दुर्घटना
26/11 आतंकी हमला मामला: बॉम्बे हाईकोर्ट ने फहीम अंसारी की पुलिस मंजूरी की याचिका पर महाराष्ट्र सरकार से जवाब मांगा
मुंबई: बॉम्बे हाईकोर्ट (एचसी) ने महाराष्ट्र सरकार से फहीम अंसारी की याचिका के जवाब में एक हलफनामा दायर करने को कहा है, जिसे 26/11 आतंकवादी हमला मामले में बरी कर दिया गया था, जिसमें उसने पुलिस क्लीयरेंस प्रमाणपत्र की मांग की थी ताकि वह “अपनी आजीविका के लिए ऑटो-रिक्शा चला सके”।
अतिरिक्त लोक अभियोजक मनकुंवर देशमुख ने न्यायमूर्ति सारंग कोतवाल की अध्यक्षता वाली पीठ को बताया कि राज्य को अंसारी द्वारा किए गए दावों की पुष्टि करनी होगी। देशमुख ने कहा कि उन्हें एक वरिष्ठ अधिकारी से निर्देश लेना होगा और तथ्यों की पुष्टि करनी होगी, और जवाब में हलफनामा दाखिल करने के लिए समय मांगा।
अंसारी और भारत के सबाउद्दीन अहमद पर 26 नवंबर, 2008 को हुए नृशंस हमलों में आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) की मदद करने और उन्हें बढ़ावा देने का आरोप था, जिसमें 166 लोग मारे गए थे। 6 मई, 2010 को एक विशेष अदालत ने सबूतों के अभाव का हवाला देते हुए दोनों को बरी कर दिया। उनकी बरी को हाईकोर्ट और फिर सुप्रीम कोर्ट ने भी बरकरार रखा।
हालांकि, उत्तर प्रदेश में एक अन्य मामले में अंसारी को दोषी ठहराया गया और 10 साल जेल की सजा सुनाई गई। सजा काटने के बाद उसे 2019 में रिहा कर दिया गया। अंसारी ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया, जब पुलिस ने उसे मंजूरी प्रमाणपत्र देने से इनकार कर दिया, जो वाणिज्यिक उद्देश्य के लिए ऑटो-रिक्शा चलाने के लिए अनिवार्य है।
उनकी याचिका में कहा गया है कि यह निर्णय “मनमाना, अवैध और भेदभावपूर्ण” है क्योंकि इससे आजीविका के उनके मौलिक अधिकारों का उल्लंघन होता है। याचिका में कहा गया है, “याचिकाकर्ता कानूनी रूप से किसी भी कानूनी दोष या बाधाओं से मुक्त होकर लाभकारी रोजगार में संलग्न होने का हकदार है।”
इसके अलावा, अंसारी ने तर्क दिया कि सिर्फ़ इसलिए कि उस पर 26/11 हमले के लिए मुकदमा चलाया गया था, यह एक ऐसा प्रतिबंध नहीं हो सकता जो उसे नौकरी के अवसरों का लाभ उठाने से वंचित कर दे, खासकर तब जब उसे सभी अदालतों ने बरी कर दिया हो। उन्होंने दावा किया कि 2019 में जेल से रिहा होने के बाद, उन्हें मुंबई में एक प्रिंटिंग प्रेस में नौकरी मिल गई, लेकिन कोविड के दौरान वह बंद हो गई। इसके बाद, उन्हें मुंब्रा में एक प्रिंटिंग प्रेस में नौकरी मिल गई। हालाँकि, आय कम होने के कारण, अंसारी ने ऑटो-रिक्शा लाइसेंस के लिए आवेदन किया, जो उन्हें 1 जनवरी, 2024 को मिला, याचिका में कहा गया है।
इसके बाद उन्होंने पुलिस क्लीयरेंस सर्टिफिकेट के लिए आवेदन किया और बाद में जब उनके आवेदन पर कोई जवाब नहीं मिला तो उन्होंने आरटीआई दायर की। अंसारी ने कहा कि उन्हें बताया गया कि उन्हें सर्टिफिकेट जारी नहीं किया जा सकता क्योंकि उन पर लश्कर-ए-तैयबा का सदस्य होने का आरोप है। हाईकोर्ट ने याचिका पर सुनवाई 3 अप्रैल को तय की है।
अंतरराष्ट्रीय समाचार
सऊदी अरब में भीषण सड़क हादसा, मदीना जा रही बस का एक्सीडेंट; कई भारतीयों की मौत

