व्यापार
भारत के हॉस्पिटैलिटी सेक्टर में 2024 में हुई 25 डील, 42,000 नए कमरे जुड़े
मुंबई, 14 अप्रैल। वर्ष 2024 भारत के हॉस्पिटैलिटी सेक्टर के लिए शानदार रहा। इस दौरान करीब 42,071 नए कमरे जोड़े गए। यह जानकारी एक रिपोर्ट में सोमवार को दी गई।
मीडिया के अनुसार, हॉस्पिटैलिटी सेक्टर में वर्ष 2024 में लगभग 25 डील हुई। इसमें बिजनेस और अवकाश स्थल दोनों प्रकार की डील शामिल थीं।
मीडिया के मुताबिक, हाई-नेट-वर्थ व्यक्तियों, फैमिली ऑफिस और प्राइवेट होटल व्यवसायियों ने इस सेक्टर का नेतृत्व किया और कुल लेनदेन वॉल्यूम में इनका योगदान 51 प्रतिशत का था।
वहीं, लिस्टेड होटल कंपनियों का 34 प्रतिशत, मालिक-संचालकों और रियल एस्टेट डेवलपर्स ने क्रमशः 8 प्रतिशत और 7 प्रतिशत का छोटा लेकिन महत्वपूर्ण योगदान दिया।
रिपोर्ट में कहा गया कि बड़ी बात यह है कि टियर 2 और 3 शहरों की ओर बड़ा बदलाव हुआ है और सभी होटल लेनदेन में इन शहरों की हिस्सेदारी करीब 50 प्रतिशत हो गई है।
इस ट्रेड से उद्योग की पहुंच बढ़ी है और अमृतसर, मथुरा, बीकानेर और कई अन्य जैसे पहले से उपेक्षित बाजारों में गुणवत्तापूर्ण होटल की उपलब्धता बढ़ी है।
जेएलएल के होटल और हॉस्पिटैलिटी समूह में भारत के प्रबंध निदेशक जयदीप डांग ने कहा कि 2025 की पहली तिमाही में होटल लेनदेन बाजार में मजबूती देखने को मिली है, जिसमें जेएलएल ने चेन्नई और गोवा में दो सौदे किए हैं। परिचालन परिसंपत्तियों और भूमि पार्सल दोनों के लिए निवेशकों का उत्साह इस क्षेत्र के आकर्षण को दिखाता है, जो अनुकूल आर्थिक स्थितियों, वाणिज्यिक बाजारों के विस्तार और पर्यटन के लिए सरकार के हालिया बजट प्रोत्साहन से प्रेरित है।
डांग ने कहा कि 2024 होटल निवेश, उद्घाटन और हस्ताक्षर में रिकॉर्ड तोड़ने वाला वर्ष रहा है और 2025 की शुरुआत मजबूत हुई है और इस गति को आगे भी बनाए रखने की उम्मीद है।
इन समझौतों में मैनेजमेंट कॉन्ट्रैक्ट का प्रभुत्व रहा, जो साइन किए गए कुल एग्रीमेंट का 81 प्रतिशत था, जबकि फ्रेंचाइजी और लीज/आय हिस्सेदारी समझौते क्रमशः 14 प्रतिशत और 5 प्रतिशत थे।
रिपोर्ट में कहा गया कि 2024 में ग्रीनफील्ड प्रोजेक्ट्स की संख्या (28,281) पूरे वर्ष 2023 (13,600) को पार कर गई है, जो इस क्षेत्र के दीर्घकालिक विकास में होटल डेवलपर्स के स्थायी विश्वास को दर्शाता है।
व्यापार
लाल निशान में बंद हुआ भारतीय शेयर बाजार, सेंसेक्स 519 अंक टूटा

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मुंबई, 4 नवंबर: भारतीय शेयर बाजार मंगलवार के कारोबारी दिन कमजोर वैश्विक संकेतों के बीच लाल निशान में बड़ी गिरावट के साथ बंद हुआ। कारोबार के अंत में सेंसेक्स 519.34 अंक या 0.62 प्रतिशत गिरकर 83,459.15 स्तर पर बंद हुआ। वहीं, निफ्टी 50 इंडेक्स 165.70 अंक या 0.64 प्रतिशत की गिरावट के बाद 25.597.65 स्तर पर बंद हुआ।
निफ्टी बैंक 250.20 अंक या 0.41 प्रतिशत की गिरावट के बाद 57,827.05 स्तर पर बंद हुआ।
कारोबार के अंत में निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 250.20 अंक या 0.42 प्रतिशत की गिरावट के बाद 60,037.20 स्तर और निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 152.50 अंक या 0.82 प्रतिशत की गिरावट के बाद 18,360.90 स्तर पर बंद हुआ।
