व्यापार
तीसरी तिमाही में यस बैंक के शुद्ध लाभ में 4 गुना उछाल
यस बैंक ने शनिवार को चालू वित्त वर्ष की अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में शुद्ध लाभ में 4 गुना से अधिक की बढ़ोतरी के साथ 231.6 करोड़ रुपये की वृद्धि दर्ज की।
पिछले साल की समान तिमाही में बैंक ने 51.5 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ कमाया था।
शुद्ध ब्याज आय (एनआईआई), जो ऋण पर प्राप्त ब्याज और जमा पर भुगतान के बीच का अंतर है, साल-दर-साल 2.3 प्रतिशत बढ़ी।
तिमाही के दौरान बैंक का परिचालन लाभ 5.4 प्रतिशत बढ़कर 864 करोड़ रुपये हो गया।
बैंक का कुल एनपीए 2 प्रतिशत पर रहा, जिसमें पिछले वर्ष की तुलना में कोई बदलाव नहीं हुआ, जबकि शुद्ध एनपीए में मामूली सुधार हुआ, जो पिछले वर्ष की समान अवधि में 1 प्रतिशत से घटकर 0.9 प्रतिशत हो गया।
व्यापार
वित्त वर्ष 26 का दूसरी तिमाही का अर्निंग सीजन उम्मीद से बेहतर, मिड कैप का अच्छा रहा प्रदर्शन

मुंबई, 6 नवंबर : भारतीय कंपनियों का वित्त वर्ष 26 का दूसरी तिमाही का अर्निंग सीजन उम्मीद से बेहतर रहा। इंडस्ट्री डेटा के अनुसार, अधिकतर मिड कैप कंपनियों का प्रदर्शन बेहतरीन रहा। हालांकि, स्मॉलकैप सेगमेंट में कुछ कमजोरी भी दर्ज की गई।
ब्रोकरेज मोतिलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज की रिपोर्ट में दी जानकारी अनुसार, जिन कंपनियों द्वारा अभी तक तिमाही नतीजे जारी किए जा चुके हैं, उनके प्रदर्शन को लेकर अब तक सालाना आधार पर 14 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है, जो कि उम्मीद के अनुसार रहे।
लार्ज कैप की अर्निंग में 13 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। वहीं, मिड कैप सेगमेंट ने बेहतर प्रदर्शन करते हुए 26 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज करवाई है, जिसे टेक्नोलॉजी, सीमेंट, मेटल, पीएसयू बैंक, रियल एस्टेट और नॉन-लीडिंग एनबीएफसी का समर्थन मिला।
डेटा के अनुसार, स्मॉलकैप सेगमेंट के प्रदर्शन में 3 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई। प्राइवेट बैंक, नॉन-लीडिंग एनबीएफसी, टेक्नोलॉजी, रिटेल और मीडिया की वजह से सेगमेंट का परफॉर्मेंस प्रभावित रहा। 69 प्रतिशत स्मॉल कैप कंपनियों का प्रदर्शन बेहतर रहा। वहीं, दूसरी ओर लार्जकैप में 84 प्रतिशत कंपनियों और मिडकैप में 77 प्रतिशत कंपनियों का प्रदर्शन उम्मीद के अनुसार रहा।
सेक्टोरल परफॉर्मेंस की बात करें तो ऑयल और गैस सेक्टर में सबसे तेज बढ़त दर्ज की गई। सरकारी फ्यूल रिटेलर्स ने अपने मुनाफे में लगभग नौ गुना बढ़ोतरी दर्ज की, जिसके कारण सेक्टर में 79 प्रतिशत की मजबूत वृद्धि दर्ज की गई। सीमेंट में 17 प्रतिशत और कैपिटल गुड्म में 17 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई। इसके अलावा, टेक्नोलॉजी में 8 प्रतिशत और मेटल्स में 7 प्रतिशत की वृद्धि रही। सभी ने मिलकर कुल प्रॉफिट ग्रोथ में 86 प्रतिशत का योगदान दर्ज करवाया।