मदीना, 17 नवंबर: सऊदी अरब में मदीना के पास एक बस डीजल टैंकर से टकरा गई, जिसमें कई भारतीय उमराह यात्रियों की मौत हो गई है। यह घटना सोमवार तड़के हुई, जब बस मक्का से मदीना जा रही थी। घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।
वीडियो में भयावह आग देखने को मिल रही है। इसके साथ ही काले धुएं का गुबार उठता नजर आ रहा है। मौत के आंकड़ों को लेकर फिलहाल कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है। हालांकि, मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार मरने वालों की संख्या 40 से भी ज्यादा हो सकती है। आधिकारिक जानकारी का इंतजार है। कहा जा रहा है कि घटना के दौरान बस में भारतीय तीर्थयात्री मौजूद थे।
जेद्दा में भारत के महावाणिज्य दूतावास ने घटना की जानकारी दी और मदद के लिए हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया है। जेद्दा में भारतीय दूतावास ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “सऊदी अरब के मदीना के निकट भारतीय उमराह यात्रियों के साथ हुई एक दुखद बस दुर्घटना को देखते हुए, जेद्दा स्थित भारतीय महावाणिज्य दूतावास में एक 24×7 नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है। मदद के लिए संपर्क करने हेतु जानकारी दी गई है: टोल फ्री नंबर 8002440003 है।”
हमले पर दुख जताते हुए भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने एक्स पर लिखा, “सऊदी अरब के मदीना में भारतीय नागरिकों के साथ हुई दुर्घटना से गहरा सदमा पहुंचा है। रियाद स्थित हमारा दूतावास और जेद्दा स्थित वाणिज्य दूतावास इस दुर्घटना से प्रभावित भारतीय नागरिकों और उनके परिवारों को पूरी सहायता प्रदान कर रहे हैं। शोक संतप्त परिवारों के प्रति हमारी गहरी संवेदना। घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं।”
वहीं तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने भी इस घटना पर दुख जताया है। तेलंगाना सरकार ने एक्स प्लेटफॉर्म पर लिखा, “स्थानीय मीडिया में इस दुर्घटना में भारतीय उमराह यात्रियों के मारे जाने की खबर आने के बाद वह रियाद स्थित भारतीय दूतावास के संपर्क में है।”
एक आधिकारिक बयान में, राज्य सरकार ने पुष्टि की कि मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने नई दिल्ली में अधिकारियों को सतर्क कर दिया है और उन्हें दूतावास के अधिकारियों के साथ मिलकर काम करने का निर्देश दिया है।
दुर्घटना
महाराष्ट्र के बीड जिले में भीषण सड़क हादसा, दो मजदूरों की मौत, तीन घायल

ACCIDENT
कोरबा, 15 नवंबर: कोरबा जिले के बांकी मोंगरा क्षेत्र के दो युवकों की महाराष्ट्र में हुए एक भीषण सड़क हादसे में मौत हो गई, जबकि तीन अन्य मजदूर गंभीर रूप से घायल हो गए।
यह दुर्घटना महाराष्ट्र के बीड जिले में उस समय हुई, जब सभी मजदूर एक स्कॉर्पियो वाहन में सवार होकर जा रहे थे। रास्ते में स्कॉर्पियो गाड़ी गन्ने से भरे एक ट्रैक्टर के पीछे से तेज रफ्तार में जा टकराई, जिससे वाहन के परखच्चे उड़ गए।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, टक्कर इतनी जोरदार थी कि स्कॉर्पियो ट्रैक्टर के पिछले हिस्से में घुस गई और देखते ही देखते गाड़ी बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई। हादसे की आवाज सुनकर आसपास के ग्रामीण मौके पर पहुंचे और घायलों को तत्काल अस्पताल पहुंचाया।
