आई थी। वहीं, 2024 में हाइब्रिड म्यूचुअल फंड में 19.42 लाख फोलियो जोड़े गए। वहीं, सॉल्यूशन ओरिएंटेड म्यूचुअल फंड में 1.87 लाख फोलियो जुड़े थे।
व्यापार
फ्यूचर टेक्नोलॉजी अपनाने में भारतीय कंपनियां सबसे आगे : डब्ल्यूईएफ
नई दिल्ली, 9 जनवरी। विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) द्वारा प्रकाशित ‘फ्यूचर ऑफ जॉब्स रिपोर्ट 2025’ के अनुसार, भारतीय नियोक्ता प्रमुख तकनीकों को अपनाने में काफी आगे हैं। वो इस क्षेत्र में वैश्विक प्रतिद्वंद्वियों को पीछे छोड़ने की तैयारी में है।
35 प्रतिशत नियोक्ता सेमीकंडक्टर और कंप्यूटिंग तकनीकों को अपनाने की उम्मीद कर रहे हैं, जबकि 21 प्रतिशत नियोक्ता क्वांटम और एन्क्रिप्शन से परिचालन में बदलाव की उम्मीद कर रहे हैं।
20-25 जनवरी को दावोस में होने वाली डब्ल्यूईएफ की वार्षिक बैठक से पहले जारी की गई रिपोर्ट में कहा गया कि वैश्विक स्तर पर 20 प्रतिशत की तुलना में भारत में 35 प्रतिशत नियोक्ता सोचते हैं कि सेमीकंडक्टर और कंप्यूटिंग तकनीकों को अपनाने से उनके परिचालन में बदलाव आएगा। वहीं, वैश्विक स्तर पर 12 प्रतिशत की तुलना में 21 प्रतिशत भारतीय नियोक्ता सोचते हैं क्वांटम और एन्क्रिप्शन तकनीकों को अपनाने से उनके परिचालन में भी बदलाव आएगा।
रिपोर्ट में कहा गया है, “भारत के तेजी से बढ़ते जॉब रोल्स में, बिग डेटा स्पेशलिस्ट, एआई-मशीन लर्निंग स्पेशलिस्ट और सिक्योरिटी मैनेजमेंट स्पेशलिस्ट शामिल हैं। जो कि ग्लोबल ट्रेंड से जुड़ा है।”
भारत में काम करने वाली 67 प्रतिशत कंपनियों से यह भी अपेक्षा की जाती है कि वे डायवर्स टैलेंट पूल का इस्तेमाल करें और डिग्री आवश्यकताओं को हटाकर स्किल-बेस्ड हायरिंग (कौशल आधारित नौकरी पर रखने) को अपनाएं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि एआई कौशल की मांग को लेकर विश्व स्तर पर तेजी आई है, जिसमें भारत और अमेरिका सबसे आगे हैं।
अमेरिका में, मांग मुख्य रूप से व्यक्तिगत उपयोगकर्ताओं द्वारा संचालित होती है, जबकि भारत में, कॉर्पोरेट स्पॉन्सरशिप जेनएआई ट्रेनिंग को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि डिजिटल एक्सेस में वृद्धि, भू-राजनीतिक तनाव और क्लाइमेट मिटिगेशन प्रयास प्राथमिक ट्रेंड होंगे जो 2030 तक भविष्य की नौकरियों को आकार देंगे।
यह रिपोर्ट 1,000 से अधिक कंपनियों के दृष्टिकोणों को एक साथ लाती है, जो सामूहिक रूप से वैश्विक स्तर पर 14 मिलियन से अधिक श्रमिकों को रोजगार देती हैं।
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