रिपोर्ट में कहा गया है कि अभी तक निफ्टी की 27 कंपनियों ने अपनी तिमाही नतीजों की घोषणा की है, जिनमें से एचडीएफसी बैंक, टीसीएस, जेएसडब्ल्यू स्टील और इंफोसिस आदि की वजह से अर्निंग में बीते वर्ष के मुकाबले 5 प्रतिशत की बढ़त दर्ज की गई। इसके अलावा, कुल 7 निफ्टी कंपनियों के नतीजे उम्मीद से कम रहे, पांच कंपनियों के नतीजे उम्मीद से बेहतर और पंद्रह कंपनियों के नतीजे उम्मीद जितने रहे।
राष्ट्रीय
भारत में अक्टूबर में कारोबारी गतिविधियां बढ़ीं, सर्विसेज पीएमआई 58.9 रहा

नई दिल्ली, 6 नवंबर : एएंडपी ग्लोबल डेटा द्वारा गुरुवार को जारी डेटा के अनुसार, एचएसबीसी इंडिया सर्विसेज परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स इस वर्ष अक्टूबर में 58.9 दर्ज किया गया, जो दर्शाता है कि भारत के सर्विस सेक्टर की ग्रोथ कुल मिलाकर मजबूत बनी हुई है।
एचएसबीसी इंडिया सर्विसेज पीएमआई बिजनेस एक्टिविटी इंडेक्स 50 मार्क के साथ-साथ अपने लंबे समय के औसत 54.3 से काफी ऊपर रहा।
डेटा से जानकारी मिलती है कि मजबूत मांग और हालिया जीएसटी रेट कटौती से गतिविधियों को समर्थन मिलता रहा, लेकिन प्रतिस्पर्धा और भारी बारिश की वजह से विकास की गति सीमित हो गई।
एचएसबीसी की चीफ इंडिया इकोनॉमिस्ट प्रांजुल भंडारी ने कहा, प्रतिस्पर्धा का दबाव और भारी बारिश के कारण सर्विस सेक्टर की गति कुछ धीमी रही। हालांकि, बावजूद इसके सर्विसेज पीएमआई अभी भी 50 के अपने न्यूट्रल लेवल से ऊपर बना हुआ है। यह अपने लॉन्ग-रन एवरेज से काफी ऊपर रहा है।”
रिपोर्ट में कहा गया है कि बीते महीने अक्टूबर में नए बिजनेस में तेजी से बढ़ोतरी हुई। हालांकि, बाढ़ और बढ़ती प्रतिस्पर्धा की वजह से मांग प्रभावित हुई। इसके अलावा, अंतरराष्ट्रीय व्यापार भी बढ़ते रहे, लेकिन इस वर्ष मार्च के बाद यह सबसे धीमी दर रही, जो भारतीय सर्विसेज के लिए मजबूत लेकिन कम होती विदेशी मांग की ओर इशारा करता है।”
धीमी गति के बावजूद सर्विस प्रोवाइडर्स भविष्य के लिए बिजनेस एक्टिविटी को लेकर आशावादी बने हुए हैं।
इस बीच, मजबूत मांग और जीएसटी रेट में कटौती की वजह से अक्टूबर में मैन्युफैक्चरिंग एक्टिविटी बढ़कर 59.2 हो गई।
अक्टूबर में एचएसबीसी इंडिया मैन्युफैक्चरिंग परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स सितंबर के 57.7 से अधिर रहा, जो सेक्टर में तेजी से हुए होते सुधार को दर्शाता है। अक्टूबर का 59.2 अगस्त में रिकॉर्ड किए गए 59.3 से थोड़ा ही कम था।
प्रांजुल भंडारी ने अक्टूबर में मैन्युफैक्चरिंग एक्टिविटी बढ़ने को लेकर कहा कि बीते महीने मजबूत मांग ने आउटपुट को बढ़ावा दिया। इससे नौकरियों के अवसर पैदा हुए और कंपनियों को नए ऑर्डर मिले।
व्यापार
छुट्टी के बाद हरे निशान में खुला भारतीय शेयर बाजार, निफ्टी 25,600 स्तर से ऊपर

