राष्ट्रीय समाचार
पिथौरागढ़ में सड़क हादसे में 4 की मौत।

उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में एक तेज रफ्तार वाहन अनियंत्रित होकर खाई में जा गिरा, जिसमें 4 लोगों की मौत हो गई और चार अन्य घायल हो गए।
घायलों को उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती करवा दिया गया है, जहां उनका उपचार हो रहा है।
घटना के बाद पुलिस मौके पर पहुंची और घायलोंं को इलाज के लिए अस्पताल भेजा। घटना की सूचना मिलने के बाद एएसआई सुंदर सिंह मौके पर पहुंचे और पूरी वस्तुस्थिति का जायजा लिया।
एसडीआरएफ की टीम भी मौके पर पहुंची। चार लोगों के शव को खाई से निकालकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया है।
पुलिस के मुताबिक, ये सभी लोग किसी शादी समारोह में शामिल होने जा रहे थे, लेकिन रास्ते में ये लोग दुर्भाग्यपूर्ण दुर्घटना का शिकार हो गए। फिलहाल, पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है।
राजनीति
महिला कांग्रेस सांसदों ने मराठी टिप्पणी पर भाजपा के निशिकांत दुबे का घेराव किया

मुंबई: महाराष्ट्र से तीन लोकसभा सदस्यों – प्रो. वर्षा गायकवाड़, शोभा बच्छव और प्रतिभा धनोरकर – ने बुधवार को संसद भवन में भाजपा सांसद निशिकांत दुबे को घेर लिया और उनसे महाराष्ट्र और मराठी लोगों पर की गई टिप्पणियों को लेकर सवाल किए। हाल ही में मराठी विवाद के दौरान दुबे ने महाराष्ट्र के नेताओं पर निशाना साधते हुए टिप्पणियां की थीं।
शहर कांग्रेस प्रमुख और मुंबई उत्तर मध्य से सांसद वर्षा गायकवाड़ ने कहा, “हमने दुबे से पूछा कि वह महाराष्ट्र और मराठी लोगों से इतनी नफ़रत क्यों करते हैं।” उनके ‘पटक पटक के मारेंगे’ वाले बयान का ज़िक्र करते हुए उन्होंने कहा, “हम अपने राज्य और लोगों के ख़िलाफ़ इतनी नफ़रत बर्दाश्त नहीं करेंगे।”
चंद्रपुर की प्रतिनिधि प्रतिभा धानोरकर ने कहा, “हम पिछले दो दिनों से दुबे को ढूँढ़ रहे थे। आखिरकार, जब वह हमें दिखाई दिया, तो हमने उससे पूछा कि उसे राज्य से इतनी दुश्मनी क्यों है, लेकिन उसने हाथ जोड़कर कुछ नहीं कहा।”
दुबे ने मिडिया से बात करते हुए मराठी लोगों, उनकी कमाई की क्षमता और उत्तरी राज्यों के लोगों द्वारा महाराष्ट्र की अर्थव्यवस्था को चलाने के तरीके पर कुछ टिप्पणियाँ की थीं। उन्होंने उन घटनाओं पर भी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी जिनमें मराठी न बोलने पर हिंदी भाषी लोगों की पिटाई की गई थी। दुबे ने कहा था, “अगर तुम यहाँ (उत्तरी राज्यों में) आओगे, तो हम तुम्हें पीटेंगे।”
सांसदों की तिकड़ी ने बुधवार को भाजपा सांसद से पूछा कि वह मराठियों के खिलाफ ऐसी अभद्र टिप्पणी कैसे कर सकते हैं। उन्होंने कहा, “आप महाराष्ट्र के लोगों को कैसे पीट सकते हैं?” उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि वे मराठी लोगों के खिलाफ ऐसी भाषा बर्दाश्त नहीं करेंगे।
तीनों ने ‘जय महाराष्ट्र’ के नारे भी लगाए, जिससे राज्य के अन्य सांसदों का ध्यान उनकी ओर आकर्षित हुआ। दुबे ने कथित तौर पर महिलाओं से कहा कि वे उनकी बहनें हैं और वहाँ से चले गए।
राजनीति
संसद मार्ग मस्जिद विवाद: मुस्लिम धर्मगुरुओं ने खोला मोर्चा, मोहिबुल्लाह नदवी को हटाने मांग