इस हादसे में सुशांत प्रसाद केवट और प्रशांत सिंह की मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई। दोनों ही बांकी मोंगरा निवासी थे और अपने परिवार के लिए मेहनत मजदूरी करने महाराष्ट्र गए थे। घरवालों का रो-रोकर बुरा हाल है, क्योंकि ये दोनों ही अपने परिवार की कमाई का एकमात्र सहारा थे।
हादसे में सनी चव्हाण, विशाल शब्बू और राजा यादव गंभीर रूप से घायल हुए हैं। तीनों का उपचार जिला मेडिकल कॉलेज में जारी है, जहां डॉक्टरों के अनुसार उनकी स्थिति गंभीर है, लेकिन उन्हें बचाने की हर संभव कोशिश की जा रही है। परिजन अस्पताल में मौजूद हैं और उनके जल्द ठीक होने की दुआ कर रहे हैं।
घटना की जानकारी मिलते ही बांकी मोंगरा में मातम छा गया। परिवार और स्थानीय लोगों की मौजूदगी में दोनों मजदूरों का अंतिम संस्कार किया गया।
स्थानीय प्रशासन ने भी हादसे पर दुख जताया है और घायलों के उपचार में हर संभव सहायता देने की बात कही है। वहीं ग्रामीणों ने सरकार से मृतकों के परिवार को आर्थिक सहायता उपलब्ध कराने की मांग की है।
दुर्घटना
जम्मू-कश्मीर: नौगाम पुलिस स्टेशन में हुए आकस्मिक विस्फोट में 9 की मौत, 29 घायल

श्रीनगर, 15 नवंबर: जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर जिले के नौगाम पुलिस स्टेशन में हुए आकस्मिक विस्फोट में मृतकों की संख्या बढ़कर 8 हो गई। वहीं, इस विस्फोट में 29 अन्य लोग घायल हो गए। आधिकारिक सूत्रों ने शनिवार को यह जानकारी दी।
आधिकारिक सूत्र ने बताया कि इस दुर्भाग्यपूर्ण दुर्घटना में मारे गए लोगों की पहचान सटीक जानकारी मिलने के बाद ही की जाएगी। मृतकों में एक नायब तहसीलदार (कार्यकारी मजिस्ट्रेट) और एक स्थानीय दर्जी शामिल हैं। कुछ शव पूरी तरह से जल चुके हैं, इसलिए मृतकों की पहचान में समय लग रहा है।
सूत्रों ने आगे कहा कि घायलों को इलाज के लिए बादामी बाग क्षेत्र में सेना के बेस अस्पताल और अन्य अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। सूत्र ने यह भी बताया कि विस्फोट वाली सामग्री फरीदाबाद में छापेमारी के दौरान जब्त की गई थी, जब सफेदपोश आतंकी मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया गया था।
जम्मू-कश्मीर के डीजीपी नलिन प्रभात, आईजीपी और पुलिस के आला अधिकारी नौगाम पुलिस थाने में हुए आकस्मिक विस्फोट के बाद जमीनी हालात का जायजा लेने के लिए मौके पर पहुंचे।
यह विस्फोट इतना जबरदस्त था कि आसपास की इमारतों के शीशे टूट गए और नौगाम इलाके से 5-10 किलोमीटर दूर तक विस्फोट की आवाज सुनाई दी। इस विस्फोट के कारण पुलिस स्टेशन में खड़े कई वाहनों में आग लग गई और आग बुझाने के लिए दमकल गाड़ियों को भेजा गया।
इस दुखद घटना पर कांग्रेस ने गहरा शोक व्यक्त किया है। पार्टी के आधिकारिक एक्स हैंडल से जारी बयान में कहा गया, “जम्मू-कश्मीर के नौगाम पुलिस स्टेशन में हुए ब्लास्ट में कई लोगों की मृत्यु की खबर बेहद दुखद और चिंताजनक है। ईश्वर से प्रार्थना है कि वे दिवंगत आत्माओं को शांति प्रदान करें और शोकाकुल परिजनों को यह पीड़ा सहन करने की शक्ति दें। कांग्रेस परिवार की संवेदनाएं पीड़ित परिवारों के साथ हैं।”
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