सेक्टोरल आधार पर निफ्टी ऑटो, आईटी, पीएसयू बैंक, फाइनेंशियल सर्विस, फार्मा, एफएमसीजी, मेटल और रियल्टी लगभग सभी इंडेक्स लाल निशान में बंद हुए।
मार्केट एक्सपर्ट्स ने कहा कि भारतीय शेयर बाजार कमजोर वैश्विक संकेतों और आईटी, मेटल, पावर सेक्टर में बड़े पैमाने पर बिकवाली की वजह से लाल निशान में बंद हुआ। जहां एक ओर छुट्टियों की वजह से छोटे कारोबारी हफ्ते के बाद निवेशकों का सेंटीमेंट कमजोर रहा, वहीं, एफआईआई ने भी लगातार चौथे सेशन में अपनी बिकवाली जारी रखी।
एक्सपर्ट्स के अनुसार, “भारत के मैक्रोइकोनॉमिक फंडामेंटल्स मजबूत बने हुए हैं, जिसमें मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई और बेहतरीन जीएसटी कलेक्शन शामिल है। यह लगातार आर्थिक गति को दिखाता है और आने वाली तिमाहियों में कमाई में बढ़ोतरी को समर्थन देगा। हमें उम्मीद करते हैं कि निवेशक आगे चलकर ट्रेंड में सुधार की उम्मीद में ‘बाय ऑन डिप्स’ की रणनीति अपनाते रहेंगे।”
इस बीच, सेंसेक्स पैक में पावरग्रिड, इटरनल, टीएमपीवी, टाटा स्टील, मारुति सुजुकी, बीईएल, एलएंडटी, एनटीपीसी, आईटीसी, और इंफोसिस टॉप लूजर्स रहे। वहीं, टाइटन, भारती एयरटेल, बजाज फाइनेंस, एमएंडएम और एसबीआई टॉप गेनर्स रहे।
सुबह बाजार ने सत्र की शुरुआत सपाट चाल के साथ की थी। सुबह करीब 9 बजकर 34 मिनट पर सेंसेक्स 162.84 अंक या 0.19 प्रतिशत के नुकसान के साथ 83,815.65 पर कारोबार कर रहा था। जबकि, निफ्टी 50 इंडेक्स 58.40 अंक या 0.23 प्रतिशत की गिरावट के साथ 25,704.95 पर बना हुआ था।
राष्ट्रीय समाचार
एक नए युग में प्रवेश कर रही भारत की ऊर्जा-यात्रा : हरदीप सिंह पुरी

HARDIP
नई दिल्ली, 4 नवंबर: केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने मंगलवार को कहा कि भारत की ऊर्जा यात्रा एक नए युग में प्रवेश कर रही है।
केंद्रीय मंत्री पुरी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर एक पोस्ट में लिखा, “पीएम मोदी के नेतृत्व में मिशन अन्वेषण भारत के इतिहास में एक सबसे बड़ा सिस्मिक मैपिंग प्रोग्राम बन गया है, जिसे बीते वर्ष अक्टूबर में 792 करोड़ रुपए के निवेश से लॉन्च किया गया था।”
उन्होंने एक वीडियो शेयर कर जानकारी दी कि कई दशकों से हम अपनी अधिकतर जरूरतों के लिए ऑयल और गैस पर निर्भर रहे हैं। यहां तक कि आज भी इनसे हमारी ऊर्जा की 80 प्रतिशत जरूरत पूरी हो रही है।
उन्होंने बताया कि दुनिया की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था के रूप में हमारी मांग समय के साथ लगातार बढ़ती ही जा रही है। इसी के साथ अनुमान है कि अगले दो दशकों में ग्लोबल एनर्जी डिमांड ग्रोथ में 25 प्रतिशत हिस्सेदारी भारत की ओर से दर्ज की जाएगी और इस फ्यूचर के निर्माण के लिए ही भारत अपने आंतरिक बदलावों पर ध्यान दे रहा है।
हम अपनी ही जमीन और समुद्र के नीचे छिपी दौलत की ओर ध्यान दे रहे हैं और यही मिशन अन्वेषण की भावना है।
इस मिशन को लेकर आगे जानकारी देते हुए वीडियो में बताया गया है कि मिशन का उद्देश्य देश भर में 20 हजार ग्राउंड लाइन किलोमीटर्स से अधिक की मैपिंग करना है।
उन्होंने मिशन की प्रगति को लेकर जानकारी देते हुए बताया कि अभी तक कुल 8000 ग्राउंड-लाइन किलोमीटर्स का सर्वेक्षण किया जा चुका है।