मुंबई, 6 नवंबर: भारतीय शेयर बाजार गुरु नानक जयंती के अवसर पर बुधवार को बंद रहने के बाद गुरुवार के कारोबारी दिन हरे निशान में खुला। शुरुआती कारोबार में निफ्टी ऑटो, आईटी, पीएसयू बैंक और फार्मा सेक्टर्स में खरीदारी देखी जा रही थी।
सुबह करीब 9 बजकर 26 मिनट पर सेंसेक्स 225.53 अंक या 0.27 प्रतिशत की बढ़त के साथ 83,684.68 पर कारोबार कर रहा था। वहीं, निफ्टी 32.65 अंक या 0.13 प्रतिशत की तेजी के साथ 25,630.30 स्तर पर बना हुआ था।
शुरुआती कारोबार में बेंचमार्क सूचकांकों से अलग निफ्टी बैंक, निफ्टी मिडकैप 100 और स्मॉलकैप 100 इंडेक्स गिरावट में कारोबार कर रहे थे।
निफ्टी बैंक 30.85 अंक या 0.05 प्रतिशत की गिरावट के साथ 57,796.20 स्तर पर बना हुआ था। वहीं, निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 79.40 अंक या 0.13 प्रतिशत की गिरावट के बाद 59,957.80 स्तर पर कारोबार कर रहा था। दूसरी ओर, निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 35.05 अंक या 0.19 प्रतिशत की गिरावट के साथ 18,325.85 स्तर पर था।
मार्केट एक्सपर्ट्स ने कहा कि कल की छुट्टी की वजह से भारतीय शेयर बाजार ग्लोबल मार्केट में हल्के उतार-चढ़ाव से प्रभावित होने से बच गया। आज हालात अलग हैं, मार्केट में स्थिरता लौट आई है। आने वाले दिनों में मार्केट का फोकस यूएस सुप्रीम कोर्ट में होने वाले डेवलपमेंट्स पर रहेगा, जो ट्रंप टैरिफ के खिलाफ याचिका पर सुनवाई कर रहा है।
उन्होंने आगे कहा, “कुछ जज का मानना है कि अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने अपनी अथॉरिटी का गलत इस्तेमाल किया है। यह एक महत्वपूर्ण डेवलपमेंट है। अगर फैसला इसी डेवलपमेंट को देखते हुए आता है तो बाजार में वोलैटिलिटी के आसार बढ़ जाएंगे। खास कर भारतीय शेयर बाजार में तेजी आएगी।”
इस बीच सेंसेक्स पैक में एशियन पेंट्स, एमएंडएम, एलएंडटी, इंफोसिस, अदाणी पोर्ट्स, एक्सिस बैंक, टीसीएस, आईटीसी और सनफार्मा टॉप गेनर्स थे। वहीं, पावरग्रिड, इटरनल, बजाज फाइनेंस और एचडीएफसी बैंक टॉप लूजर्स थे।
एशियाई बाजारों में बैंकॉक, जकार्ता, हांग कांग, चीन, जापान और सोल सभी हरे निशान में कारोबार कर रहे थे।
अमेरिकी बाजारों में आखिरी कारोबारी दिन डाउ जोंस 0.48 प्रतिशत या 225.76 अंक की बढ़त के बाद 47,311 पर बंद हुआ। वहीं, एसएंडपी 500 इंडेक्स 0.37 प्रतिशत या 24.74 अंक की तेजी के बाद 6,796.29 स्तर और नैस्डेक 0.65 प्रतिशत या 151.16 अंक की तेजी के बाद 23,499.80 पर बंद हुआ।
विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) 4 नवंबर को शुद्ध विक्रेता रहे और उन्होंने 1,067.01करोड़ रुपए के भारतीय शेयर बेचे। दूसरी ओर, घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) इसी कारोबारी दिन शुद्ध खरीदार रहे और उन्होंने 1,202.90 करोड़ रुपए के शेयरों की खरीदारी की।
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