नई दिल्ली, 25 जुलाई। संसद मार्ग स्थित मस्जिद में पिछले दिनों समाजवादी पार्टी के सांसदों की मीटिंग के विरोध में मुस्लिम धर्मगुरुओं ने मोर्चा खोल दिया है। मस्जिद के इमाम मोहिबुल्लाह नदवी पर धार्मिक स्थल के राजनीतिक इस्तेमाल का गंभीर आरोप लगाते हुए उन्हें इमामत से हटाने की मांग की गई है।
ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र भेजते हुए आरोप लगाया कि मौलाना नदवी की मौन स्वीकृति से संसद मार्ग मस्जिद में समाजवादी पार्टी की बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव, डिंपल यादव, धर्मेंद्र यादव, जियाउर्रहमान बर्क सहित अन्य नेता शामिल हुए।
मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने आरोप लगाया कि मस्जिद जैसे पवित्र स्थल का इस तरह राजनीतिक इस्तेमाल न सिर्फ शरीयत के खिलाफ है, बल्कि यह करोड़ों मुस्लिमों की धार्मिक आस्थाओं को भी ठेस पहुंचाता है।
रजवी ने पत्र में लिखा, “मस्जिद में महिलाओं का प्रवेश और ‘नापाक लोगों’ की मौजूदगी शरीयत की स्पष्ट अवहेलना है। मस्जिद इबादतगाह है, न कि कोई राजनीतिक मंच।”
संसद मार्ग मस्जिद लोकसभा सचिवालय के अधिकार क्षेत्र में आती है और मौलाना नदवी वर्तमान में एक सांसद भी हैं, ऐसे में रजवी ने मांग की है कि उन्हें तत्काल मस्जिद की इमामत से हटाया जाए और किसी सूफी, धार्मिक तथा गैर-राजनीतिक व्यक्ति को यह जिम्मेदारी सौंपी जाए।
मौलाना शहाबुद्दीन रजवी के पत्र के बाद मौलाना मोहिबुल्लाह नदवी ने अब तक इस पूरे विवाद पर कोई सार्वजनिक प्रतिक्रिया नहीं दी है और न ही समाजवादी पार्टी की ओर से कोई आधिकारिक बयान आया है।
फिलहाल, मस्जिद के राजनीतिक उपयोग को लेकर यह मामला अब धार्मिक और राजनीतिक दोनों मोर्चों पर चर्चा का विषय बन गया है।
ज्ञात हो कि सपा मुखिया अखिलेश यादव ने हाल ही में दिल्ली के संसद मार्ग में स्थित जामा मस्जिद में पार्टी नेताओं के साथ बैठक की थी। इसकी तस्वीर खूब वायरल हुई। तस्वीर सामने आने के बाद भाजपा ने उन पर हमला बोला था। इस मामले में एक बड़ी बात यह है कि इस मस्जिद के इमाम मोहिबुल्लाह नदवी हैं, जो उत्तर प्रदेश की रामपुर लोकसभा सीट से समाजवादी पार्टी के सांसद भी हैं।
राजनीति
महाराष्ट्र जन्म प्रमाणपत्र घोटाला: किरीट सोमैया बोले,’ पिछले दो महीनों में सरकार ने 42,189 फर्जी प्रमाणपत्र किए रद्द’

मुंबई, 25 जुलाई। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद किरीट सोमैया ने महाराष्ट्र में चल रहे फर्जी जन्म प्रमाणपत्र घोटाले को लेकर बड़ा अपडेट दिया है। उनके अनुसार, महाराष्ट्र सरकार ने पिछले दो महीनों में 42,189 अपात्र बांग्लादेशी नागरिकों के जन्म प्रमाणपत्र रद्द किए हैं।
इनमें से 11,053 मूल जन्म प्रमाणपत्र वापस ले लिए गए हैं। इस घोटाले का केंद्र अकोला और अमरावती जैसे जिले रहे हैं, जहां 3,048 और 2,823 घुसपैठियों को फर्जी जन्म प्रमाणपत्र जारी किए गए थे।
सोमैया ने बताया कि यह घोटाला राज्य में बड़े पैमाने पर फैला हुआ है, जिसमें बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठियों को फर्जी दस्तावेजों के आधार पर भारतीय नागरिकता के दस्तावेज दिए गए। उन्होंने इस मामले को “महाराष्ट्र के इतिहास का सबसे खतरनाक घुसपैठ घोटाला” करार दिया।
उनकी ओर से पुलिस को सौंपे गए 478 पन्नों के सबूतों में अकोला जिले के 52 लोगों के खिलाफ छह प्राथमिकी दर्ज की गई हैं, जो फर्जी दस्तावेजों के जरिए जन्म प्रमाणपत्र हासिल करने में शामिल थे। ये मामले अकोट, तेल्हारा, बार्शीटाकली, रामदासपेठ, मुर्तिजापुर और पातुर पुलिस थानों में भारतीय न्याय संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत दर्ज किए गए हैं।
महाराष्ट्र सरकार ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए जनवरी 2025 में एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया था, जो देरी से जन्म और मृत्यु प्रमाणपत्र जारी करने की शिकायतों की जांच कर रहा है।
महाराष्ट्र सरकार ने इस घोटाले को रोकने के लिए कई कदम उठाए हैं। गृह राज्य मंत्री योगेश कदम ने विधानसभा में बताया कि मुंबई में ठेकेदारों और डेवलपर्स को बांग्लादेशी नागरिकों को नौकरी न देने का निर्देश दिया गया है। मालेगांव में दो तहसीलदारों को निलंबित किया गया है और जालना जिले में 3,595 फर्जी प्रमाणपत्र रद्द किए गए हैं।
बता दें इससे पहले मार्च के महीने में भाजपा नेता सोमैया ने एक वीडियो संदेश जारी कर कहा था कि बांग्लादेशी जन्म प्रमाण पत्र घोटाला महाराष्ट्र में वर्ष 2024 में हुआ, जिसमें नायब तहसीलदार को जन्म प्रमाण पत्र जारी करने का कोई अधिकार नहीं था, फिर भी उन्होंने लगभग 40 हजार लोगों को गैर कानूनी तरीके से जन्म प्रमाण पत्र दिए थे।
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