वीडियो में दी गई जानकारी के अनुसार, राजस्थान के रेगिस्तान से लेकर कृष्णा-गोदावरी बेसिन की गहराइयों तक सात सेडिमेंट्री बेसिन की सबसे एडवांस्ड सिस्मिक टेक्नोलॉजी से स्टडी की जा रही है। इसी के साथ हमारे अंडरग्राउंड रिजर्व की कहानी कैप्चर, प्रोसेस और इंटरप्रेट की जा रही है।
केंद्रीय मंत्री पुरी के अनुसार, नए ऑयल और गैस फील्ड्स को खोजने, घरेलू उत्पादन को मजबूत बनाने, महंगे आयात पर से निर्भरता कम करने और भारत को ऊर्जा में आत्मनिर्भर बनाने के साथ हमारा लक्ष्य स्पष्ट और शक्तिशाली है।
व्यापार
सपाट खुला भारतीय शेयर बाजार, निफ्टी 25,750 स्तर से नीचे कर रहा कारोबार

मुंबई, 4 नवंबर: भारतीय शेयर बाजार दूसरे कारोबारी दिन मंगलवार को सपाट खुला। शुरुआती कारोबार में निफ्टी ऑटो, आईटी, पीएसयू बैंक सेक्टर्स में बिकवाली देखी जा रही थी। वहीं, फार्मा, रियल्टी और मीडिया सेक्टर में खरीदारी दर्ज की गई।
सुबह करीब 9 बजकर 34 मिनट पर सेंसेक्स 162.84 अंक या 0.19 प्रतिशत की गिरावट के साथ 83,815.65 पर कारोबार कर रहा था। वहीं, निफ्टी 58.40 अंक या 0.23 प्रतिशत की गिरावट के साथ 25,704.95 स्तर पर बना हुआ था।
सत्र की शुरुआत में निफ्टी बैंक 211.15 अंक या 0.36 प्रतिशत की गिरावट के साथ 57,890.30 स्तर पर बना हुआ था। वहीं, निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 23.35 अंक या 0.04 प्रतिशत की गिरावट के बाद 60,264.05 पर कारोबार कर रहा था। दूसरी ओर, निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 49.05 अंक या 0.26 प्रतिशत की गिरावट के साथ 18,464.35 स्तर पर था।
चॉइस इक्विटी ब्रोकिंग की टेक्निकल एंड डेरिवेटिव एनालिस्ट अमृता शिंदे ने कहा कि पिछले सत्र में निफ्टी 50 ने मजबूती का प्रदर्शन किया था। इंडेक्स ने सपाट शुरुआत की लेकिन पूरे सत्र में ऊपर की ओर रुझान बनाए रखा, जो निचले स्तरों पर लगातार खरीदारी की रुचि का संकेत देता है।
उन्होंने आगे कहा, “आज के लिए, तत्काल रेजिस्टेंस 25,850 पर इसके बाद 25,900 और फिर 26,000 स्तर पर रहेग। नीचे की ओर, सपोर्ट लेवल 25,650 और 25,600 पर दिखाई दे रहे हैं, जो पोजिशनल ट्रेडर्स के लिए संभावित अक्यूमलेशन ज़ोन के रूप में काम कर सकते हैं।”
इस बीच सेंसेक्स पैक में भारती एयरटेल, टाइटन, कोटक महिंद्रा बैंक, अदाणी पोर्ट्स टॉप गेनर्स थे। वहीं, पावरग्रिड, मारुति सुजुकी, इटरनल और इंफोसिस टॉप लूजर्स थे।
एशियाई बाजारों में जकार्ता और हांग कांग हरे निशान में कारोबार कर रहे थे, जबकि जापान, चीन और सोल लाल निशान में बने हुए थे।
अमेरिकी बाजारों की बात करें तो आखिरी कारोबारी दिन डाउ जोंस 0.48 प्रतिशत या 226.19 अंक की गिरावट के बाद 47,336.68 पर बंद हुआ। वहीं, एसएंडपी 500 इंडेक्स 0.17 प्रतिशत या 11.77 अंक की तेजी के बाद 6,851.97 स्तर और नैस्डेक 0.46 प्रतिशत या 109.77 अंक की तेजी के बाद 23,834.72 पर बंद हुआ।
विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) 3 नवंबर को शुद्ध विक्रेता रहे और उन्होंने 1883.78 करोड़ रुपए के भारतीय शेयर बेचे। दूसरी ओर, घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) इसी कारोबारी दिन शुद्ध खरीदार रहे और उन्होंने 3,516.36 करोड़ रुपए के शेयरों की खरीदारी की।
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